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रविवार, 4 सितंबर 2011

हजारों रूपए की राशि खर्च कर प्रशासन के लाप्रवाह अधिकारियों को दिखिया आईना

बठिंडा चौक में नहीं जमा होगा अब बरसाती पानी
डबवाली(यंग फ्लेम) पिछले 10 वर्षों से शहरवासियों के लिए बरसाती पानी की निकासी मुसिबत का कारण बनी है वहीं इस समस्या का हल निकालने के लिए प्रशासन ने एड़ी चोटी का भी जोर लगा लिया मगर वह अपने इस प्रयास में फैल ही साबित हुआ। इस समस्या के समाधान के लिए शहर के एक नौजवान व्यापारी ने अपनी जैब से हजारों रूपए की राशि खर्च प्रशासन के लाप्रवाह अधिकारियों को आईना दिखाने का कार्य किया।
राजस्थान पंजाब व हरियाणा को आपस में जोडऩे वाले शहर डबवाली का बठिंडा चौक जो कि राष्ट्रीय राजमार्ग नं. 10 पर स्थित है जहां पर बरसात के दिनों में राहगीरों व वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है क्योंकि शहर में हलकी सी भी बरसात होने पर बठिंडा चौक में पानी एकत्रित हो जाता है इस बरसाती पानी की समस्या से छुटकारा पाने के लिए युवा व्यापारी विकास सिंगला ने हजारों रूपए खर्च कर जमीन में एक 9 ईंच का बोर करवाकर बरसाती पानी की धरती में निकासी करवाने का फैंसला लिया। पिछले तीन-चार दिनों से बठिंडा चौक में बरसाती पानी को जमीन में डालने के लिए बोर करने का कार्य जोरों पर चल रहा है। इस कार्य को पूर्ण होने में करीब एक सप्ताह का समय लगेगा। जब हमारे संवादाता ने विकास सिंगला से बात की तो उन्होंने बताया कि बरसात के दिनों में गोल चौक का एरिया एक जोहड़ का रूप धारण कर लेता है व प्रशासन तो इस समस्या का कोई हल नहीं कर पाया तो उन्होंने अपने तौर पर इस समस्या का हल ढूढंने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि जहां एक और चौक के दुकानदारों व राहगीरों को इस बरसाती पानी से राहत मिलेगी वहीं दूसरी और यह बरसाती पानी धरती में समा कर गिर रहे जल स्त्तर को बढ़ाने में मद्दगार होगा। उन्होंने कहा कि सरकार की और से अब बड़े शहरों के घरों व बड़ी इमारत बनाने में बरसाती पानी की निकासी जमीन में करवाने को जरूरी किया गया है। जहां इससे वाटर रिचार्ज भी हो जाता है वहीं सीवरेज सिस्टम भी बरसाती पानी के बोझ से बच जाता है।
श्री सिंगला ने बताया कि इस बोर को खुदवाने में उनकी लगभग 20 हजार रूपए की राशि खर्च होगी तथा इस बोर पर एक चैम्बर बनाया जाएगा। जिसमें मिट्टी आदि कणों को अंदर प्रवेश न करने का प्रबंध किया जाएगा।
अब प्रशासन इस और ध्यान दें तो शहर के अन्य निचले इलाकों में भी ऐसे ही बोर करवाकर उनकी पानी निकासी की समस्या से निजात दिला सकता है।

मनमोहन सिंह के पास सिर्फ मारुति -800 कार है, लेकिन पवार के पास कोई कार नहीं



भ्रष्टाचार को लेकर घिरी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सरकार के मंत्रियों में करोड़पतियों की भरमार है। पीएमओ की वेबसाइट पर सार्वजनिक किए गए चल - अचल संपत्ति के आंकड़े के मुताबिक , कपिल सिब्बल , प्रफुल्ल पटेल और एम . के . अलागिरी सबसे रईस हैं , वहीं रक्षा मंत्री ए . के . एंटनी के पास सबसे कम संपत्ति है। हालांकि , चौंकाने वाली बात यह है कि सभी मंत्रियों को 31 अगस्त तक यह ब्योरा पीएमओ को उपलब्ध कराने के निर्देश के बावजूद वी . किशोर चंद्र देव , विलास राव देशमुख , जयंती नटराजन , जितेंद्र सिंह , नमो नारायण मीणा और कृष्णा तीरथ समेत करीब 10 मंत्रियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास गाड़ी के नाम पर सिर्फ 1996 मॉडल की एक मारुति 800 कार है। वहीं , उनके मंत्रिमंडल के कई सदस्यों के पास एक से ज्यादा लग्जरी गाडिय़ां हैं। प्रधानमंत्री के नाम खेती योग्य कोई जमीन नहीं है , जबकि उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों के पास कई हजार एकड़ कृषिभूमि है। जन लोकपाल विधेयक को लेकर हुए हालिया आंदोलन के दौरान टीम अन्ना के निशाने पर रहे सिब्बल के देश के कई शहरों में फ्लैट और दो राज्यों में खेती योग्य जमीन है। प्रधानमंत्री के पास चंडीगढ़ में 4498.5 वर्गफुट क्षेत्रफल का एक फ्लैट है।
उनके पास इसी शहर में 2907 वर्गफुट का एक और घर है जो 1987 में उन्होंने 8,62000 रुपये में खरीदा था। दोनों की कुल मौजूदा कीमत 90 लाख है। पीएम का एक फ्लैट वसंत कुंज में भी है , जिसकी मौजूदा कीमत 88.67 लाख बताई गई है। उनके पास 15 हजार रुपये ही नकद में हैं। बैंकों में उनकी जमापूंजी का ब्योरा देखें , तो सेंट्रल एसबीआई सेक्रेटेरिएट शाखा में 11,39,889 और 6,46,293 रुपये , एसबीआई संसद भवन शाखा में आठ लाख से ज्यादा की राशि जमा है।
पत्नी गुरशरण कौर के स्टेट बैंक ऑफ पटियाला में खाते में 11 लाख से अधिक राशि जमा है। एसबीआई में पीएम की एफडी करीब 50 लाख रुपये की है। एसबीआई की सेंट्रल सेक्रेटेरियट शाखा में टर्म डिपॉजिट 30 लाख , नब्बे लाख और अस्सी लाख के हैं। इसी तरह 7 लाख से ज्यादा के पोस्ट ऑफिस में एनएसएस भी मनमोहन ने ले रखे हैं। पीएम की पत्नी के पास 2.75 लाख के सोने के आभूषण हैं। पीएम के पास दूसरे मंत्रियों की तरह कोई कृषि या दूसरी जमीन नहीं है।
सरकार में नंबर दो की हैसियत रखने वाले वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने अपनी कुल अचल संपत्ति 62,58279 रुपये की और चल संपत्ति 63,06327 होने की जानकारी दी है। कुल मिलाकर उनकी संपत्ति 1,25,64,606 रुपये की है। प्रणब ने अपने पास फोर्ड आइकॉन कार होने की जानकारी भी दी है। मुनीरका में उनके पास एक फ्लैट है , जिसकी कीमत 39.20 लाख है। प्रणब दा के पास कोलकाता में भी 21.12 लाख का एक फ्लैट है। पैतृक कृषि जमीन और मकान में उनका अच्छा खासा हिस्सा है।
रक्षा मंत्री ए . के . एंटनी संपत्ति - जमापूंजी के मामले में सबसे नीचे नजर आ रहे हैं। उनके पास न तो कोई घर है और न कार। कामकाजी पत्नी के पास एक कार जरूर है , वह भी सेकंड हैंड मारुति वैगनआर। इसे भी उन्होंने 1.30 लाख के लोन से खरीदा है। पत्नी के पास 15 लाख का एक घर केरल में है और इतनी की कीमत का एक प्लॉट उनके पास है। गृहमंत्री पी . चिंदबरम की अचल और चल संपत्ति की कुल कीमत 11.16 करोड़ रुपये है। कृषि मंत्री शरद पवार की कुल अचल संपत्ति 3.46 करोड़ की है तो उनकी पत्नी की अचल संपत्ति की कुल कीमत 96.97 लाख है। हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली के नाम पर 1.65 करोड़ रुपये पवार परिवार के पास हैं। हैरानी की बात यह है कि पवार ने अपने पास कार नहीं होने की जानकारी दी है। विदेश मंत्री एसएम कृष्णा के पास कुल पूंजी करीब 17.59 करोड़ जबकि अचल संपत्ति 32 लाख के करीब है।
कपिल सिब्बल के पास करीब 35 करोड़ की चल - अचल संपत्ति है। उनके पास बेंगलुरु , दिल्ली , फरीदाबाद और गुडग़ांव में जमीन है। इसके अलावा सिकंदराबाद , पटना , दिल्ली और गुडग़ांव में घर हैं। इसके अलावा नकदी करीब 3.11 लाख और वित्तीय संस्थान और गैर वित्तीय कंपनियों में जमा - करीब 76.91 लाख रुपये जमा हैं। उनके पास 5 गाडिय़ां - टोयोटा कोरोला , ह्युंदै सोनाटा , सुजुकी जीप, एनफील्ड मोटरसाइकिल, रेवा इलेक्ट्रिक कार हैं।
प्रफुल्ल पटेल के पास खुद की करीब 33 करोड़ 94 लाख की और बच्चों के नाम 54 करोड़ 72 लाख की अचल संपत्ति है। इसके अलावा उनके पास करीब 4 करोड़ 33 लाख की चल संपत्ति भी है।







पट्टे की जमीन पर कब्जा दिलाने का आरोप, कार्रवाई की मांग

कालांवाली (यंग फ्लेम)कालांवाली मंडी निवासी विजय कुमार मोदी पुत्र राधेश्याम ने एसपी सिरसा को एक शिकायत पत्र देकर कालांवाली के नायब तहसीलदार पर कार्रवाई करने की मांग की है। अपनी शिकायत में उन्होंने लिखा है कि 23 नवंबर 1990 को विजय कुमार ने लीलावती पत्नी सुंदरपाल से 4 कनाल 6 मरला भूमि 99 साल के पट्टे पर ली थी और जमीन की पर्चा रजिस्ट्री भी हो गई थी। विजय कुमार ने जमीन का इंतकाल कराने के लिए उस समय के हलका पटवारी को सभी दस्तावेज उपलब्ध करवा दिए थे। विजय कुमार का कहना है कि लीलावती की साल 2009 में मौत हो गई थी और मरने से पहले लीलावती ने अपनी संपत्ति पौत्र प्रिंस के नाम करवा दी थी। कहा गया है कि प्रिंस ने विजय कुमार से पट्टे पर दी गई जमीन वापस देने की मांग की तो दोनों के बीच सौदा तय हो गया। जब विजय कुमार अपने वकील सुखविंद्र पाल के साथ हलका पटवारी से जमाबंदी की नकल मांगी तो पता चला कि पट्टेनामे का इंतकाल ही दर्ज नहीं किया गया था। इतना ही नहीं, यह भी सामने आया कि जिस जमीन का विजय कुमार को 99 साल का पट्टा दिया गया था उसी जमीन को उसी दिन यानि 23 नवंबर 1990 को रूलदू राम के नाम बैय कर दी थी। उन्होंने इसकी शिकायत नायब तहसीलदार से की तो तहसीलदार ने लिखित शिकायत पर हलका पटवारी के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था। आरोप है कि नायब तहसीलदान ने हलका पटवारी पर कोई कार्रवाई करने की बजाय पट्टावाली जमीन का कब्जा ही प्रिंस शर्मा को करवा दिया। इसलिए उन्होंने एसपी से मांग की है कि नायब तहसीलदार ने नियमों का उल्लंघन किया है, लिहाजा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
नहीं करवाया कब्जा
नायब तहसीलदार संजय चौधरी ने इन आरोपों को निराधार बताया है। उनका कहना है कि उन्होंने उक्त जमीन का कोई कब्जा नहीं करवाया। साथ ही कहा कि जब विजय कुमार ने उक्त जमीन को पट्टे पर लिया था तो कब्जा नहीं लिया था,इसलिए इंतकाल दर्ज नहीं हुआ। वर्तमान में भी विजय कुमार का उक्त जमीन पर कब्जा नहीं है। उन्होंने पटवारी की रिपोर्ट पर एसडीएम से दिशा-निर्देश मांगे थे। एसडीएम ने नायब तहसीलदार को ही इस दिशा में कोई फैसला लेने को कहा है। संजय चौधरी का कहना है कि अब रूलदू राम के नाम जो रजिस्ट्री हुई थी उसे देखा जाएगा कि उसमें पट्टे का जिक्र है या नहीं। उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।





कब रूक पाएगा अन्ना हजारे का आंदोलन?

आज हर किसी के मन में है एक सवाल?
*कि कब खत्म होगा जन आंदोलन?
*कब मिलेगा जनलोकपाल बिल? से सभी
यह सभी सवाल जनता के मन में आते है। वैसे तो अगर हम पहले के दृष्टिकोण से देखे तो भारत में कानून लागू करना या गलत कानून खत्म करना यह सब कार्य खत्म करने में बहुत समय लगा जाता है। क्योंकि भारत में कानून व्यवस्था ढीली है। मेरी नजरों में जो समय अन्ना से सरकार ने लिया है। वह बहुत थोड़ा है। पहले की तरह अगर ढीलापन बना रहा तो अन्ना को फिर अनशन करना पड़ेगा। एक कानून के लिए क्या अन्ना अनशन करते रहेंगे। एक 74 वर्ष के बुजुर्ग ने 13 दिनों तक अनशन किया परंतु सरकार ने जन लोकपाल बिल पास नहीं किया केवल प्रस्ताव पारित किया। रामलीला मैदान में बॉलीवुड़ अभिनेता ओमपुरी के द्वारा क्रोध में आकर नेताओं पर बरसें तो नेताओं ने उन पर विशेषाधिकार हनन का नोटिस जारी कर दिया। ओमपुरी के साथ-साथ पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी के खिलाफ भी विशेषाधिकार का नोटिस दिया गया। अब तो सांसदों ने सरकार के विरूद्ध खड़े हुए प्रत्येक व्यक्ति पर आरोप लगाने की ठान ली है। हमने देखा कि आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चला। हर व्यक्ति ने अनुशासन बनाए रखा। जब कभी भी हम लोकसभा या राज्यसभा की बैठक देखते है तो सांसद आपस में लड़ते नजर आते है। जब मैंने देखा कि टीवी पर राजस्थान के विधायक हाथ में चप्पल लिए खड़े थे और पूछ रहे थे कि ये चप्पल किसने फैंकी है? जहां देश की सबसे बड़ी बैठक होती है क्यां वहां पर ये सब अच्छा लगता है। मैं तो यह सब देखकर चकित रह गया कि क्या यह सब हमे भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाएंगे। ये तो अनुशासन ही नहीं जानते। मुझे पूरा विश्वास है कि जब-जब धरती पर निरंकुशता फैली है तब-तब कोई न कोई महापुरूष जन्मा है और निरंकुश तत्वों का संहार किया है।
श्री कृष्ण ने गीता में कहा है कि
'यदा-यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवती भारत, अभ्युत्थानम् तदत्मान सृजाम्यहम, परित्राणाय साधुनां विनाशाप च दुष्कृताम, धर्म सस्या पनार्थाय सम्भवानि युगे-युगेÓ
अब राम और कृष्ण तो धरती पर नहीं आ सकते पर उनके दूत हमारी रक्षा करते रहेंगे। हमारी आधी जीत हो हुई है पर हम जरूर जीतेंगे।
अमित भोभिया
(मौजगढ़) भोभिया वाली ढाणी मो. 94669-20971

पहले इंसान और अब मर रही है इंसानियत

डबवाली (यंग फ्लेम) उपमंडल के गांव बिज्जूवाली के पास से गुजरने वाली रामपुरा माईनर में पिछले 4 दिनों में लगातार 2 शव गए हंै। उनमें से एक शव को तो पुलिस वाले ले गए, लेकिन दूसरा शव 3 दिनों से नहर के पानी में ही तैर रहा है और लगातार 3 दिनों से पानी में शव के पड़े रहने से शव सड़ चुका है तथा शव के सडऩे से आस-पास के वातावरण में दुर्गन्ध फैल गई है, जिससे पास में स्थित ढाणियों में रहने वाले लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। ढाणियों में स्थित लोगों ने बताया कि शव की दुर्गन्ध इतनी ज्यादा है कि उसके कारण वे सही ढंग से भोजन नहीं कर सकते हैं।
वहीं गांव बिज्जूवाली के ग्रामीणों ने बताया कि जहां पर नहर के पानी में शव अटका पड़ा है, वहां पर उनके गांव के जलघर में आने वाले पानी का नाला है। पिछले 3 दिनों से शव पड़ा रहने से शव सड़ गया है और सडऩे से शव के अंग बिखर कर जलघर के नाले की डिग्गियों में पानी के साथ आ गए हैं और पानी भी दुषित हो गया है, दुषित हुआ पानी गांव के जलघर में आ रहा है। जिस पानी की सप्लाई गांव में दी जा रही है। जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि तीन दिनों में जो शव आए हैं, वो महिलाओं के शव आए हैं। जोकि क्षेत्र के लोगों में चर्चा का विषय बने हुए हैं। इस बारे में गोरीवाला पुलिस चौकी के प्रभारी को भी सूचित किया गया था लेकिन उन्होंने कहा कि मैं तो पहले वाले शव को लेकर उसके पोस्टमार्टम के लिए रोहतक आया हुआ हुं। इसलिए रोहतक से आकर ही शव को वहां से ले जा सकते हैं।
जब इस बारे में सदर थाना डबवाली के प्रभारी महा सिंह रंगा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वे अभी शव के बारे में गोरीवाला पुलिस को सूचित करते हैं।

हरे पेड़ों पर चल रही है आरी

डबवाली (यंग फ्लेम) इस समय जिले भर में पौधारोपण अभियान चल रहा है। वन विभाग के अधिकारी व आम लोग भी अधिकाधिक पौधे लगाने का संदेश दे रहे हैं पर दूसरी ओर हरे पेड़ों को काटा जा रहा है। वन विभाग का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। गांव रघुवाना से पन्नीवाला तक के लगभग छह किमी रोड के साथ खड़े हरे पेड़ों को काटा जा चुका है। हैरानी की बात तो यह है कि पेड़ काटने की शिकायत पुलिस के पास किसी ने नहीं की है। पेड़ों की देखरेख के लिए गार्ड भी नियुक्त है मगर इसके बावजूद हरे पेड़ काटे जा रहे हैं। विभाग के गार्ड मेवा सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि विभाग के अनेक काम होते हंै। इस समय पौधारोपण करवा रहे हैं, इसलिए ध्यान नहीं दे पाए। यानि उन्होंने अपनी जिम्मेदारी से पूरी तरह पल्ला झाड़ लिया है। जब उनसे पूछा गया कि एक माह में उन्होंने पेड़ कटने की कितनी शिकायत पुलिस थाने में दी है तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और अपना मोबाइल बंद कर दिया। सवाल उठता है कि जब पौधारोपण के लिए विभाग प्रतिवर्ष लाखों रुपये खर्च करता है तो पेड़ों की सुरक्षा को नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है।

आसमानी बिजली गिरने से गाय की मौत

डबवाली (यंग फ्लेम) उपमंडल के गांव खुईयां मलकाना मे आसमानी बिजली गिरने से एक गाय की मौत होने का समाचार प्राप्त हुआ।
प्राप्त जानकारी अनुसार गांव खुईयां मलकाना निवासी कृष्ण कुमार बिश्नोई पुत्र शेर सिंह ने बताया कि बीती शाम लगभग 6 बजे हल्की बारिश हो रही थी कि अचानक आसमान से बिजली की चिंगारी उसके आंगन मे बंधी हुई गाय पर गिर गई जिससे गाय की जीवन लीला समाप्त हो गई। किसान ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि गाय कि कीमत लगभग चालीस हजार रूपये थी। कृष्ण कुमार के पडोसियों ने बताया कि बिजली गिरने से उनकी छत पर पडेे हुए कपड़े भी जल गये।

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