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शुक्रवार, 6 नवंबर 2009

बेटी रहेगी जन्म देने वाली मां के पास

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मुक्तसर जिला अदालत के उस फैसले को सही ठहराते हुए मुक्तसर निवासी एक फोस्टर मदर (पालन पोषण करने वाली मां ) को आदेश दिया है कि वह लड़की को उसको जन्म देने वाली मां बलजीत कौर को सौंप दे। मुक्तसर निवासी एक फोस्टर मदर काश्मीर कौर ने 18 सितम्बर को हाईकोर्ट में अपनी याचिका में कहा था कि अमनदीप कौर को उसने गोद लिया था। अमनदीप की मां बलजीत कौर ने 9 जनवरी 1996 को दो लड़कियों को जन्म दिया था। जिसमें से वो एक लड़की अमनदीप कौर को मारना चाहते थे। इस लिए उसने उस लड़की को गोद ले लिया था। जबकि दूसरी तरफ बलजीत कौर ने कहा कि उसे बताया गया था कि उसकी एक लड़की की मौत हो गई है। जब उसे इस दस साल बाद इस बात का पता चला तो उसने जिला अदालत में लड़की को वापस लेने के लिए याचिका दाखिल की। जिला अदालत में काश्मीर कौर ऐसा कोई सबूत पेश नही कर पाई की जिससे यह साबित हो की उसने लड़की को गोद लिया था। जिस कारण जिला अदालत ने काश्मीर कौर को लड़की को अक्टूबर के अंत तक उसकी जन्म देने वाली मां को सौंपने के आदेश दिए थे। लड़की सिख जाट परिवार से संबंध रखती है जबकि उसका पालन पोषण करने वाली मां एससी परिवार से थी।

भ्रष्टाचार के दलदल में खिले ईमानदारी के कमल


आपने किसी ऐसे अधिकारी के बारे में सुना है, जिन्होंने अपने पास आए सूचना के अधिकार (आरटीआई) के सभी आवेदनों पर संपूर्ण और संतोषजनक जानकारी मुहैया कराते हुए उन्हें 30 दिन की निर्धारित अवधि के भीतर निपटा दिया हो। ऐसे ही अधिकारी हैं, उत्तराखंड के ललित नारायण मिश्रा और हिमाचल प्रदेश के डा. अतुल फुलझेले। जिस देश में अधिकारी काम न करने के लिए बदनाम हों, वहां ऐसे लोगों को ढूंढना मुश्किल है। लेकिन पब्लिक काज रिसर्च फाउंडेशन का अभियान ऐसे अधिकारियों को सामने ला रहा है। इस फाउंडेशन ने देश के सर्वश्रेष्ठ सूचना अधिकारियों और सर्वश्रेष्ठ सूचना आयुक्तों को पुरस्कृत करने के लिए यह मुहिम शुरू की है। दैनिक जागरण की मीडिया पार्टनरशिप में चल रहे इस अभियान के तहत सर्वश्रेष्ठ सूचना अधिकारियों की श्रेणी में तीन लोगों का चयन किया गया है। इनमें से दो को अंतिम रूप से पुरस्कृत करने के लिए चुना जाएगा। इन तीन अधिकारियों में शामिल हैं उत्तराखंड के ललित नारायण मिश्रा और हिमाचल प्रदेश के डा. अतुल फुलझेले। अंतिम विजेताओं की घोषणा 27 नवंबर को की जाएगी। पुरस्कारों का फैसला करने वाली जूरी में दैनिक जागरण के संपादक संजय गुप्त के अलावा एन नारायण मूर्ति, फाली एस नरीमन, जस्टिस जेएस वर्मा, पुलेला गोपीचंद, आमिर खान और जेएम लिंग्दोह शामिल हैं। उत्तराखंड के चमोली जिले के एसडीएम ललित नारायण मिश्रा ने 2006 में उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में जनसूचना अधिकारी के रूप में काम करना शुरू किया। उन्हें अपने काम में किसी कनिष्ठ का सहयोग नहीं मिला। दरअसल, उनके राह में कांटे बोने की कोशिश हुई, लेकिन वह व्यवस्था से लड़ते रहे। तीन साल बाद उनका तबादला देहरादून कर दिया गया। उन्होंने लोगों तक पारदर्शी तरीके से सूचनाएं मुहैया कराने के लिए एक ई-मेल अकाउंट खोला। इस पर कोई भी सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांग सकता था। इसके अलावा उन्होंने दूरदराज के गांवों में आरटीआई के बारे में जागरुकता फैलाई। वर्ष 2008 में उनके पास आरटीआई के 60 आवेदन आए। इन सभी आवेदनों पर उन्होंने समय से पूरी सूचना उपलब्ध कराई। तैंतीस वर्षीय मिश्रा की ही तरह हिमाचल प्रदेश के डा. अतुल फुलझेले भी सूचना के अधिकार के लिए समर्पित अधिकारी हैं। इस समय कांगड़ा जिले के एसपी के रूप में तैनात फुलझेले ने ऊना जिले में तैनाती के दौरान अपने पास आए आरटीआई के सभी 43 आवेदनों का तयशुदा समय में संतोषजनक ढंग से निपटारा कर दिया। कांगड़ा में भी उनके फैसले के खिलाफ सिर्फ ग्यारह अपीलें दाखिल की गई हैं। सूचना के अधिकार के तहत लोगों को सूचनाएं मुहैया कराने के साथ ही फुलझेले अपने कनिष्ठ अधिकारियों और कर्मियों की मानसिकता को बदलने के लिए भी प्रयासरत हैं।

शिल्पा और राज 22 नवंबर को करेंगे विवाह


अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके मंगेतर राज कुंद्रा एक निजी समारोह में यहां 22 नवंबर को खंडाला में विवाह के बंधन में बंध जाएंगे। शिल्पा के प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को यहां बताया कि दोनों शिल्पा के दोस्त और व्यवसायिक सहयोगी किरण बावा के बंगले में शादी के बंधन में बंधेंगे। शादी से पहले होने वाला संगीत और मेहंदी का कार्यक्रम इसी स्थान पर संपन्न होगा। उन्होंने बताया कि इस विवाह समारोह में शिल्पा और राज के पारिवारिक सदस्य और नजदीकी दोस्त शामिल होंगे। विवाह समारोह पंजाबी और दक्षिण भारतीय रीतियों से संपन्न होगा। शादी के बाद 24 नवंबर को यहां रिसेप्शन का आयोजन किया जाएगा। डिजाइनर तरूण तहलियानी 34 वर्षीय वधू के वस्त्र डिजाइन कर रहे हैं। अभिनेत्री ने पिछले महीने राज के जुहू स्थित आवास में मंगनी की थी। अप्रवासी भारतीय कुंद्रा लंदन के निवासी हैं। उन्होंने जुहू में मकान खरीदा है और शादी के बाद दोनों यहां पर रहेंगे। शिल्पा ने 1993 में शाहरूख खान की फिल्म बाजीगर से फिल्म जगत में कदम रखा था और अंतिम बार दोस्ताना में पर्दे पर नजर आई। हाल ही में वह फिल्म निर्माता बन गई हैं और बतौर निर्माता अपनी पहली फिल्म पर काम शुरू कर दिया है। चैनल 4 के रियलिटी शो बिग ब्रदर जीतने के बाद शिल्पा के कैरियर में जबरदस्त उछाल आया था। शो जीतने के बाद अपना फरफ्यूम एस2 जारी करते वक्त उनकी मुलाकात राज से हुई थी। इस जोड़ी ने आईपीएल की टीम राजस्थान रायल को खरीदा है।

कैंसर की चपेट में एक गांव


अररिया जिले में भरगामा प्रखंड की सिरसिया कला ग्राम पंचायत का रहमान टोला कैंसर टोला के नाम से जाना जाने लगा है। बुनियादी सुविधाओं से महरूम इस गांव के टोले पर गंभीर बीमारी के साये से ग्रामीण परेशान हैं। दस वर्षो में एक दर्जन लोग इस जानलेवा रोग के शिकार हो चुके हैं और एक दर्जन से अधिक पीडि़त हैं। प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी हैरत में हैं। जबकि सिविल सर्जन गवेन्द्र कुमार सिंह को जानकारी ही नहीं है। प्रखंड अस्पताल की चिकित्सा प्रभारी डा. सुखी राउत का कहना है कि यह शोध का विषय है कि यहां कैंसर कैसे फैल रहा है। वैसे ग्रामीण चिकित्सकों व जानकारों की मानें तो यह रोग अशुद्ध पानी की वजह से फैल रहा है, जबकि पेयजल के लिए जिम्मेदार विभाग के कार्यपालक पदाधिकारी भिखारी राम का कहना है कि जिले में कहीं भी पेयजल में आर्सेनिक अथवा फ्लोराइड नहीं पाया गया है। जबकि अनुमंडल पदाधिकारी बताते हैं कि पानी में अनुटेरेसेबुल कैंसर काउजिंग स्लीमेंट आ गया है। इस कारण यह रोग फैला है। जांच को कोई मशीन विभाग के पास नहीं है। दुखद पहलू यह है कि लोगों को इस बीमारी से मुक्ति दिलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई विशेष पहल नहीं की गयी है। न ही विशेषज्ञों की कोई टीम भेजी गयी है। अररिया व सुपौल जिले की सीमा पर बसा है सिरसिया कला पंचायत का रहमान टोला। यहां के लोग खेती व मजदूरी कर अपना जीवन-यापन करते हैं। आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे बाहर जाकर इलाज करा सकें। पिछले दस वर्षो में कैंसर से मरने वालों की सूची लंबी है। जगदीश सरदार, अगम लाल यादव, मो. नजाम समेत कई लोग कैंसर से जान गंवा चुके हैं। अधिकांश की मौत लिवर कैंसर से हुई। सत्तो यादव, मो. मुश्ताक, मो. हदीश आदि इस रोग से जंग लड़ रहे हैं।

यहां मुर्दे भी देते हैं बयान


17 साल पूर्व हुई थी शांति देवी की मौत, बयान लिया 2009 में


जी हां, यह सच है। भागलपुर में एक मुर्दे ने बयान दर्ज कराया है। ऐसा कमाल किसी तांत्रिक ने नहीं, भागलपुर पुलिस ने कर दिखाया है। 17 साल पहले जिस महिला की मौत हो गई थी, भागलपुर पुलिस ने 2009 में उसका बयान दर्ज किया है। यह कैसे संभव हुआ, पुलिस ही बेहतर बता सकती है। कोतवाली (तिलकामांझी) थानाकांड संख्या 447/2005 में सहायक अवर निरीक्षक रामजी प्रसाद ने विवेचना के दौरान 18 अक्टूबर 2009 को कांड दैनिकी के पाराग्राफ 69 में पांच फरवरी 1992 को शांति देवी और उनके जीवित पति राधिका रमण सिन्हा का बारी-बारी से बयान रिकार्ड किया है। परलोक सिधार चुकी शांति देवी के मुकदमे से संबंधित तमाम बयानों का जिक्र है। मुकदमा जालसाजी, धोखाधड़ी से संबंधित है। लापरवाही की हद तो यह कि तफ्तीशकर्ता ने अनुसंधान के दौरान वारंट निकालने में एक ही व्यक्ति को दो नामों से इंगित करते हुए अदालत से प्रार्थना तक कर दी। अब आरोपी संजय सिन्हा, जिसका घरेलू नाम पिंटू है, पुलिस की धौंसपट्टी सह रहा है। पुलिस रोज घर आ धमकती है। कहती है पिंटू कहां है। जबकि संजय सिन्हा ही पिंटू है। पुलिस का अनुसंधान भी ऐसा कि वर्ष 2005 का मामला और 2009 तक केस डायरी लिखी जा रही है। भागलपुर पुलिस की ऐसे कारनामों के कारण पहले भी जगहंसाई हो चुकी है। वर्ष 2004 में भी काल्पनिक नाम और पते पर इशाकचक पुलिस ने मुकदमा कायम कर आरोपी को जेल भेज दिया था। न्यायालय ने संज्ञान लिया तो आरोपी को मुक्ति मिली। वर्ष 2004 में ही यहां तैनात आरक्षी उपाधीक्षक सुरेश बोदरा ने इश्तेहारी मुजरिम की गवाही हत्याकांड में लेकर इतिहास रच दिया था। वर्ष 2008 में कोतवाली पुलिस प्रभावशाली आरोपी को बचाने के लिए कांड की धारा ही संशोधित कर चुकी है।

विदेशी पत्रकारों के अरुणाचल जाने पर रोक


तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा की बहुचर्चित तवांग यात्रा की तैयारी के बीच भारत सरकार ने विदेशी पत्रकारों के अरुणाचल प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। यही नहीं उसने जिन विदेशी पत्रकारों को अरुणाचल प्रदेश जाने की इजाजत दे रखी थी उसे भी वापस ले लिया है। इनमें से दो अमेरिकी समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस(एपी) के पत्रकार भी हैं। ज्ञात हो कि अरुणाचल प्रदेश में यात्रा के लिए विदेशी नागरिकों को भारत सरकार से विशेष अनुमति लेनी पड़ती है। दलाई लामा की तवांग यात्रा के ठीक पहले विदेशी पत्रकारों के अरुणाचल प्रदेश के रिपोटर्स वीजा खारिज करने के भारत सरकार के फैसले पर नई दिल्ली स्थित फॉरेन करेस्पांडेंस क्लब के अध्यक्ष हीथर टिमोन्स ने निराशा के साथ हैरानी जताई है। एपी के अनुसार विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस मुद्दे पर कुछ कहने से इनकार कर दिया। प्रेस ट्रस्ट ने ईटानगर से मुख्य सचिव ताबोम बाम का हवाला देते हुए खबर दी है कि करीब 50 पत्रकारों ने राज्य सरकार से आवास एवं दलाई लामा की तवांग यात्रा की कवरेज संबंधी जानकारी के लिए संपर्क किया है। इनमें से कुछ विदेशी समाचार पत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले भारतीय पत्रकार हैं। ताबोम बाम ने इससे इनकार किया कि उन्हें केंद्र सरकार से विदेशी मीडिया पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। माना जा रहा है कि भारत सरकार चीन की नाराजगी के चलते दलाई लामा की तवांग यात्रा के अंतरराष्ट्रीय प्रचार से बचना चाहती है और इसीलिए उसने विदेशी पत्रकारों पर पाबंदी लगा दी। भारत सरकार का यह फैसला उसके उस रुख के उलट है जिसके तहत देश-दुनिया को यह संदेश देने की कोशिश की जा रही थी कि भारत इस बार चीन को उसी की भाषा में जवाब देने की ठान चुका है। भारत सरकार के यह स्पष्ट करने के बावजूद कि दलाई लामा धार्मिक नेता हैं और वह कहीं पर भी जाने के लिए स्वतंत्र हैं, चीन की टोका-टाकी जारी है। इस सबके बीच दलाई लामा रविवार को तवांग पहुंच रहे हैं। बौद्ध आध्यात्मिक नेता टीजी रिनपोचे ने बताया है कि तिब्बती धर्मगुरु का स्वागत करने के लिए 700-800 भिक्षुओं के साथ तैयारियां पूरी हो गई हैं और पूरे शहर तथा मठ ने एक नया रूप ले लिया है। रिनपोचे तवांग मठ और एक स्कूल के खेल के मैदान में चल रही सभी तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं। दलाई लामा सोमवार से इस मैदान में तीन दिवसीय धार्मिक प्रवचन देंगे। ऐतिहासिक तवांग मठ के एक पुजारी जेपी शास्त्री का कहना है कि दलाई लामा की सुरक्षित यात्रा के लिए सभी मठों में प्रार्थनाएं की जा रही हैं। तिब्बती नेता रविवार को तवांग मठ पहुंचेंगे। यह चीन की सीमा से लगा इलाका है, जिस पर चीन अपना हक जताता रहा है। दलाई लामा के तवांग में एक अस्पताल का उद्घाटन करने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि 1959 में दलाई लामा तवांग के रास्ते ही भारत आए थे। वह 12 नवंबर को राजधानी ईटानगर के लिए रवाना होने से पहले बोमडील्ला और डीरांग की भी यात्रा करेंगे। 15 नवंबर को उनके दौरे का समापन होगा।

Andhra teachers fired for having sex in school and making CD





Two primary school teachers in Tallasingram village of Nalgonda district in the state of Andhra Pradesh were suspended after a CD showing the sexploits of the duo was found circulating in the town.

Enquiries by the district collector and magistrate revealed that Ramesh (35) and Geeta (42) would retire into the staff room around noon after assigning students some class work and would remain locked inside till the closing bells.

Neither the students nor the parents had an inkling of the goings on. "We presumed that they are resting or correcting the class work after lunch," said Divya, a student.

Police said Ramesh would record their sexual acts on his camera phone. A fortnight ago, after he had accumulated enough footage, he approached a local I video parlour for converting it into a CD. The owner of the video parlour made copies and started circulating them, police said.

After a copy landed with the local media, the matter came into the limelight.

Ramesh has been arrested and booked under the obscenities act.


"On the basis of prima facie evidence, I have placed the two teachers under suspension and ordered an enquiry into the episode by the District Education Officer," said District Collector Purushottam Reddy Activities in the school have come to a standstill since it is a two-teacher school. No new teacher has been appointed yet. Angry parents are up in arms. "Both are married with kids. They should be dismissed," said Mallesham, a parent.

साहसिक पारी पर फिरा पानी


आस्ट्रेलिया के खिलाफ पांचवें वनडे मैच में सचिन तेंदुलकर ने 175 रनों की जोरदार पारी खेली, लेकिन उनके आउट होते ही टीम बिखर गई। कंगारुओं ने पहले बल्लेबाजी करते हुए जीत के लिए 351 रनों का विशाल लक्ष्य रखा, जिसके जवाब में टीम इंडिया दो गेंद रहते 347 रन पर आउट हो गई।

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