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मंगलवार, 19 जनवरी 2010

सभी डीम्ड विश्वविद्यालय खत्म होंगे, छात्रों को मिलेगी डिग्री: सिब्बल

नई दिल्ली, एजेंसी केंद्र सरकार से स्पष्ट कर दिया है कि आखिरकार सभी डीम्ड विश्वविद्यालयों को जाना होगा। लेकिन जिन डीम्ड विश्वविद्यालयों की मान्यता समाप्त करने से संबंधित कार्यबल की रिपोर्ट को स्वीकार किया गया है, उन संस्थाओं के किसी भी छात्र को इससे प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा और उन्हें विश्वविद्यालय की डिग्री मिलेगी।मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने मंगलवार को कहा कि यह मामला उच्चतम न्यायालय के अधीन है। डीम्ड विश्वविद्याल के संबंध में कई तरह की शिकायतों के मद्देनजर जून 2009 में प्रो. पीके टंडन के नेतृत्व में एक कार्यबल का गठन किया गया था। समिति ने अपनी सिफारिशें पेश की हैं। हमने कार्यबल की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है और इसे उच्चतम न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब यह विषय न्यायालय को तय करना है।
सामाजिक मुद्दों पर संपादकों के 10वें सम्मेलन से इतर एक प्रश्न के उत्तर में सिब्बल ने कहा कि सरकार का इरादा यह बिल्कुल नहीं है कि इसके कारण कोई भी छात्र प्रभावित हो। इसके दायरे में आने वाले सभी छात्रों को डिग्री मिलेगी। उनके हितों की रक्षा की जाएगी।केंद्र ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में पेश हलफनामे में कहा कि उसने देश के उन 44 डीम्ड विश्वविद्यालयों की मान्यता समाप्त करने से संबंधित एक कार्यबल की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है, जिन पर आरोप है कि वह शैक्षिक संस्थाओं की बजाय पारिवारिक जागीर के रूप में काम कर रहे हैं। सिब्बल ने कहा कि छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए ही कुछ समय पहले रिपोर्ट प्राप्त हो जाने के बावजूद इसे सार्वजनिक नहीं किया था। उन्होंने कहा कि कार्यबल की रिपोर्ट के आधार पर हमने अदालत के समक्ष यह स्पष्ट कर दिया कि इन छात्रों के हितों की रक्षा के लिए क्या कार्ययोजना है।आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि डीम्ड विश्वविद्यालय मूल रूप से कॉलेज रहे हैं, जिन्हें डीम्ड का दर्जा प्रदान किया गया था, अब इनका डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा वापस लेने के बाद भी ये कॉलेज तो बने ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में ये किसी अन्य विश्वविद्यालय से समबद्धता प्राप्त कर डिग्री प्रदान कर सकते हैं।बहरहाल, सिब्बल ने मामला न्यायालय के अधीन होने के कारण इस पर विशेष कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। हालांकि उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि आने वाले समय में डीम्ड विश्वविद्याल की अवधारणा समाप्त हो जाएगी।इससे पहले सोमवार को केंद्र ने अपने एक शपथ पत्र में कहा था कि 13 राज्यों में स्थित इन विश्वविद्यालयों के कॉलेजों में पढ़ने वाले करीब दो लाख विद्यार्थियों के भविष्य को अंधकारमय होने से बचाने के लिए उन्हें मूल विश्वविद्यालयों से मान्यता प्राप्त कॉलेजों में फिर से पढ़ने जाने की अनुमति होगी।न्यायालय में यह शपथपत्र मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने पेश किया था। मंत्रालय ने कहा था कि सरकार ने उच्च अधिकार प्राप्त पीएन टंडन समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है तथा इस समस्या से निपटने के लिए सुझाव देने के लिए विशेष कार्य बल गठित करने का निर्णय किया है।शपथपत्र में कहा गया कि समीक्षा समिति को डीम्ड विश्वविद्यालय की मान्यता प्राप्त कुछ संस्थानों की कार्यप्रणाली में कई गड़बड़ियों की जानकारी प्राप्त हुई। इन शिक्षण संस्थाओं के प्रबंधन बोर्ड की संरचना भी बढ़ेगी, क्योंकि इनके कामकाज पर नियंत्रण पेशेवर शिक्षाविदों की बजाय परिवार के लोगों का था।केंद्र के अनुसार नियमों का उल्लंघन करने वाले 44 डीम्ड विश्वविद्यालयों में से अधिकतर पोस्ट ग्रेजुएट और अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रमों का संचालन कर रहे थे। पाठ्यक्रम ढीले-ढाले और इनके नाम भी भ्रमित करने वाले थे और उनमें दाखिला क्षमता से कहीं अधिक और असंगत तरीके से विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया था।

ज्योति बसु की अंतिम यात्रा में भगदड़

कोलकाता, अपने चहेते मार्क्सवादी नेता ज्योति बसु के अंतिम दर्शन करने के लिए कोलकाता में लाखों की भीड़ जमा हो गई है। सुबह से ही कोलकाता की सड़कों पर उमड़े जन सैलाब के हाथों में फूल और आखें नम हैं। बसु की अंतिम यात्रा के दौरान भीड़ के बैरिकेड पार करने से विधानसभा कैंपस में भगदड़ भी मच गई, पर किसी के घायल होने की कोई खबर हीं है। पुलिस के मुताबिक, एक बड़े हादसे को होते-होते टाल दिया गया और हालात को तत्काल नियंत्रण में ले लिया गया। पुलिस ने कहा कि भगदड़ उस समय मची जब मेन गेट को 15 मिनट के लिए पूरी तरह खोला गया था। इसके बाद इसे दोपहर तीन बजे पूरी तरह बंद कर दिया गया और शव को मोहर कुंज पार्क ले जाने की तैयारी शुरू कर दी। पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कार्रवाई भी करनी पड़ी। विधानसभा कैंपस के भीतर रास्ते पर सैकड़ों जूते, चप्पल, स्वेटर, शाल, पानी की बोतलें और अन्य सामान बिखरा पड़ा था।
गौरतलब है कि ज्योति बसु अपना शरीर दान कर चुके थे, इसलिए पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार नहीं होगा। उनकी अंतिम यात्रा सुबह 7:30 बजे पीस ऑफ हेवन नामक शव गृह से शुरू हुई, जो दक्षिण कोलकाता स्थित एसएसकेएम अस्पताल में समाप्त होगी। इसी अस्पताल को उनका शरीर सौंप दिया जाएगा। पीस ऑफ हेवन के बाद बसु के पार्थिव शरीर को अलीमुद्दीन स्ट्रीट में पार्टी हेडक्वॉर्टर ले जाया गया। यहां पार्टी के सीनियर नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उनका पार्थिव शरीर राइटर्स बिल्डिंग ले जाया गया। ज्योति बसु की अंतिम यात्रा का अगला पड़ाव पश्चिम बंगाल विधानसभा था। यहां इसे जनता के दर्शनार्थ रखा गया था। यहीं पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी और बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने मार्क्‍सवादी नेता को श्रद्धांजलि दी। अंत में बसु के पार्थिव शरीर को मोहर कुंज ले जाया गया, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर के साथ में अंतिम विदाई दी गई। केंद्र सरकार की ओर से वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी अंतिम यात्रा में शामिल हुए।

एनआरआई दुल्हनों को अब दो पासपोर्ट

नई दिल्ली, एनआरआई दूल्हे की ललक में धोखाधड़ी की शिकार होने वाली हिलाओं की मदद के लिए सरकार उन्हें दो पासपोर्ट देने के बारे में विचार कर रही है। इसके तहत एक पासपोर्ट विदेश में अपने पति के पास जाने वाली महिला के पास रहेगा और दूसरा उसके माता-पिता के पास, जो मुसीबत में पड़ने पर अपनी बेटी को वापस देश ला सकें। महिला व बाल विकास मंत्रालय ने अपनी इस सोच को परवान चढ़ाने का जिम्मा राष्ट्रीय महिला आयोग को सौंपा है, जो विभिन्न पहलुओं पर विचार करके अपनी रिपोर्ट सरकार को देगा। सामाजिक क्षेत्र के मुद्दों पर आयोजित संपादकीय सम्मेलन में महिला व बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने महिलाओं के अपने कार्यकाल की उपलब्धियों का बखान करते हुए भावी योजनाओं का भी खुलासा किया। उन्होंने एनआरआई (प्रवासी भारतीय) दूल्हे से शादी करने वाली महिलाओं की खुशियों को बरकरार रखने के लिए कुछ बड़े कदम उठाने की घोषणा की है। तीरथ ने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें दुल्हन के विदेश जाने पर उसका पाति न सिर्फ उसे प्रताडि़त करता है बल्कि उसका पासपोर्ट भी छीनकर उसे अत्याचार सहने को विवश कर देता है। बिना पासपोर्ट के महिलाएं बेहद असहाय हो जाती है। सरकार इस समस्या से निपटने के लिए ऐसी दुल्हनों के लिए दो पासपोर्ट तैयार करने की सोच रही है। एक वे अपने दूल्हे के साथ विदेश जाते समय ले जाएंगी व दूसरा उनके माता-पिता के पास रहेगा। अगर बेटी किसी मुसीबत में फंसी तो माता-पिता दूसरे पासपोर्ट के सहारे उसे वापस ला सकते है।

जनता की जेब काट पेट भर रहीं दवा कंपनियां

नई दिल्ली, दवा कंपनियां सरकारी मूल्य नियंत्रण प्रणाली को ठेंगा दिखाकर हर साल ग्राहकों से लगभग दो सौ करोड़ रुपये झटक रही हैं और पकड़े जाने के बावजूद रकम लौटाने में आनाकानी कर रही हैं। यानी, एक तो चोरी, ऊपर से सीनाजोरी। यह स्थिति तब है जबकि लगभग 94 फीसदी दवाओं की कीमत पर सरकार का कोई काबू नहीं है। अगर सभी जरूरी दवाओं की कीमत पर नियंत्रण हो जाए तो कंपनियों की मुनाफाखोरी का आंकड़ा कई गुना बढ़ जाएगा। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) के अध्यक्ष एसएम झारवाल से खास बातचीत में बताते हैं कि विभिन्न दवा कंपनियों को 1998 के बाद से ग्राहकों से दो हजार करोड़ रुपये (यानी, हर साल लगभग दो सौ करोड़ रुपये) की अधिक-वसूली का दोषी पाया गया है। इसके मद्देनजर उन्हें ज्यादा वसूली गई रकम सरकारी खजाने में जमा करने को कहा गया है, लेकिन कंपनियों ने अब तक सिर्फ 180 करोड़ रुपये जमा किए हैं। लगभग 1965 करोड़ रुपये अभी उनसे वसूला जाना बाकी है। सरकार के लिए यह काम आसान नहीं है। गौरतलब है कि साल 1979 में मूल्य नियंत्रण सूची में 342 दवाएं शामिल थीं, लेकिन इसमें अब 74 दवाएं ही शामिल हैं। इसमें 29 दवाएं अब चलन में ही नहीं। यानी यह सूची सिर्फ 45 दवाओं की ही रह गई है। हैरानी की बात तो यह है कि मौजूदा नियमों में जीवनरक्षक दवाओं को परिभाषित ही नहीं किया गया है। यानी जिस दवा के न मिलने से मरीज की जान चली जाती हो, उस पर भी मुनाफाखोरी की कोई सीमा नहीं। इसी तरह जितनी नई दवाएं बाजार में आती हैं, उनकी कीमत पर भी सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। इस स्थिति को देखते हुए 10 मार्च 2003 को सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को आदेश दे चुका है कि जीवनरक्षक दवाएं जल्द मूल्य नियंत्रण की परिधि में लाई जाएं। इसके बावजूद अब तक ऐसा नहीं हो सका है।

बाबा रामदेव जी महाराज का विशाल मेला माघ सुदी दसवीं (25 जनवरी) को

डबवाली(सुदेश)- स्थानीय न्यू बस स्टैण्ड रोड, रेगर मौहल्ला में स्थित बाबा रामदेव जी महाराज के प्राचीन मन्दिर में हर वर्ष की भान्ति इस वर्ष भी बाबा रामदेव जी महाराज का विशाल मेला माघ सुदी दसवीं (25 जनवरी) को बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह जानकारी देते हुए मन्दिर के प्रवक्ता ने बताया कि नवमीं की रात्रि बाबा रामदेव जी का जागरण होगा। जिसमें भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष एवं सिरसा सांसद अशोक तंवर ज्योति प्रज्ज्वलित करेंगे एवं पूजन चौ. मदन लाल भाम्भू व डीएसपी डबवाली श्री बलवीर ङ्क्षसह करेंगे। उन्होंने बताया की बाबाजी का गुणगान जुगती लाल एण्ड पार्टी रिसालियाखेड़ा करेंगे। उन्होंने भक्तजनों से आह्वान किया कि वे जागरण व मेले में पहुंचकर बाबाजी का शुभ आशीर्वाद ग्रहण करें तथा अपने जीवन को सफल बनाऐं।

अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन करेगा आज़ादी के परवानो को याद

डबवाली(पवन कौशिक)अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन की एक बैठक शाखाध्यक्ष प्रीतम बांसल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। जिसमें निर्णय लिया गया कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जयन्ती, गणतन्त्र दिवस एवं स्वतन्त्रता सेनानी लाला लाजपतराय जयन्ती पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाऐगा। महासम्मेलन के उपाध्यक्ष सुरेन्द्र ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी निर्णय के अनुसार प्रत्येक भारतीय को तिरंगा लहराने का अधिकार है तथा इसके प्रसार-प्रचार के लिए महासम्मेलन द्वारा 23 जनवरी को प्रात: 10 बजे गांधी चौंक में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर योगाचार्य वियोगी हरि शर्मा ध्वजारोहण करेंगे। उन्होंने बताया कि गणतन्त्र दिवस 26 जनवरी को प्रात: 10 बजे शहीद चौक में शहीद-ए-आज़म स. भगत सिंह , राजगुरू व सुखदेव की प्रतिमाओं पर धर्मप्रचारक महॢष पं. लालजी शास्त्री तिरंगा लहराने की रस्म अदा करेंगे। 28 जनवरी को लाला लाजपतराय जयन्ती के अवसर पर महासम्मेलन द्वारा अग्रवाल धर्मशाला में 200 जरूरतमन्द महिला-पुरूषों को कम्बल एवं शाल वितरित कर लाला जी को श्रद्धांजलि दी जाऐगी। इस अवसर पर कार्यकारी अध्यक्ष मंगत राय ठेकेदार, विजय बागड़ी, जसवन्त राय गर्ग, राकेश गर्ग भीटीवाला, अजय गुप्ता, सुरेश मित्तल, पार्षद सुभाष मित्तल सहित महासम्मेलन के अनेक सदस्य उपस्थित थे।

23 जनवरी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 113वीं जयन्ती पर रक्तदान शिविर

डबवाली(पवन कौशिक) युवा रक्तदान सोसायटी की ओर से नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 113वीं जयन्ती पर 72वें विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन आगामी 23 जनवरी को स्थानीय अग्रवाल धर्मशाला में प्रात: 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक किया जाऐगा। यह जानकारी देते हुए संस्था के संस्थापक सुरेन्द्र ने बताया कि नेताजी द्वारा दिए गए नारे 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा को सार्थक करते हुए आज के युग में किसी भी व्यक्ति द्वारा दिया गया खून किसी के जीवन की बुझ रही जीवन ज्योति को जगमगाने का कार्य करता है तथा उन्होंने महानुभावों से आह्वान किया कि स्वेच्छा से रक्तदान कर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को अपनी सच्ची श्रद्धांजलि ॢपत करें।
संस्था के अध्यक्ष राकेश गर्ग भीटीवाला ने बताया कि उपरोक्त रक्तदान शिविर में जिला रैड क्रॉस सोसायटी के परियोजना अधिकारी अश्विनी शर्मा के नेतृत्व में सामान्य अस्पताल सिरसा के चिकित्सकों की टीम रक्त प्राप्त करने का कार्य करेगी। उन्होंने बताया कि जिला रैड क्रॉस सोसायटी द्वारा सभी रक्तदानियों को प्रेरणा स्त्रोत बैच एवं प्रशंसा-पत्र देकर सम्मानित किया जाऐगा।

नशाखौरी व सट्टेबाजी का धन्धा बड़ी तेजी से फलफूल रहा है ।

डबवाली(वासुदेव) समाजिक बुराईयों एवं कुरीतियों को जड़मूल से समाप्त करने हेतु शहर की कई समाजिक संस्थाओं द्वारा जन जागरण मुहिम चलाई जा रही है तथा शहर व गांव-गांव में युवाओं को नशाखौरी एवं कन्या भ्रूण हत्या के प्रति जागरूक किया जा रहा है तथा आमजन को भी इस मुहिम की सफलता के लिए सहयोग करना चाहिए।
जहां समाजिक संस्थाऐं अपने प्रयासों में जुटी हैं। वहीं आज उपमण्डल के गांव सांवतखेड़ा के कुछ निवासियों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से नशाखौरी व सट्टेबाजी का धन्धा बड़ी तेजी से फलफूल रहा है। उन्होंने कथित तौर आम दुकानदारों पर आरोप लगाया कि नशे के लिए प्रयोग की जाने वाली दवाईयों को बेखौफ बेच कर युवाओं को नशों की ओर धकेल रहे हैं। वहीं सट्टा खाईवाली का कारोबार भी बड़े पैमाने पर चल रहा है। उन्होंने बताया कि शाम होते ही नशेड़ी व सट्टेबाजों के झुण्ड गांव की गलियों की नुक्कड़ों पर देखे जा सकते हैं।
गांववासियों ने पुलिस प्रशासन से अपील की है कि नशे व सट्टे के व्यापारियों की धरपकड़ कर उन्हें सलाखों के पीछे भेजें ताकि उनका गांव फिर से पहले की भान्ति नशामुक्त हो सके।

वर्षों पश्चात डॉ. जस्सी के घर खुशियों का आगमन

डबवाली(सुखपाल)- स्थानीय जस्सी हस्पताल के संचालक डॉ. सुरेन्द्रपाल जस्सी के घर पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है। उनकी पत्नी डॉ. अमरजीत कौर जस्सी ने एक चाँद से बेटे को कल शाम बठिंडा के एक निजी हॉस्पिटल में जन्म दिया। वर्षों पश्चात डॉ. जस्सी के घर खुशियों का आगमन हुआ है। पाल होम्यो हस्पताल एण्ड रिसर्च सैंटर के संचालक डॉ. सुखपाल सिंह एवं डॉ. राजिन्द्र कौर ने जस्सी परिवार को बधाई दी है तथा नवजात शिशु की दीर्घायु की कामना की है।

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