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शुक्रवार, 25 सितंबर 2009

India hails Moon mission 'find'


India hails Moon mission 'find'

India's Chandrayaan-1 probe carried US equipment to the Moon
India's inaugural Moon mission has been hailed as a "grand success" by the head of India's space agency, after helping find evidence of water on the Moon.

Indian Space Research Organisation (Isro) chief G Madhavan Nair said a spacecraft probe found more water on the Moon "than was expected."

The mission was terminated last month after communication was lost with the orbiting spacecraft.

The craft was launched last October for a two-year mission of exploration.

Data from three spacecraft, including India's Chandrayaan probe, has shown that very fine films of H2O coat the particles that make up the lunar dirt, US space agency Nasa announced.

The quantity is tiny but could become a useful resource for astronauts wishing to live on the Moon, scientists say.

"We truly believe it is a path-breaking finding. But this is just the beginning," Mr Nair said.

"Indians should be proud of the fact that the Chandrayaan enabled the discovery of water on the Moon," he said.

Indian scientists have welcomed the discovery and said more studies needed to be done to find out how much water was available and whether it was fit for human consumption.

'Significant'

"The results suggest that frost rather than water is present in the form of a thin film on the lunar surface. The quantity and its distribution across the Moon is still an open question," K Kasturirangan, a former chief of Isro told the Press Trust of India press agency.

"Ultimately, in the long run if humankind has to go and inhabit the Moon, one of the important requirements is that you should have adequate water for survival," he said.

An Indian scientist working in Nasa said it was a "significant discovery"

"It is a very significant finding if we ever are to venture out to set up a base anywhere in the solar system, the Moon is the nearest destination," Amitabha Ghosh said.

The Indian media has also hailed the role of Chandrayaan in the finding.

One Big Step for India, A Giant Leap for Mankind, headlined The Times Of India newspaper.

"[The finding] has helped shake off the failure tag from the Chandrayaan project that was aborted last month," the paper said.

The mission was expected to cost 3.8bn rupees (£45m; $78m), considerably less than Japanese and Chinese probes sent to the Moon last year.

But the Indian government's space efforts have not been welcomed by all.

Some critics regard the space programme as a waste of resources in a country where millions still lack basic services.

परमाणु अप्रसार पर प्रस्ताव पारित




संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने परमाणु निशस्त्रीकरण और परमाणु अप्रसार के लिए सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है.

अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद के इस विशेष सम्मेलन की अध्यक्षता की.

प्रस्ताव 1887 के तहत उन सभी देशों से परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर करने को कहा गया है, जिन्होंने अभी तक इस संधि को स्वीकार नहीं किया है.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अगले साल इस मुद्दे पर समीक्षा करने के लिए एक सम्मेलन करेगा.

लंबे समय से हमारी ये नीति रही है कि पूरी दुनिया से परमाणु हथियार ख़त्म किए जाएँ. लेकिन हम ऐसी कोई संधि स्वीकार नहीं कर सकते जिसके तहत कुछ देशों को ऐसे हथियार रखने की इजाज़त मिलती हो.
शशि थरूर

परमाणु अप्रसार और निशस्त्रीकरण के लिए पारित इस प्रस्ताव में सभी देशों से अपील की गई है कि वे अपने वादे को पूरा करें.

हालांकि भारत ने इस संधि को भेदभावपूर्ण बताते हुए इस पर दस्तख़त करने से इनकार किया है.

भारतीय विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर ने शुक्रवार रात पत्रकारों से कहा, "लंबे समय से हमारी ये नीति रही है कि पूरी दुनिया से परमाणु हथियार ख़त्म किए जाएँ. लेकिन हम ऐसी कोई संधि स्वीकार नहीं कर सकते जिसके तहत कुछ देशों को ऐसे हथियार रखने की इजाज़त मिलती हो."

भारत और इस संधि पर हस्ताक्षर न करने वाले देशों का तर्क है कि विकसित देशों ने पहले ही परमाणु हथियारों का भंडार बना लिया है और बाक़ी देशों पर अप्रसार संधि थोप रहे हैं.

नया प्रस्ताव
अमरीका की अगुआई में पारित इस प्रस्ताव का रूस और चीन ने भी समर्थन किया.

ओबामा की प्रतिबद्धता
हमने जो ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया है, उसमें हमने उस लक्ष्य को हासिल करने की अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है, जिसमें परमाणु हथियारों के बिना दुनिया की बात है

इस प्रस्ताव में परमाणु हथियारों का फैलाव रोकने और अप्रसार को बढ़ावा देने की कोशिशें तेज़ की जाएँगी.

वर्ष 1945 में सुरक्षा परिषद के गठन के बाद ये सिर्फ़ पाँचवीं बार है कि सुरक्षा परिषद की बैठक सम्मेलन के स्तर पर हुई है.

साथ ही बराक ओबामा अमरीका के पहले राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने सुरक्षा परिषद के किसी सम्मेलन की अध्यक्षता की है.

अध्यक्ष के रूप में ओबामा ने प्रस्ताव पारित होने की घोषणा की. उन्होंने कहा, "हमने जो ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया है, उसमें हमने उस लक्ष्य को हासिल करने की अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है, जिसमें परमाणु हथियारों के बिना दुनिया की बात है."

ओबामा ने कहा कि इस प्रस्ताव से सुरक्षा परिषद समझौते को एक व्यापक आधार दिया जा रहा है ताकि परमाणु ख़तरों को कम किया जा सके.

उन्होंने कहा कि किसी भी बड़े शहर में एक परमाणु हथियार का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर विनाश ला सकता है.

ओबामा ने कहा कि ये किसी एक देश को निशाना बनाने की बात नहीं है. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क़ानून खोखले वादे नहीं और संधियों को लागू कराने की आवश्यकता है.

ये जटिल मामला है क्योंकि देशों के बीच अविश्वास का स्तर बहुत ज़्यादा है. लेकिन इसे किया जाना ज़रूरी है
रूसी राष्ट्रपति मेदवेदेव

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने नेताओं का धन्यवाद दिया कि वे परमाणु हथियार पर सुरक्षा परिषद के इस विशेष सम्मेलन में शामिल हुए.

रूस के राष्ट्रपति डिमित्रि मेदवेदेव ने कहा है कि हमारा मुख्य लक्ष्य उन देशों के बीच समस्याओं की गाँठों को खोलना है, जो परमाणु अप्रसार और परमाणु निशस्त्रीकरण चाहते हैं.

उन्होंने कहा, "ये जटिल मामला है क्योंकि देशों के बीच अविश्वास का स्तर बहुत ज़्यादा है. लेकिन इसे किया जाना ज़रूरी है."

राष्ट्रपति ओबामा के सहयोगी इस प्रस्ताव के पारित होने को उनके पूरे परमाणु एजेंडे का समर्थन मानते हैं, जो उन्होंने इस साल अप्रैल में प्राग में अपने भाषण में रखा था.

उन्होंने उस समय परमाणु हथियारों के बिना दुनिया के लिए प्रतिबद्धता जताई थी.

Pakistani elders killed in ambush


Dr sukhpal sawant khera

Seven pro-government tribal elders have been killed by the Taliban in north-west Pakistan, police say.

The victims of the Taliban ambush in the town of Janikhel included tribal chief Malik Sultan, who was active in raising a militia against militants.

Janikhel has often been troubled by militant violence and is close to the tribal region of North Waziristan where the Taliban is known to be active.

The area has been under periodic curfews by the army since June.

"Taliban militants attacked the tribal elders who were on their way to a nearby village to mediate in a dispute between local people," local police chief Iqbal Marwat told the AFP news agency.


See a map of the region

"All seven, who were on foot, were killed on the spot while the militants fled," he added.

The attack happened in Bannu district.

Residents said that Malik Sultan was part of a government-sponsored initiative to form militias in the north-west to combat the Taliban.

Correspondents say the militias are seen as a way of offsetting the fact that the Pakistani army lacks adequate equipment and counter-insurgency specialists. They are also seen as a way of protecting villages and remote communities.

परिवारवाद की जय!



हरियाणा की राजनीति में अभी भी परिवारवाद का बोलबाला कायम है। पिछले सालों की अपेक्षा इस बार राजनीति में परिवारवाद कम तो हुआ है, मगर यह पूरी तरह से खत्म नहीं हो पाया है। सगे-संबंधियों के थोक के भाव टिकट काटे जाने के बावजूद कांग्रेस में नेताओं के रिश्तेदारों को सबसे अधिक टिकट मिले हैं। भाजपा और हजकां ने नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट देने में कंजूसी बरती है। बसपा और इनेलो ने कांग्रेस से कम और भाजपा व हजकां से अधिक नेताओं के रिश्तेदारों को चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस में करीब दो दर्जन दिग्गजों ने अपने पारिवारिक सदस्यों के लिए हाईकमान से टिकट मांगे थे। यह नेता अपने रिश्तेदारों को टिकट दिलाने के लिए लंबे अरसे तक दिल्ली में डटे रहे, लेकिन कांग्रेस ने जिताऊ और राजनीति में स्थापित उम्मीदवारों को ही टिकट दिए हैं। बिजली मंत्री रणदीप सुरजेवाला, पर्यटन मंत्री किरण चौधरी और कांग्रेस के प्रांतीय कार्यकारी प्रधान कुलदीप शर्मा भी हालांकि कांग्रेस में परिवारवाद की राजनीति के मजबूत उदाहरण हैं, लेकिन इन दिग्गजों को प्रदेश में राजनीति करते हुए लंबा अरसा हो गया है। यह दिग्गज न केवल कांग्रेस की राजनीति में रम चुके हैं बल्कि जनता के बीच प्रतिष्ठापित भी हो गए हैं। विधानसभा चुनाव में रणदीप, किरण और कुलदीप तीनों किस्मत आजमा रहे हैं। हजकां सुप्रीमो कुलदीप बिश्नोई और इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अजय चौटाला प्रदेश की राजनीति में पूरी तरह से छाए हुए हैं। चौटाला और बिश्नोई दोनों विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। यह दोनों किसी परिचय के मोहताज नहीं है, लेकिन दोनों की पृष्ठभूमि परिवारवाद की राजनीति से जुड़ी है। दिग्गजों की खुद की पारिवारिक पृष्ठभूमि को यदि नजरअंदाज कर दिया जाए तो कई ऐसे नेताओं को चुनाव लड़वाया जा रहा है, जिनकी कोई न कोई पारिवारिक-राजनीतिक पृष्ठभूमि रही है। कांग्रेस ने टोहाना से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स. हरपाल सिंह के पुत्र परमवीर सिंह को टिकट दिया है। पर्यटन मंत्री किरण चौधरी के ननदोई सोमवीर सिंह को लोहारू से चुनाव लड़वाया जा रहा है। बहादुरगढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र जून के पिता विधायक रह चुके हैं। कोसली के कांग्रेस उम्मीदवार यादवेंद्र सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के परिवार से ताल्लुक रखते हैं। पूर्व मंत्री खुर्शीद अहमद के पुत्र आफताब अहमद को कांग्रेस ने नुहूं से टिकट थमाया है। पूर्व सांसद रिजक राम के पुत्र जयतीर्थ दहिया को राई और निवर्तमान विधायक बलबीर पाल शाह को पानीपत शहर से टिकट दिया गया है। बलबीर पाल हालांकि निवर्तमान विधायक हैं और अपने बूते अलग पहचान बनाई है, लेकिन उनकी पृष्ठभूमि परिवारवाद की राजनीति से मेल खाती है। भाजपा ने पूर्व मंत्री जोगेंद्र जोग के पुत्र जितेंद्र जोग को बरवाला से चुनाव लड़वाया है। भाजपा, बसपा, हजकां और इनेलो की सूची में ज्यादातर चेहरे नए हैं। कांग्रेस को छोड़कर इन चारों पार्टियों ने हालांकि पुराने मोहरों पर भी दांव खेला है, मगर ज्यादातर नए उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने का मौका प्रदान किया है। हजकां सुप्रीमो कुलदीप बिश्नोई ने अपनी मां जसमा देवी को नलवा से टिकट दिया है। पूर्व सांसद जंगबीर सिंह के पुत्र कमल सिंह को तोशाम से चुनाव लड़वाया जा रहा है। हजकां ने करीब आधा दर्जन पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायकों पर भी दांव खेला है। इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने पूर्व मंत्री रिसाल सिंह के पुत्र राजबीर सिंह को मुलाना से टिकट थमाया है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सतबीर कादियान की धर्मपत्नी बिमला कादियान को पानीपत ग्रामीण से चुनाव लड़वाया जा रहा है। जुलाना से पूर्व मंत्री विधायक के पुत्र परमिंदर ढुल को टिकट दिया गया है। बहुजन समाज पार्टी ने हालांकि ज्यादातर नए चेहरे चुनाव मैदान में उतारे हैं, मगर इस दल में भी परिवारवाद की राजनीति के लक्षण दिखाई पड़े हैं। बसपा सुप्रीमो मान सिंह मनहेड़ा खुद व परिवार के किसी सदस्य के चुनाव लड़ने से इनकार कर चुके हैं, मगर पूर्व मंत्री कंवरपाल के पुत्र अनिल राणा को असंध से चुनाव लड़वाया जा रहा है। पूर्व चेयरमैन चौ. देवी सिंह के पुत्र हरविंद्र कल्याण को घरौंडा से टिकट दिया गया है जबकि पूर्व मंत्री के पुत्र रवि चौधरी को साढौरा के चुनावी अखाड़े में उतारा गया है।

Chautala, file papers , Sukhbir gives thumbs up to INLD


Sirsa, September 24(Dr Sukhpal)
Former Chief Minister and INLD supremo Om Prakash Chautala, Haryana Industries Minister LD Arora and MDLR Airlines chairman Gopal Goyal, alias Gopal Kanda, were among 37 candidates to have filed their nominations from five assembly seats in Sirsa district today.

Chautala filed his nomination as INLD candidate from Ellenabad. Aditya Chautala, son of his youngest brother Jagdish Chander, filed papers as his covering candidate
Punjab Deputy Chief Minister Sukhbir Singh Badal alleged today that the demand for a separate SGPC for Haryana was being raised by some vested interests to mislead the Sikh masses in the state.

Sukhbir Badal was talking to mediapersons in Ellenabad where he had come to be with former Haryana CM Om Prakash Chautala for the filing of his nomination papers.The INLD was sure to do well in the polls, he said.

Sukhbir maintained.Certain parties in Haryana were misleading people by propagating that Sikhs in Haryana were demanding a separate SGPC for this state which was totally wrong.

चौटाला व बादल ने रोड शो से किया शक्ति प्रदर्शन



ऐलनाबाद( डॉ सुखपाल सावंत खेडा)- इनेलो सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री चौ.ओमप्रकाश चौटाला का ऐलनाबाद विधानसभा सीट से नामाकन भरने का समारोह उम्मीद के अनुसार ही भव्य व विशाल रहा। नामाकन भरने के साथ-साथ चौ.ओमप्रकाश चौटाला ने सिरसा रोड पर इनेलो के चुनावी कार्यालय का उद्घाटन भी किया, वहीं रोड शो के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन भी किया। इस पूरे कार्यक्रम के दौरान उनके साथ पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखवीर सिंह बादल भी उपस्थित रहे। गौरतलब है कि चौ.ओमप्रकाश चौटाला के नामाकन समारोह को लेकर कार्यकर्ताओं ने जोरदार तैयारिया कर रखी थी। दोपहर करीब 12 बजे चौटाला ऐलनाबाद पहुंचे तथा अभय सिंह चौटाला, पवन बैनीवाल, चौ.अभय सिंह खोड़ आदि वरिष्ठ इनेलो नेताओं को साथ लेकर उपमंडल अधिकारी कार्यालय में आए। उनके नामाकन पत्र दाखिल करने से ठीक पहले पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखवीर सिंह बादल भी एसडीएम कार्यालय पहुंच गए। इसके बाद चौटाला ने ऐलनाबाद से इनेलो प्रत्याशी व उनके भतीजे आदित्य चौटाला ने उनके कवरिग प्रत्याशी के रूप में नामाकन पत्र दाखिल किया। तत्पश्चात वे इनेलो कार्यकर्ताओं के काफिले के साथ चुनावी कार्यालय पहुंचे तथा रिबन काटकर कार्यालय का उद्घाटन किया। यहा उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रदेश से काग्रेस का सूपड़ा साफ करने का आह्वान किया तथा कहा कि काग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान आम लोगों पर जो जुल्म किए है, उसका बदला चुकाने का यही एक समय है। चौटाला ने कहा कि समता मूलक समाज की स्थापना सिर्फ इनेलो सरकार में ही हो सकती है, जहा हर किसी को उसका हक मिल सकेगा। पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखवीर सिंह बादल ने कहा कि जिस प्रकार पंजाब में काग्रेस के कुशासन से दुखी जनता ने अकाली दल को फिर से सत्ता सौंपी थी, ठीक वही स्थिति इन चुनावों में हरियाणा में होगी जब काग्रेस राज से दुखी आम लोग इनेलो के हाथ सत्ता की बागडोर सौंपेंगे। जनसभा के बाद इनेलो कार्यालय से एक रोड-शो का आयोजन किया गया, जो पंचमुखी मोड़, गाधी चौक, चौ.देवीलाल चौक, गुरुद्वारा रोड से होता हुआ तलवाड़ा चौक तक पहुंचा। रोड शो में चौ.ओमप्रकाश चौटाला व सुखवीर सिंह बादल ने खुली जीप में सवार होकर जनता का अभिनंदन किया तथा विधानसभा चुनावों में चश्मे के निशान पर मोहर लगाने का आह्वान किया। इस अवसर पर इनेलो के हलका अध्यक्ष चौ.अभय सिंह खोड़, पवन बैनीवाल, विजय सिंह खोड़, मोहन लाल झोरड़, भागीराम, युवा इनेलो के ब्लाक अध्यक्ष संदीप झोरड़, अंजनी कुमार लढ़ा, रवि लढ़ा, विनोद स्वामी, कर्मशाणा के सरपंच सुखवीर साहू, राजीव साहू, हरि कृष्ण गोयल, सरपंच सुखपाल चोटिया, गोपी राम कंबोज, अनिल भादू आदि सहित अनेक नेता-कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।

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