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रविवार, 8 नवंबर 2009
नक्सली बंदूकों पर चीनी ठप्पा?
हथियारों पर है चीनी निशान
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भारत के गृह सचिव जी के पिल्लई का कहना है कि भारतीय माओवादियों और चीन के बीच सीधे संपर्क के कोई संकेत नहीं है पर नक्सलियों को मिल रहे हथियार के सप्लाई के तार चीन से जुड़े़ हो सकते है.
पत्रकारों के संगठन साफमा द्नारा आयोजित एक सम्मेलन में श्री पिल्लई ने कहां, “चीन का माओवादियों से संपर्क केवल शस्त्र सप्लाई हो सकता है.”
उन्होंने कहां दुनिया में छोटे हथियारों का व्यापार सबसे फायदेमंद व्यापार है. “मै वियेना शस्त्र संधि सम्मेलन में गया था जिसमें शस्त्र व्यापार को नियंत्रित करने पर चर्चा हो रही थी, और हम चाह रहे थे कि दुनिया के किसी भी कारखाने में जहां शस्त्रों का उत्पादन हो रहां है वहां हर हथियार पर एक विशिष्ट नंबर दिया जाए. आप को ये जानकर आश्चर्य होगा कि जिन देशो ने इसका विरोध किया वो थे चीन अमरीका पाकिस्तान और ईरान. बाकी सब राज़ी थे. क्यों कि ये चारों देश दुनिया के 80 प्रतिशत छोटो शस्त्रों की सप्लाई करते है जैसे एके 47, ऐसॉल्ट राइफलें, ग्रेनेड आदि.”
बातचीत के लिए तैयार
श्री पिल्लई का कहना था कि सरकार ने स्पष्ट किया है कि माओवादी हिंसा छोड़ते है तो सरकार बातचीत के लिए तैयार है. वे चाहे अपने हथियार अपने पास रख सकते है.
उनका ये भी कहना था कि चरमपंथी, पृथकतावादी तभी बातचीत के लिए लिए आते है जब वो दबाव में होते है. गृह मंत्री पी चिदंबरम अपना मत एक पत्र के ज़रिए पूर्व लोक सभा अध्यक्ष और सिटीज़न्स इनिशिएटिव फॉर पीस संगठन के रबि रे को लिख कर व्यक्त कर चुके है.
गृह सचिव का आरोप था कि नक्सली बेकसूर लोगों को पुलिस का भेदिया बता कर मार रहे है. पश्चिम बंगाल के लालगढ़ इलाके में नक्सलियों की बढ़ती हिंसा और राज्य सरकार की स्थिति को हाथ से निकल जाने देने की गृह सचिव ने आलोचना की.
श्री पिल्लई ने कहां कि सरकार नक्सलियों के खिलाफ़ कोई युद्ध नहीं छेड़ रही और नक्सल विरोधी कारवाई को ऑपरेशन ‘ग्रीन हंट’ के नाम से बुलाने को भी उन्होंने मीडिया की करतूत बताया.
मुझे ये समझ नहीं आता कि माओवादियों को एक सड़क या प्राथमिक शिक्षा केंद्र से क्या परेशानी हो सकती है.”
गृह सचिव का मानना था कि देश की आधी समस्या का हल पुलिस सुधारों के ज़रिए हो जाता और उसके नहीं होने से पुलिस महकमें का रवैया भी जैसा होना चाहिए वैसा नहीं है.
उनका कहना था,“जब तक देश के सभी राजनीतिक दल ये नहीं समझने लगेंगे कि नरेगा, किसानों की ऋण माफी जैसे कदमों की तरह ही पुलिस सुधार भी ज़रुरी है, ये समस्या बनी रहेगी.”
पिल्लई ने साथ ही कहां कि 65,000 अर्धसैनिक बलों की तैनाती जैसी सरकार की कोई मंशा नहीं है.
गृह मंत्री ने अगस्त में कहा था कि अर्धसैनिक बल, कोबरा बटालियन आदि का इस्तेमाल इस बड़ी संख्या में होगा. बयानों में इस तरह के अंतर से अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि शायद सरकार में नक्सलियों के खिलाफ़ कारवाई को लेकर अंतरद्वंद बना हुआ है.
वहीं सरकार की बातचीत की पेशकश को फिलहाल न नक्सली मान रहे है न नागरिक हितों के लिए काम कर रहे लोगों को सरकार की मंशा पर विश्वास है क्योंकि आंध्र प्रदेश में नक्सलियों से बातचीत के बीच उनके ख़िलाफ़ कारवाई को वो नहीं भूले है.
इस मुहिम के राजनीतिक असर को लेकर भी सरकार चिंतित है क्योंकि अभी ये स्पष्ट नहीं है कि आम आदमी इस मुहिम को किस तरह देखेगा.
दलाई लामा के स्वागत के लिए तवांग तैयार
तिब्बतियों के सर्वोच्च धार्मिक नेता दलाई लामा रविवार को बर्फीली चोटियों के बीच 10 हजार फुट की ऊंचाई पर प्राकृतिक सौंदर्य से लबरेज तवांग की धार्मिक यात्रा पर पहुंच रहे हैं। दलाई लामा की यह छठी अरुणाचल यात्रा है। पलक पांवड़े बिछे ठ्ठ दलाई लामा के स्वागत के लिए तवांग में जोरदार तैयारियां की गई हैं। उस स्थान को रंग-बिरंगे पोस्टरों और झंडों से सजाया गया है, जहां दलाई लामा 1959 में तिब्बत से भागने के बाद उतरे थे। मुख्यमंत्री ने खुद संभाली सुरक्षा ठ्ठ चीन और म्यामां के बीच स्थित सामरिक महत्व वाले इस क्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री दोरजी खांडू खुद तवांग में मौजूद हैं और उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था की पूरी कमान अपने हाथ में ले ली है, ताकि इस यात्रा को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराया जा सके। चीन को जाएगा करारा जवाब ठ्ठ अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा जताने वाला चीन दलाई लामा की इस यात्रा का विरोध कर रहा है। उनकी इस यात्रा से चीन को इस बारे में कड़ा संदेश जाएगा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है और उसके अतिथि दलाई लामा भारत में कहीं भी आने-जाने के लिए आजाद हैं। विदेशी पत्रकार कवर नहीं कर सकेंगे दौरा : दलाई लामा की तवांग यात्रा को कई विदेशी पत्रकार कवर नहीं कर सकेंगे। माना जा रहा है कि विदेश मंत्रालय विदेशी पत्रकारों को दलाई लामा के दौरे से दूर ही रखना चाहता है। इसीलिए विदेशी पत्रकारों को वहां जाने की अनुमति प्राप्त नहीं हो सकी है। हालांकि इस चाल की काट कुछ विदेशी मीडिया घरानों ने निकाल ली है। उन्होंने स्थानीय संवाददाताओं को
ही दलाई का दौरा कवर करने के लिए भेज दिया है। जिन विदेश पत्रकारों ने आवेदन किया था उनमें 14 भारत में रहते हैं और पांच विदेशों से आये है। भगवान की तरह हैं दलाई लामा : हिमालय स्टडीज एंड रिसर्च सेंटर के निदेशक लामा ताशी का कहना है, लोग दलाई लामा को भगवान की तरह मानते हैं, इसलिए किसी भी कोने से उनकी अरुणाचल यात्रा का विरोध नहीं होना चाहिए।
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news
एक मास्टर, वह भी हेडमास्टर
कमरे दुरुस्त, दीवारें चकाचक, विद्यार्थियों का भी टोटा नहीं, पूरे चार सौ। पर, पढ़ाई खाक होगी, पूरे स्कूल में आठ कक्षाओं के लिए एक ही शिक्षक है और वह भी हेडमास्टर। जी हां, शिक्षा व्यवस्था की संजीदगी देखनी है तो चले आइए सीतामढ़ी के सुप्पी प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय मोहिनी खुर्द। महकमे की कलई परत दर परत खुल जाएगी। जिले के सर्वाधिक पिछड़े इलाकों में शामिल सुप्पी का यह स्कूल हर दावे की धज्जियां उड़ाता चमचमाता खड़ा है। सरकारी नियमों के मुताबिक 60 छात्रों पर एक टीचर की तैनाती का प्रावधान है। पर, सुप्पी के इस स्कूल में 400 से अधिक बच्चों की शिक्षा की बागडोर सिर्फ एक शिक्षक के जिम्मे है। स्कूल का दुर्भाग्य रहा है कि यहां कभी भी पर्याप्त शिक्षकों की तैनाती हुई ही नहीं। तीन माह पूर्व यहां एक प्रधान शिक्षक के अलावा दो शिक्षकों पर पठन-पाठन का जिम्मा था। जैसे-तैसे स्कूली शिक्षा की गाड़ी चल रही थी। इसी बीच एक शिक्षक का तबादला हो गया और दूसरे सेवानिवृत हो गए। ऐसे में अब प्रधान शिक्षक ही स्कूल में बच गए हैं। जब विभागीय कार्य से प्रधान शिक्षक बाहर चले जाते हैं, तब स्कूल में ताला लटक जाता है। बच्चे छुट्टी मान लेते हैं। इधर, तीन दिनों से प्रधान शिक्षक इग्नू के प्रशिक्षण में जिला मुख्यालय में हैं, सो विद्यालय बंद ही चल रहा है। हैरत तो यह है कि शिक्षा महकमा इन बातों से अनजान मान कर पल्ला झाड़ रहा है। बीईईओ सिपाही प्रसाद यादव कहते हैं कि कुछ माह पहले ही उनकी नियुक्ति हुई है, इसलिए उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।
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cover story
Australia won by 6 wickets
Man of the match: Doug Bollinger
2nd Innings
AUS: 172/4 (41.5) RR: 4.11 1st Innings
IND: 170/10 (48) RR: 3.54 INDIA: 170/10 (48) RR: 3.54 1st Innings
Batting--RB4s6sS/RVirender Sehwag b Mitchell Johnson 6401150.00Age: 31Right Handed More..0.4 M Johnson to V Sehwag, The ball is too wide on the off side for Sehwag to make any contact. Wide signalled by Umpire Tarapore..Sachin Tendulkar c & b Doug Bollinger 10172058.82Age: 37Right Handed More..5.1 D Bollinger to S Tendulkar, OUT! CAUGHT AND BOWLED! Fuller length delivery on off stump, that one swung in, Tendulkar tries to play it away on the on side but gets a leading edge on that one back to Bollinger who takes it. India have lost their third wicket for 23..Gautam Gambhir b Mitchell Johnson 02000.00Age: 28Left Handed More..0.6 M Johnson to G Gambhir, OUT! BOWLED! Another inswinging delivery on off stump, Gambhir was beaten as he tried to cover the line and the off stump has been uprooted by Johnson. India have lost their second wicket for 7..Yuvraj Singh b Doug Bollinger 6161037.50Age: 28Left Handed More..7.6 D Bollinger to Y Singh, OUT! BOWLED! FREAK DISMISSAL! Fuller length delivery on the pads, Yuvraj Singh tried to flick it away on the on-side but misses, the ball lobs over his head, Yuvraj Singh has no idea where the ball has gone and tries to knock the ball away, but the ball hit his bat and landed on the stumps. India have lost their fourth wicket for 24..MS Dhoni lbw b Doug Bollinger 24771031.17Age: 28Right Handed More..30.1 D Bollinger to MS Dhoni, OUT! LBW! Fuller length delivery on off stump, Dhoni failed to make contact and was hit on the thigh. Umpire Tarapore declares Dhoni OUT. India have lost their sixth wicket for 75. That was a tough call for Dhoni. That was missing off stump..Suresh Raina c Nathan Hauritz b Mitchell Johnson 05000.00Age: 23Left Handed More..8.6 M Johnson to S Raina, OUT! CAUGHT! Fuller length delivery on the pads, Raina flicks it away straight into Hauritz's hands at silly mid-on. India have lost their fifth wicket for 27..Ravindra Jadeja c Cameron White b Doug Bollinger 571036055.34Age: 21Left Handed More..44.1 D Bollinger to R Jadeja, OUT! CAUGHT! Short delivery outside off, Jadeja miscues the ball straight to White at mid-on. India have lost their eighth wicket for 149..Harbhajan Singh b Doug Bollinger 02000.00Age: 29Right Handed More..30.3 D Bollinger to H Singh, OUT! BOWLED! PLAYED ON! Good length delivery on off stump, Singh plays at it without footwork and gets an inside edge on that one and it crashes into the stumps. India have lost their seventh wicket for 75..Praveen Kumar not out 545171105.88Age: 23Right Handed More..
.Ashish Nehra b Shane Watson 4120033.33Age: 31Right Handed More..47.4 S Watson to A Nehra, OUT! BOWLED! Good length delivery on middle, Nehra swung across the line and missed and the Middle Stump has just been uprooted by Watson. India have lost their ninth wicket for 170..Munaf Patel b Shane Watson 02000.00Age: 26Right Handed More..47.6 S Watson to M Patel, OUT! BOWLED! Good length delivery on off stump, Munaf went for the cut and lost his off stump. India have been bowled out for 170. THAT IS THE END OF THE FIRST INNINGS..Extras (b 1, lb 1, w 4, nb 3)9Total Score:170/10(48 Over)RR:3.54Fall of Wickets: 1-7 (Virender Sehwag, 0.4 Over) 2-7 (Gautam Gambhir, 1 Over) 3-23 (Sachin Tendulkar, 5.1 Over) 4-24 (Yuvraj Singh, 8 Over) 5-27 (Suresh Raina, 9 Over) 6-75 (MS Dhoni, 30.1 Over) 7-75 (Harbhajan Singh, 30.3 Over) 8-149 (Ravindra Jadeja, 44.1 Over) 9-170 (Ashish Nehra, 47.4 Over) 10-170 (Munaf Patel, 48 Over)
Bowling O M R W NB WD Eco
Mitchell Johnson 9 1 39 3 0 4 4.33
Doug Bollinger 10 4 35 5 3 0 3.5
Clint McKay 10 1 44 0 0 0 4.4
Nathan Hauritz 9 2 19 0 0 0 2.11
Shane Watson 8 0 27 2 0 0 3.37
Adam Voges 2 0 4 0 0 0 2
..AUSTRALIA: 172/4 (41.5) RR: 4.11 2nd Innings
Batting--RB4s6sS/RShane Watson c Virender Sehwag b Harbhajan Singh 4949100100.00Age: 28Right Handed More..18.6 H Singh to S Watson, OUT! TOP EDGE! Landed outside off, Watson went for the slog sweep and top edged it straight to Sehwag at slip. Australia have lost their second wicket for 85. THAT IS DRINKS..Shaun Marsh lbw b Munaf Patel 6141042.86Age: 26Left Handed More..4.3 M Patel to S Marsh, OUT! LBW! Fuller length delivery on middle, Marsh goes across and the ball strikes Marsh very low on the pads. Umpire Silva raises his finger. Australia have lost their first wicket for 24. That was a harsh call. It would have just clipped off stump..Ricky Ponting c Suresh Raina b Harbhajan Singh 25573043.86Age: 35Right Handed More..20.4 H Singh to R Ponting, OUT! CAUGHT! Landed on middle, Ponting tries to work it down the leg side, gets an inside edge on to his pad and Raina who makes no mistake at leg slip. Australia have lost their third wicket for 90..Cameron White lbw b Suresh Raina 25480052.08Age: 26Right Handed More..36.3 S Raina to C White, OUT! LBW! Landed on middle, White plays across the line and misses. The ball strikes White very low on the pads. Umpire Silva raises his finger. Australia have lost their fourth wicket for 143..Michael Hussey not out 35622056.45Age: 34Left Handed More..
.Adam Voges not out 232140109.52Age: 30Right Handed More..
.Mitchell Johnson -----Age: 28Left Handed More..
.Graham Manou -----Age: 31Right Handed More..
.Nathan Hauritz -----Age: 28Right Handed More..
.Doug Bollinger -----Age: 28Left Handed More..
.Clint McKay -----Age: 27Right Handed More..
.Extras (b 6, lb 2, w 1, nb 0)9Total Score:172/4(41.5 Over)RR:4.11Fall of Wickets: 1-24 (Shaun Marsh, 4.3 Over) 2-85 (Shane Watson, 19 Over) 3-90 (Ricky Ponting, 20.4 Over) 4-143 (Cameron White, 36.3 Over)
Bowling O M R W NB WD Eco
Praveen Kumar 2 0 10 0 0 0 5
Ashish Nehra 3 0 21 0 0 1 7
Munaf Patel 4 1 13 1 0 0 3.25
Ravindra Jadeja 10 1 36 0 0 0 3.6
Harbhajan Singh 10 1 23 2 0 0 2.3
Yuvraj Singh 7 1 29 0 0 0 4.14
Suresh Raina 3 0 13 1 0 0 4.33
Virender Sehwag 2 0 8 0 0 0 4
Sachin Tendulkar 0.5 0 11 0 0 0 13.2
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ENGLISH NEWS,
sports news
एक नदी सोना उगलती है
उस नदी के तट जो गुरबत में जी रहे वनवासियों के लिए सोना उगलती है। अभी नदी में पानी कम है। घुटने तक। बेतिया जिला मुख्यालय से सौ किमी दूर स्थित इस नदी में कुछ लोग मेड़ बना रहे हैं, कुछ बालू और कंक्रीट से सोना निकाल रहे हैं। सुनकर आश्चर्य हो रहा है, लेकिन बात है बिल्कुल सच। मेरे सामने खैरहनी दोन के परदेशी महतो, जीतन महतो, महेंद्र महतो, विशुन महतो और जमवंती देवी समेत कई लोग काठ के डोंगा, ठठरा, पाटा और पाटी के साथ नदी की धार से सोना निकाल रहे हैं। इसी बीच, परदेशी महतो जंगली पेड़ जिगरा की छाल के लेप से लबालब सतसाल की लकड़ी पर कुछ बालू और सोना लिए पहुंचे। साहब देखिए यह सोना है, यह है बालू। निकालने की तरकीब? पूछने पर बताते हैं-पहले नदी में मेड़ बांधते हैं, फिर डोगा लगाते हैं, तब उस पर ठठरा रखते हैं। पत्थर ठठरे के ऊपर, बालू डोगा के अंदर। फिर बालू की धुलाई। तब बालू सतसाल की काली लकड़ी पर, फिर धुलाई, तब जाकर दिनभर में निकलता है एक से दो रत्ती सोना। इतने पर बात खत्म नहीं होती। इसके आगे जानिए। सतसाल की पटरी से सोने के कण को उठाकर जंगली कोच के पत्ता पर सोहागा के साथ रखते हैं। आग में तपाते हैं, तब जाकर बिक्री लायक होता है यह सोना। दिनभर की कमाई एक से दो रत्ती सोना। यानी बिचौलिए खरीदारों से मिलने वाले दो या ढाई सौ रुपये। वनवासियों के मुताबिक गांव में ही सेठ साहूकार आकर इन्हें खरीद लेते हैं। दर पूछने पर बताते हैं, ये लोग जो देते हैं, उतने में ही बेच देते हैं। मालूम हो कि हिमालय की तलहटी से निकली यह नदी नेपाल की पहाडि़यों से होकर वाल्मीकिनगर में सोनाहां व हरनाटांड़ से लेकर रामनगर प्रखंड के दोन इलाकों में कहीं पचनद तो कहीं हरहा के नाम से जानी जाती है। नदी में मिलने वाले सोने के कण को गर्दी दोन, खैरहनी,कमरछिनवा दोन, पिपरहवा, मजुराहा व वाल्मीकिनगर के अलावा कई सीमावर्ती गांवों के लोगों के लिए कुछ माह तक रोजगार देते हैं।
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cover story
इस स्कूल में खिलता है सर्वधर्म समभाव
बठिंडा( डॉ सुखपाल)- अलिफ, बे, ते, पे..ए, बी, सी..उड़ा, एड़ा, इड़ी, ससा..अ, आ, इ..! आप यह कतई न समझें कि आपको उर्दू, अंग्रेजी, पंजाबी, हिंदी भाषाओं के वर्ण सिखाए जा रहे हैं। बात हो रही है यहां के एक ऐसे स्कूल की, जिसमें तमाम भाषाएं मुफ्त सिखाई जाती हैं। एक इस्लामिक संगठन द्वारा संचालित इस स्कूल में मुसलमानों के अलावा हिंदू, सिख समेत कई धर्मो के बच्चे पढ़ते हैं। इसमें पढ़ाई के साथ-साथ सांप्रदायिक सद्भाव का कमल खिल रहा है। आवा बस्ती स्थित ईदगाह परिसर में पांच कमरों में चल रहे हाजीरतन इस्लामिया सर्वधर्म सांझा स्कूल में केंद्रीय विद्यालय नं.1 का जमा एक का विद्यार्थी आदिल बराड़ भी आता है। कहता है, मैं भविष्य में एमए उर्दू व अरबी की जरूरत को देखते हुए यहां से शिक्षा ले रहा हूं। इसके अलावा सभी धर्मो के लोगों को एक ही छत के नीचे अलग-अलग भाषाओं का ज्ञान हासिल करते देखना बेहद सौहार्दपूर्ण लगता है। हिंदू विद्यार्थी शेखर कुमार कहता है, उर्दू ज्ञान की वजह से ईदगाह में आने की मेरी झिझक दूर हुई है। अज्ञानता से उबरने के लिए लोग स्कूलों का रुख करते हैं, जहां डिग्री-डिप्लोमाधारक नागरिक जन्म लेते हैं। परंतु सही मायने में मानवीय मूल्यों का ज्ञान ही इंसान बनाता है। इस विचार का अनुसरण करते हुए मुस्लिम ह्यूमन वेलफेयर सोसाइटी ने यह स्कूल खोला। इसमें उर्दू, फारसी, अरबी के अतिरिक्त हिंदी, पंजाबी, अंग्रेजी का अक्षर ज्ञान नि:शुल्क प्रदान किया जाता है।इस स्कूल का नींव पत्थर 24 अक्टूबर 2006 को प्रदेश के तत्कालीन वित्तमंत्री सुरेंद्र सिंगला ने रखा था। इमारत के नाम पर यहां महज पलस्तर किए पांच कमरों में से दो में ही खिड़की-दरवाजे लगे हैं। स्कूल की शक्लो-सूरत पर न जाएं बल्कि यहां दी जाने वाली नसीहत पर गौर फरमाएं। दोपहर बाद 3.30 से सायं 6 बजे तक लगने वाले स्कूल में मौलवी मोहम्मद असगर अली, सैयद फरीदूद्दीन, हाफिज मोहम्मद सलीम एवं शानेआलम बच्चों को भाषाएं पढ़ाते हैं। सोसाइटी की कोशिशों का ही नतीजा है कि बीते सितंबर की 24 तारीख को शुरू हुए इस स्कूल में संजय नगर, आवा बस्ती समेत आसपास के इलाके से लगभग 50 बच्चे पढ़ने आते हैं। मुस्लिम ह्यूमन वेलफेयर सोसाइटी के प्रधान सुखदेव खान बताते हैं कि सीमित संसाधनों के चलते आधी-अधूरी बिल्डिंग में शिक्षण कार्य चलाया जा रहा है। बाकी निर्माण कार्य बकरीद के बाद, 28 नवंबर से शुरू कर इसेएक बेहतरीन स्कूल बनाया जाएगा। इसमें अप्रैल 2010 से नर्सरी, यूकेजी, एलकेजी की कक्षाएं भी शुरू कर दी जाएंगी। सुबह व शाम, दोनों समय स्कूल लगेगा। काजी-ए-शहर मौलवी मोहम्मद रमजान फरमाते हैं कि उर्दू महज मुसलमानों की भाषा नहीं, बल्कि इसका सृजन तो बाबर के हिंदुस्तान आगमन पर अरबी, फारसी व संस्कृत के संगम से हुआ है। एक ही छत तले सभी भाषाओं का ज्ञान देने का मकसद दुनियावी तालीम के माध्यम से सांप्रदायिक सद्भाव बढ़ाना है। हर मजहब में आपस में प्रेमभाव बढ़ाने का पाठ तो है पर इस पर क्रियान्वयन लाजिमी है। विगत में पटवारी, कानूनगो के लिए उर्दू ज्ञान अनिवार्य होने पर उनके मन में चल रहे उर्दू के प्रचार-प्रसार के ख्याल को इन्होंने इस स्कूल के रूप में अमली जामा पहनाया।
दमे के मरीजों का निकाल देता है दम
पराली का धुआं व्यक्ति को निचोड़ देता है। मैं तो पराली जलने के दिनों में अपने कमरे में बंद रहना पसंद करता हूं। पीएयू लुधियाना के पूर्व डीन डा. एचएस गरचा का यह कथन पराली के धुएं की विकरालता बताने के लिए काफी है। जनस्वास्थ्य पर इसके प्रभाव का पूरा ब्योरा आते-आते आएगा, लेकिन प्रदेश के तमाम अस्पतालों में इसके कारण होने वाली बीमारियों से पीडि़त लोगों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। अमृतसर के इस्लामाबाद निवासी सुरेश को उसका बेटा डाक्टर के पास दिखाने के लिए लाया है। सुरेश का खांस-खांस कर बुरा हाल है। उससे सांस भी नहीं लिया जा रहा। उसका यह हाल मौजूदा समय के कारण हुआ है। यही हालत झब्बाल के पास रहने वाले सुखचैन की है। वह भी अपने भाई के साथ अस्पताल में जांच के लिए आया है। उसने डाक्टर को बताया कि इन दिनों हर वर्ष उसकी हालत इतनी खराब हो जाती है कि वह ठीक से सांस भी नहीं ले सकता। ऐसे दर्जनों ही मरीज इन दिनों अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंच रहे है। इसका मुख्य कारण है कि पराली जलाने से निकलने वाले धुएं ने वातावरण को खराब कर दिया है। यह धुआं धुंध के साथ मिल कर स्मॉग का रूप धारण कर रहा है। एकत्र जानकारी के अनुसार, प्रदेश के केंद्रीय जोन के मुख्य हिस्सों अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला, शहीद भगत सिंह नगर, गुरदासपुर, रोपड़, बठिंडा का कुछ भाग, संगरूर, मोगा, फिरोजपुर के कुछ हिस्से में पराली धड़ल्ले से जलाई जा रही है। इससे जनस्वास्थ्य को बहुत नुकसान होता है। इंडियन अकादमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के पंजाब चैप्टर के पूर्व अध्यक्ष एवं ईएसआई अस्पताल (लुधियाना) के बाल रोग विशेषज्ञ डा. राजिंदर गुलाटी का कहना है कि पराली के धुएं से बच्चों को छाती संबंधी बीमारियां हो जाती हैं। एसपीएस अपोलो अस्पताल (लुधियाना) के कंसल्टेंट डा. दिनेश गोयल का कहना है कि दमे के मरीजों के लिए तो मौत को दावत देने वाली स्थिति बन जाती है। ठंड होने से रात का तापमान गिरता है और धुआं नीचे आ जाता है। इससे दमा रोगियों को अटैक की आशंका प्रबल हो जाती है। इन दिनों दमा, खांसी, जुकाम से पीडि़त लोगों की संख्या दुगुनी हो रही है। चर्मरोग विशेषज्ञ डा. जसतिंदर कौर गिल ने बताया कि इन दिनों त्वचा रोग व एलर्जी होने की आशंका बनी रहती है। त्वचा रूखी-सूखी हो जाती है। नेत्र रोग विशेषज्ञों डा. जीएस धामी व डा. अनुराग बांसल का मानना है, यह धुआं आंखों में जलन पैदा करता है। आंखों में दर्द के साथ-साथ पानी बहने लगता है। सिर दर्द भी रहता है। ऐसे में व्यक्ति थका-थका महसूस करता है। डीएमसी अस्पताल के डा. बीएस औलख ने कहा कि यह धुआं फेफड़ों तक पहुंच जाता है, जिससे फेफड़े धीरे-धीरे काले होने शुरू हो जाते हैं और व्यक्ति अस्वस्थ महसूस करता है। देखने में आ रहा है कि लोगों ने सैर करनी कम कर दी है, क्योंकि सुबह-शाम धुएं की चादर आबोहवा पर बिछी रहती है। पता चला है कि अकेले बठिंडा सिविल अस्पताल की औसतन 750 मरीजों वाली ओपीडी में हर रोज इन तमाम बीमारियों से पीडि़त होकर 200 लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं। प्राइमरी हेल्थ सेंटरों और सब डिवीजन व प्राइवेट अस्पतालों को मिलाकर यह गिनती औसतन 500 का आंकड़ा भी पार कर रही है। प्रदेश भर में यह आंकड़ा कई हजार हो गया है। बठिंडा के बाल रोग विशेषज्ञ डा. सतीश जिंदल कहते हैं कि पिछले चार-पांच दिनों में उनके पास सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन और त्वचा की खुजली से पीडि़त ज्यादा बच्चे पहुंच रहे हैं। तकरीबन 80 फीसदी बच्चे प्रदूषण जनित रोगों की चपेट में आ रहे हैं। डा. रमेश माहेश्वरी एवं डा. परमिंदर बांसल ने कहा कि अगर ज्यादा दिनों तक प्रदूषण भरा वातावरण जारी रहा तो अस्थमा के मरीज को पहले तो सांस लेने में अत्यधिक तकलीफ होगी। बीमारी का असर बढ़ेगा तो फेफड़ों के खराब होने की आशंका प्रबल हो जाएगी। अमृतसर के चमड़ी रोग विशेषज्ञ डा. केजेएस पुरी के अनुसार हवा में मौजूद एसपीएम से चमड़ी पर लाल धब्बे पड़ जाते है। इन पर खारिश करने से इन दानों में पस पड़ जाती है। जो पीड़ादायक होते हंै। डाक्टरों ने इन बीमारियों से बचने के लिए लोगों को सोने से पहले स्टीम लेने की सलाह दी है। आंखों की बीमारियों से बचने के लिए आंखों पर चश्मा पहन कर रखे।
कहां से आई है यह जहरीली धंुध
जहरीला हुआ मौसम ..
सुबह आंख खुली तो चारों तरफ घनी धुंध नजर आई। बात कुछ चौंकाने वाली थी। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक जैसी स्थिति थी-ठंड तनिक भी नहीं, लेकिन धुंध घनी। कुछ लोगों ने इसे मौसम में अचानक बदलाव माना। लेकिन जब आंखों में जलन और सांस लेने में कुछ असहज महसूस हुआ तो अधिकांश लोगों के सामने सवाल कौंधा-कहीं यह जयपुर इंडियन आयल कारपोरेशन के टर्मिनल में आग से नौ दिनों तक उठते रहे धुएं के गुबार का असर तो नहीं है। बहरहाल वजह जो भी हो, लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं कि यह धुंध जहरीली है, सेहत पर खतरनाक असर डालेगी और अन्य मुश्किलें भी बढ़ाएगी। गाजियाबाद में शनिवार को इसी धंुध की भेंट चढ़ गए रेलवे के पांच रेल कर्मी। देख न पाने के कारण जन शताब्दी से कट गए। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में धुंध ऐसी थी, जैसे धुएं के बादल छाए हुए हों। लोगों ने पहले तो इसे मौसम में बदलाव समझा। लेकिन दस बजे तक भी धुंध नहीं छंटी। इसके साथ ही लोगों को आंखों में जलन व सांस लेने में परेशानी भी महसूस हुई। दोपहर बाद तक आसमान में सूर्य की चमक बेहद फीकी रही। लोग इसे जयपुर अग्निकांड से जोड़कर देख रहे हैं। दिल्ली के जीटीबी अस्पताल प्रशासन के मुताबिक दर्जनों लोग आंखों में जलन की समस्या को लेकर पहुंचे, जबकि लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में भी करीब ढाई दर्जन लोग ऐसे ही थे। वेलकम आरडब्लूए के सदस्य शेखर ने बताया कि क्षेत्र में कई बुजुर्गो को सांस की तकलीफ सामने आई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से लगे मेरठ के मोदीपुरम में शनिवार सुबह धुंध के बीच लोगों को सांस लेने में तकलीफ और जलन महसूस हुई। अलीगढ़ में भी शनिवार को धुंध रही लेकिन ठंड का कोई अहसास नहीं था। सांस लेने में जरूर थोड़ी दिक्कत महसूस हो रही थी। शहर के आगरा रोड, मथुरा रोड, जीटी रोड, दिल्ली रोड भी धुंध की चपेट में रहे। पंजाब में पिछले दो दिनों से छाई धुंध को लेकर लोग दहशतजदा हैं। उन्हें ऐसे हालात में तेजाबी बारिश का डर सता रहा है। गेहूं की बुवाई के लिए इसे ठीक नहीं माना जा रहा है। अमृतसर में दृश्यता (विजिबिलिटी) सबसे कम 50 से 200 मीटर तक आंकी गई। अमृतसर में मौसम विज्ञानियों ने आशंका जताई है कि धंुध का प्रकोप अगले तीन-चार दिनों तक बना रह सकता है। धंुध के कारण कई : जयपुर के इंडियन आयल कारपोरेशन के टर्मिनल (आईओसी) के 11 टैंकों में लगी आग भी हो सकती है धुंध की वजह। क्योंकि यहां से उठे धुएं के गुबार 30-40 किमी तक दूर से देखे जा रहे थे। पराली की आग : पराली यानी कटी फसल का खेत में मौजूद अवशेष। धान की फसल में इस्तेमाल किए गए कीटनाशकों में 33 फीसदी मात्रा में सल्फर व नाइट्रोजन मौजूद रहता है। इसके जला देने से यह वातावरण में घुल कर उसे जहरीला बना देता है। कार्बनडाईआक्साइड व कार्बन मोनो आक्साइ़ड की मात्रा बढ़ जाती है। सल्फर की मात्रा वायुमंडल में बढ़ने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बढ़ जाती हैं। -वाहनों और थर्मल प्लांट से निकलने वाला धुआं। इसलिए है घातक : धुंध में नाइट्रोजन आक्साइड, सल्फर डाई आक्साइड, कार्बन मोनो आक्साइड और एस्बेस्टस तत्वों और गैसों के रासायनिक कण होते हैं सेहत पर चोट : सांस लेने में तकलीफ, कफ, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, न्यूमोनिया, सिरदर्द, सीने में दर्द, फेफड़ों का कैंसर, आंख में जलन, श्र्वास नलिका में अवरोध, ध्यान केंद्रित न कर पाना, एलर्जी -धुंध के कारण शरीर में बैक्टीरिया और वायरस के संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है -अस्थमा के मरीज, वृद्ध और बच्चों पर ज्यादा असर कर सकते हैं बचाव -अधिक जल का सेवन करें -आंखों को बार-बार धोएं -धूम्रपान से करें परहेज -चश्मा पहनकर ही बाहर निकलें -प्रतिदिन दो बार खाने के बाद 10-20 ग्राम गुड़ का सेवन करें -सांस फूलने, आंखों में जलन की शिकायत होने पर तत्काल डाक्टर से संपर्क करें -विटामिन-ई का सेवन अधिक करें, जो गेहूं, चना, सब्जियों और वनस्पति तेल में पाया जाता है। यह प्रमुख रूप से कोशिकाओं पर होने वाले नुकसान को रोकता है। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा देता है।
सुबह आंख खुली तो चारों तरफ घनी धुंध नजर आई। बात कुछ चौंकाने वाली थी। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक जैसी स्थिति थी-ठंड तनिक भी नहीं, लेकिन धुंध घनी। कुछ लोगों ने इसे मौसम में अचानक बदलाव माना। लेकिन जब आंखों में जलन और सांस लेने में कुछ असहज महसूस हुआ तो अधिकांश लोगों के सामने सवाल कौंधा-कहीं यह जयपुर इंडियन आयल कारपोरेशन के टर्मिनल में आग से नौ दिनों तक उठते रहे धुएं के गुबार का असर तो नहीं है। बहरहाल वजह जो भी हो, लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं कि यह धुंध जहरीली है, सेहत पर खतरनाक असर डालेगी और अन्य मुश्किलें भी बढ़ाएगी। गाजियाबाद में शनिवार को इसी धंुध की भेंट चढ़ गए रेलवे के पांच रेल कर्मी। देख न पाने के कारण जन शताब्दी से कट गए। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में धुंध ऐसी थी, जैसे धुएं के बादल छाए हुए हों। लोगों ने पहले तो इसे मौसम में बदलाव समझा। लेकिन दस बजे तक भी धुंध नहीं छंटी। इसके साथ ही लोगों को आंखों में जलन व सांस लेने में परेशानी भी महसूस हुई। दोपहर बाद तक आसमान में सूर्य की चमक बेहद फीकी रही। लोग इसे जयपुर अग्निकांड से जोड़कर देख रहे हैं। दिल्ली के जीटीबी अस्पताल प्रशासन के मुताबिक दर्जनों लोग आंखों में जलन की समस्या को लेकर पहुंचे, जबकि लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में भी करीब ढाई दर्जन लोग ऐसे ही थे। वेलकम आरडब्लूए के सदस्य शेखर ने बताया कि क्षेत्र में कई बुजुर्गो को सांस की तकलीफ सामने आई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से लगे मेरठ के मोदीपुरम में शनिवार सुबह धुंध के बीच लोगों को सांस लेने में तकलीफ और जलन महसूस हुई। अलीगढ़ में भी शनिवार को धुंध रही लेकिन ठंड का कोई अहसास नहीं था। सांस लेने में जरूर थोड़ी दिक्कत महसूस हो रही थी। शहर के आगरा रोड, मथुरा रोड, जीटी रोड, दिल्ली रोड भी धुंध की चपेट में रहे। पंजाब में पिछले दो दिनों से छाई धुंध को लेकर लोग दहशतजदा हैं। उन्हें ऐसे हालात में तेजाबी बारिश का डर सता रहा है। गेहूं की बुवाई के लिए इसे ठीक नहीं माना जा रहा है। अमृतसर में दृश्यता (विजिबिलिटी) सबसे कम 50 से 200 मीटर तक आंकी गई। अमृतसर में मौसम विज्ञानियों ने आशंका जताई है कि धंुध का प्रकोप अगले तीन-चार दिनों तक बना रह सकता है। धंुध के कारण कई : जयपुर के इंडियन आयल कारपोरेशन के टर्मिनल (आईओसी) के 11 टैंकों में लगी आग भी हो सकती है धुंध की वजह। क्योंकि यहां से उठे धुएं के गुबार 30-40 किमी तक दूर से देखे जा रहे थे। पराली की आग : पराली यानी कटी फसल का खेत में मौजूद अवशेष। धान की फसल में इस्तेमाल किए गए कीटनाशकों में 33 फीसदी मात्रा में सल्फर व नाइट्रोजन मौजूद रहता है। इसके जला देने से यह वातावरण में घुल कर उसे जहरीला बना देता है। कार्बनडाईआक्साइड व कार्बन मोनो आक्साइ़ड की मात्रा बढ़ जाती है। सल्फर की मात्रा वायुमंडल में बढ़ने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बढ़ जाती हैं। -वाहनों और थर्मल प्लांट से निकलने वाला धुआं। इसलिए है घातक : धुंध में नाइट्रोजन आक्साइड, सल्फर डाई आक्साइड, कार्बन मोनो आक्साइड और एस्बेस्टस तत्वों और गैसों के रासायनिक कण होते हैं सेहत पर चोट : सांस लेने में तकलीफ, कफ, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, न्यूमोनिया, सिरदर्द, सीने में दर्द, फेफड़ों का कैंसर, आंख में जलन, श्र्वास नलिका में अवरोध, ध्यान केंद्रित न कर पाना, एलर्जी -धुंध के कारण शरीर में बैक्टीरिया और वायरस के संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है -अस्थमा के मरीज, वृद्ध और बच्चों पर ज्यादा असर कर सकते हैं बचाव -अधिक जल का सेवन करें -आंखों को बार-बार धोएं -धूम्रपान से करें परहेज -चश्मा पहनकर ही बाहर निकलें -प्रतिदिन दो बार खाने के बाद 10-20 ग्राम गुड़ का सेवन करें -सांस फूलने, आंखों में जलन की शिकायत होने पर तत्काल डाक्टर से संपर्क करें -विटामिन-ई का सेवन अधिक करें, जो गेहूं, चना, सब्जियों और वनस्पति तेल में पाया जाता है। यह प्रमुख रूप से कोशिकाओं पर होने वाले नुकसान को रोकता है। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा देता है।
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चह्वाण को छूट, हुड्डा को नहीं
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण में भले ही कांग्रेस के दिग्गजों के बेटा-बेटी बाजी मार ले गए हों, लेकिन मंत्रिमंडलीय सदस्यों को चुनते वक्त मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण ने उनमें से किसी को भाव नहीं दिया। चुनाव परिणामों के 17 दिनों बाद गठित हुई सरकार को देख कर लगता है कि कांग्रेस हाईकमान ने चह्वाण को सरकार बनाने और चलाने की पूरी छूट दी है। महाराष्ट्र की 13वीं विधानसभा के लिए शनिवार को कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के कुल 38 मंत्रियों ने शपथ ली। कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण समेत 12 कैबिनेट एवं छह राज्य मंत्रियों तथा राकांपा की ओर से उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल समेत 15 कैबिनेट एवं पांच राज्य मंत्रियों ने शपथ ली। पांच मंत्रियों का शपथ ग्रहण अभी बाकी है। इसी में छिपा है कांग्रेस- राकांपा का झगड़ा। राकांपा पांच में से एक पर अभी भी कब्जा मान रही है, जबकि कांग्रेस सभी रिक्त पद अपने कोटे के बता रही है। मंत्रिमंडल में कांग्रेस-राकांपा दोनों ने कई नए चेहरों को जगह दी है। राकांपा के मंत्रियों एवं उनकी कुल संख्या देख कर लगता है कि अगले पूरे पांच साल वह कांग्रेस पर दबाव बनाए रखना चाहती है। राकांपा की इस मंशा से निपटने के लिए ही शायद कांग्रेस हाईकमान ने मुख्यमंत्री को उनकी मर्जी का मंत्रिमंडल गठित करने की छूट दी है, ताकि वे किसी भी प्रकार के दबाव से मुक्त होकर सरकार चला सकें। चह्वाण ने अपने मंत्रिमंडल में किसी दिग्गज नेता के पुत्र या पुत्री को जगह नहीं दी है। माना जा रहा था कि राहुल की युवा ब्रिगेड तैयार करने के लिए अशोक इस बार केंद्रीय मंत्रियों सुशील कुमार शिंदे, विलासराव देशमुख एवं राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के पुत्र-पुत्रियों को कम से कम राज्य मंत्री तो बनाएंगे ही। नारायण राणे, पतंगराव कदम या पूर्व मुख्यमंत्री देशमुख के समर्थकों को भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। चह्वाण ने अपने करीब आधा दर्जन समर्थकों को मंत्रिमंडल में लेकर महाराष्ट्र की मराठा राजनीति में ताकत बढ़ाने के संकेत दे दिए हैं। यह और बात है कि देशमुख व राणे जैसे छत्रपों से उन्हें पार्टी में ही तगड़ी टक्कर मिलती रहने की पूरी संभावना है। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे एवं मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष कृपाशंकर सिंह को गत लोस एवं विस चुनावों में अच्छा परिणाम दिलवाने के बावजूद मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली। कृपाशंकर को मुंबई में उत्तर भारतीयों के प्रतिनिधि के रूप में मंत्रिमंडल में लिए जाने की उम्मीद थी पर चह्वाण ने संगठन की जिम्मेदारी के बहाने उन्हें किनारे कर दिया। उन्होंने पिछली सरकार में गृह राज्य मंत्री रहे उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर (अकबरपुर) जिले के मूल निवासी मोहम्मद आरिफ नसीम खान को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देकर एक ही व्यक्ति से उत्तर भारतीय एवं मुस्लिम दोनों कोटों का काम चला लिया।
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दिल्ली-एनसीआर पर छाई धुंध
अभी गुलाबी ठंढ ही शुरू हुई है लेकिन दिल्ली-एनसीआर और आसपास के क्षेत्र में छाई धुंध ने कोहरे का भ्रम पैदा कर दिया। मौसम के जानकार इसे प्रदूषणजनित धुंध बता रहे हैं। धुंध से घिरे राजपथ पर वाहनों की गति धीमी रही।
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कार में सवार दो व्यक्तियों की मौत
डबवाली( डॉ सुखपाल)- गांव अलीकां नहर के पास शुक्रवार रात को एक कार को अज्ञात वाहन टक्कर मारकर फरार हो गया। कार में सवार दो व्यक्तियों की मौका पर ही मौत हो गई। प्राप्त जानकारी अनुसार गांव गोदीकां का रामकुमार पुत्र नानू राम अपनी पारिवारिक कार से डबवाली में गेहूं का बीज लेने के लिए आया हुआ था। शाम को वापिस गांव लौट रहा था और उसके साथ उन्हीं के गांव का राय सिंह पुत्र भागीरथ भी था। वह भी बीज लेकर गांव लौट रहा था। उनकी कार जैसे ही गांव अलीकां की नहर के नजदीक पहुंची तो कोई अज्ञात वाहन कार से टक्कर मारकर फरार हो गया। कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। मौका पर ही रामकुमार और राय सिंह की मौत हो गई। इस दुर्घटना की सूचना पाकर मौका पर पहुंची पुलिस एम्बूलैंस ने क्षतिग्रस्त कार में से दोनों को निकाला और सिविल अस्पताल डबवाली पहुंचाया। शनिवार सुबह पोस्टमार्टम करवाने के बाद पुलिस ने शव उनके वारिसों को सौंप दिये। थाना शहर पुलिस ने अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज करके आगामी कार्यवाही शुरू कर दी है।
प्राईवेट बस पलटने से करीब 3 दर्जन, सवारियां घायल
डबवाली( डॉ सुखपाल)- गांव फरीदकोट और गांव बांडी के बीच शनिवार सुबह एक प्राईवेट बस पलटने से करीब 3 दर्जन सवारियां घायल हो गई। घायलों में अधिकांश स्कूली विद्यार्थी शामिल हैं। घायलों को उपचार के लिए बठिण्डा, बादल और डबवाली के विभिन्न प्राईवेट अस्पतालों में लेजाया गया।
प्राप्त जानकारी अनुसार आहलुवालिया बस सर्विस की मिनी बस शनिवार सुबह मण्डी किलियांवाली से बठिण्डा के लिए अपने तय समयानुसार चली थी। बस में मण्डी किलियांवाली सहित गांव फरीदकोट, गांव फरीदकोट कोटली सहित अन्य गांवों की करीब 150 सवारियां थी। बताते हैं कि जैसे ही बस गांव फरीदकोट और बांडी के बीच पहुंची तो धुंध की वजह से अचानक बांडी साईड से आई एक ट्रेक्टर-ट्राली से टकराकर दो-तीन पलटे खाती हुई एक खेत में जा गिरी।
बस के खेत में गिरते ही बस में सवार सवारियों में हड़कम्प मच गया। जबकि बस का ड्राईवर राजा निवासी ख्योवाली व परिचालक निन्द्र सिंह निवासी बांडी भाग खड़े हुए। ट्रेक्टर चालक गुरसेवक सिंह पुत्र नछत्तर सिंह निवासी बांडी ने बस में फंसे विद्यार्थियों को बाहर निकालना शुरू किया। इधर गांव बांडी और फरीदकोट कोटली के गुरूद्वारा में इस घटना की सूचना पाकर गांव वासी भारी संख्या में मौका पर पहुंचे और बस में फंसे गांव बांडी के सरकारी हाई स्कूल, गुरूनानक हाई स्कूल और दशमेश पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों को बाहर निकाला। इस मौके पर बस में सवार सरकारी हाई स्कूल के 10वीं कक्षा के छात्र सुखपाल सिंह पुत्र कर्मजीत सिंह ने बस में सवार सवारियों को बाहर निकालने में विशेष योगदान दिया। हालांकि वह स्वयं भी घायल था।
घायलों में विद्यार्थी राजवीर सिंह पुत्र गुरपाल सिंह (8वीं), गगनदीप सिंह पुत्र कौरजीत सिंह बैनीवाल (9वीं), जशनदीप सिंह पुत्र कौर जीत सिंह (8वीं), कुलदीप सिंह पुत्र बलकरण सिंह (8वीं), कुलदीप सिंह पुत्र जगसीर सिंह (8वीं), प्रदीप कुमार पुत्र सोहन लाल, सुखपाल सिंह पुत्र कर्मजीत सिंह, गुरमीत सिंह पुत्र तरसेम सिंह, जसप्रीत सिंह पुत्र दर्शन सिंह, सुखपाल सिंह (10वीं), अमनदीप कौर (10वीं) निर्मल सिंह (8वीं), गुरमीत सिंह (9वीं), मनप्रीत कौर (8वीं), सतवीर कौर (9वीं), जसवन्त सिंह (6वीं), राजदीप सिंह (10वीं), प्राईमरी अध्यापिका कुलदीप कौर निवासी डबवाली, महिला गुरविन्द्र कौर पत्नी बूटा सिंह निवासी फरीदकोट आदि शामिल हैं। घायलों को उपचार के लिए गांव बादल, बठिण्डा तथा डबवाली के निजी अस्पतालों में दाखिल करवाया गया है।
अधिकांश विद्यार्थी होते हैं शामिल
गांव फरीदकोट एवं कोटली के निवासी कौर जीत सिंह, दर्शन सिंह, डॉ. विनोद, भोला सिंह, तेजा सिंह, जुल्फी खान आदि ने बताया कि उनके गांवों में बने स्कूल प्राईमरी तक हैं। जिसके चलते मिडिल व उच्च शिक्षा के लिए उन्हें साथ लगते गांवों में जाना पड़ता है। पिछले दिनों बठिण्डा संसदीय क्षेत्र से सांसद हरसिमरत कौर बादल को भी इस समस्या से अवगत करवाया गया था। लेकिन उनकी बात को नहीं सुना गया। उनके अनुसार हर वर्ष ही इस प्रकार की दुर्घटना होती है। उन्होंने यह भी मांग की कि सरकार को चाहिए कि वे इस रूट पर बच्चों के लिए स्पैशल बस चलाये, ताकि बसों में सवारियों की भीड़ न बढ़े और बच्चे सुरक्षित स्कूल तक तथा स्कूल से घर तक पहुंच सकें।
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