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मंगलवार, 15 फ़रवरी 2011

काटने में जहरीली नहीं छिपकली

कुमार मुकेश,
भारत में छिपकलियों की कोई भी प्रजाति जहरीली नहीं है, लेकिन उनकी त्वचा में जहर जरूर होता है। यही कारण है कि छिपकलियों के काटने से जहर नहीं फैलता, बल्कि जब यह किसी खाने-पीने की चीज (दूध, सब्जी आदि) में गिर जाती है तो वह जहरीला हो जाता है। यह बात जोधपुर के भारतीय प्राणी सर्वेक्षण के सेवानिवृत्त सहायक निदेशक डॉ. एनएस राठौड़ ने कही। यहां दयानंद महाविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में बतौर मुख्य वक्ता आए डॉ. राठौड़ ने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि छिपकलियों की 3200 प्रजातियां हैं। इनमें से सिर्फ दो ही प्रजाति हीलोडरमा सस्पेक्टम व हीलोडरमा हरीडियम ही जहरीली हैं। यह दोनों ही प्रजाति उत्तरी अमेरिका व मैक्सिको में पाई जाती हैं। उन्होंने बताया कि दोनों जहरीली छिपकलियों का रंग पीला व गुलाबी होता है, जिनपर काले धब्बे होते हैं। उन्होंने बताया कि ये दोनों जहरीली छिपकलियां भी अपने इस जहर का प्रयोग अपने शिकार को बेहोश करने के लिए करती हैं न कि इंसानों को काटने के लिए। भारत में पाई जाने वाली छिपकलियों की 165 प्रजातियों में से एक भी जहरीली नहीं है, लेकिन इनकी त्वचा में जहर जरूर है। जब यह किसी वस्तु में गिरती है तो इनकी त्वचा में मौजूद जहर की पोटली फट जाती हैं और वह वस्तु भी जहरीली हो जाती है। दुश्मन नहीं मित्र है छिपकली छिपकलियों की वजह से हम कई प्रकार की बीमारियों से बचते हैं। घरों में पाई जाने वाली छिपकलियां कीड़े, मक्खी और खासकर दीमक को खा जाती हैं। यदि घर में छिपकली न हो तो उस घर में कीड़ों व मक्खियों से फैलने वाली बीमारियां ज्यादा होंगी और उस घर के दरवाजे व लकड़ी से बने अन्य फर्नीचर दीमक लगने से जल्दी नष्ट हो जाएंगे। छत्रपति शिवाजी की सेना में थी गोरपड़ डॉ. राठौड़ ने बताया कि हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में गौ, पाडा, गोयरा और गोरपड़ के नाम से विख्यात छिपकलियों की वेरानस बैंगालेंसिज प्रजाति की न तो त्वचा में और न ही कहीं और जहर है जबकि इनका खौफ सबसे ज्यादा है। उन्होंने बताया कि इनकी पकड़ सबसे ज्यादा है। इसी कारण इसे छत्रपति शिवाजी ने अपनी सेना में इनको शामिल किया था। इनके पंजों पर रस्सी बांधकर इनकी सहायता से किलों पर चढ़ाई की जाती थी। कहां पर कौन-कौन सी छिपकली मिलती है ाघरों में पाई जाने वाली छिपकलियों को हेमी डाइटिलकस ब्रूक कहते हैं। ापंजाब, हरियाणा व राजस्थान में गौ के नाम से विख्यात छिपकली को वेरानस बैंगालेंसिज छिपकली कहते हैं। ागो की ही तरह वेरानस सालवेटोर छिपकली बंगाल व असम में पाई जाती है। ागो की ही तरह वेरानस फ्लेविसेल्फ छिपकली हरियाणा में मिलती है, जो तालाब की मिट्टी में बिल बनाती है।

मैंने जमा कराया था छत्रपति से जुड़ा सामान

अंबाला-पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड के दौरान सिरसा में हैड कांस्टेबल तैनात रहे सोहन वीर सिंह ने सोमवार को अदालत में गवाही दी। उसने स्पेशल सीबीआइ मजिस्ट्रेट एएस नारंग की अदालत को बताया कि हमले के बाद छत्रपति से जुड़ा सामान उसने ही मालखाने में जमा कराया था। बाद में अदालत ने सिंह के साथ जिरह करने के लिए 17 फरवरी का दिन मुकर्रर कर दिया। सिंह ने अदालत को बताया कि रामचंद्र छत्रपति के खून से सने कपड़े, मौके से उठाई गई मिट्टी पर अन्य सामान तत्कालीन खैरपुर सिरसा चौकी इंचार्ज के पास थे। चौकी इंचार्ज ने वे सब उसे दिए थे, ताकि वह उन्हें केस प्रापर्टी के तौर पर माल खाने में जमा करवा दे। उसके बाद उसने उन्हें माल खाने में सुरक्षित रखने के लिए जमा करा दिया। अदालत ने बचाव पक्ष की मांग पर सोहनवीर सिंह से स्पष्टीकरण करने के लिए 17 फरवरी का दिन निर्धारित कर दिया। समय के अभाव में अदालत में सोमवार को रणजीत हत्याकांड में कोई गवाही नहीं हो सकी। डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम ने सिरसा अदालत में पेश होकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दोनों मामलों में अपनी हाजिरी लगाई। हमले के मामले में बयान दर्ज करनाल, मुसं : डेरामुखी के काफिले पर बम ब्लास्ट की साजिश में गिरफ्तार मुख्य आरोपी आतंकी बख्शीश सिंह की मौजूदगी में सोमवार को छह गवाहों ने अदालत में बयान दर्ज कराए। गवाहियों के लिए अगली तारीख 8 मार्च रखी गई है। गौरतलब है कि 2 फरवरी 2008 को नीलोखेड़ी के समीप डेरामुखी संत गुरमीत राम रहीम के काफिले पर बम ब्लास्ट किया गया था। इस हमले में डेरामुखी बाल-बाल बचे थे। पुलिस ने हमले की साजिश में आठ लोगों को गिरफ्तार किया था जिनमें से सात के खिलाफ गवाहियों का दौर पूरा हो चुका है।

61-year-old US woman delivers her own grandson!

London, Feb 14 (ANI): A 61-year-old woman in the US made history after she gave birth to her own grandson that was being surrogate for her daughter.Kristine Casey became the oldest women in living memory to give birth in Illinois and also broke several local records for being the surrogate mother for her daughter, Sara Connell, who had been trying for years to have a baby.
Connell and her husband, Bill, are the biological parents of the child Casey carried, which grew from an embryo created from the Chicago couple's egg and sperm. Connell told the Chicago Tribune that she and her mother held hands as Finnean Lee Connell was delivered by cesarean section at 9.47pm on Wednesday.
"When the baby let out a cry, I lost it. It's such a miracle," the Daily Mail quoted her as saying.Susan Gerber, who delivered the baby at the Northwestern Memorial Hospital, said it would have needed a heart of stone to not be moved by the amazing event.
"The surgery itself was uncomplicated, and the emotional context of this delivery was so profound," Gerber said.According to state health department records, the oldest woman to give birth in Illinois was 58 when she had her baby in 2006. (ANI)

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