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गुरुवार, 15 अप्रैल 2010

बापू बाजार में चोरी

उदयपुर--शहर के बापू बाजार में मंगलवार की रात 6 व्यापारिक प्रतिष्ठानों से नकदी सहित लाखों का माल चोरी हो गया। चोरो ने एक छत से दुकान में प्रवेश किया और एक के बाद एक छह प्रतिष्ठानों से माल चुराया। पिछले पंद्रह दिनों में एक ही अंदाज में चोरी की इस दूसरी बड़ी वारदात से व्यापारियों में दहशत का माहौल है। चोरी की बढ़ती वारदातों से पुलिस कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। गौरतलब है कि शक्तिनगर में गत 30 मई को चोरों ने छत और रोशनदान से दुकानों में घुसकर लाखों की चोरी की वारदात को अंजाम दिया है।
साड़ी शोरूम से एक लाख की नकदी चोरी : शक्तिनगर निवासी अशोक पुत्र गोविंदराम कालरा के महाराजा साड़ी पैलेस के चार मंजिला शोरूम से एक लाख रुपए नकद व कुछ सिक्के ले गए। तिजोरी भी तोड़ दी।
विज्ञापन एजेंसी व फोटोग्राफर की दुकान में चोरी : बापूबाजार टाउनहॉल लिंक रोड के सामने स्थित सेक्टर 11 निवासी शिवकुमार पुत्र मांगीलाल कसारा की विज्ञापन एजेंसी शिवा एडवरटाइजिंग एवं मार्केटिंग में चोरी हुई। शिवकुमार का बेटा दीपक ऑफिस खोलने आया तो देखा कि दरवाजा कब्जे सहित उखाड़ा हुआ था और अलमारी सहित सारा सामान बिखरा पड़ा था। यहां से चोर 19 हजार 987 रुपए और एक मोबाइल चुरा लिया।
इसी इमारत में दूसरे फ्लोर पर फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और एलबम तैयार करने की एजेंसी पुष्पक डिजिटल से चोर लकड़ी का दरवाजे का तोड़ अंदर घुसे। यहां से 15 सौ रुपए नकद, दो तोला सोने का लॉकेट और एक अंगूठी चुरा ले गए। यहां काम करने वाला पायड़ा निवासी लोकेश सालवी जब सुबह आया तो घटना का पता चला। उसने मालिक उमेश चौहान को सूचना दी। चोरों ने यहां बल्लियां फंसाकर दरवाजा तोड़ा।

यहां भी हुई चोरी
चार मंजिला रेडिमेड शोरूम मालिक मेहता भवन, सुंदरवास निवासी प्रकाश पुत्र गोविंदलाल मेहता ने बताया कि चोर15 हजार नकद, रेडिमेड कपड़े चुरा कर ले गए।
भूपालपुरा निवासी हरकलाल पुत्र भोलीलाल दुग्गड़ की क्वालिटी प्लास्टिक एजेंसी में गल्ला तोड़कर दो हजार रुपए ले गए।
रामा इंजीनियरिंग की इमारत के प्रथम तल पर मेडिकल व्यवसायी प्रकाश डिस्ट्रीब्यूटर्स से तिजोरी तोड़कर करीब 30 हजार नकदी चोरी हुई। दुकान मालिक जवाहरनगर निवासी रामप्रकाश पुत्र लोकुमल सिंधी ने बताया कि चोर उनके पड़ोस में निर्माणाधीन इमारत से उनकी इमारत पर चढ़े और दरवाजा उखाड़ कर वारदात कर गए।

सिपाही थके हारे, चोरों के वारे न्यारे!

पुलिस गश्त के बावजूद पंद्रह दिनों में पुलिस नियंत्रण कक्ष से कुछ ही दूरी पर हुई चोरी की दो बड़ी वारदातों पर पुलिस कार्रवाई पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। शक्तिनगर में हुई चोरी की वारदात के अनुसंधान में पुलिस अब तक यह पता लगा पाई है कि इस प्रकार की वारदात डेरों में रहने वाले युवक करते हैं। पुलिस किसी डेरे में दबिश देती, उससे पहले चोरों ने दूसरी बड़ी वारदात को अंजाम दे दिया। दोनों ही वारदातों में एक ही मोडस ऑपरेंडी सामने आई है। दूसरी वारदात में घटना स्थल पर मिले फिंगर प्रिंट, फुटमार्क से मिलान करवाया जा रहा है। अगर ये प्रिंट मिलते हैं तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि दोनों वारदातों को एक ही गिरोह ने अंजाम दिया है। इस गिरोह में शामिल युवाओं की उम्र भी 20 से 25 साल के बीच बताई जा रही है। चोरों ने शक्तिनगर में वारदात के दौरान मोमबत्ती जलाई थी और बापूबाजार में इमरजेंसी लाइट। पहली वारदात में धूम्रपान किया था और दूसरी में शौच करके चले गए।

दुकानदार : गश्त बढ़ाएं
विज्ञापन एजेंसी के शिवकुमार रावत का कहना है कि अब तक सुरक्षित माने जाने वाला बापूबाजार भी चोरों के निशाने पर है। पुलिस सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध करें ताकि भविष्य में ऐसी वारदातें नहीं हो।

पुलिस : गिरोह की तलाश
एएसपी तेजराजसिंह का कहना है कि शक्तिनगर और बापू बाजार की वारदात को एक ही तरीका है। ऐसे गिरोह के सदस्यों के फिंगर प्रिंट निकलवाए हैं। खानाबदोश के डेरों में तलाशी की जा रही है। पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है।

अंबेडकर पर राहुल-माया टकराए

अंबेडकर नगर/लखनऊ अंबेडकर नगर में दलितों के जिस मसीहा की जयंती पर राजनीतिक घमासान मचा था, उसमें दोनों ही पक्ष अपने-अपने रुख से टस से मस नहीं हुए। माया सरकार ने राहुल को अंबेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण नहीं करने दिया तो कांग्रेस महासचिव ने मंच पर ही उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया। दस मिनट के अपने संबोधन में राहुल ने मायावती के मूर्तिप्रेम पर अपरोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि केंद्र से वह गरीबों के लिए धन भेजते हैं, लेकिन लखनऊ आकर न जाने वह कहां चला जाता है। जवाब मायावती ने लखनऊ से दिया। उन्होंने कहा कि इन स्थलों-स्मारकों का किसी भी स्तर पर कितना ही विरोध क्यों न हो, उनकी पार्टी और सरकार तिल भर भी नहीं झुकेगी। राहुल गांधी जिस वक्त मंच पर चढ़े, उस वक्त अंबेडकर नगर का तापमान 43 डिग्री सेल्सियस पार कर रहा था, लेकिन राहुल के भाषण ने प्रदेश के सियासी पारे को और बढ़ा दिया। राहुल ने कहा कि वह जब गरीबों के घर जाते हैं, उनकी बात करते हैं तो कुछ लोगों को ऐतराज होता है। लोग सवाल उठाते हैं कि राहुल ऐसा क्यों कर रहे हैं। प्रदेश सरकार को तो मनरेगा और शिक्षा के अधिकार जैसे कानून भी पसंद नहीं आ रहे, जबकि दोनों का सबसे ज्यादा लाभ दलितों को मिलना है। राहुल ने चुनौती देने के अंदाज में कहा, मैं गरीबों की आवाज उठाता रहूंगा। युवाओं के लिए रोजगार लाऊंगा। सवाल करने वाले सवाल करते रहें, हम पीछे हटने वाले नहीं। उन्होंने व्यंगात्मक लहजे में कहा कि वह प्रदेश के विकास के लिए पैसा भेजते हैं, लखनऊ पहुंचकर वह पैसा न जाने कहां चला जाता है? राहुल की इच्छा कार्यक्रम स्थल से 500 मीटर की दूरी पर स्थित डा. अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने की भी थी, किन्तु प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। उसका कहना था कि राहुल चाहे तो बसपा रैली के बाद ऐसा कर सकते हैं। इसके लिए उसने सुरक्षा का हवाला दिया। राहुल गांधी ने यहां से दस यात्राओं को भी रवाना किया। उधर, लखनऊ में मायावती ने साफ कहा कि स्थलों-स्मारकों का किसी भी स्तर पर कितना ही विरोध क्यों न हो, उनकी पार्टी और सरकार तिलभर भी नहीं झुकने वाली। आजादी के 63 वर्षो के दौरान, कांग्रेस ने 50 सालों तक केंद्र में और 38 वर्षो तक यूपी में राज किया। इस दौरान उसने अपनी जातिवादी मानसिकता के चलते न केवल बाबा साहब बल्कि अन्य की घोर उपेक्षा की। उसने बाबा साहब को भारत रत्‍‌न से सम्मानित करना भी उचित नहीं समझा। केंद्र में गैर कांग्रेसी सरकार होने पर बसपा के दबाव में डॉ. अंबेडकर को भारत रत्‍‌न से सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि आज जब बसपा सरकार भव्य स्मारक, पार्क, विश्र्वविद्यालय, जिला आदि बनाकर इन महापुरुषों को उचित आदर सम्मान दे रही है तो कांग्रेस, भाजपा और अन्य विरोधी पार्टियों को बहुत बुरा लग रहा है। ये पार्टियां इन मामलों को कोर्ट कचहरी तक में खींचने का काम कर रही हैं। बसपा प्रमुख ने कहा कि चाहे जितना विरोध हो, बसपा सरकार इन महापुरुषों को आदर सम्मान देने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेगी।

भटक गए बाहरी राज्यों के महाकुंभ श्रद्धालु

हरिद्वार- महाकुंभ शाही स्नान की इच्छा रखने वाले दूसरे राज्यों के लाखों श्रद्धालु वेस्ट यूपी में ही भटकते रहे। इनमें से हजारों श्रद्धालुओं ने ग्रामीणों की सलाह पर मुख्य गंगनहर में ही डुबकी लगा ली। इसके बाद उन्होंने हरिद्वार का रुख किया। भोला की झाल, खतौली और गढ़ में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। मंगलवार को हरिद्वार में बढ़ी भीड़ के कारण शाम पांच बजे ही सारे रास्ते सील कर दिए गए। इसी कारण नागालैंड, राजस्थान, हरियाणा, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, दिल्ली, गुजरात से आए हजारों वाहनों को गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, बागपत से डायवर्ट कर दिया गया। अलग-अलग रास्तों से हरिद्वार पहुंचे लोगों को कई किलोमीटर अतिरिक्त रास्ता तय करना पड़ा। बहुत से वाहन तो रास्ता भटककर कहीं और ही पहुंच गए। ऐसे वाहनों के बारे में लगातार सूचना मिलती रही। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर इन चालकों को रास्ता बताया लेकिन तब तक सुबह हो चुकी थी। गुजरात से आई बस के चालक राम अवतार पटेल ने बताया कि उसे जब रास्ता नहीं मिला तो वह बुढ़ाना रोड से होते हुए मुख्य गंगनहर कांवड़ पटरी पर पहुंच गया। कोई रास्ता बताने वाला नहीं था, तो वह भोला की झाल पर आ गया। यहां ग्रामीणों ने बताया कि मुख्य गंगनहर में भी हरिद्वार गंगा का पानी आ रहा है तो श्रद्धालुओं ने यहीं स्नान कर लिया।

भाजपा फिर बचाव में आई ममता ने आंखें दिखाई

दिल्ली/कोलकाता, एजेंसी: नक्सल मुद्दे पर जहां मुख्य विपक्षी दल भाजपा पी. चिदंबरम का खुला समर्थन कर रही है वहीं सरकार में शामिल तृणमूल कांग्रेस गृह मंत्री के लिए लगातार मुसीबत खड़ी कर रही है। तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और केंद्रीय रेल मंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि माकपा ने पश्चिमी मिदनापुर जिले में माओवाद निरोधी संयुक्त अभियान को अगवा कर लिया है और चिदंबरम इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। ममता ने कहा कि लालगढ़ में एक भी माओवादी नहीं है। वहां माकपा कैडरों के इशारे पर आदिवासियों व विपक्षी समर्थकों के खिलाफ केंद्र और राज्य सरकार का संयुक्त पुलिस अभियान चल रहा है। ममता ने कहा कि उनके पास इस बात के साक्ष्य हैं कि जंगल महल में 200 माकपा कैडरों के कैंप चल रहे हैं। उन्होंने चिदंबरम से सवाल किया कि वह बताएं कि क्या माकपा कैडरों को संरक्षण देने और विपक्षी समर्थकों की हत्या के लिए लालगढ़ में संयुक्त ऑपरेशन चलाया जा रहा है? ममता ने कहा कि दर्जनों कैंपों में हथियारों का जखीरा मौजूद है। इसके सहारे प्रतिदिन तृणमूल समर्थकों की हत्या की जा रही है। बंगाल में तुगलकी शासन चल रहा है। जब दंगे के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी से पूछताछ हो सकती है तो नंदीग्राम में मारे गए लोगों के लिए बुद्धदेव से क्यों नहीं हो सकती। ममता के इतर भाजपा ने चिदंबरम का समर्थन करते हुए कहा है कि इस युद्ध जैसी स्थिति में देश को एक स्वर में बोलने की जरूरत है। भाजपा ने कहा कि इस समस्या से लड़ने के बारे में सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी में एक राय नहीं है। भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि दिग्विजय सिंह द्वारा चिदंबरम के दृष्टिकोण की सार्वजनिक आलोचना इस बात का सुबूत है कि माओवाद के खिलाफ लड़ाई के मामले पर कांग्रेस में मतभेद हैं। उन्होंने कहा कि दिग्विजय के बयान ने हमारी इस आशंका को पक्का कर दिया है कि केंद्रीय बल बिना किसी उचित तैयारी के भेजे गए थे।

मुस्लिमों को आवास आरक्षण के पक्ष में शरद पवार

मंुबई, एजेंसियां: एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को आवासीय योजनाओं में मुस्लिमों को आरक्षण देने की संभावना तलाश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अनेक गरीब मुस्लिम यह शिकायत करते हैं कि वे आवासीय योजना में भाग नहीं ले पाते। पवार ने इस मुद्दे पर आवास राज्य मंत्री सचिन अहीर को गौर करने के लिए कहा है। एनसीपी की मुंबई इकाई की एक बैठक में पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच पवार ने कहा कि नवी मुंबई निगम परिषद के चुनावी परिणामों ने यह साबित कर दिया है कि लोग लंबे समय तक संकीर्ण राजनीति को समर्थन नहीं देते। एनसीपी प्रमुख ने कहा कि मुंबई की सबसे बड़ी खासियत यही ह कि यहा आने वाला हर भारतीय पूरे सम्मान के साथ रह सकता है। उन्होंने कहा कि अगर मुंबई में इस लोकतांत्रिक और जनवादी रवैए को चोट पहुंचती है तो इसका भविष्य खतरे में पड़ सकता है। पवार ने कहा कि अगर हम जमीन से जुड़े और नई पीढ़ी के नेताओं को मौका देंगे तो एनसीपी का खुद-ब-खुद विस्तार होगा और इसकी पकड़ मजबूत होगी। पवार ने पार्टी की शहर इकाई से अगले दो साल में होने वाले बंबई नगर निगम चुनाव के लिए रणनीति तय करने को कहा। उन्होंने कहा कि 15 साल से बीएमसी पर काबिज शिवसेना-भाजपा को बिजली और पानी के मुद्दे पर घेरने की तैयारी की जाए।

सरकार को घेरने के लिए विपक्ष फिर तैयार

नई दिल्ली-संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले ही दिन सरकार व विपक्ष आमने सामने होंगे। सरकार को सबसे पहले दंतेवाड़ा के नक्सली हमले पर विपक्ष के सवालों का जवाब देना होगा और उसके बाद विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर के ताजा विवाद से जूझना होगा। मुख्य विपक्षी दल भाजपा व उसके सहयोगी दलों ने साफ कर दिया है कि वे दोनों सदनों में दंतेवाड़ा की घटना पर प्रश्नकाल स्थगित करने की मांग करेंगे और अगर सरकार नहीं मानी तो सदन नहीं चलने देंगे। सरकार भी जवाबी तैयारी में है और विपक्ष को कोई मौका देने के पहले ही गृह मंत्री बयान दे सकते हैं। विभिन्न मुद्दों पर सदन के भीतर कायम विपक्षी एकता सरकार के लिए अभी भी मुसीबत बनी हुई है। महिला आरक्षण विधेयक व रंगनाथ मिश्रा आयोग की रिपोर्ट पर तीखे मतभेद भी विपक्षी एकता को तोड़ नहीं सके हैं। ऐसे में बृहस्पतिवार से शुरू हो रहे बजट सत्र के दूसरे चरण में सरकार की मुसीबतें कायम रहेंगी। सरकार के सबसे महत्वपूर्ण वित्त विधेयक पर कटौती प्रस्तावों को लेकर विपक्षी एकता की चुनौती से जूझने के अलावा उसे अन्य प्रमुख राष्ट्रीय महत्व के ज्वलंत मुद्दों पर भी विपक्ष के तीखे तीरों का सामना करना पड़ेगा। विपक्षी हमलों की शुरुआत छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सली हमले से होगी। भाजपा ने पहले अपनी खुद की बैठक की और बाद में राजग के सहयोगी दलों के नेताओं के साथ बैठक कर इस मुद्दे पर दोनों सदनों में प्रश्नकाल स्थगित करने के नोटिस देने का फैसला किया है। राजग ने मांग की है सबसे पहले सरकार इस मामले पर बयान दे उसके बाद ही कोई और कामकाज करे। अगर सरकार नहीं मानी तो कार्यवाही नहीं चलने दी जाएगी। हालांकि सरकार इस मामले पर विपक्ष को कोई मौका नहीं देगी। सूत्रों के अनुसार गृहमंत्री इस मामले पर बिना किसी मांग के खुद ही बयान देंगे। इस मुद्दे के बाद राजग ने शशि थरूर के मुद्दे पर सरकार को घेरने का फैसला किया है। राजग की बैठक के बाद लोकसभा में भाजपा के उप नेता गोपीनाथ मुंडे ने कहा कि थरूर ने अपनी महिला मित्र को लाभ पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया है। यह भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सीधा मामला है और प्रधानमंत्री को मामले टालने के बजाए सीधे कार्रवाई करना चाहिए। वामपंथी दलों ने भी इस मामले पर सरकार को घेरने का ऐलान किया है। शुरुआत में विपक्ष की इन दोनों चुनौतियों से जूझने के बाद सरकार को वित्त विधयेक पर विपक्ष के कटौती प्रस्तावों का सामना करना पड़ेगा। भाजपा, वामदल व अन्य सभी गैर संप्रग दलों (बसपा को छोड़कर) ने दो टूक कहा है कि महंगाई, डीजल व पेट्रोल में की कीमतों में की गई बढ़ोतरी के मुद्दों पर जो भी कटौती प्रस्ताव होंगे, उनका सभी दल समर्थन करेंगे।

सुबूत मिले तो थरूर पर कार्रवाई: पीएम


वाशिंगटन--अपने विवादों से तीसरी बार प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा में खलल डाल चुके शशि थरूर से मनमोहन सिंह खफा तो नजर आए लेकिन इसका इजहार उन्होंने संतुलित तरीके से किया। परमाणु सुरक्षा सम्मेलन के समापन के बाद यहां मीडिया से रूबरू होते हुए प्रधानमंत्री ने कह दिया कि अगर जरूरी हुआ तो सुबूत के आधार पर थरूर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। थरूर के एक और विवाद में फंसने के बाद उन्हें मंत्रिमंडल से हटाए जाने की विपक्ष की मांग पर उन्होंने कहा कि मैंने यह सब कुछ सुना है लेकिन मेरे पास तथ्य मौजूद नहीं हैं। शनिवार को लौटकर तथ्य हासिल करूंगा और उनके आधार पर यदि जरूरी हुआ तो थरूर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मुझे लगता है यही सही तरीका होगा। प्रधानमंत्री ने यह भी जोड़ा कि मैं सुनी सुनाई बातों या अखबार में छपी बातों के आधार पर कोई फैसला नहीं कर सकता। थरूर की वजह से लगातार तीसरी बार अपनी विदेश यात्रा पर असहज हो चुके पीएम खफा जरूर हैं। फरवरी में रियाद में थरूर ने भारत-पाक के बीच वार्ताकार की जरूरत के संदर्भ में बयान देकर मनमोहन को सफाई देने पर विवश कर दिया था। पिछले साल सितंबर में आसियान बैठक के दौरान भी पीएम का सामना थरूर के कैटल क्लास विवाद से हुआ था। हर बार थरूर की कुर्सी बचा ले गए पीएम पर इस बार दबाव ज्यादा है, क्योंकि मामला जुबान फिसलने का नहीं, बल्कि केंद्रीय मंत्री के आचरण का है। यह आईपीएल में कोच्चि की टीम में थरूर की महिला मित्र सुनंदा पुष्कर की 70 करोड़ रुपये की फ्री इक्विटी का मसला है। भाजपा और वामदलों समेत पूरे विपक्ष ने थरूर को साउथ ब्लाक से बाहर कराने की लामबंदी कर ली है। प्रकाश करात और एबी बर्धन तो जांच मुकम्मल होने तक थरूर को एक मिनट के लिए भी विदेश मंत्रालय की कुर्सी पर देखना नहीं चाहते हैं।

जो बच्चा स्कूल का काम नहीं कर पाता वह स्कूल व ट्यूश्न के काम को वक्त कैसे दे सकता है--बांसल

डबवाली-बच्चों के बारह घंटों को बच्चों के ही रहने दें और आठ घंटे स्कूल के स्कूल वालों के पास ही रहने दें केवल शेश चार घंटों के कुश्ल प्रबंधन से ही आप अपने बच्चों को अव्वल बना सकते हैं, ये शब्द सरदार सुच्चा सिंह बांसल ने स्थानीय हरियाणा पब्लिक स्कूल के प्रांगण अभिभावक मिलन कार्यशाला के दौरान अभिभावकों, अध्यापकों एवं प्रबंधक समिति को सम्बोधित करते हुए कहे।उन्होंने कहे कि जरूरत से अधिक बोलना अथवा न बोलना, जरूरत से अधिक सुनना अथवा सुनाना आदि-आदि ऐसे विकार हैं जो अध्यापक द्वारा कक्षा में एक समान शिक्षा देने के बावजूद भी बच्चों के शैक्षिक परिणामों में तथा बौद्धिक क्षमता में बहुत अंतर पाया जाता है। अक्सर बच्चे केवल अध्यापक को सुनते हैं सुनाते नहीं। अध्यापक से पूछते नहीं, अध्यापक की हां में हां मिलाते रहते हैं।
इसका मुख्य दोष वे ट्यूश्न तथा गाइड़ प्रणाली को मानते हैं। जो बच्चा स्कूल का काम नहीं कर पाता वह स्कूल व ट्यूश्न के काम को वक्त कैसे दे सकता है। ट्यूश्न तथा गाइड़ें कन्फूयजऩ पैदा करती हैं। बच्चे के विकास में बाधक बनती हैं। अक्सर बच्चे माता-पिता से स्कूल तथा अध्यापक की शिकायत करते रहते हैं और माता-पिता भी उस शिकायत के आधार पर अध्यापकों के प्रति तथा स्कूल के प्रति कुठांए स्थापित कर लेते हैं जैसे के दूरगामी परिणाम कभी अच्छे नहीं निकलते। उन्होंने कहा कि वे माता-पिता जो अपने बच्चे को अध्यापकों को सौंप देते हैं उनका विकास उसी प्रकार होता है जैसे कृष्ण का हुआ था।
वर्तमान में शिक्षा क्षेत्र की अनेकों समस्याओं को तथा विशेष कर गणित विषय की समस्या का मूल कारण संयुक्त परिवारों का विघटन है। इस कारण से अनेक बच्चे आज प्यार के लिए भटकते रहते हैं और अक्सर पथ विचलित हो जाते हैं। इसके साथ-ही-साथ उन्होंने अभिभावकों को यह जानकारी दी की वे किस प्रकार एचपीएस के बच्चों को समय-समय पर इवैल्यूऐट करेंगे तथा किस प्रकार वे गणित, सांईस आदि विषयों के लिए प्रशिक्षण देंगे।
बच्चों को केवल शैक्षिक दृष्टि से ही न देखें अपितु उनके दिनभर आचार, विचार तथा व्यवहार का भी अवलोकन करें तथा उसे अच्छा देखें नहीं दिखें। विद्यालय जाकर बच्चे की रिपोर्ट लें व दें। प्रत्येक माता-पिता यह प्रयास करेें कि उनका बच्चा प्रतिदिन यह सूचि बनाए कि मुझे यह आता है और यह नहीं आता है। यह जरूर ध्यान करे कि वह अपनी समस्यांए अपने टीचर से कहता है अथवा नहीं।
इस प्रकार अध्यापकों की तीन घंटे की वर्कशाप में उन्होंने अध्यापकों को सीबीएसई की शिक्षा कार्यविधि के बारे में जानकारी दी तथा शिक्षक किस प्रकार स्वयं का विकास करके ही बच्चों को विकास कर सकता है। उन्होंने की यदि टीचर की चैकिंग के उपरान्त यदि कोई गल्ती रह जाती है तो वह गल्ती पीढिय़ों तक चलती रहती है। विद्यालय निदेशक एवं प्राचार्य आचार्य रमेश सचदेवा ने बताया कि इस वर्ष अध्यापकों के प्रशिक्षण तथा बच्चों के सर्वांगीन विकास के लिए विशेष कार्यशालांए देश के विभिन्न शिक्षाविद्दों द्वारा लगाई जांऐगी तथा डबवाली को ऐजूकेश्न सीटी बनाने का वे एचपीएस की ओर से विशेष प्रयास किया जाता रहेगा।

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