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शनिवार, 18 जून 2011

अब तो हत्यारों की सरकार बन गई है कांग्रेस:अभय सिंह

डबवाली (यंग फ्लेम)पहले कांग्रेस पार्टी की सरकार लुटेरों की सरकार होती थी मगर अब तो लूट के साथ-साथ हत्यारों की सरकार बन गई है। सरकार के मंत्री खुद हत्याएं करवा रहे हैं। ऐसे में आम आदमी का क्या होगा, यह सोचने की बात है। यह बात ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने गांव बाजेकां में ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कही। अपने जनजागरण अभियान के तहत वे गांव बाजेकां में पहुंचे थे। अभय सिंह ने करनाल जिले में पूर्व सरपंच कर्म सिंह की हत्या के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार के दो मंत्रियों ने नौकरी लगाने के नाम पर लाखों रुपयों की रिश्वत ली और नौकरी भी नहीं लगाई। जब कर्म सिंह ने रिश्वत के पैसे वापस मांगे तो उसकी हत्या करवा दी। रिश्वत के गवाह की भी हत्या करवा दी। इससे साबित होता है कि पहले कांग्रेस सरकार लोगों को लूटने का काम करती थी मगर अब लूट के साथ-साथ हत्या भी करवाने लगी है। अब आम आदमी कांग्रेस शासन में चैन की नींद नहीं सो सकता। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था बदहाल है। किसानों की जमीन सस्ते रेट पर खरीदकर सरकार प्रॉपर्टी डीलर्स को महंगे दामों बेचकर मुनाफा कमा रही है। हर तरफ भ्रष्टाचार का आलम है। अधिकारी भी बिना रिश्वत के काम नहीं करते हैं। सिरसा जिले में कानून व्यवस्था पर बोलते हुए कहा कि जिले में अपराध दिनोंदिन बढ़ रहे हैं। लोग पुलिस थाने में शिकायत लेकर जाते हैं तो थानेदार सुनवाई नहीं करते हैं। एसपी पर निशाना साधते हुए अभय सिंह ने कहा कि जिले में बिगड़ रही कानून व्यवस्था के लिए पुलिस प्रशासन जिम्मेदार है। पुलिस के बड़े अधिकारी रिश्वत खा रहे हैं तथा थानेदार बड़े अधिकारियों के एजेंट बने हुए हैं। महंगाई से आम आदमी का जीना मुश्किल हो गया है। कुछ दिन पहले पेट्रोल के दाम पांच रुपये तक बढ़ा दिए थे और अब होम लोन भी महंगा कर दिया है। अभय सिंह ने ग्रामीणों से कहा कि उक्त सभी समस्याओं का एक ही समाधान है, और वह है इनेलो का शासन। जब प्रदेश में इनेलो की सरकार बनेगी और चौधरी ओमप्रकाश चौटाला मुख्यमंत्री बनेंगे तो फिर कोई समस्या नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में चल रही गुटबाजी से लगता है कि जल्द ही उपचुनाव होंगे तथा इनेलो की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि 11 जून को सिरसा बंद करके जिले के लोगों ने अपना गुस्सा दिखाया था। वे बंद के लिए लोगों का धन्यवाद करने तथा कांग्रेस की नाकामियों को बताने के लिए ही ग्रामीणों के बीच जा रहे हैं। गांव साहुवाला में राकेश चाहर रविंद्र चाहर के आवास पर उन्होंने जलपान किया। उन्होंने आज गांव केलनियां, रामनगरिया, सलारपुर, खाजाखेड़ा, कंगनपुर, बाजेकां, अलीमोहम्द, चांडीवाल, साहूवाला-2, ताजियाखेड़ा, शेरापुरा, कैरांवाली, नारायणखेड़ा, गदली, डिंग, मोचीवाली, कुक्कड़थाना, जोधकां, कुसुम्बी, कंवरपुरा, फूलकां सहित अन्य गांवों का दौरा किया। उनके साथ इनेलो जिलाध्यक्ष पदम जैन, अमीर चावला, डॉ. सीताराम, कृष्ण कंबोज, जिला प्रेस प्रवक्ता कृष्ण गुंबर, जसबीर सिंह जस्सा, सुरेश कुक्कू, बंसी सचदेवा, लीलाधर सैनी, कृष्णा फौगाट,विनोद बेनीवाल, सीताराम बटनवाला, महावी शर्मा, हरि सिंह भारी, मीनूदीन पहलवान, प्रदीप मेहता, मनोहर मेहता, कृष्ण मेहता, रमेश मेहता, बाजेकां की सरपंच भगवंती देवी, पूर्व सरपंच जगीर सिंह, जीत सिंह सहित अन्य मौजूद थे।

इस रंग बदलती दुनिया में स्वामी रामदेव !

सयाने कह गये हैं- इस दुनिया में कुछ भी स्थाई नहीं,सब कच्चा है। सिर्फ वही 'एक' सच्चा है। फिर भी लोग नहीं मानते। बहुत से साधु-संत भी नहीं मानते, हमेशा आजमाने की कोशिश में लगे रहते हैं। किसी ने कह दिया कि आग में हाथ ड़ालने से जल जाता है तो क्या जरुरी है कि हाथ ड़ालकर देख ही लिया जाय? लेकिन बहुत से लोगों का दिल है कि मानता ही नहीं।
ज्ञानी लोग बताते हैं कि भगवा एक ऐसा रंग है जिसके बाद इस असार-संसार में फिर किसी और रंग की जरुरत ही नहीं रह जाती। भगवा, ज्वाला का प्रतीक है। उसको धारण करने का मतलब ही है कि आपने सांसारिक कमजोरियों, लिप्साओं और वासनाओं को संयम की आग में जलाकर नष्ट कर दिया है और जो कोई भी संसारी व्यक्ति आपके सानिध्य में रहेगा, आपसे दीक्षित होगा, उसका भी व्यामोह नष्ट हो जाएगा। पर, देखने में आता है कि प्राय: ऐसा होता नहीं। यह देव दुलर्भ है। मतलब देवता भी इससे विचलित होते रहे हैं। नारद-वारद को तो प्राय: ही ऐसी विचलन होती रहती थी। तो इसमें बाबा रामदेव का क्या दोष?
उपर जिन सयाने लोगों ने यह बताया है कि कुछ भी स्थायी नहीं, साजिशन उन्होंने यह नहीं बताया कि कम से कम कितनी देर तक यह टिकाऊ रहेगा, वरना बाबा धोखा न खाते। अब महाजनों की कही कोई बात 48 घंटा भी न टिके तो धोखा खाने के अलावा और हो ही क्या सकता है? देखने वाले दंग रह गये कि इस दौरान कितनी तेजी से रंग बदले! जिस बाबा का हवाई अड्डे पर रेड कार्पेट मार्का वेलकम किया गया, 5 स्टार होटल में आवभगत की गई उसी बाबा को 24 घंटे भी न बीतने पाये कि उन्हीं लोगों द्वारा यह सलूक! बाबा ने अपनी आदत के अनुसार सरकार से एडवांस में कोई गोपनीय सौदा कर ही लिया था तो काँग्रेस की पल्टी देखिए कि अखबारवालों के सामने उस चिठ्ठी को ही आऊट कर दिया!
बाबा भी कम नहीं। तप करने के लिए पुलिस से मोहलत ली थी लेकिन वहॉ जाने क्या-क्या करने लगे। कॉग्रेस अलग हैरान! उसकी किस्मत आजकल ऐसी ही चल रही है। अन्ना की काट के लिए जिसे मोहरा बनाती है वो रामदेव बन जाता है और जिसे लाट साहबी करने के लिए भेजती है, वो कामदेव बन जाता है! कॉग्रेस कब तक लाल-पीला स्वागत करती फोकट में। उसने बाबा से काबू में रहने को कहा तो बाबा के चेले कहने लगे कि बाबा तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं। चेले क्या जाने बाबा की लीला कि बाबा की 8 फुट की म्यान महज दिखावे की है, तलवार तो उसमें दो फुट की भी नहीं है। खेल-खेल में शुरु हुआ कार्यक्रम कॉग्रेस को अपने गले में सॉप जैसा लिपटा दिखने लगा। बाबा के पल-पल रंग बदलने से आहत कॉग्रेस ने आखिर वही किया जो कोई भी दिग्भ्रमित कर सकता है। गले में पड़े रामदेव नामक सॉप को मॅूड़ी से पकड़ा और ले जाकर भाजपा के गले में डाल आई कि लो अब संभालो इसे।
जो लीला न करे वो भगवान कैसा? हमारे धर्मग्रंथों में भगवानों के जो मानक लिखे हैं, उसके अनुसार उनका लीला करना अपरिहार्य होता है। भगवान राम ने जनकपुर में लीला न की होती तो परशुराम उन पर फरसा ही चला बैठते। उनकी लीला देखकर वे संतुष्ट हो गये थे। भगवान आशाराम तो बाकायदा कृष्ण की वेशभूषा में स्त्रियों के साथ रासलीला रचाते है! उसी प्रकार भगवान रामदेव भी कुछ लीला करना चाह रहे थे। कभी किसी के कंधे पर चढ़ रहे थे, तो कभी महिलाओं के बीच में घुसे जा रहे थे। बेचारे ब्रह्मचारी आदमी! ख्याल आ गया होगा कि स्त्री न सही तो स्त्री का वस्त्र ही सही, सो किसी स्त्री का वस्त्र पहन लिया। हालॉकि पुलिस यह नहीं बताती कि वे महिलाओं का अधोवस्त्र भी पहने थे कि नहीं। पुलिस कभी भी पूरी बात नहीं बताती।
फिर पुलिस ही कब तक रंग न बदलती। वह तो स्वभाव से ही रंग में भंग करने को आतुर रहती है। थोड़ी देर पहले तक जो पुलिस जरखरीद गुलाम जैसी बनी हुई थी वह अचानक तांडव करने लगी। मुझे शक़ होता है कि पुलिसियों को इतनी ताकत कहीं योग से तो नहीं मिल गई? बहरहाल, पुलिस ने बाबा को बताया कि तप का मतलब यह नहीं होता कि तुम लिंग परिवर्तन करने लगो और अगर लिंग परिवर्तन की तुम्हारी इतनी ही इच्छा है तो चलो तुम्हें पहाड़ों में छोड़ दें। वहीं जो करना हो करो।
मुंशी प्रेमचंद ने अपनी प्रसिध्द कहानी 'कफनÓ के अंत में घीसू और माधव के बारे में लिखा है कि ' वे गाये और नाचे भी, ठुमके भी लगाये और भाव भी बताये। बाद में नशे की अधिकता के कारण सुध-बुध खोकर गिर पड़े।Ó यही सब बाबा ने भी किया और गिर पड़े! वे पहले बाबा बने, फिर योगी बनकर योग सिखाने लगे। योग में भी उनकी रुचि नाखून रगड़कर सफेद बाल को काला करने और उँगलियों के कई दबाव बिंदु की मार्फत सेक्स जगाने जैसी समस्याओं में ज्यादा रही। बाबा ने इस बात का खासा प्रचार किया कि फलॉ उंगली में सेक्स जागृत करने का दबाव बिंदु होता है और इसीलिए शादी के एंगेजमेंट के समय उसी उँगली में ?गूठी पहनी जाती है! (हमारे कई सुधी पाठकों को याद होगा, एक समय में स्वयंभू भगवान आचार्य रजनीश उर्फ ओशो भी ऐसा ही कुछ कहते थे। एक बार एक विदेशी पत्रकार ने उनसे पूछा कि भगवान्, ये महिलाऐं हाथ में चूडिय़ां क्यों पहनती हैं, तो भगवान ने उत्तर दिया था – दीज आर बेंगल्स। दीज प्रोडयूस द साउन्ड ऑफ सेक्स। मतलब ये चूडिय़ाँ हैं और ये सेक्सी ध्वनि पैदा करती हैं!) बाद में बाबा कारोबारी, व्यापारी और उद्योगपति भी बन गये। ये सब हुआ तो राजनीति में भी हाथ आजमाने की सोचने लगे। यहॉ तक तो गनीमत थी लेकिन बाबा को अचानक सत्ता की दलाली करने का भी शौक चढ़ा और रामदेव जैसे लोग शायद समझते हैं कि सत्ता किसी भैंसे की तरह है और अगर उसकी पूंछ पकड़ में आ गई तो मरोड़ कर भैंसे का काबू में कर ही लेंगें। वे काँग्रेस की पूंछ पकड़े तो, उसे मरोड़े भी लेकिन कॉग्रेस ने एक झटका देकर अपनी पूंछ छुड़ा ली। अब पूंछ छुटाया भैंसा कितना खतरनाक हो जाता है इसे तो कोई बाबा रामदेव से जाकर पूछे। पॉच जून 2011 को दिल्ली के रामलीला मैदान पर आधी रात को सिर्फ रामदेव की धोती ही नहीं खुली उनके तमाम राज फाश हो गए! वे कितने बडे योगी हैं, वे कितना तप कर लेते हैं और वे जनता के लिए कितना संघर्ष कर सकते हैं, पुलिस को देखकर कितना ज्यादा डर सकते हैं, ये सब देश-दुनिया ने देखा। अब इधर बाबा के बारे में जो चंद लोग कटो-मरो की बातें कर उनकी रक्षा में लगे हैं, वे सब असल में उनके कारोबारी लोग हैं।
.बाबा रामदेव के उक्त प्रयत्नों से और चाहे कुछ हुआ या न हुआ हो, लेकिन कई नये तथ्य जरुर स्थापित हो गये। जैसे कि
1. भगवान से भी बड़ी सरकार होती है।
2. योग और तप से भी बड़ी देसी पुलिस होती है।
3. जिस नारी की छाईं पडऩे से भुजंग अन्धा हो जाता है, उसकी छाईं से हमारी पुलिस का रोवाँ भी नहीं टेढ़ा होता और वह ऐसी सैकड़ों छाइयों के बीच घुसकर अपना शिकार पकड़ सकती है, और 4 वक्त अगर बुरा हो तो अंजाम बुरा ही होगा क्योंकि कहा भी गया है कि – मनुज बली नहि होत है, समय होत बलवान, भीलन लूटी गोपिका, वहि अर्जुन, वहि बान!
इस रंग बदलती दुनिया में बेचारे बाबा रामदेव! क्या जानें कि यहाँ इन्सानों की नीयत ठीक नहीं। बाबा, निकला न करो तुम.......।

रास्ते को लेकर झगड़ा, मुकदमा दर्ज

डबवाली (यंग फ्लेम) रत्ताखेड़ा-राजपुरा के रकबा क्षेत्र में दो पक्षों द्वारा रास्ते को लेकर मारपीट में तीने लोगों को चोटेंंंंंं आई है और पुलिस ने दोनों पक्षों केेे खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। थाना ओढां के एएसआई जगदीश प्रसाद ने बताया कि रत्ताखेड़ा-राजपुरा के रकबा में रास्ते को लेकर बनवाला निवासी अनिल कुमार रत्ताखेड़ा निवासी मनीराम का आपस में झगड़ा हो गया और दोनों पक्षों में लाठियां चली। जिसमें दोनों पक्षों के 40 वर्षीय अनिल कुमार, 35 वर्षीय मनीराम और 45 वर्षीय इंद्राज घायल हो गए, जिन्हेंं उपचार के लिए सिरसा के सामान्य अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। ओढां पुलिस ने अनिल कुमार की शिकायत पर मनीराम, सतनारायण, इंद्राज रामस्वरूप निवासी रत्ताखेड़ा के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने मारपीट करने का मामला दर्ज कर लिया है। दूसरी ओर मनीराम की शिकायत पर अनिल कुमार निवासी बनवाला के खिलाफ मारपीट करने का मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।

अध्यापकों ने किया प्रदर्शन, फूंकी अर्थी

डबवाली (यंग फ्लेम)निकटवर्ती गांव में सिघेंवाला में आज बेरोजगार अध्यापक संगठनों द्वारा पंजाब खेत मजदूर यूनियन, भारतीय किसान यूनियन(एकता) और सर्व भारत नौजवान सभा के सहयोग से पंजाब सरकार की अर्थी फंूकी सरकार से विरोध में नारेबाजी की। इस अवसर पर बीएड, ईटीटी, डीपीएड एवं आर्ट एंड क्राफट अध्यापक संगठनों के सदस्य बलजीत सिंह कंदू,खेड़ा, सुखजिंद्र सिंह, नवजीप सिंह, राजेंद्र सिंह, ने प्रदेश सरकार द्वारा बेरोजगारों को रोजगा देने की बजाए योग्यता जांचने के बहाने से उनकी 25-25 वर्ष की पढ़ाई को नजर अंदाज करते हुए 90 मिनट का टैस्ट लेने के बहाने उन्हें परेशान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि गत 5 जून को अपनी मांगों को लेकर लंबी पहुंचे अध्यापकों पर किए गए अत्याचार के विरोध में वह गांव-गांव जाकर सरकार की कब्र खोदने व टीईटी को रद्द करवाने के लिए यह मुहिम शुरू की है। इसके तहत बेरोजगार अध्यापकों द्वारा दूसरें संगठनों के सहयोग से गांव-गांव में सरकार के विरोध में प्रदर्शन किए जा रहे है। इस मौके पर पंजाब खेत मजदूर यूनियन के जिला प्रधान नानक सिंह, किसान यूनियन (एकता) के सदस्य गुरपाश सिंह, सर्वभारत नौजवान सभा के अश्वनी कुमार ने कहा कि सरकार पढ़े-लिखे नौज्वानों को नौकरी देने की बजाए उन्हें बेजह से परेशान कर रही है। यह सरकार के अत्यचार को एक जागरूक समाज द्वारा किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। इस मौके पर तारा चंद, गुरविंद्र सिंह, इकबाल सिंह, विजय कुमार शर्मा, जगवीर सिंह आदि संगठनों के सदस्य उपस्थित थे।

अध्यापकों में रोष, सौंपा ज्ञापन

डबवाली(यंग फ्लेम) राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के सदस्यों ने उपायुक्त महोदय सिरसा को एक ज्ञापन सौंप कर खंड शिक्षा अधिकारी की असंतोषजन कार्यप्रणाली के बारे सूचित किया।
संघ द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में उन्होंने लिखा कि खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में लंबित पड़े कार्यों के बारे में मैखिक व लिखित रूप में कई बार अवगत करवाया जा चुका है लेकिन उसनी कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। इसी के तहत आज संघ के सदस्यों ने खंड कार्यालय में जिला प्रधान शेषपाल सिंह, ब्लाक प्रधान संजीव भारद्वाज, सचिव नवीन नागपाल, कोषाध्यक्ष जया सिंह, उपप्रधान गुरदयाल सिंह, आडिटर वेद प्रकाश, सह सचिव गुरपाल सिंह, जिला मुख्य सलाहकार इंद्र जाखड़, संगठन सचिव संजय बनवाला खंड शिक्षा कार्याल्य में उपस्थित हुए लेकिन सुबह 11.45 बजे तक खंड कार्यालय में उपायुक्त महोदय द्वारा नियुक्त किए गए जांच अधिकारी व खंड शिक्षा अधिकारी के न पहुंचने पर संघ के सदस्यों में रोष पाया गया और कार्यालय सहायक राम स्वरूप से पूछने पर पता चला की खंड शिक्षा अधिकारी आज छुट्टी पर है और जांच की तारीख आगे कर दी जाएगी। संघ सदस्यों ने कहा कि उन्हें इस बारे कोई सूचना भी नहीं दी गई। संघ सदस्यों ने इस बारे उपायुक्त से उचित कार्रवई की मांग की। इस मौके पर संघ के सदस्यों ने चेतावनी देते हुए कहा यदि खंड शिक्षा कार्यालय ने अपनी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं किया तो संघ के सदस्य कार्यालय के समक्ष धरना देने को मजबूर होंगे।

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