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गुरुवार, 7 जनवरी 2010

स्कूली बच्चों को यातायात के नियमों की जानकारी दी,

डबवाली(सुखपाल) -सदर थाना पुलिस द्वारा मनाये जा रहे सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत आज स्कूली बच्चों को यातायात के नियमों की जानकारी दे कर थाना सदर में कार्यरत सहायक उपनिरीक्षक छबील दास ने मांगेआना, हैबूआना सहित कई अन्य गांवों के विद्यालयों में जा सुरक्षा नियमों के बारे में जानकारी दी। छबील दास ने छात्रों को आगाह किया कि यातायात नियमों की अवहेलना ही सड़क दुर्घटनाओं को जन्म देती है। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि कोहरा व धुंध के कारण अकसर सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि हो जाती है इस कारण सड़क पार करते समय हमेशा दायें व बांये देख कर ही सड़क पार करे। दोपहिया वाहन की सवारी करते समय हैलमेट का प्रयोग अवश्य करे। उन्होंने विद्यार्थियों वाहन चलाते समय मोबाईल फोन को प्रयोग करने में भी सावधानी बरतने की सलाह देते हुए बताया कि वाहन चलाते समय कभी भी मोबाईल फोन का प्रयोग न करे। अगर फोन का प्रयोग अति आवश्यक हो तो अपने वाहन को सड़क के एक तरफ सुरक्षित स्थान पर खड़ा करने के उपरांत ही फोन का प्रयोग करे। उन्होंने इस मौके पर विद्यार्थियों को पर्यावरण के बारे में भी जागरूक किया। उन्होंने विद्यार्थियों को अपने आस-पास अधिक से अधिक पौधारोपण करने और पेड़ों की सुरक्षा करने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर मांगेआना के राजकीय उच्च विद्यालय के प्रधानाचार्य लक्ष्मण दास ने भी विद्यार्थियों को यातायात के नियमों की पालाना करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर सदर थाना के सहायक उपनिरीक्षक सुरेश कुमार सहित स्टाफ के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।

सेहत के सरताजों की सेहत का राज

दूसरों की जिंदगी और सेहत की हिफाजत का दारोमदार जिन कंधों पर है, उन्हें इतनी मजबूती कैसे मिलती है कि व्
इतनी बड़ी जिम्मेदारी को बखूबी निभा सकें, यह सवाल सभी के जेहन में कभी-न-कभी कौंधता होगा। लगातार काम के बीच खुद को अपडेट रखने के अलावा दूसरों की जान बचाने का प्रेशर होता है डॉक्टरों पर। ऐसे में वे खुद को फिट कैसे रखते हैं, यह जानना दिलचस्प और फायदेमंद हो सकता है। प्रियंका सिंह ने टॉप डॉक्टरों से बात करके जाना उनकी फिटनेस का फंडा :

डॉ. नरेश त्रेहन,
चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, मेडांटा, द मेडिसिटी
उम्र : 63 साल, वजन : 72 किलो
एक्सर्साइज: सुबह 6:15 से 6:30 बजे तक उठने के साथ दिन शुरू होता है, जो रात 11:30 बजे बिस्तर पर जाने पर खत्म होता है। हफ्ते में पांच दिन सुबह 45 मिनट एक्सर्साइज और तीन दिन 45 मिनट योग करता हूं। लोदी गार्डन में घूमने चला जाता हूं या फिर घर में ही ट्रैडमिल पर चलता हूं। वॉक हमेशा तेज करता हूं। हल्के वेट भी उठाता हूं। वॉक, वर्कआउट और योग, इन तीनों का कॉम्बिनेशन बॉडी को पूरी तरह फिट रखता है। सुबह 8:30 बजे तक हॉस्पिटल पहुंच जाता हूं और आमतौर पर वहां से रात 8:30-9:00 बजे निकलना होता है। शाम को घर लौटते हुए कार में ही 15-20 मिनट मेडिटेशन (विपश्यना) भी करता हूं। इससे दिन भर की दिमागी थकान गायब हो जाती है।

डाइट: सुबह नाश्ते में एक अंडे का सफेद हिस्सा या अंकुरित दालें और पांच-छह बादाम, एक अखरोट और एक कप चाय लेता हूं। दिन में 11 बजे सलाद और लंच में एक रोटी, हरी सब्जी और दही खाता हूं। शाम को 5-6 बजे एक कप चाय या कॉफी के साथ एक बिस्कुट और रात में 8:30 तक डिनर लेता हूं, जिसमें एक चपाती, सलाद या चिकन होता है। खाने में ज्यादा-से-ज्यादा फल और हरी सब्जियां शामिल करने की कोशिश होती है। बाहर के खाने से परहेज करता हूं। स्मोकिंग नहीं करता लेकिन कभी-कभी सोशल ड्रिंकिंग करता हूं।

रिलैक्सेशन: सूफी संगीत सुनकर और किताबें पढ़कर मन को रिलैक्स करता हूं।

जीवन का मंत्र: ऐसी जिंदगी जिएं, जिसमें गैरकानूनी और गलत कामों के लिए कोई जगह न हो। नेगेटिव होने से बचें। ऐसा होने से दूसरों से भी ज्यादा नुकसान खुद उस शख्स का होता है। संतोष रखना सबसे जरूरी है, क्योंकि हमें यह देखना चाहिए कि न जाने कितने लोग हमसे बहुत खराब जिंदगी जी रहे हैं।


डॉ. अशोक सेठ
चेयरमैन, कार्डिएक साइंसेज, एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टिट्यूट
उम्र : 54 साल, वजन : 74 किलो
एक्सर्साइज: सुबह 6:30 बजे उठने के बाद एक कप चाय पीता हूं। 45 मिनट ट्रैडमिल (जिसमें साइकलिंग भी शामिल होती है) और 15 मिनट वेट उठाता हूं। हफ्ते में 5-6 दिन एक्सर्साइज जरूर करता हूं। रोजाना पूजा करता हूं, क्योंकि मेरा मानना है कि ईश्वर की कृपा से ही मैं अपने मरीजों के चेहरे पर मुस्कान ला पाता हूं। इसके लिए मैं रोज रात को सोने से पहले भगवान को धन्यवाद देता हूं। सुबह 9:30 बजे हॉस्पिटल पहुंचता हूं और कई बार काम खत्म होते-होते रात में 2 भी बज जाते हैं। औसतन 1-1:30 से पहले सोना मुमकिन नहीं हो पाता।

डाइट: नाश्ता हल्का ही लेता हूं। लंच टाइम फिक्स नहीं है क्योंकि वक्त मिल ही नहीं पाता। दिन में कभी भी अंकुरित चना या दाल ले लेता हूं। डिनर इत्मिनान से लेता हूं, लेकिन यह सादा ही होता है। दो चपाती व दाल खाता हूं। कभी-कभार नॉन-वेज खाता हूं। बहुत मन होता है तो रेस्तरां में जाकर अच्छा खाना भी खा लेता हूं लेकिन तब एक्सर्साइज से फालतू कैलरी जलाना नहीं भूलता। स्मोकिंग से दूर रहता हूं, पर कभी-कभार सोशल ड्रिंकिंग करता हूं।

रिलैक्सेशन: संगीत सीखता हूं और साल में दो बार स्कूबा डाइविंग पर जाता हूं। कोई भी ऐसा काम जो आपके प्रफेशन से अलग होता है, वह मन को रिलैक्स करता है।

जिंदगी का मंत्र: अपने काम के प्रति समर्पण और फोकस जरूरी है। परिवार का सपोर्ट और भगवान में विश्वास आपको जिंदगी जीने का सही तरीका सिखाता है। वही काम करें, जिससे आपको प्यार हो और जिसे आप एंजॉय करें। इससे आप दिमागी और शारीरिक तौर पर फिट रहेंगे।

डॉ. प्रदीप चौबे
जॉइंट एमडी, मैक्स हेल्थकेयर
उम्र : 57 उम्र, वजन : 81 किलो
एक्सर्साइज: सुबह 7 बजे उठने के बाद आधा घंटा ट्रैडमिल पर चलता हूं। वक्त मिलता है तो हेल्थ क्लब भी चला जाता हूं। हालांकि कभी-कभी ज्यादा ऑपरेशन होते हैं तो एक्सर्साइज छूट भी जाती है। ऑपरेशन के दौरान ही मेरा प्रैक्टिकल मेडिटेशन हो जाता है क्योंकि जितना कंसंट्रेशन उस दौरान करना होता है, उतना कभी और नहीं होता। सुबह 9 से रात 9 बजे तक हॉस्पिटल में होता हूं। पूजा करता हूं लेकिन इसके लिए मूर्ति के सामने बैठना जरूरी नहीं है। जब भी, जहां भी वक्त मिला, भगवान को याद कर लेता हूं। रात में 12 बजे से पहले सोना नहीं हो पाता।

डाइट: नाश्ते में एक गिलास जूस और फल लेता हूं। हॉस्पिटल में लंच का वक्त नहीं मिलता, लेकिन हर दो घंटे बाद कुछ-न-कुछ खा लेता हूं, जैसे कि सैंडविच, फल, स्प्राउट्स, लो कैलरी बिस्कुट आदि। दिन में पांच-सात बादाम भी लेता हूं। काम के दबाव की वजह से डिनर ही मेरा मुख्य खाना होता है, जिसमें मैं सब्जी, रोटी, दाल, चावल आदि लेता हूं। दही में स्ट्रॉबेरी या कोई और फल डालकर खाना पसंद करता हूं। स्मोकिंग नहीं करता, कभी-कभार अल्कोहल ले लेता हूं।

रिलैक्सेशन: एग्जिबिशन जाकर आर्ट वर्क देखने और उनका कलेक्शन करने से मेरा मन खुश हो जाता है। स्प्रिचुअलिटी से संबंधित अच्छी किताबें भी पढ़ता हूं।

जिंदगी का मंत्र: मेरा मानना है कि अपने प्रफेशन के अलावा दूसरे क्षेत्रों के लोगों से मिले-जुलें। अगर मैं दिन भर की थकान के बाद शाम को किसी डॉक्टर से मिलूंगा तो मेडिसिन की ही बात होगी, इसलिए काम खत्म करते ही नॉन-प्रफेशनल दुनिया में आना पसंद करता हूं। दिमागी शांति के लिए यह जरूरी है।

डॉ. अनूप मिश्रा
हेड ऑफ डायबीटीज एंड मेटाबॉलिम डिपार्टमेंट, फोर्टिस हॉस्पिटल
उम्र : 51 साल, वजन : 73-76 किलो
एक्सर्साइज: सुबह 5:30 बजे मेरा दिन शुरू होता है। काम के दिनों में 45 मिनट रेग्युलर एक्सर्साइज करता हूं, जबकि संडे और बाकी छुट्टी के दिन एक घंटा पसीना बहाता हूं। रोजाना ट्रैडमिल पर 350-400 कैलरी जरूर जलाता हूं। साथ में 10-12 मिनट हल्के वेट भी उठाता हूं। अगर रात में जल्दी घर आ गया तो फिर से 20-25 मिनट वॉक और जॉगिंग करता हूं। पिछले 15 सालों से मेरा बीएमआई बढ़ा नहीं है। योग के बजाय एरोबिक्स को ज्यादा फायदेमंद मानता हूं। रोजाना पूजा और मेडिटेशन करता हूं।

डाइटः हल्का नाश्ता लेता हूं, जैसे कि दलिया, फल आदि। संडे को लंच अक्सर बाहर करता हूं, लेकिन जिस दिन भी बाहर खाता हूं, एक्सर्साइज ज्यादा करता हूं। लंच में दो चपाती व पनीर प्रेफर करता हूं। सलाद खूब खाता हूं। शाम 6 बजे एक कप कॉफी और रात करीब 9 बजे डिनर में 2-3 चपाती व सब्जी-दाल लेता हूं। स्मोक नहीं करता, कभी-कभी सोशल ड्रिंकिंग करता हूं।

रिलैक्सेशन: एक वक्त था, जब प्ले खूब करता था। अब हिंदी व इंग्लिश के नॉवेल और रिसर्च पेपर लिखना मन को सुकून देता है।

जिंदगी का मंत्र: अनुशासन बहुत जरूरी है। मैं कितना भी थका होऊं, एक्सर्साइज जरूर करता हूं। सिडनी के ऑपरा हाउस से लेकर पैरिस के आइफिल टावर तक को मैंने जॉगिंग करते हुए ही देखा। यह दुनिया को देखने का मेरा तरीका है। अपने काम को एंजॉय करना भी बेहद जरूरी है। वही काम करें, जो पसंद हो।

डॉ. पी. के. दवे
चेयरमैन, गवर्निंग बॉडी, रॉकलैंड हॉस्पिटल
उम्र : 70 साल, वजन : 62 किलो
एक्सर्साइज: सुबह 5 बजे उठता हूं। इसके बाद वॉक करता हूं। सर्दियों में बाहर नहीं जा पाता तो घर पर ही वॉक कर लेता हूं। योग भी करता हूं। प्राणायाम और डीप ब्रिदिंग मन को शांत करते हैं। सुबह 8:30 बजे हॉस्पिटल पहुंच जाता हूं। लिफ्ट के बजाय सीढयों से चढ़ना पसंद करता हूं। रात 8 बजे तक काम चलता रहता है। रात में 10-10:30 बजे तक सो जाता हूं। लेकिन लगता है कि काश, मैं बैडमिंटन और टेनिस खेलने के लिए कुछ और वक्त निकाल पाता।

डाइट: नाश्ते में परांठा, ऑमलेट, टोस्ट या दलिया... कुछ भी ले लेता हूं। साथ में कॉफी लेता हूं। लंच हॉस्पिटल में लेता हूं, जिसमें दाल-सब्जी, चपाती व चावल, दही होता है। बाहर का खाना मुझे सूट नहीं करता, इसलिए उससे बचता हूं। नॉन-वेज में कभी-कभी फिश खाता हूं। स्मोकिंग नहीं करता लेकिन ड्रिंक कभी-कभी ले लेता हूं। कम और संतुलित खाना खाने के अलावा खूब पानी पीता हूं।

रिलैक्सेशन: फोटॉग्रफी मन को रिलैक्स करती है। साथ ही, रीडर्स डाइजेस्ट व दूसरी किताबें पढ़कर व इंस्ट्रूमेंटल म्यूजिक सुनकर भी मन हल्का होता है।

जिंदगी का मंत्र: काम में हमेशा प्रफेशनल रहें। मेरा मानना है कि गरीबों से बात करना ईश्वर से बात करने के बराबर ही है। सभी के लिए एक जैसा होना चाहिए इंसान को। हर किसी की, हम वक्त और हमेशा मदद को तैयार रहना चाहिए। किसी से ज्यादा उम्मीदें नहीं लगानी चाहिए। इससे दिमागी सुकून बना रहता है।

शिखा शर्मा
हेल्थ एक्सपर्ट
उम्र : 40 साल, वजन : 55 किलो
एक्सर्साइज: सुबह 7 बजे उठने के बाद 10 मिनट मेडिटेशन जरूर करती हूं। योग भी करती हूं लेकिन यह कई बार रेग्युलर नहीं हो पाता। हां, रोजाना आधे घंटे वॉक जरूर करती हूं। सुबह करीब 10:30 बजे काम शुरू करती हूं। कभी-कभी एक्यूप्रेशर थेरपी लेती हूं तो स्पा में स्टोन मसाज कराती हूं। ऐसा रिलैक्स होने के साथ-साथ इन कलाओं को समझने और जानने की गरज से भी करती हूं। अच्छी नींद भी मुझे फिट रखती है। वैसे, मैं दौड़ना चाहती हूं, हाफ मैराथन में हिस्सा लेना चाहती हूं लेकिन मलाल है कि मैं ऐसा कर नहीं पाती क्योंकि इसके लिए ट्रेनिंग आदि की जरूरत पड़ती है।

डाइट: नाश्ते में गाजर और टमाटर का जूस लेती हूं। 10 बजे के करीब एक-दो टोस्ट लेती हूं। साथ में फल भी लेती हूं। लंच में सूप और सैंडविच या सब्जी-रोटी लेती हूं। डिनर भी सादा ही होता है, जिसमें सूप, चावल या रोटी होती है। सर्दियों में हमेशा गर्म पानी और गर्मियों में गुनगुना पानी पीती हूं। अदरक या सौंफ का पानी भी नियमित तौर पर लेती हूं। मसालेदार और बाहर का खाना कम ही खाती हूं।

रिलैक्सेशन: जब भी तनाव में होती हूं, खासतौर पर स्प्रिचुअल किताबें पढ़ती हूं। इससे जिंदगी को नए नजरिये से देखने-जानने का भी मौका मिलता है।

जिंदगी का मंत्र: टेंशन से दूर रहती हूं। मैं काम को ही पूजा मानती हूं और वही मुझे तरोताजा भी करता है। मेरा मानना है कि अच्छा काम करना ही पूजा के समान है। ईश्वर से कोई शिकायत नहीं क्योंकि जितना चाहा, जिंदगी ने उससे ज्यादा ही दिया।

डॉ. ए. के. झिंगन
चेयरमैन, दिल्ली डायबीटीज रिसर्च सेंटर
उम्र : 60 साल, वजन : 75 किलो
एक्सर्साइज: सुबह 6 से 6:3 बजे उठकर 45-50 मिनट की वॉक पर जाता हूं। इतनी देर में 5-6 किलोमीटर चलता हूं। वॉक के दौरान गहरी सांस (डीप ब्रिदिंग) लेता हूं। लौटकर 10 मिनट वेट उठाता हूं। इससे अपर बॉडी मसल्स शेप में रहती हैं। रोजाना 15-20 मिनट पूजा करता हूं, ताकि ईश्वर को धन्यवाद दे सकूं। घर से आधा किमी दूर स्थित अपने क्लिनिक तक पैदल ही जाता हूं। 9 बजे तक क्लिनिक पहुंच जाता हूं। रात में 11:30 बजे तक सो जाता हूं। मुझे लगता है कि अगर मैं योग क्लास जॉइन कर पाता तो मेरी सेहत के लिए और अच्छा होता।

डाइट: नाश्ते में कॉर्नफ्लैक्स, एक गिलास कॉफी और 5-6 बादाम खाता हूं। 11:30 बजे एक कप चाय और लंच में दो चपाती, दही व सब्जी लेता हूं। कभी-कभी नॉनवेज भी खा लेता हूं। शाम 5 बजे फल खाता हूं और 7-8 बजे एक कप चाय लेता हूं। 9 बजे डिनर करता हूं, जो सादा ही होता है। स्मोकिंग से दूर रहता हूं और अल्कोहल भी साल में एक-दो बार से ज्यादा नहीं लेता। बाहर का खाना बहुत कम खाता हूं।

रिलैक्सेशन: जब भी वक्त मिलता है, मैं पार्क में जाना पसंद करता हूं। संडे को काम को कोई बोझ नहीं रखता। इससे भी तरोताजा रहने में मदद मिलती है।

जिंदगी का मंत्र: एक साथ बहुत सारी चीजों में शामिल न हों। इससे मन की शांति छिन जाती है। जो भी काम करें, उसी पर फोकस करें। बहुत ज्यादा की चाहत न हो, तो शांति बनी रहती है। मरीजों का फीडबैक पाकर दिल खुश हो जाता है। काम को एंजॉय करना भी खुश रहने के लिए जरूरी है।

डॉ. महिपाल सचदेव
चेयरमैन, सेंटर फॉर साइट
उम्र : 52 साल, वजन : 69 किलो
एक्सर्साइज: सुबह 6 बजे उठने के बाद आधा घंटा साइकलिंग करता हूं। उसमें कभी कोई रुकावट नहीं आती। पहले जॉगिंग भी करता था। कभी लिफ्ट का इस्तेमाल नहीं करता। हर सर्जरी से पहले दो मिनट मेडिटेशन करता हूं। रात में 11 बजे सोता हूं। जॉगिंग अब भी करना चाहता हूं, पर वक्त नहीं मिलता। बैडमिंटन और टेनिस भी खेलना चाहता हूं। ऐसा करना सेहत के लिए अच्छा होता।

डाइट: नाश्ते में दो ब्रेड व जूस लेता हूं। काम की वजह से लंच का टाइम फिक्स नहीं है। हफ्ते में एक-दो बार नॉन-वेज खाता हूं। पंजाबी खाना पसंद लेकिन ज्यादा तला-भुना नहीं खाता। फिर भी महीने में पांच-सात बार बाहर का खाना हो ही जाता है। एक्सर्साइज करके फालतू कैलरी घटाता हूं। स्मोकिंग नहीं करता लेकिन सोशल डिंकिंग करता हूं।

रिलैक्सेशन: मैनेजमेंट और करंट सब्जेक्टों पर किताबें पढ़ने के अलावा टीवी पर न्यूज देखने से दिन भर की थकान गायब हो जाती है।

जिंदगी का मंत्र: मैं रोजाना गुरुद्वारा जाता हूं, क्योंकि मेरा मानना है कि ईश्वर और नियति किसी भी इंसान का भाग्य तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं। ईश्वर में विश्वास ही है कि किसी भी केस को देखने से पहले दो मिनट गुरु नानक का नाम जरूर लेता हूं। जिंदगी में एक मकसद तय करके उसी दिशा में बढ़ते जाने से सफलता मिलती है। काम से प्रेम करना भी जरूरी है। फिजिकल फिटनेस के लिए अपने शरीर को वक्त जरूर दें।

डॉ. के. के. अग्रवाल
प्रेजिडेंट, हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया
उम्र : 51 साल, वजन : 68 किलो
एक्सर्साइज: सुबह 4 बजे से मेरा दिन शुरू होता है। रात में अगर 3 बजे भी सोऊं तो भी मैं इसी वक्त उठता हूं। सुबह 15-20 मिनट तेज वॉक करता हूं या फिर ट्रैडमिल पर चलता हूं। इसके बाद करीब 15 मिनट के लिए मेडिटेशन व प्राणायाम करता हूं। कभी लिफ्ट का इस्तेमाल नहीं करता। रात में 10 बजे तक सोने की कोशिश होती है, लेकिन कई बार काम ज्यादा होने से ऐसा नहीं हो पाता। वक्त की कमी के चलते लंबी वॉक पर नहीं जा पाना सालता है।

डाइट: सुबह नाश्ते में एक कप दूध और भीगे हुए 15-20 बादाम लेता हूं या फिर फ्रूट्स खा लेता हूं। दोपहर में 1-2 बजे दाल-सब्जी या फल खाता हूं। दोपहर में रोटी नहीं खाता। शाम 5 बजे फल खाता हूं और रात 8 बजे पूरा खाना खाता हूं। इसमें 2-3 रोटी, सब्जी दही आदि होती है। चावल नहीं खाता। मैं चाय, सॉफ्ट ड्रिंक, स्मोकिंग, ड्रिंकिंग और नॉनवेज से दूर रहता हूं।

रिलैक्सेशन: पढ़ना और लिखना मेरे मन को शांत रखता है। रोजाना 15 मिनट मूवी भी देखता हूं। इससे रिलैक्स महसूस होता है।

जिंदगी का मंत्र: जिस काम को करें, उसमें अपना तन-मन लगा लें। डेडिकेशन ही कामयाबी का राज है।

हुड्डा सरकार की असलीयत आई सामने : अजय

ऐलनाबाद- गरीब हितैषी का दम भरने वाली हुड्डा सरकार की असलियत सामने आ चुकी है। गरीब व्यक्ति को दो वक्त की रोटी के लाले पड़े हुए हैं। बढ़ती मंहगाई के कारण आम आदमी के लिए अपना पेट भरना मुश्किल हो गया है वहीं मुख्यमंत्री द्वारा गरीबों को प्लाट देने के वायदे पूरा करने तो दूर, उनके पहले से बने बीपीएल कार्ड की काट दिए हैं। यह बात इनेलो के प्रधान महासचिव अजयसिंह चौटाला ने कही। वे बुधवार को गांव माधोसिंघाना में डोर टू डोर जनसंपर्क अभियान चला रहे थे। विधायक चौटाला ने कहा कि कांग्रेस को गरीबों की याद केवल चुनावों के समय आती है और वे उनके वोट बटारने के लिए लोक लुभावने वायदे करते हैं परन्तु चुनाव जाते ही कांग्रेस गरीब व आम आदमी की समस्याओं को भुला कर पंजीपतियों व कालाबाजारी करने वालों की झोली में बैठ जाती है। ऐसा ही उदाहरण पिछले आम लोकसभा व विधानसभा चुनावों में देश-प्रदेश की जनता देख चुकी है। पिछले वर्ष संपन्न हुए चुनावों के समय सरकार ने आंकड़ों की बाजीगरी कर मंहगाई कम करने का दिखावा किया और चुनाव जाते ही मंहगाई दोगुनी गति से बढऩे लगी तो प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री से लेकर अन्य मंत्री इससे पल्ला झाडऩे लगे।

एकजुटता से चुनाव लडऩे की रणनीति तैयार हर हाल में चुनाव जीतने का लक्ष्य,

ऐलनाबाद -ऐलनाबाद विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी भरतसिंह बेनीवाल के समर्थन में बुधवार को यहां सेतिया पैलेस में एक कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें पार्टी प्रदेशाध्यक्ष व चुनाव प्रभारी फूलचंद मुलाना ने विधानसभा क्षेत्र को विभिन्न जोनों में बांट कर प्रदेश के वरिष्ठ मंत्रियों, विधायकों व नेताओं को उनकी ड्यूटियां सौंपी। सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुलाना ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री भूपेंद्रसिंह हुड्डा के नेतृत्व में मजबूत सरकार चल रही है जिसे वर्तमान में 52 विधायकों का पूर्ण समर्थन हासिल है। यह सरकार पूरे पांच वर्ष तक चलेगी तथा जनता के कल्याण के लिए काम करेगी। ऐसे में इनेलो नेताओं का यह प्रचार की ऐलनाबाद में इनेलो प्रत्याशी की जीत हरियाणा में उनकी सरकार बना देगी, हास्यास्पद लगता है। सम्मेलन में राज्यसभा सांसद डॉ. रामप्रकाश, सांसद अशोक तंवर, प्रदेश के केबीनेट मंत्री रणदीप सुर्जेवाला व औमप्रकाश जैन, राज्यमंत्री गोपाल कांडा, संसदीय सचिव रामकिशन फौजी, विधायक संपतसिंह, आफताब अहमद, व विनोद भ्याना, जयवीर बाल्मिीक, युवा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष संजय छोक्कर, कान्फैड के चेयरमैन बजरंगदास गर्ग, एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष राहुल राव, पूर्व मंत्री जगदीश नेहरा व लक्ष्मणदास अरोड़ा, पूर्व विधायक मनीराम केहरवाला, डॉ. सुशील इंदौरा, कृष्णा पंडित, चौ. रणजीतसिंह, डॉ. केवी सिंह, प्रतापसिंह चौटाला व लालचंद खोड ने भी संबोधित किया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रदेश के जनस्वास्थ्य मंत्री रणदीपसिंह सुर्जेवाला ने कहा कि इनेलो सुप्रीमो चौटाला ऐलनाबाद क्षेत्र के पिछड़े होने की बात करते हैं लेकिन गत 35 वर्षों में उन्हीं की पार्टी के विधायक यहां से जीत कर जाते रहे तब उन्होंने यहां विकास क्यों नहीं करवाया। सुर्जेवाला ने कहा कि डेरा भुम्मणशाह पर कब्जा करने वालों, निसिंग में गरीब बाल्मीकी परिवारों पर अत्याचार करने वालों तथा कंडेला में गरीब किसानों पर गोलियां चलाने वाले दोषियों को प्रदेश की जनता सत्ता कैसे सौंप देती। क्षेत्र के साथ भेदभाव के आरोपों को नकारते हुए सुर्जेवाला ने कहा कि चौटाला सरकार चौ. देवीलाल के नाम पर बनाए गए विश्वविद्यालय में एक कुलपति भी नियुक्त नहीं कर पाई जबकि हुड्डा सरकार ने सत्ता में आते ही विश्वविद्यालय के लिए सैंकड़ों करोड़ रुपये की ग्रांट प्रदान कर उसे गति प्रदान की। चौटाला समर्थित नेता सिरसा जिला के कुम्हारिया में बनने वाले परमाणु आधारित बिजली संयंत्र का विरोध कर क्षेत्र के विकास को रोकने का काम कर रहे हैं। उपचुनावों में ऐलनाबाद की जनता का निर्णय सिरमाथे हे। मगर सरकार विकास के मामले में कहीं कोताही नहीं बरतेगी। सम्मेलन को संबोधित करते हुए अन्य वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान समय में एक विधायक ही हार-जीत से कांग्रेस सरकार को कोई फर्क नहीं पडऩे वाला लेकिन ऐलनाबाद क्षेत्र की जनता यदि सरकार के प्रतिनिधि को जिताकर विधानसभा में भेजेगी तो उससे इस क्षेत्र में विकास की गंगा जरूर बहने लगेगी। सभी वक्ताओं ने कहा कि ऐलनाबाद क्षेत्र के लोगों को कोई सरकार नहीं बनानी बल्कि बनी-बनाई सरकार में केवल अपना योगदान करना है। इसलिए क्षेत्र की भलाई के लिए ऐलनाबाद क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार को जिताना बहुत जरूरी है। यह केवल चुनाव ही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी एवं हुड्डा सरकार की प्रतिष्ठा का भी सवाल है। सभी वक्ताओं ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे एकजुट होकर क्षेत्र के घर-घर एवं गांवों-ढाणीयों तक जाकर कांग्रेस पार्टी एवं भरतसिंह बेनीवाल के पक्ष में प्रचार करें। सम्मेलन में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष होशियारीलाल शर्मा, शहरी अध्यक्ष नौरंगलाल पारीक, सिरसा के शहरी अध्यक्ष भूपेश मैहता, युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष तिलकराज चंदेल, मीडिया प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सोनी, जिला पार्षद अनिल खोड, कमलेश शर्मा, नितिन सोमानी, सतपाल मैहता, गुरजीतसिंह कौड़ा, दिनेश पारीक, शिल्पा वर्मा, लालचंद
पूनियां, मंगतराम हिसारिया, ज्ञानी करनैलसिंह सहित सहित पार्टी के सैंकड़ों वरिष्ठ नेता व हजारों कार्यकर्ता उपस्थित हुए।

गुरुद्वारे में सजा काट रहे हैं एचएसजीपीसी अध्यक्ष

कुरुक्षेत्र।।हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (एचएसजीपीसी) के अध्यक्ष जगदीश सिंह झींडा व उनके साथियों ने शहर के बीचों बीच गुरुद्वारा छठी पातशाही में बुधवार से सजा भुगतनी शुरू कर दी। 13 सितंबर को कुरुक्षेत्र के गुरुद्वारे छठी पातशाही पर कब्जा करने और धार्मिक स्थल में हथियार ले जाने के आरोप में अकाल तख्त अमृतसर की ओर से झींडा और उनके साथियों को तनखईया घोषित कर दिया गया था और उन्हें कुरुक्षेत्र के गुरुद्वारे में सेवा करने की सजा सुनाई थी।

कडे सुरक्षा प्रबंधों के बीच करीब 11 बजे झींडा अपने साथियों के साथ सजा काटने यहां पहुंचे। झींडा के साथ एसजीपीसी सदस्य अवतार सिंह चक्कू, महासचिव जोगा सिंह यमुनानगर, एचएसजीपीसी युवा के अध्यक्ष कंवलजीत सिंह अजराना और हुजूर सिंह नंबरदार भी थे। इसके अलावा काफी सं या में उनके समर्थक मौजूद थे। पहले वे सीधे गुरुद्वारे में गए। वहां अरदास की व प्रसाद ग्रहण किया। उसके बाद वे अपने साथियों के साथ गुरुद्वारे के प्रमुख द्वार पर आए, जहां श्रद्धालुओं के जूते रखे जाते हैं। झींडा समेत पांचों ने करीब एक घंटे तक श्रद्धालुओं के जूतों पर पॉलिश की व उन्हें साफ किया।

फिर एक घंटे कीर्तन सुना। उसके बाद पांचों ने एक घंटा श्रद्धालुओं के जूठे बर्तन मांजे। सजा का यही सिलसिला पांच दिनों तक चलेगा। इससे पहले झींडा व उनके साथी पांच तख्तों पर इसी प्रकार की सजा काट चुके हैं। जूते साफ करते वक्त झींडा व उनके साथियों ने कहा कि हरियाणा की अलग गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी बनकर रहेगी, लेकिन हमें यह नहीं मालूम कि इसके लिए हमें अभी कितनी सजाएं और काटनी पड़ेंगी। हम कमिटी न बनने तक सजाएं काटते रहेंगे।

उन्होंने कहा कि ऐलनाबाद विधानसभा उपचुनाव में एचएसजीपीसी तटस्थ रहेगी क्योंकि आईएनएलडी प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला पंजाब के सीएम प्रकाश सिंह बादल के साथ हैं और बादल ही हरियाणा की अलग गुरुद्वारा कमिटी नहीं बनने दे रहे। कांग्रेस ने भी विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा के सिखों से किया गया वादा नहीं निभाया।

दोनों आतंकी मारे गए, मुठभेड़ खत्म

श्रीनगर।। श्रीनगर के लालचौक इलाके में दो आतंकवादियों के मारे जाने के साथ ही करीब 22 घंटे तक चली मुठभेड खत्म हो गई है। इस मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी और एक नगारिक की भी मौत हो गई। वायरलेस मेसेज के आधार पर सुरक्षाबलों ने मारे गए एक आतंकवादी की पहचान पाकिस्तान के कारी और दूसरे आतंकवादी की पहचान सपोर के उस्मान के रूप में हुई। मारे गए दोनों आतंकी लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य बताए जा रहे हैं।
करीब तीन साल बाद बुधवार को श्रीनगर के व्यस्ततम लालचौक में दो आतंकवादी फायरिंग करते हुए न्यू पंजाब होटेल में घुस गए थे। हमले में उसी वक्त एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई थी और टीवी चैनल के एक कैमरामैन सहित 10 अन्य लोग जख्मी हो गए थे। आतंकी बुधवार 11 बजे से ही न्यू पंजाब होटेल से फायरिंग कर रहे थे। इन्हें भी पढ़ें
आतंकवादी हमले से थर्राया लाल चौक
पुलिस और सीआरपीएफ ने पूरे क्षेत्र को चारों तरफ से घेरकर जवाबी कार्रवाई कर रही थी। बुधवार रात 11 बजे जवाबी कार्रवाई रोकने के बाद आज सुबह 6 बजे फिर से सुरक्षा बलों ने कार्रवाई शुरू की।
होटेल में आग लगने के बाद सुरक्षा बल के जवान इसमें घुस गए और दोनों आतंकियों को मार गिराया।
अधिकारियों के मुताबिक दुकानें काफी आसपास होने की वजह से होटेल में कोई धमाका करना संभव नहीं था। इसकी वजह से मुठभेड़ इतनी लंबी चली। आतंकी हमले में कल घायल हुए एक नागरिक की आज अस्पताल में मौत हो गई।
इससे पहले 12 अक्टूबर 2007 को डल के पास सुरक्षाबलों के शिविर पर और 4 अक्टूबर 2006 को लाल चौक में आत्मघाती हमला हुआ था।

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