
(डॉ सुखपाल सावंत खेडा)- : हरियाणा विधानसभा के नतीजों में इस दफा युवा वर्ग समीकरण बदलने में खास भूमिका निभाएंगे। इसलिए हर राजनीतिक दल युवा वर्ग को लुभाएगा। राज्य में 25 साल से कम आयु वर्ग वाले करीब 15 लाख मतदाता हैं और युवा वर्ग हरियाणा में बढ़-चढ़ कर मतदान करता रहा है। कुल वोटरों में युवाओं की संख्या 12 फीसदी है। इंडियन नेशनल लोकदल ने युवा वर्ग को आकर्षित करने के लिए खास रणनीति बनाई है। इसके लिए जहां इनेलो बेरोजगारी को मुद्दा बनाएगा वहीं पर यह प्रचार करेगा कि सरकारी नौकरियां सिर्फ एक विशेष जिले में ही दी गई। इसके इलावा इनेलो छंटनी और युवाओं को 10 लाख नौकरियां देने के कांग्रेस सरकार के वादे को मुद्दा बनाकर युवा वर्ग में जा रहा है। युवाओं को लुभाने के लिए इनेलो ने चुनाव घोषणापत्र में बेरोजगारों को तीन हजार रुपये महीना बेरोजगारी भत्ता देने का भी वादा किया है। इसके लिए कालेज छात्राओं को स्कूटी देने का वायदा किया है। हरियाणा में छात्राओं के लिए ऐसा वायदा पहली बार किसी राजनीतिक दल ने किया है। हरियाणा सरकार ने गरीब छात्राओं को साइकिल दी थी। कांग्रेस, हजकां, भाजपा ने अभी अपने घोषणा पत्र जारी नहीं किए पर सूत्र बताते हैं कि यह सभी दल भी युवाओं को लुभाने के लिए खास घोषणाएं कर सकते हैं। राजनीतिक दलों का मानना है कि चुनावी नतीजों में युवा वर्ग की खास भूमिका होगी। राज्य में 25 साल से कम आयु वर्ग वाले करीब 15 लाख मतदाता है और इन पर ही सभी दलों की नजर टिकी है। कांग्रेस में युवाओं को टिकट देने का मुद्दा भी जोर-शोर से उठ रहा है। सभी राजनीतिक दलों की नजर इस बार प्रदेश के युवा वर्ग पर है। सभी दलों का मानना है कि लोकसभा चुनावों में युवा वर्ग की वोट चुनाव नतीजों के समीकरण बदल सकती हैं। 15 लाख मतदाता यह पहली बार वोट के अधिकार का प्रयोग करेंगे। राजनीति के जानकार भी युवा वर्ग को रिझाने में जुटे हैं ताकि युवा वर्ग को अपनी ओर कर चुनाव के नतीजों को बदला जा सके। प्रदेश के कुल मतदाताओं में से युवाओं की भागीदारी 12 फीसदी से अधिक है। अब तक युवा मतदाताओं का मतदान प्रतिशत भी हमेशा 90 फीसदी रहा है। अब युवा पहले की अपेक्षा ज्यादा चुनावों में दिलचस्पी लेते हैं। युवाओं को रिझाने के लिए जहां इनेलो ने घोषणाओं का पिटारा खोल दिया है वहीं कांग्रेस, भाजपा, बसपा व हजपां भी घोषणापत्र में युवाओं के लिए बहुत कुछ करने के वादे करने का दावा कर रही हैं। युवाओं को काबू में करने के लिए राजनीतिक दलों ने कार्यकर्ताओं को भी युवा वर्ग को रिझाने के लिए प्रेरित कर दिया है।