अंबाला-पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड के दौरान सिरसा में हैड कांस्टेबल तैनात रहे सोहन वीर सिंह ने सोमवार को अदालत में गवाही दी। उसने स्पेशल सीबीआइ मजिस्ट्रेट एएस नारंग की अदालत को बताया कि हमले के बाद छत्रपति से जुड़ा सामान उसने ही मालखाने में जमा कराया था। बाद में अदालत ने सिंह के साथ जिरह करने के लिए 17 फरवरी का दिन मुकर्रर कर दिया। सिंह ने अदालत को बताया कि रामचंद्र छत्रपति के खून से सने कपड़े, मौके से उठाई गई मिट्टी पर अन्य सामान तत्कालीन खैरपुर सिरसा चौकी इंचार्ज के पास थे। चौकी इंचार्ज ने वे सब उसे दिए थे, ताकि वह उन्हें केस प्रापर्टी के तौर पर माल खाने में जमा करवा दे। उसके बाद उसने उन्हें माल खाने में सुरक्षित रखने के लिए जमा करा दिया। अदालत ने बचाव पक्ष की मांग पर सोहनवीर सिंह से स्पष्टीकरण करने के लिए 17 फरवरी का दिन निर्धारित कर दिया। समय के अभाव में अदालत में सोमवार को रणजीत हत्याकांड में कोई गवाही नहीं हो सकी। डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम ने सिरसा अदालत में पेश होकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दोनों मामलों में अपनी हाजिरी लगाई। हमले के मामले में बयान दर्ज करनाल, मुसं : डेरामुखी के काफिले पर बम ब्लास्ट की साजिश में गिरफ्तार मुख्य आरोपी आतंकी बख्शीश सिंह की मौजूदगी में सोमवार को छह गवाहों ने अदालत में बयान दर्ज कराए। गवाहियों के लिए अगली तारीख 8 मार्च रखी गई है। गौरतलब है कि 2 फरवरी 2008 को नीलोखेड़ी के समीप डेरामुखी संत गुरमीत राम रहीम के काफिले पर बम ब्लास्ट किया गया था। इस हमले में डेरामुखी बाल-बाल बचे थे। पुलिस ने हमले की साजिश में आठ लोगों को गिरफ्तार किया था जिनमें से सात के खिलाफ गवाहियों का दौर पूरा हो चुका है।
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