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मंगलवार, 20 अक्टूबर 2009

पाक: हज़ारों का पलायन, मानवीय संकट का ख़तरा




पाकिस्तान के क़बायली इलाक़े दक्षिण वज़ीरिस्तान में तालेबान विद्रोहियों के ख़िलाफ़ सेना के अभियान के कारण वहाँ मानवीय संकट का ख़तरा पैदा हो गया है. सेना का दावा है इस संघर्ष में अब तक 78 तालेबान लड़ाके मारे गए हैं.

रिपोर्टों के अनुसार अफ़ग़ानिस्तान के साथ सटी पाकिस्तान की सीमा पर डेरा इस्माइल ख़ान शहर में एक लाख लोग एकत्र हो गए हैं. ये संघर्ष के कारण विस्थापित हुए आम नागरिक हैं.

पाकिस्तान के उस इलाक़े में कड़ाके की सर्दी पड़ती है और प्रधानमंत्री यूसुफ़ रज़ा गिलानी ने अंतरराष्ट्रीय मदद का अनुरोध किया है.

एक संवाददाता का कहना है कि शरणार्थियों की लंबी कतारें लगीं है और लोग प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष अपने नाम का पंजीकरण करवा रहे हैं.

लेकिन जहाँ कुछ रिपोर्टों के अनुसार उन्हें किसी भी तरह की राहत उपलब्ध नहीं कराई गई है और वे स्थानीय लोगों पर आश्रित हैं वहीं सरकार का दावा है कि विस्थापितों का पंजीकरण हो रहा है और उन्हें तत्काल राशन भी उपलब्ध कराया जा रहा है.
'तालेबान के 78 लड़ाके मारे गए'
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल अथर अब्बास का कहना है, "सैनिक उस इलाक़े में सफल अभियान चला रहे हैं....ये इलाक़ा पाकिस्तान में आतंकवादी समस्या का केंद्र है...सेना इस इलाक़े में लगभग 12 किलोमीटर अंदर पहुँच गई है."


पाकिस्तानी सेना का दावा है कि अब तक के संघर्ष में 78 चरमपंथी और नौ सैनिक मारे गए हैं. लेकिन इन दावों की स्वतंत्र सूत्रों से पुष्टि नहीं हुई है.

सुरक्षाबलों ने सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण एंगल माल के पहाड़ों पर नियंत्रण कायम करने का दावा भी किया है.

दूसरी तरफ़ तालेबान का दावा है कि अब तक की लड़ाई में उसका कोई लड़ाका मारा नहीं गया है.

दक्षिणी अफ़ग़निस्तान को अफ़ग़ानिस्तान के बाहर इस्लामी चरमपंथियों का पहला बड़ा गढ़ माना जाता है.

ग़ौरतलब है कि इसी संघर्ष के दौरान इस्लामाबाद में अमरीकी सीनेटर जॉन कैरी आजकल पाकिस्तानी नेताओं से मिल रहे हैं. वे अमरीका की ओर से पाकिस्तान को दी जाने वाली अरबों डॉलर की मदद के बारे में भी चर्चा करेंगे.

मैडॉना के संगीत से परेशान पड़ोसी





अगर मैडॉना जैसी कलाकार आपकी पड़ोसी हो तो लोग आपकी क़िस्मत पर रश्क करेंगे. कहां तो उनके प्रशंसक उनकी एक झलक देखने को तरसते हैं और कहां आप सीढ़ी चढ़ते उतरते या लिफ़्ट में यूं ही अचानक उनसे टकरा जाते हैं.

लेकिन न्यूयॉर्क के मैनहैटन इलाक़े में मैडॉना के अपार्टमेन्ट के ऊपर रहने वाली कैरन जॉर्ज अपनी पड़ोसन से परेशान हैं. उन्होने सुप्रीम कोर्ट में मैडॉना के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई है कि वो बहुत ऊंचे संगीत पर रिहर्सल करती हैं.

कैरन ने अपनी शिकायत में लिखा है, “मैडॉना और उनके आमंत्रित अतिथि बारंबार नाचते हैं या बहुत ऊंचे संगीत पर प्रैक्टिस करते हैं”.

मैडॉना की पड़ोसन ये कहकर मैनहैटन स्थित इस इमारत का प्रबंधन करने वाली कम्पनी पर मुक़दमा ठोक रही हैं कि उनकी शिकायतों पर कोई क़दम नहीं उठाया गया.


लेकिन प्रबंधन कम्पनी और मैडॉना की प्रवक्ता ने कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया.

कैरन जॉर्ज ने जो शिकायत दर्ज की है उसमें लिखा है कि जब भी मैडॉना के रिहर्सल होते हैं उन्हे इमारत छोड़ कर जाना पड़ता है, “क्योंकि शोर और कंपन दीवारों से होता हुआ उनके अपार्टमेन्ट तक पहुंचता है जो बर्दाश्त के बाहर होता है”.

उनका कहना है कि उन्होने सबसे पहले 2008 में शिकायत की थी लेकिन कुछ नहीं किया गया.

मैडॉना अपने फ़िल्म निर्देशक पति गाय रिची से तलाक़ होने के बाद इस इमारत की सातवीं मंज़िल के अपार्टमेन्ट में चली गई थीं जहां से न्यूयॉर्क का सेंट्रल पार्क साफ़ दिखाई देता है.

..परदेस जा के परदेसिया, एड्स न लाना पिया


पिया के परदेस कमाने जाने पर पहले महिलाएं एक फिल्मी गाना गुनगुनाती थीं.. परदेस जा के परदेसिया,भूल न जाना पिया। अब इस गाने को बदल कर कहना पड़ रहा हैं.. परदेस जा के परदेसिया, एड्स न लाना पिया। वैशाली जिले में खतरे की घंटी बज चुकी है, यहां एचआईवी पाजिटिव लोगों की संख्या पांच सौ के पार हो चुकी है। जिले में इस वर्ष करीब 1200 लोगों की जांच करायी गयी है। समेकित परामर्श एवं जांच केन्द्र की रिपोर्ट के अनुसार अब तक 518 लोग ऐसे चिह्नित किये गये हैं जो एचआईवी/एड्स के साथ जी रहे हैं। विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार जिले में 54 लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा संक्रमितों की संख्या हाजीपुर एवं लालगंज प्रखंड में पायी गयी है। कई ऐसे गांव-टोले चिह्नित किये गये हैं, जहां दर्जनों की संख्या में लोग पीडि़त हैं। इस गंभीर बीमारी से महिलाएं और बच्चे तेजी से संक्रमित हो रहे हैं। 14 एड्स संक्रमित बच्चे पहचाने गये हैं। ये सभी अपने पिता की गलती के चलते अनाथ हो गए हैं। एड्स का तेजी से प्रसार होने के पीछे जो महत्वपूर्ण मूल कारण सामने आ रहा हैं, वह है पलायन। राज्य में कई दशकों से जारी आर्थिक बदहाली के चलते मेहनतकश लोगों का रोजी-रोटी के लिए महानगरों का रुख करना जारी है। इनमें जिन लोगों ने पत्नी से दूर रहने के दौरान असुरक्षित यौन संबंध बनाये, उनमें से कुछ को इस लाइलाज बीमारी का शिकार होना पड़ा। बात यहीं रुक जाती, लेकिन इन संक्रमित लोगों ने घर लौट कर पत्नी से संबंध बनाये। बीमारी पत्नी से होकर बच्चों में बंटने लगी। ऐसी नादानी कर वालों में ड्राइवरों की संख्या सबसे ज्यादा है। अशिक्षा और यौन व्यवहार में असावधानी के चलते बीमारी फैलती जा रही है। जागरूकता की भी कमी है। इसे ध्यान में रख कर यूनिसेफ ने इस साल यहां लक्ष्य कार्यक्रम की शुरूआत की है। हाजीपुर, लालगंज, वैशाली, भगवानपुर, महुआ, पातेपुर, महनार, बिदुपुर एवं राघोपुर प्रखंड के 29 गांवों में नारायणी सेवा संस्थान महीनों से काम कर रहा है। 20 गांवों में अब तक रेड रिबन क्लब का गठन किया गया है। 40 लिंक वर्कर एवं 80 स्वयंसेवक काम कर रहे हैं जो न सिर्फ हमउम्र के युवाओं को जागरूक कर रहे हैं, बल्कि एड्स जांच के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इसके अलावा सभी चयनित गांवों में ग्राम सहायता समूह का गठन किया गया है। मुखिया एवं सरपंच इसके अध्यक्ष होते हैं। पहली बार गर्भवती महिलाओं की जांच करायी जा रही है ताकि एचआईवी पाजिटिव पाये जाने की स्थिति में सुरक्षात्मक कदम उठाया जा सके। 55 कांडोम डिपो खोला गया है ताकि लोग इसका उपयोग कर सुरक्षित यौन संबंध स्थापित कर सकें। जिला एड्स नियंत्रण इकाई के परियोजना समन्वयक मनीष कुमार शंकर के अनुसार समेकित परामर्श एवं जांच केन्द्र की रिपोर्ट के अनुसार जिले में 518 लोग एचआईवी/एड्स के साथ जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को जागरूक करने के लिए आंगनबाड़ी सेविकाओं, सहायिकाओं तथा आशा कार्यकर्ताओं को विशेष रूप से प्रशिक्षित कर उन्हें लगाया गया है। एड्स संक्रमित लोगों की सूची बनाई जा रही है, ताकि उन्हें सरकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जा सके।

कंगारुओं के देश में भी जलते हैं खेत


( डॉ सुखपाल)-

फसल देने के बाद पंजाब के खेत जलते हैं तो उनसे उठने वाला धुआं मीलों तक अपनी कालिख के साथ-साथ लोगों के लिए परेशानी बिखेरता है। कारण यह है कि इन खेतों में गेहूं और धान के साथ पैदा होने वाली पराली को ठिकाने लगाने का कोई उचित तरीका किसान जानते ही नहीं, लिहाजा उसे जला देना ही उनके लिए सबसे सरल काम है। बात सिर्फ पंजाब की ही नहीं है, यहां से हजारों मील दूर विकसित कहे जाने वाले आस्ट्रेलिया में भी किसान अपने खेतों में फसल के साथ पैदा होने वाली पराली जलाते हैं और वहां की सरकार भी इससे परेशान है। इस समस्या से निजात पाने के लिए आस्ट्रेलिया पंजाब की मदद ले रहा है। यह समस्या कितनी गंभीर है, इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि अकेले धान के सीजन में प्रतिवर्ष 18 मिलियन टन से अधिक पराली खेतों में फूंक दी जाती है। पंजाब किसान आयोग के सलाहकार डा. पीएस रंगी ने दैनिक जागरण को बताया कि आस्ट्रेलिया भी पराली जलाने की समस्या से पीडि़त है। इस समस्या का कोई समाधान लेने के उद्देश्य से आस्ट्रेलिया के एनएसडब्ल्यू प्राइमरी इंडस्ट्री विभाग के डा. जैसन कारेन और डा. रजिंदर सिंह पिछले हफ्ते पंजाब दौरे पर थे। पराली जलाने की समस्या को जड़ से उखाड़ फेंकने के संयुक्त अभियान के तहत पिछले सप्ताह पंजाब किसान आयोग, कृषि विभाग, बिजली विभाग, पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, गैर परंपरागत ऊर्जा विकास एजेंसी, साइंस, टेक्नोलोजी एवं पर्यावरण विभाग, सहकारिता, इंडस्ट्री विभाग और पीएयू के रिसर्च विभाग के उच्च अधिकारियों की बैठक में आस्ट्रेलिया सरकार के उक्त दोनों नुमाइंदे भी उपस्थित थे। पराली जलाने के बजाय उसके सदुपयोग के लिए लुधियाना स्थित पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग कालेज में रेजेड्यू मैनेजमेंट प्रोजेक्ट चल रहा है। इस प्रोजेक्ट को आस्ट्रेलिया सरकार फंड कर रही है। प्रोजेक्ट में गेहूं की बिजाई करने वाली अत्याधुनिक मशीन हैपी सीडर विकसित की गई है। पंजाब में इस मशीन की सफलता के बाद इसे आस्ट्रेलिया में अपनाने की योजना है। पंजाब सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए जहां हैपी सीडर बिजाई मशीनों को प्रोत्साहित करने के लिए पंजाब किसान आयोग को 40 लाख रुपये की सब्सिडी राशि दे दी है, वहीं पहली बार एक करोड़ 60 लाख रुपये की सब्सिडी बेलर उपकरण मुहैया कराने के लिए पंजाब किसान आयोग को दी गई है। बेलर में पराली को काटने वाला श्रेडर, कटी हुई पराली को एकत्र करने वाला रेकर और उसकी गांठ बांधने वाला बेलर शामिल होता है। इस समूची यूनिट की कीमत लगभग 11 लाख रुपये है जिस पर पंजाब किसान आयोग 5 लाख रुपये तक की सब्सिडी देगा। इस सब्सिडी को किसान, कृषि केंद्र, चीनी मिलें, पेपर मिल, को-जनरेशन यूनिट और बायो ऊर्जा पर आधारित इंडस्ट्री यूनिट भी हासिल कर सकेंगे। बेलर तकनीक से किसान के खेत से पराली के बंडल बनाकर संबंधित को-जनरेशन यूनिटों एवं पेपर मिलों तक पहुंचाया जा सकेगा। हैपी सीडर ड्रिल एक साथ धान के ठूंठ और पराली को काटकर गेहूं की बिजाई करता है। इसके कारण धान का कचरा जलाने या खेत से हटाने की जरूरत नहीं रहती। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इस तकनीक के माध्यम से ही 85 फीसदी पराली खेत में ही निपटाई जा सकेगी और यह खेत में खाद का भी काम करेगी। पंजाब कृषि विभाग के निदेशक डा. बीएस सिद्धू ने कहा कि पंजाब सरकार किसानों को पराली की समस्या का पक्का हल ढूंढने का गंभीर प्रयास कर रही है। उनमें हैपी सीडर के बाद बेलर तकनीक नई खोज है।

ताकि सरहद में न घुस पाएं भगौड़े तालिबानी


नई दिल्ली : तालिबान के खिलाफ पाकिस्तानी सेना के आक्रामक अभियान के बाद पड़ोस से जुड़ी सीमा पर चौकसी और बढ़ी दी गई है। सेना के सभी अंगों को सतर्क करने के साथ-साथ पाकिस्तान से जुड़ी सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की गश्त भी तेज कर दी गई है। रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी व सेनाध्यक्ष जनरल दीपक कपूर ने भी माना है कि पाकिस्तान के हालात गंभीर हैं, लेकिन आश्वस्त किया कि भारतीय सेनाएं तालिबान से संभावित खतरे का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इस बीच जम्मू-कश्मीर के कई संवेदनशील स्थानों पर राष्ट्रीय राइफल्स की दो बटालियनें तैनात की गई हैं। अमेरिका के दबाव में पाकिस्तान को तालिबान के खिलाफ आक्रामक सैन्य अभियान चलाना पड़ रहा है। भारतीय सुरक्षा तंत्र को आशंका है कि पड़ोस में जिस तरह के हालात हैं, उसका कुछ असर भारतीय सीमा या आंतरिक सुरक्षा पर भी पड़ सकता है। तालिबान लगातार भारत को सबक सिखाने की भी धमकी देता चला आ रहा है। इसके मद्देनजर सीमा व आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर भारतीय सुरक्षा तंत्र ने सक्रियता बढ़ा दी है। सेना प्रमुख जनरल दीपक कपूर ने कहा है कि अगल-बगल कोई बड़ी घटना होती है तो फर्क तो पड़ता ही है। हालांकि, उन्होंने आगे जोड़ा कि पाकिस्तान में तालिबान जो कर रहा है वह पड़ोसी मुल्क की समस्या है। हमें इस बात में कोई शक नहीं है कि अगर तालिबान ने हमारे देश में कोई नापाक हरकत करने की कोशिश की तो उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। इसी संबंध में रक्षा मंत्री एंटनी ने भी एक कार्यक्रम में कहा, आतंकवाद न सिर्फ हमारी, बल्कि पूरी दुनिया की चिंता का प्रमुख विषय है। मौजूदा समय में सेना की भूमिका बाहरी व आंतरिक सुरक्षा को महफूज रखने में बहुत ज्यादा अहम हो गई है। एंटनी ने भरोसा दिलाया कि भारतीय सेनाएं किसी भी स्थिति और कैसे भी खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान में चल रहे घटनाक्रम पर गृह मंत्री पी. चिदंबरम की भी रक्षा मंत्री से चर्चा हुई है। गृह मंत्रालय का मानना है कि पाकिस्तान के कट्टरपंथियों की हमदर्दी हासिल करने के लिए तालिबान भारतीय सरजमीं पर हरकत की कोशिश कर सकता है। शायद इन्हीं आशंकाओं का ही असर है कि सेना के आतंक निरोधी दस्ते राष्ट्रीय राइफल्स के दो हजार सैनिकों की जम्मू-कश्मीर में नए स्थानों पर तैनाती की गई है।

आयुर्वेदिक दवाओं पर होगा गारंटी का सरकारी ठप्पा


( डॉ सुखपाल)-मुनाफाखोर कंपनियां कहीं हमें आयुर्वेद के नाम पर बेवकूफ तो नहीं बना रहीं! फिल्मी सितारों के विज्ञापन और लुभावने ऑफर्स के साथ आ रहे आयुर्वेदिक उत्पादों को देख कर ये सवाल ज्यादातर लोगों के मन में उठ रहा होता है। लेकिन अब जल्दी ही आप क्वालिटी की गारंटी का सरकारी ठप्पा देखकर आयुर्वेदिक दवाएं खरीद सकेंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय के आयुष (आयुर्वेद, योग व प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्धा और होम्योपैथी) विभाग ने 641 तरह की दवाओं के फार्मूले तय कर लिए हैं। इनमें आयुर्वेदिक उत्पादों में सबसे ज्यादा बिकने वाला च्यवनप्राश भी शामिल है। अब अगले कदम के तौर पर सरकार दवा बनाने वाली कंपनियों की जांच शुरू करने जा रही है। आयुष की सचिव एस जलजा ने बताया कि आयुष ने भारतीय मानक परिषद (क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया) के साथ मिल कर दवा निर्माताओं के लिए एक विशेष योजना शुरू की है। इसके तहत निर्माता अपनी निर्माण प्रक्रिया की जांच करवा कर आयुष का क्वालिटी मार्क हासिल कर सकता है। शुरुआत में यह सर्टीफिकेशन योजना पूरी तरह स्वैच्छिक है। क्वालिटी काउंसिल के विशेषज्ञ दवा निर्माता के परिसर की जांच करेंगे और अगर वह आयुष के मानकों का पूरी तरह पालन करता पाया गया तो उसे सरकारी ठप्पा लगाने का हक मिल जाएगा। आयुर्वेद की लोकप्रिय दवा च्यवनप्राश के बारे में पूछे जाने पर वे कहती हैं कि इसमें लगभग 52 तरह के अवयव मिले होते हैं, लेकिन जिन दवाओं का फार्मोकोपिया या फार्मूला तैयार किया गया है, उसमें यह भी शामिल है। जलजा कहती हैं कि उम्मीद की जानी चाहिए कि सभी बड़ी और मझोली कंपनियां भी इस तरह की मान्यता के लिए आगे आएंगी। आयुर्वेद की दवाओं का लगभग दो सौ करोड़ का सालाना कारोबार करने वाली दिव्य फार्मेसी के प्रमुख आचार्य बालकृष्ण का मानना है कि अब भी आयुर्वेदिक दवाओं को कई देशों में दवा की बजाय हर्बल या फूड प्रॉडक्ट के नाम पर बेचना होता है। इसकी वजह अपने यहां इसके मानकीकरण पर काम न होना है। उनके मुताबिक सरकार का यह प्रयास बेहद देर से उठाया गया लेकिन सराहनीय कदम है। मगर सरकार को यह देखना होगा कि इस प्रक्रिया में कहीं वो वैद्य न मारे जाएं जो अपने ज्ञान के आधार पर बहुत छोटे स्तर पर सबसे विश्वसनीय दवाएं बना रहे हैं। अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के अध्यक्ष और प्रसिद्ध वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा कहते हैं कि खास कर विदेशों में आयुर्वेदिक दवाओं को व्यापक स्वीकृति दिलाने के लिए यह बेहद जरूरी है। त्रिगुणा के मुताबिक निर्माण के साथ-साथ इसकी बिक्री करने वालों की जांच भी सुनिश्चित करनी चाहिए।

तालिबान को मुंहतोड़ जवाब देगा भारत


तालिबान के खिलाफ पाकिस्तानी सेना के आक्रामक अभियान के बाद पड़ोस से जुड़ी सीमा पर चौकसी और बढ़ी दी गई है। सेना के सभी अंगों को सतर्क करने के साथ पाकिस्तान से जुड़ी सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की गश्त भी बढ़ा दी गई है। रक्षामंत्री एके एंटनी व सेनाध्यक्ष जनरल दीपक कपूर ने भी माना कि पाकिस्तान के हालात गंभीर हैं, लेकिन उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि भारतीय सेनाएं तालिबानी खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। अमेरिका के दबाव में पाकिस्तान को तालिबान के खिलाफ आक्रामक सैन्य अभियान चलाना पड़ रहा है। भारतीय सुरक्षा तंत्र को आशंका रही है कि पड़ोस में जिस तरह के हालात हैं, उसका कुछ असर भारतीय सीमा या आंतरिक सुरक्षा पर भी पड़ सकता है। तालिबान लगातार भारत को सबक सिखाने की भी धमकी देता चला आ रहा है। इसके मद्देनजर सीमा पर व आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर भारतीय सुरक्षा तंत्र ने सक्रियता बढ़ा दी है। सेना प्रमुख जनरल दीपक कपूर ने माना कि यदि अगल-बगल कोई बड़ी घटना होती है तो फर्क तो पड़ता ही है। हालांकि पाकिस्तान में तालिबान जो कर रहा है वह पड़ोसी मुल्क की समस्या है। हमें इस बात में कोई शक नहीं है कि अगर तालिबान ने हमारे देश में कोई नापाक हरकत करने की कोशिश की तो उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। सेना प्रमुख के बयान से साफ है कि सेनाएं पड़ोस में चल रही हर गतिविधि पर नजर रखे हैं और किसी भी खतरे का सामना करने के इंतजाम भी किए गए हैं। इसी संबंध में रक्षामंत्री एके एंटनी ने भी एक कार्यक्रम में कहा कि आतंकवाद न सिर्फ हमारी, बल्कि पूरी दुनिया की चिंता का प्रमुख विषय है। मौजूदा समय में सेना की भूमिका बाहरी व आंतरिक सुरक्षा को महफूज रखने में बहुत ज्यादा अहम हो गई है। एंटनी ने भरोसा दिलाया कि भारतीय सेनाएं किसी भी स्थिति और कैसे भी खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। पाकिस्तान में चल रहे घटनाक्रम पर गृहमंत्री पी चिदंबरम की रक्षामंत्री से भी चर्चा हुई। गृह मंत्रालय तालिबान के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई के दूरगामी परिणाम देख रहा है। उनका भी मानना है कि सीधे तो कोई खतरा नहीं है, लेकिन तालिबान पाकिस्तान के कट्टरपंथियों का समर्थन हासिल करने के लिए भारतीय सरजमीं पर किसी हरकत की साजिश रच सकता है। इससे पाकिस्तान के अंदर सेना की कार्रवाई के खिलाफ तालिबानी अपने कुछ हमदर्द जुटा सकते हैं। इसलिए खतरे को नकारा नहींजा सकता है।

दीपावली सेलीब्रेट की तिहाड़ जेल में


नई दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल में दीपावली सेलीब्रेट करने पहुंचे आने वाली फिल्म जेल के अभिनेता मनोज वाजपेयी, नील नितिन मुकेश और निर्देशक मधुर भंडारकर। उन्होंने कैदियों के साथ खुशियां बांटीं।

स्मार्ट पति नहीं होने पर दे दी जान


पति के स्मार्ट नहीं होने पर महिला ने फांसी लगाकर जान दे दी। यह महिला की दूसरी शादी थी। सफदरजंग, दिल्ली निवासी ममता की सात साल पहले शादी हुई थी। उससे एक बेटा भी हुआ। पति की मौत हो गई। ममता के सिर से मां-बाप का साया पहले ही उठ चुका था। वह बड़ी बहन के पास रहने लगी। बहन ने ममता की शादी बगैर उसकी पसंद जाने बरौला निवासी गैस एजेंसी में ड्राइवर सुरेश से तय कर दी। दोनों की कोर्ट में तीन साल पहले शादी हो गई। ममता अपने बेटे के साथ बरौला आकर रहने लगी। ममता का पहला पति काफी सुंदर था, जबकि सुरेश उतना सुंदर नहीं था। इस कारण ममता काफी उदास रहती थी। उसने सुरेश से उसके सुंदर न होने की बात भी कही थी। तीन दिनों से वह सुरेश से जिंदगी से जी भर जाने की बात कह रही थी। सुरेश उसे समझा रहा था। रविवार रात सुरेश व ममता के बीच काफी बहस हुई। ममता उसके साथ रहने को तैयार नहीं थी। सुरेश सोमवार सुबह दूध लेने गया। दूध लेकर आया तो ममता फंदे से पंखे के सहारे लटकी थी। उसने तत्काल पुलिस को सूचना दी।

देश का सबसे लंबा फ्लाईओवर


हैदराबाद में सोमवार को मुख्यमंत्री के. रोसैय्या ने देश के सबसे लंबे फ्लाईओवर का उद्घाटन किया। 11.633 किमी. लंबे फ्लाईओवर का नाम पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के नाम पर पीवीएनआर एक्सप्रेस वे रखा गया है। 4.39 अरब रुपये की लागत से 17.2 मीटर चौड़े फ्लाईओवर का निर्माण चार वर्ष में पूरा हुआ है।

विधायक जस्सी का गनमैन गोली लगने से घायल


डबवाली( डॉ सुखपाल) पंजाब के एक विधायक के गनमैन से अचानक अपनी सर्विस रिवॉल्वर से चली गोली से वह स्वयं घायल हो गया। जिसे उपचार के लिए हरियाणा के नगर डबवाली के सिविल अस्पताल में ले जाया गया। लेकिन उसकी गंभीर हालत को देखते हुए बठिंडा रैफर कर दिया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार विधायक हरमन्दर सिंह जस्सी दीपावली के कारण अपने गांव जस्सी बागवाली में आया हुआ था और उसका गनमैन मंगा सिंह पुत्र दर्शन सिंह गांव छतराना (पटियाला) भी साथ ही था। सूत्रों के अनुसार मंगा सिंह अपने अन्य दो साथियों के साथ गांव जस्सी बागवाली के बराड़ वैष्णों ढाबा पर रविवार रात को करीब 8 बजे खाना खाने के लिए गया था। खाना खाने के बाद जब वह अपने सर्विस रिवॉल्वर को संभाल रहा था तो अचानक रिवॉल्वर से गोली चल गई जो उसके पेट में एक साईड पर लगी। मंगा सिंह को घायल अवस्था में उपचार के लिए निकटवर्ती हरियाणा राज्य के नगर डबवाली के सिविल अस्पताल में ले जाया गया। लेकिन उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे बठिंडा रैफर कर दिया गया। पता चला है कि इलाज के लिए उसे संगरूर ले जाया गया है। बराड़ वैष्णों ढाबा के मालिक मनदीप सिंह ने बताया कि मंगा सिंह बगैरा ने ढाबे पर खाना खाया और जब वह अपने पिस्तौल को संभालने लगा तो गोली चल गई। थाना संगत प्रभारी संदीप सिंह भाटी ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि मंगा सिंह जब पिस्तौल को डब में डालने लगा तो उसकी पिस्तौल बैल्ट में अटक गई जिससे पिस्तौल का टाईगर गार्ड दब गया और गोली चल गई। मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।

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