आंध्र प्रदेश के पूर्व गवर्नर नारायण दत्त तिवारी के कथित सेक्स स्कैंडल 
के खुलासे के बाद इस बात की चर्चा कम है कि यह टेप सही है या नहीं, बल्कि यह बहस ज्यादा है कि क्या 86 की उम्र में ऐसे आरोप संभव हैं? अगर हैं तो क्या यह नॉर्मल है या ऐबनॉर्मल। इस उम्र में क्या ऐक्टिव सेक्स मुमकिन है? माना जाता रहा है कि 60 साल के बाद पुरुष की सेक्शुअल पावर और डिजायर बहुत कम हो जाती है और 80 की उम्र आने तक वह लगभग खत्म ही हो जाती है।
80 साल की उम्र के बाद भी सेक्शुअल पावर वैज्ञानिक नजरिए से मुमकिन है। यह कहना है सीनियर साइकायट्रिस्ट डॉ. संदीप वोहरा का। उनके मुताबिक, इस उम्र में इतनी क्षमता हालांकि बहुत रेयर है लेकिन कुछ लोग इसे बरकरार रख पाते हैं। जो लोग टॉप पोजिशन में रहते हैं और आस-पास जी हुजूरी करते लोगों के बीच में होते हैं, उनके ब्रेन में एक केमिकल डोपामीन लगातार निकलता है। यह खुशी और उत्तेजना का अहसास करता है। इसकी आदत भी पड़ सकती है और इसका लगातार सीक्रेशन पर्मानेंट डिजायर पैदा कर सकता है। ब्रेन को पहले सोसायटी में अपने रुतबे से जो हाई मिलता था, बहुत मुमकिन है कि कोई इंसान उसे बाद में सेक्स के जरिए ढूंढे। यह भी संभव है कि ऐसे में कोई सेक्स अडिक्ट बन जाए और हर चीज को ताक पर रखकर उसी में लगा रहे।
डॉ. वोहरा कहते हैं कि ईवॉल्यूशनरी साइंस के मुताबिक, पुरुष प्रकृति से पॉलीगेमर (एक से ज्यादा लोगों से संबंध) होता है। अधिकतर पुरुषों के भीतर यह सोच होती है। पर कुछ इसमें ऐक्ट करते हैं, कुछ खुद को रोक लेते हैं तो कुछ को मौके नहीं मिलते। पर जो लोग टॉप पोजिशन में होते हैं उन्हें ज्यादा मौके मिलते हैं।
जाने-माने सेक्सॉलजिस्ट डॉ. प्रकाश कोठारी कहते हैं कि सेक्स की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती। मैं 36 सालों में करीब 50 हजार मरीजों को देख चुका हूं। हर साल अपनी सेक्स संबंधी दिक्कतों के इलाज के लिए 7-8 ऐसे मरीज आते हैं, जो 80 साल से ज्यादा के होते हैं। सेक्स की इच्छा, क्षमता और विचार मरते दम तक रह सकते हैं। यह गलतफहमी है कि 60 साल के बाद सेक्स संभव नहीं है। दरअसल सेक्स दो कानों के बीच में यानी दिमाग में होता है। अगर कोई जवान अपने को बूढ़ा मानने लगे तो उसकी इच्छा और क्षमता पर असर दिखेगा और अगर बूढ़ा भी सोच से जवान है, तो वह खुलकर अपनी जिंदगी जी सकता है। अगर ब्लड प्रेशर या डायबीटीज की शिकायत नहीं है, शरीर स्वस्थ है, नियमित एक्सर्साइज करते हैं और शराब, सिगरेट से दूर रहते हैं, तो यह क्षमता बढ़ती उम्र में भी रहती है। इसमें सोच और पार्टनर का सहयोग बेहद अहम होता है।

के खुलासे के बाद इस बात की चर्चा कम है कि यह टेप सही है या नहीं, बल्कि यह बहस ज्यादा है कि क्या 86 की उम्र में ऐसे आरोप संभव हैं? अगर हैं तो क्या यह नॉर्मल है या ऐबनॉर्मल। इस उम्र में क्या ऐक्टिव सेक्स मुमकिन है? माना जाता रहा है कि 60 साल के बाद पुरुष की सेक्शुअल पावर और डिजायर बहुत कम हो जाती है और 80 की उम्र आने तक वह लगभग खत्म ही हो जाती है।
80 साल की उम्र के बाद भी सेक्शुअल पावर वैज्ञानिक नजरिए से मुमकिन है। यह कहना है सीनियर साइकायट्रिस्ट डॉ. संदीप वोहरा का। उनके मुताबिक, इस उम्र में इतनी क्षमता हालांकि बहुत रेयर है लेकिन कुछ लोग इसे बरकरार रख पाते हैं। जो लोग टॉप पोजिशन में रहते हैं और आस-पास जी हुजूरी करते लोगों के बीच में होते हैं, उनके ब्रेन में एक केमिकल डोपामीन लगातार निकलता है। यह खुशी और उत्तेजना का अहसास करता है। इसकी आदत भी पड़ सकती है और इसका लगातार सीक्रेशन पर्मानेंट डिजायर पैदा कर सकता है। ब्रेन को पहले सोसायटी में अपने रुतबे से जो हाई मिलता था, बहुत मुमकिन है कि कोई इंसान उसे बाद में सेक्स के जरिए ढूंढे। यह भी संभव है कि ऐसे में कोई सेक्स अडिक्ट बन जाए और हर चीज को ताक पर रखकर उसी में लगा रहे।
डॉ. वोहरा कहते हैं कि ईवॉल्यूशनरी साइंस के मुताबिक, पुरुष प्रकृति से पॉलीगेमर (एक से ज्यादा लोगों से संबंध) होता है। अधिकतर पुरुषों के भीतर यह सोच होती है। पर कुछ इसमें ऐक्ट करते हैं, कुछ खुद को रोक लेते हैं तो कुछ को मौके नहीं मिलते। पर जो लोग टॉप पोजिशन में होते हैं उन्हें ज्यादा मौके मिलते हैं।
जाने-माने सेक्सॉलजिस्ट डॉ. प्रकाश कोठारी कहते हैं कि सेक्स की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती। मैं 36 सालों में करीब 50 हजार मरीजों को देख चुका हूं। हर साल अपनी सेक्स संबंधी दिक्कतों के इलाज के लिए 7-8 ऐसे मरीज आते हैं, जो 80 साल से ज्यादा के होते हैं। सेक्स की इच्छा, क्षमता और विचार मरते दम तक रह सकते हैं। यह गलतफहमी है कि 60 साल के बाद सेक्स संभव नहीं है। दरअसल सेक्स दो कानों के बीच में यानी दिमाग में होता है। अगर कोई जवान अपने को बूढ़ा मानने लगे तो उसकी इच्छा और क्षमता पर असर दिखेगा और अगर बूढ़ा भी सोच से जवान है, तो वह खुलकर अपनी जिंदगी जी सकता है। अगर ब्लड प्रेशर या डायबीटीज की शिकायत नहीं है, शरीर स्वस्थ है, नियमित एक्सर्साइज करते हैं और शराब, सिगरेट से दूर रहते हैं, तो यह क्षमता बढ़ती उम्र में भी रहती है। इसमें सोच और पार्टनर का सहयोग बेहद अहम होता है।