डबवाली- उपमण्डल के गांव शेरगढ़ में आर्थिक तंगी व मानसिक परेशानी के चलते 40 वर्षीय युवक की रेलगाड़ी की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई। प्राप्त जानकारी अनुसार आज प्रात: 11 बजे के करीब हनुमानगढ़ से डबवाली आ रही रेलगाड़ी की चपेट में आकर 40 वर्षीय युवक का सिर धड़ से अलग हो गया, उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। सूचना मिलते ही रेलवे पुलिस चौंकी के एएसआई इकबाल सिंह एवं डबवाली जनसहारा सेवा संस्था के प्रधान आरके नीना व सदस्य घटनास्थल पर पहुंच गए तथा शव की पहचान हेतु रेलवे पुलिस द्वारा आस-पास के क्षेत्र के लोगों को सूचित किया गया। घटनास्थल पर पहुंचे लोगों में वडिंग़ खेड़ा के सरपंच गुड्डू सिंह ने मृतक की पहचान अपने भतीजे बसन्त सिंह पुत्र जग्गा सिंह के रूप में की तथा बताया कि मृतक आर्थिक तंगी के चलते मानसिक तौर पर परेशान रहता था तथा इसी वजह के कारण पांच माह पूर्व मृतक की पत्नी भी अपने दो बच्चों को छोड़ कर कहीं चली गई थी। गुड्डू सिंह के बयान पर रेलवे पुलिस ने 174 की कार्रवाई करते हुए शव का सिविल हस्पताल में पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया।
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गुरुवार, 18 मार्च 2010
Change in the minds of the bureaucracy to take academicians in confidence for the missionary mode -- (Dr.) M.M.Goel
Dabwali- “To provide life insurance for the future of Haryana through education with efficiency, sufficiency and equity, the enhanced allocation of Rs 5946.29 crore is the commitment for inclusive growth but calls for change in the minds of the bureaucracy to take academicians in confidence for the missionary mode of the drastic changes in the system , time and again which is essential for smooth sailing of educational reforms without any agitations from the vested interests” opined Professor (Dr.) M.M.Goel Chairman, Dept. of Economics, Kurukshetra University , Kurukshetra here today. He was delivering the extension lecture at D.A.V. College for Girls on the topic ‘ Haryana Budget 2010-11: An Academic Response”. To enhance sugarcane production in Haryana, the proposal of a technology mission on sugarcane is alright along with enhanced cane prices for early, mid and late varieties to Rs 210, Rs 205 and Rs 200 per quintal for the crushing season of 2010-11 but we need to announce procurement price by all the sugar mills in advance instead of announcing the so called bonus which has no meaning and rationale being done separately causing heart burning among the sugarcane growers. In general, there is a strong case for announcing procurement prices by all the agencies including Commission on Agriculture Costs & Prices( CACP) in addition to Minimum Support Prices (MSPs) for various products as used to be the practice earlier in old good days for buffer stocks by the FCI etc. To create road map for sustainable inclusive growth in agriculture sector, we need to be pragmatic in replacing lip service to the farmers by concrete plan of action, said Professor Goel who is the convener intellectual Cell of Haryana Pradesh Congress Committee. The target of making Haryana a power surplus state appears to be ambitious without public cooperation who needs to adopt zero tolerance against power theft inspite of the augmentation and up gradation of the transmission network with doubling the availability to all the sectors of the economy through 20.6 percent increase in the resource allocation of Rs. 4642.71 crore during 2010-11,believes Professor Goel To ensure intra- generation and inter- generation spatial equity, the express corridor in PPP mode with a mixed model of Build Operate & Transfer(BOT) (Toll) and BOT (Annuity) deserve a pat on the back of the congress leadership under Ch. Bhupinder Singh Hooda who needs time to relook the HUDA for Haryana Rural Development Authority (HRDA) for removing regional imbalances in the State, said Professor Goel.
Earlier Dr.Meenu Jain HOD economics introduced & welcomed Professor Goel. Ms Anita Moudgil, Ms Suman Sidhu and Mr. Kapil Batra were present on the occasion.
Earlier Dr.Meenu Jain HOD economics introduced & welcomed Professor Goel. Ms Anita Moudgil, Ms Suman Sidhu and Mr. Kapil Batra were present on the occasion.
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वाटर वक्र्स की डिग्गी से साथ लगती ढाणी वासियों द्वारा स्प्रे की खाली टैंकी से पानी भरने पर गांव वासियों में रोष
डबवाली- उपमण्डल के गांवसुकेरा खेड़ा में वाटर वक्र्स की डिग्गी से साथ लगती ढाणी वासियों द्वारा स्प्रे की खाली टैंकी से पानी भरने पर गांव वासियों में रोष पाया जा रहा है। गांव के सरपंच औम प्रकाश पूर्व सरपंच पवन कुमार मैहता, तोता राम व अन्य गांव वासियों ने बताया कि वाटर वक्र्स के कर्मचारियों की लापरवाही के चलते साथ लगती ढाणी के वासी ने स्प्रे की खाली टैंकी से वाटर वक्र्स की डिग्गी से सीधे पानी भरा है तथा इसी डिग्गी से पूरे गांव में पानी की सप्लाई होती है। उन्होंने शंका व्यक्त की कि टैंकी का पानी जहरीला हो गया है। गांव के सरपंच औम प्रकाश द्वारा चौटाला चौकी में शिकायत दर्ज करवाने उपरान्त वहां से पहुंची पुलिस टीम ने उपरोक्त डिग्गी से पानी का सैम्पल लेकर फरीदाबाद भेजा गया है तथा पानी की सप्लाई बन्द करवा दी। गांववासियों ने वाटर वक्र्स के कर्मचारियों पर आरोप लगाया कि वे अपनी ड्यूटी से नदारद रहते हैं। जब इस बारे में ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी तिलक राज पूछा गया तो उन्होंने बताया कि साथ लगती ढाणी के लोग यहां पर पानी भरने आते रहते हैं। जबकि गांववासियों ने बताया कि किसी भी बाहरी व्यक्ति को वाटर वक्र्स के अन्दर बनी डिग्गी से पानी भरने न दिया जाए तथा पानी सिर्फ बाहर लगी टूटी से ही भरने दिया जाए। उधर जब इस बारे वाटर वक्र्स के जेई राजेन्द्र ग्रोवर से पूछा गया तो उन्होंने इस शिकायत को सिरे से नकारते हुए झूठा बताया तथा यह भी माना की ढाणी के लोग वाटर वक्र्स की डिग्गियों से सीधे पानी भरते हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में किसी को भी ऐसा नहीं करने दिया जाऐगा।
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तूड़ी से भरी ट्राली पलटने से दो युवकों के घायल
डबवाली -पंजाब क्षेत्र के गांव लम्बी में तूड़ी से भरी ट्राली पलटने से दो युवकों के घायल होने का समाचार प्राप्त हुआ है। मिली जानकारी मुताबिक उपमण्डल के गांव मसीतां निवासी 35 वर्षीय भगवान दास पुत्र बहादर राम तथा 25 वर्षीय दीपक कुमार पुत्र बसन्त लाल गांव लम्बी से तूड़ी की ट्राली लेकर अपने गांव मसीतां आ रहे थे कि पीछे से तेज गति से आ रहे ट्रक ने टक्कर मार दी। जिसके फलस्वरूप तूड़ी से भरी ट्रैक्टर-ट्राली पलट गई तथा दोनों युवक नीचे गिरकर घायल हो गए। जिन्हें राहगीरों ने उठाकर उपचार हेतु स्थानीय सिविल हस्पताल में दाखिल करवाया।
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वृष्ठ नागरिकों को पूर्ण सम्मान देने की मांग की है। -- डॉ. आर्य
डबवाली- डीएवी कॉलेज गिद्दड़बाह के पूर्व पुस्कालयाध्यक्ष, राष्ट्रीय वैदिक शिक्षा परिषद् के अध्यक्ष, केरल वैदिक मिशन के महामन्त्री व पत्रकार डॉ. अशोक आर्य ने मुख्यमन्त्री हरियाणा चौ. भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश के वृष्ठ नागरिकों के सम्मान को बढ़ाने के लिए की गई घोषणाओं को पूर्ण करने में प्रशासन के बाधक होने की शिकायत करते हुए प्रशासन को सचेत कर वृष्ठ नागरिकों को पूर्ण सम्मान देने की मांग की है। डॉ. आर्य ने पत्र में लिखा है कि हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश की महिलाओं को सम्मानित करते हुए लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व हरियाणा सरकार की बसों में 50 प्रतिशत छूट की घोषणा की थी। जिसके लिए प्रशासन द्वारा जारी पहचान पत्र आवश्यक कहा गया था तथा इस आश्य से वृष्ठ नागरिकों ने पहचान पत्र बनाने की मांग की थी। इस आधार पर स्थानीय प्रशासन ने सभी वृष्ठ नागरिकों के पहचान पत्र बनाने के लिए विगत वर्ष जनवरी माह में प्रार्थना पत्र फोटो सहित लिए थे, परन्तु तेरह महीने बीत जाने के पश्चात भी पहचान पत्र नहीं बन पाए। यह सब वृष्ठ नागरिकों के साथ एक मजाक नहीं तो ओर क्या है। डॉ. आर्य ने कहा कि शायद अब तक तो उपरोक्त प्रार्थना पत्र रद्दी की टोकरी की भेंट चढ़ गए होंगे। उन्होंने कहा कि यदि इसी प्रकार का सम्मान वृष्ठ नागरिकों का करना है तो ऐसी बेहूदा घोषणाओं का क्या लाभ। डॉ. आर्य ने मुख्यमन्त्री हरियाणा से मांग की है कि वह अपनी की गई घोषणा को पूर्ण करने के लिए प्रशासन पर नकेल कसें तथा इसकी जांच करावें कि स्थानीय प्रशासन ने उन प्रार्थना पत्रों का क्या किया जो प्रार्थना पत्र फोटो सहित लिए थे। उन्होंने मांग की कि इस मामले में दोषी को समुचित दण्ड दिया जाए तथा यहां के सभी वृष्ठ नागरिकों को तत्काल पहचान पत्र बनवा कर देने का आदेश दिया जाए।
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जिन खेलों के द्वारा भारत की पहचान थी वह अब खोती जा रही है।
हॉकी,खो-खो एवं कबड्डी ऐसे खेल
डबवाली - स्टेट बैंक ऑफ मैसूर में डिप्टी मैनेजर के पद पर कार्यरत डीसी सुरेश गोल्डमैडलिस्ट एवं उनके सहयोगी मन्जू नाथ ने कूका समाज के सम्माननीय व्यक्ति व समाजसेवी सतनाम सिंह नामधारी के निवास पर आज प्रात: पत्रकार वार्ता को सम्बोधित किया। वे राजस्थान के जोधपुर में भारतीय स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर द्वारा आयोजित 21वीं अखिल भारतीय स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर कबड्डी प्रतियोगिता में भाग लेकर वापिस लोट रहे थे। श्री सुरेश ने पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिन खेलों के द्वारा भारत की पहचान थी वह अब खोती जा रही है। उन्होंने कहा कि हॉकी, खो-खो एवं कबड्डी ऐसे खेल थे। जिससे भारत की पहचान पूरे विश्व में थी तथा भारत हॉकी व कबड्डी के लिए जाना जाता था परन्तु आजकल क्रिकेट के बुखार ने इन खेलों के अस्तित्व को नगण्य कर दिया है। उन्होंने वार्ता के दौरान बताया कि वे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलते हुए कबड्डी में भारत के लिए 6 गोल्ड मैडल तथा राष्ट्रीय स्तर पर खेलते हुए 8 गोल्ड मैडल जीत चुके हैं। उन्होंने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि क्रिकेट में थोड़ी सी उपलब्धी के लिए खिलाडिय़ों को पद्मश्री से नवाजा जाता है तथा जाता रहा है तथा कबड्डी के खिलाडिय़ों को केवल अर्जुन पुरस्कार देकर केन्द्र सरकार अपना पल्ला झाड़ लेती है। उन्होंने कहा कि कबड्डी का खेल मात्र 45 मिनट का होता है तथा इससे शरीर के प्रत्येक अंग का व्ययाम होने से स्वास्थ्य ठीक रहता है। उन्होंने बताया कि उनके अनुज बीसी सुरेश भी कबड्डी के खिलाड़ी हैं तथा वे भी भारत के लिए खेल रहे हैं। इस अवसर पर बहादुर सिंह कूका, एकओंकार सिंह नामधारी उपस्थित थे।
डबवाली - स्टेट बैंक ऑफ मैसूर में डिप्टी मैनेजर के पद पर कार्यरत डीसी सुरेश गोल्डमैडलिस्ट एवं उनके सहयोगी मन्जू नाथ ने कूका समाज के सम्माननीय व्यक्ति व समाजसेवी सतनाम सिंह नामधारी के निवास पर आज प्रात: पत्रकार वार्ता को सम्बोधित किया। वे राजस्थान के जोधपुर में भारतीय स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर द्वारा आयोजित 21वीं अखिल भारतीय स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर कबड्डी प्रतियोगिता में भाग लेकर वापिस लोट रहे थे। श्री सुरेश ने पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिन खेलों के द्वारा भारत की पहचान थी वह अब खोती जा रही है। उन्होंने कहा कि हॉकी, खो-खो एवं कबड्डी ऐसे खेल थे। जिससे भारत की पहचान पूरे विश्व में थी तथा भारत हॉकी व कबड्डी के लिए जाना जाता था परन्तु आजकल क्रिकेट के बुखार ने इन खेलों के अस्तित्व को नगण्य कर दिया है। उन्होंने वार्ता के दौरान बताया कि वे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलते हुए कबड्डी में भारत के लिए 6 गोल्ड मैडल तथा राष्ट्रीय स्तर पर खेलते हुए 8 गोल्ड मैडल जीत चुके हैं। उन्होंने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि क्रिकेट में थोड़ी सी उपलब्धी के लिए खिलाडिय़ों को पद्मश्री से नवाजा जाता है तथा जाता रहा है तथा कबड्डी के खिलाडिय़ों को केवल अर्जुन पुरस्कार देकर केन्द्र सरकार अपना पल्ला झाड़ लेती है। उन्होंने कहा कि कबड्डी का खेल मात्र 45 मिनट का होता है तथा इससे शरीर के प्रत्येक अंग का व्ययाम होने से स्वास्थ्य ठीक रहता है। उन्होंने बताया कि उनके अनुज बीसी सुरेश भी कबड्डी के खिलाड़ी हैं तथा वे भी भारत के लिए खेल रहे हैं। इस अवसर पर बहादुर सिंह कूका, एकओंकार सिंह नामधारी उपस्थित थे।
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