डबवाली(यंग फ्लेम)क्षेत्र के गांव चोरमार के गुरुद्वारा के सरोवर में एक महिला ने ंसंदिग्ध परिस्थितियों में कूदकर अपनी जान दे दी। मृतक जसपाल कौर (45) पत्नी नत्था सिंह गांव चोरमार की रहने वाली थी। आज सुबह गुरुद्वारा में रहने वालों में सरोवर में महिला का शव पड़ा देखा। इसकी सूचना ओढ़ां पुलिस को दी तो पुलिस मौके पर पहुंची तथा शव को सरोवर से बाहर निकाला जिसकी पहचान जसपाल कौर पत्नी नत्था सिंह के रूप में हुई। मृतका के पति नत्था सिंह ने पुलिस को बताया कि बीती शाम जसपाल कौर डाक्टर के पास दवा लेने का नाम लेकर घर से गई थी मगर वापस नहीं लौटी। वे रात भर उसकी तलाश करते रहे मगर कोई सफलता नहीं मिली। आज सुबह ही गुरुद्वारा के जलघर में उसका शव मिला। नत्था सिंह ने यह भी बताया कि जसपाल कौर पिछले कुछ समय से मानसिक रूप से परेशान थी। संभवत: उसी परेशानी के चलते उसने सरोवर में कूदकर अपनी जान दे दी। ओढ़ां थाना के पुलिस अधिकारी सुभाष ने बताया कि मृतका के पति के बयान पर धारा 174 के तहत कार्रवाई की गई है तथा पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।
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शनिवार, 25 जून 2011
गुरुद्वारा के सरोवर में महिला की मौत
डॉक्टर के पास दवा लेने की बात कहकर गई थी घर से
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फ्री कोचिंग की निकल गई हवा, आधे से भी कम रह गए विद्यार्थी
डबवाली (यंग फ्लेम) हरियाणा सरकार की ओर से विज्ञान विषय की फ्री कोचिंग देने की योजना की बीच में ही हवा निकल गई है। सिरसा जिले में तो कोचिंग लेने वाले बच्चों की संख्या आधी से भी कम रह गई है। जिले के विभिन्न स्कूलों में चल रही मैथ, फिजिक्स, कैमेस्ट्री व बायोलॉजी की कोचिंग का जायजा लेने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की ओर से जब निरिक्षक ने जब इन फ्रि चल रही कोचिंग कक्षाओं का दौरा किया तो कोचिंग कक्षाओं में बच्चों की संख्या देखकर हैरान रह गए क्योंकि सभी कक्षाओं में लगभग 650 विद्यार्थी ही मौजूद थे जबकि कोचिंग देने वाली संस्था को 1470 बच्चों की लिस्ट दी गई थी। बच्चों की कम संख्या मिलने के कारण निरिक्षक ने पिछला पूरा रिकार्ड जांच के लिए मांगा है। इसके साथ ही कोचिंग दे रहे शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता का रिकार्ड भी मांगा है। निरिक्षक के अनुसार सरकार ने 11वीं-12वीं के विज्ञान विषय के बच्चों को गर्मियों में एक जून से नि:शुल्क कोचिंग देने का अभियान शुरू किया था जो 30 जून तक चलेगा। प्रथम दिन तो लगभग 1400 विद्यार्थी कोचिंग लेने आए थे मगर बाद में धीरे-धीरे संख्या कम होती गई।
शिक्षकों में अनुभव की कमी
कोचिंग ले रहे बच्चों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कोचिंग देने के लिए जो शिक्षक लगाए गए हैं उन्हें पढ़ाने का अनुभव कम है। उन्हें स्कूल में जिस तरह से समझाया जाता था, उस तरह से पढ़ाया नहीं जा रहा है, इसलिए उन्हें कोचिंग लेने की बजाय घर पर ही रहकर पढऩा उचित समझा। दूसरी ओर पढ़ाने वाले शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं और कहा जा रहा है कि पढ़ाने वाले शिक्षकों की जितनी योग्यता होनी चाहिए उतनी नहीं है।
सरकारी पैसे की बर्बादी
इस बारे में शिक्षाविद प्रो. करतार सिंह ने हरियाणा की मुख्य सचिव को एक पत्र भेजा है जिसमें कहा गया है कि फ्री कोचिंग के नाम पर सरकारी पैसे का दुरुपयोग हो रहा है। उन्होंने तर्क दिया है कि न तो पढ़ाने वाले शिक्षकों को अनुभव है तथा न ही उनके पास पूरी शैक्षणिक योग्यता है, लिहाजा कोचिंग देने के लिए नियुक्त एजेंसी को भुगतान न किया जाए क्योंकि यह किसी घोटाले से कम नहीं है। उनका आरोप है कि सभी जिलों में बच्चों की संख्या कम है जबकि बिल अधिक संख्या दिखाकर बनाए जाएंगे। करतार सिंह का कहना है कि उन्होंने इससे पहले हरियाणा के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को शिकायत भेजी थी जिसमें कोचिंग कक्षाओं की जांच करने व भुगतान रोकने की मांग शामिल थी मगर किसी भी जिला शिक्षा अधिकारी ने शिकायत पर गौर करना मुनासिब नहीं समझा।
घोटाले की आशंका
करतार सिंह का कहना है कि इस पूरे मामले में घोटाला होने की आशंका है। फ्री कोचिंग देने की एवज में सरकार एजेंसी को प्रति विद्यार्थी 6 हजार रुपये का भुगतान करेगी। यानि एक बच्चे को कोचिंग देने पर एजेंसी को 6 हजार रुपये मिलेंगे। कोचिंग के लिए बच्चे कम आ रहे हैं मगर एजेंसी चलाने वाले अधिक बच्चों की संख्या दर्ज कर रहे हैं ताकि ज्यादा बिल बनाया जा सके। उन्होंने सरकार से इस पूरे मामले की गहनता से जांच कराने की मांग की है।
क्या कहते है एसडीएम
इस संबंध में जब उपमंडलाधिश मुनीश नागपाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह जल्द ही इस बारे में उपमंडल शिक्षा अधिकारी से आंकडे एकत्रित कर मामले की जांच करेंगे।
कम्प्यूटर डिप्लोमा के लिए अनुसूचित बच्चों से मांगे आवेदन
डबवाली (यंग फ्लेम) हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के बच्चों हेतु पिछड़ा क्षेत्र के अनुदान निधि योजना के तहत जिला के अनुसूचित जाति के बच्चों को एक वर्षीय कम्प्यूटर डिप्लोमा नि:शुल्क करवाने के लिए हरियाणा सरकार के उपक्रम हारट्रॉन द्वारा आवेदन मांगे गए हैं। डिप्लोमा के लिए आवेदन भरने वाला विद्यार्थी बारहवीं पास तथा जिला सिरसा का अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र होना चाहिए। विद्यार्थी हारट्रॉन बांसल कालोनी पटवार भवन के सामने अपना आवेदन पत्र जमा करा सकता है। आवेदन के लिए कुल सीटें 200 हैं जिसमें 40 प्रतिशत सीटें लड़कियों के लिए आरक्षित है। आवेदन पत्र 15 जुलाई तक जमा करा सकते हैं।
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धड़ल्ले से चल रहे हैं अवैध वाहन
डबवाली (यंग फ्लेम) स्थानीय बठिंडा चौक व रेलवे स्टेशन से सवारिया उठाने के लिए दिन प्रतिदिन अवैध वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है लेकिन इन अवैध वाहनों पर नकेल डालने वाला कोई न
हीं है। इस कारण रोडवेज को आए दिन हजारों रूपए का चुना लग रहा है। यह सब जानते हुए भी प्रशासन व रोडवेज के उच्चाधिकारी जान बूझकर आंखें मूंदे हुए है। आज कल डबवाली से सिरसा के लिए 40 से ऊपर अवैध वाहन सवारियां ढोने पर लगे हुए हैं। बताया जा रहा है कि यह वाहन रोजाना 1200 के करीब यात्रियों को अपने वाहनों में उनके गंतव्य तक पहुंचाते है। जिसके लिए वाहन चालक प्रत्येक सवारी से 40 रूपए वसूल करते है। जिसका रोजाना का टोटल करीब 48 हजार रूपए का हरियाणा सरकार को नुकसान हो रहा है लेकिन इस पर प्रशासन व हरियाणा रोडवेज के उच्चाधिकारियों द्वारा कोई भी कार्रवाई नही की जा रही। जब कभी भी अगर इन अवैध वाहनों पर कार्रवाई की जाती है तो वह महज खानापूर्ति के लिए की जाती है। बताया जा रहा है कि इन अवैध वाहन चालकों को राजनेताओं का सरक्षण व हरियाणा रोडवेज के अधिकारियों व पुलिस प्रशासन का आशीर्वाद प्राप्त है। यह अवैध वाहन चालक स्थानीय बठिंडा चौक से अधिकतम सवारियां उठाने की होड़ में रोजाना दुर्घनाओं का कारण बन रहे है और वहीं हरियाणा सरकार को चुना लगा रहे है। अवैध वाहन चालकों ने राष्ट्रीय राज मार्ग व क्षेत्र के अन्य मार्गंे पर भी अपना जाल बिछा रखा है वह रोजाना ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने की होड़ में मैक्सी कैब व जीप चालक अपने वाहन में क्षमता से अधिक सवारियां बिठा कर व मार्गें पर तेज गति से वाहन चलाकर लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने से भी नहीं चूकते। एक वाहन चालक अपने वाहन में 15 से 18 सवारियां तक ठूस-ठूस कर भर लेता है। इतना ही काफी नहीं है थोड़े से पैसों के लालच में वाहन चालक इतना अंधा हो जाता है कि सवारियों को पीछे तक लटका लेता है। जिससे अनेकों बार दुर्घनाएं भी हो चुकी है।
इन अवैध वाहन चालकों से रिक्शा चालक भी खासे परेशान है इस संबंध में रिक्शा यूनियन के प्रधान सुखविंद्र सिंह ने बताया कि यह अवैध वाहन चालक रेलवे स्टेशन से ही सिरसा आदि जगहों पर जाने वाली सवारियों को अपने वाहन में बिठा लेते है जिस कारण हरियाणा सरकार व रोडवेज को तो चुना लग ही रहा है रिक्शा चालकों के भी भूखे मरने की नौबत आ गई है। उन्होंने बताया कि जब उन्हें रोकने का प्रयास किया जाता है तो वाहन चालक यह कहने से कुरेज नहीं करते की वह पुलिस प्रशासन व रोडवेज अधिकारियों को रोजाना नजराना भेंट करते है।इस संबंध में जब एसडीएम मुनीश नागपाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सड़कों पर चल अवैध वाहनों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस प्रशासन व रोडवेज के अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए है और जल्द ही इन पर कार्रवाई की जाएगी।
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