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शुक्रवार, 27 नवंबर 2009
अब लद जाएंगे चोली के दिन!
रिसर्चरों ने एक ऐसी डिवाइस तैयार की है जिसके इस्तेमाल से महिलाओं को अब ब्रा पहनने की जरूरत नहीं पड़ेगी
। इस डिवाइस को ब्रेस्ट के नीचे एक सेंटीमीटर से भी कम का चीरा लगाकर फिट किया जाता है और इसका इस्तेमाल आजीवन किया जा सकता है। इस 'इंटरनल ब्रा' के इस्तेमाल के बाद चोली पहनने की दरकार नहीं पड़ेगी, अलबत्ता महिला खिलाड़ियों को इसकी जरूरत पड़ सकती है।
'कप ऐंड अप' नामक इस डिवाइस को तैयार करने वाले इसराइली रिसर्चर एयाल गुर ने बताया कि इसे फिट करने में कम से कम 40 मिनट का वक्त लगता है। यह शेप में बिल्कुल फैब्रिक ब्रा की ही तरह है, लेकिन यह सिलिकन का बना हुआ है।
बेल्जियम के रिसर्चरों ने जिस महिला पर यह प्रयोग किया, उससे पहले उन्हें लगभग एक साल तक कई टेस्ट करने पड़े थे। इस सर्जरी के परिणामों से वह महिला बेहद खुश थी। सर्जरी के दौरान डॉक्टरों ने दोनों ब्रेस्ट के नीचे एक सेंटीमीटर से भी कम का चीरा लगाया और इसके बाद सिलिकन ब्रा को एक सेंटीमीटर अंदर तक फिट किया। टाइटेनियम स्क्रू और किसी मजबूत मेटल वाले बहुत पतले धागे की मदद से इन्हें पसलियों की हड्डियों से इस कदर जोड़ा गया जिससे ब्रेस्ट का शेप वांछित हिसाब से फिट किया जा सके।
इस इंटरनल ब्रा को ऑरबिक्स मेडिकल कंपनी ने तैयार किया है और गुर के मुताबिक यूरोप के बाजारों में यह अगले 18 महीनों के अंदर उपलब्ध हो जाएगा। गुर ने बताया कि बेस्ट अपलिफ्टमेंट की पारंपरिक पद्धति की तुलना में यह सर्जरी कम खर्चीली है।
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special story
सेंसेक्स 223 अंक लुढ़का, निफ्टी 64 अंक नीचे
कारोबारी हफ्ते के अंतिम दिन भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। बीएसई सेंसेक्स 223 अंकों की कमजोरी के साथ 16,632 पर रहा। निफ्टी 64 अंक की गिरावट के साथ 4,941 पर बंद हुआ। एनएसई के मंझोले सूचकांक सीएनएक्स मिडकैप में 1.49% की कमजोरी रही। बीएसई मिडकैप सूचकांक में 1.35% और बीएसई स्मॉलकैप में 2.14% की गिरावट आयी।
एशियाई शेयर बाजारों में भारी गिरावट के मद्देनजर आज सुबह भारतीय शेयर बाजारों की भी शुरुआत काफी कमजोर हुई। बीएसई सेंसेक्स खुलते ही कल के बंद स्तर से 16,855 से 136 अंक नीचे 16,719 तक चला गया। निफ्टी भी 5,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे चला गया। उसके बाद जैसे-जैसे शेयर बाजार का कारोबार आगे बढ़ता गया। वैसे-वैसे शेयर बाजार की गिरावट भी बढ़ती गयी। दोपहर करीब 1.10 बजे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 618 अंक यानी 3.67% के नुकसान के साथ 16,237 पर चला गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 193 अंक यानी 3.85% की जबरदस्त गिरावट के साथ 4813 पर चला गया। लेकिन दोपहर बाद के कारोबार में शेयर बाजार कुछ सँभला और इसकी गिरावट में कमी आयी। आज के कारोबार में सेंसेक्स ने नीचे की ओर 16,210 का आँकड़ा छुआ, जबकि निफ्टी ने नीचे की ओर 4,807 का स्तर छुआ। आखिरकार सेंसेक्स 1.32% और निफ्टी 1,27% की कमजोरी के साथ बंद हुए।
क्षेत्रों के लिहाज से बीएसई में हेल्थकेयर सूचकांक को छोड़ कर अन्य सभी सूचकांक लाल निशान पर रहे। सबसे ज्यादा कमजोरी आईटी सूचकांक में रही। यह सूचकांक 2.2% नीचे लुढ़का। कैपिटल गुड्स सूचकांक, टीईसीके सूचकांक, बैंकिंग सूचकांक, धातु सूचकांक, पीएसयू सूचकांक, एफएमसीजी सूचकांक और तेल-गैस सूचकांक में भी 1% से अधिक की गिरावट दर्ज की गयी। पावर सूचकांक, रियल्टी सूचकांक, ऑटो सूचकांक और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सूचकांक में भी 1% से कम की कमजोरी रही। दूसरी ओर, हेल्थकेयर सूचकांक को 0.08% की मामूली फायदा हुआ।
सेंसेक्स के 25 शेयरों का आज घाटा उठाना पड़ा, जबकि 5 शेयरों को फायदा हुआ। जयप्रकाश एसोसिएट्स को 3%, लार्सन एंड टुब्रो को 2.7%, इन्फोसिस को 2.45%, टीसीएस को 2.4% और स्टरलाइट इंडस्ट्रीज को 2.13% का नुकसान उठाना पड़ा। आईटीसी, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एनटीपीसी, रिलायंस कम्युनिकेशंस, विप्रो और डीएलएफ के शेयर में भी 1% से अधिक की गिरावट रही। एसीसी, मारुति सुजुकी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बीएचईएल, एचडीएफसी बैंक, ओएनजीसी, एसबीआई, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, टाटा पावर और सन फार्मा के शेयर में भी कमजोरी का रुख रहा। दूसरी ओर, भारती एयरटेल को 0.94%, हीरो होंडा को 0.53%, रिलायंस इन्फ्रा को 0.43%, ग्रासिम इंडस्ट्रीज को 0.30% और टाटा स्टील को 0.27% का मामूली फायदा हुआ।
बाजार आज दोपहर 2.45 बजे
दोपहर बाद के कारोबार में भारतीय शेयर बाजार कुछ सँभलते दिख रहे हैं। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स करीब 2.45 बजे 285 अंक के नुकसान के साथ 16,570 पर आ गया है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 84 अंक की गिरावट के साथ 4921 पर आ गया है।
क्षेत्रों के लिहाज से हेल्थकेयर सूचकांक को छोड़ कर अन्य सभी सूचकांक लाल निशान पर हैं। सबसे ज्यादा कमजोरी रियल्टी सूचकांक है। इस सूचकांक में 3.15% की कमजोरी है। सेंसेक्स के दिग्गज शेयरों में जेपी एसोसिएट्स 4.5%, डीएलएफ 3.4%, आईसीआईसीआई बैंक 3.4%, एलएंडटी 3.4% और स्टरलाइट इंडस्ट्रीज 3.2% की कमजोरी है।
बाजार आज दोपहर 1.10 बजे
दोपहर के कारोबार में भारतीय बाजारों की कमजोरी गहरा गयी है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स करीब 1.10 बजे 618 अंक यानी 3.67% के नुकसान के साथ 16,237 पर आ गया है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 193 अंक यानी 3.85% की जबरदस्त गिरावट के साथ 4813 पर आ गया है।
भारतीय शेयर बाजार में आज की गिरावट चौतरफा दिख रही है। सभी क्षेत्रों के सूचकांक लाल निशान में हैं। सबसे ज्यादा चोट रियल एस्टेट शेयरों पर पड़ी है। बीएसई का रियल एस्टेट सूचकांक 6.77% लुढ़क गया है। धातु सूचकांक में 5.54%, बैंकिंग में 5.11%, कैपिटल गुड्स में 4.09%, आईटी में 3.62% और तेल-गैस में 3.45% गिरावट है। सबसे कम गिरावट हेल्थकेयर सूचकांक में है, लेकिन यह भी 1.24% नीचे है।
सेंसेक्स के दिग्गज शेयरों में जेपी एसोसिएट्स 6.19%, डीएलएफ 5.62%, आईसीआईसीआई बैंक 5.57%, एलएंडटी 5.31%, स्टरलाइट इंडस्ट्रीज 5.24%, हिंडाल्को 4.73%, एसबीआई 4.57%, टाटा स्टील 4.36% और रिलायंस इंडस्ट्रीज 3.88% नीचे हैं। टीसीएस को 3.82%, एचडीएफसी को 3.5% और मारुति को 3.2% की चोट पड़ी है।
बाजार आज सुबह 10 बजे
एशियाई शेयर बाजारों में भारी गिरावट के मद्देनजर आज सुबह भारतीय शेयर बाजारों की भी शुरुआत काफी कमजोर हुई है। सुबह 10 बजे सेंसेक्स 329 अंक की कमजोरी के साथ 16,526 पर है। निफ्टी 5,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे चला गया है। इस समय यह 104 अंकों की गिरावट के साथ 4,901 पर है। एनएसई के मंझोले सूचकांक सीएनएक्स मिडकैप में 2.69% की कमजोरी दिख रही है। बीएसई मिडकैप सूचकांक में 2.38% और बीएसई स्मॉलकैप में 2.20% की गिरावट है।
क्षेत्रों के लिहाज से बीएसई के सभी सूचकांकों के कमजोरी का रुख है। रियल्टी, धातु, बैंकिंग और कैपिटल गुड्स सूचकांकों में सबसे ज्यादा गिरावट दिख रही है। सेंसेक्स के गिरने वाले शेयरों में आईसीआईसीआई बैंक का शेयर सबसे कमजोर चल रहा है। यह करीब 5.4% की गिरावट के साथ 818.90 रुपये पर है। लार्सन एंड टुब्रो, डीएलएफ स्टरलाइट इंडस्ट्रीज में भी 4% अधिक की कमजोरी है।
'वीर' सलमान का सपना
अगले साल 22 जनवरी को बॉलीवुड अभिनेता अपना 20 साल का सपना पूरा करेंगे. उनका ये सपना है उनकी आने वाली फ़िल्म ‘वीर’. बुधवार को मुंबई में इस फ़िल्म की कुछ झलकियां दिखाई गईं.
इस फ़िल्म के साथ सलमान का ख़ासा लगाव है क्योंकि इसकी कहानी उनके पास 20 साल से थी.
सलमान ख़ान ने कहा है कि 20 साल पहले इतनी बड़ी बजट की फ़िल्में नहीं बनतीं थीं इसलिए इस कहानी को फ़िल्म में तब्दील करने में इतना समय लगा. सलमान ख़ान कहते हैं, “ये तीन फ़िल्मों के बजट में एक फ़िल्म बनी है.”
वीर कहानी है एक पिंडारी सैनिक की बहादुरी की, जो न्याय और स्वंत्रतता के लिए संघर्ष करता है. इस फ़िल्म का निर्देशन ‘गदर’ जैसी कामयाब फ़िल्म बनाने वाले अनिल शर्मा ने किया है.
सलमान ख़ान के मुताबिक़ वीर जैसी फ़िल्म बनाने के लिए अनिल शर्मा से बेहतर निर्देशक नहीं मिल सकता था. उन्होंने उम्मीद जताई कि लोग इस फ़िल्म को पसंद करेंगे.
मेहनत
सलमान ख़ान कहते हैं कि इस ऐतिहासिक कहानी के फ़िल्मांकन के दौरान उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ी. वो मुस्कुराते हुए कहते हैं, “मैं सुबह छह बजे घोड़े पर बैठता था और शाम छह बजे उतरता था.”
फ़िल्म के निर्देशक अनिल शर्मा कहते हैं कि सलमान ख़ान की कहानी का कैनवास बहुत बड़ा था. अनिल शर्मा ने कहा, “सवाल ये नहीं कि इसे बनाने में कितने पैसे या कितना वक़्त लगा. इससे ज़्यादा महत्वपूर्ण है कि जो लोग ये फ़िल्म देखने आएं तो उनका विश्वास ना टूटे.”
इस फ़िल्म का निर्देशन सलमान ख़ान ख़ुद करना चाहते थे लेकिन आख़री में ये ज़िम्मेदारी अनिल शर्मा को दी गई.
सलमान के अलावा ‘वीर’ में ज़रीन ख़ान, लीज़ा लेज़ारुस, मिथुन चक्रवर्ती, जैकी श्रॉफ़, सोहेल ख़ान और भारत डाभोलकर भी अभिनय कर रहे हैं.
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काल्पनिक कर्मचारियों को वेतन
दिल्ली नगर निगम में कई हज़ार काल्पनिक कर्मचारी
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दिल्ली सरकार ऐसे 22,853 कर्मचारियों को तनख़्वाह दे रही है जिनका वजूद ही नहीं है.
दिल्ली के मेयर कंवर सेन ने एक बयान में कहा कि इन काल्पनिक कर्मचारियों की तनख़्वाह कुल मिलाकर चार करोड़ 30 लाख डॉलर सालाना बैठती है.
इस घपले का पता तब चला जब प्रशासन ने उपस्थिति दर्ज करने की बायोमिट्रिक प्रणाली लागू की.
संवाददाताओं का कहना है कि ये इस बात का संकेत है कि कुछ सरकारी अधिकारियों ने इन कर्मचारियों की सूची इसलिए बनाई जिससे राज्य कोष से धन निकाल सकें.
दिल्ली नगर निगम में एक लाख से अधिक सफ़ाई कर्मचारी, माली, अध्यापक और अन्य कर्मचारी हैं.
घोटाले की जानकारी
इस मामले की विस्तृत जांच की जाएगी जिससे तथ्यों का पता चल सके. और जिन अधिकारियों ने फ़र्ज़ी कर्मचारियों की सूची बनाकर सरकारी धन खाया है उनके ख़िलाफ़ सख़्त आनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी.
कंवर सैन, दिल्ली के मेयर
दिल्ली नगर निगम ने पिछले साल अगस्त के महीने में बायोमिट्रिक प्रणाली लागू की थी.
शहर के मेयर कंवर सेन का कहना है कि निगम में कुल 104,241 कर्मचारी हैं जबकि रिकॉर्ड के अनुसार इनकी संख्या 127,094 दिखाई जा रही थी.
सेन के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि भुगतान अधिकारियों के आंकड़ों और बायोमिट्रिक प्रणाली में दर्ज कर्मचारियों की संख्या में 22,853 का अंतर है.
सेन ने कहा, "इस मामले की विस्तृत जांच की जाएगी जिससे तथ्यों का पता चल सके और जिन अधिकारियों ने कर्मचारियों की फ़र्ज़ी सूची बनाकर सरकारी धन खाया है उनके ख़िलाफ़ सख़्त आनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी."
लंबे समय से ये आशंका व्यक्त की जा रही थी कि नगर निगम को काल्पनिक कर्मचारियों के माध्यम से चूना लगाया जा रहा है लेकिन प्रशासन ने हमेशा इन आरोपों का खंडन किया.
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डबवाली समाचार
डबवाली (सुखपाल)- स्थानीय सिरसा रोड स्थित खालसा सीनियर सैकेण्डरी स्कूल के प्रांगण में बने बाबा दीप सिंह, स्टेडियम में आज स्कूल का वाॢषक पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया।
जिसमें मुख्याति के तौर पर संत मलकीत सिंह जी अध्यक्ष संत भाग सिंह चेरिटेबल ट्रस्ट ख्याला (जालन्धर) ने शिरकत की। जहां संत मलकीत सिंह जी ने रिब्बन काट कर पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। वहीं स्कूल की छात्राओं ने शब्द-कीर्तन प्रस्तुत कर समारोह की शोभा बढ़ाई। इस अवसर पर संत मलकीत सिंह ने पण्डाल में उपस्थित छात्र - छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थी अपनी पढ़ाई के साथ - साथ खेलकूद प्रतिस्पर्धा में भी बढ़ - चढ़ कर हिस्सा लें ताकि उनका स्वास्थ्य ठीक रह तथा शिक्षा के साथ खेलों में भी अपने स्कूल व अभिभावाकों का नाम रोशन कर सकें। तदोपरान्त जिला स्तर पर आयोजित फुटबाल प्रतियोगिता में अव्वल रही छात्राओं एवं उनके कोच राजन को संत मलकीत ङ्क्षसह जी ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर स्कूल प्रसीपल राम सिंह सरां ने स्कूल की वाॢषक रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस अवसर पर गुरूद्वारा सिंह सभा के प्रधान बघेल सिंह, सुखमन्द्र सिंह, बहादर सिंह, शिवराज सिंह, जसवन्त सिंह बराड़, जगदेव सिंह मटदादू, सहजिन्द्र सिंह भाटी, जगरूप सिंह, राम सिंह चहल सहित नगर के गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
डबवाली (सुखपाल)- स्थानीय अरोड़वंश आदर्श उच्च विद्यालय के प्रांगण में आयोजित एक कार्यक्रम के अन्तर्गत डॉ. विक्रम मैमोरियल चेरीटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन डॉ. पी. के. अग्रवाल द्वारा जरूरतमंद बच्चों को जॢसयां, जूते व वॢदयां वितरित की गई। जिसमें विद्यालय के 65 बच्चों को जॢसयां, 30 बच्चों को 30 जोड़ी जूते एवं 5 बच्चों को वॢदयां दी गई। इस अवसर पर श्रीमती अग्रवाल, आंखों के विशेषज्ञ डॉ. बाघला, अरोड़वंश सभा के प्रधान प्रेम ङ्क्षसह सेठी, ओम प्रकाश सचदेवा, दविन्द्र सेठी, विजय सेठी, डॉ. बलवीर ग्रोवर, रजनीश सेठी एवं गणमान्य अनेक अतिथि उपस्थित थे। कार्यक्रम में आए हुए अतिथियों का स्वागत प्रेम सिंह सेठी, देसराज सेठी व दीदार ङ्क्षसह ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर बच्चों को सम्बोधित करते हुए विद्यालय की मुख्याध्यापिका श्रीमती विजय मोंगा ने दान देने की भावना को सर्वोपरि बताया तथा कहा कि समाज में जरूरतमंद की सहायता करना परमात्मा की भक्ति करने के बराबर है। कार्यक्रम के अन्त में विद्यालय के प्रबन्धक बी. डी. छाबड़ा ने इस शीत ऋतु में जरूरतमंद बच्चों की सहायता के लिए ट्रस्ट के पदाधिकारियों एवं आए हुए अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
डबवाली (सुखपाल)- उपमण्डल के गांव मलिकपुरा स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में स्वच्छता सप्ताह के अन्तर्गत पंचम दिवस बड़े ही हर्षोल्लास व उत्साह से मनाया गया। स्वच्छता सप्ताह के दौरान छात्र-छात्राओं द्वारा निकाली गई स्वच्छता रैली को रवाना करने से पूर्व विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी झांबर सिंह ने कहा कि इस रैली से लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता आएगी और वे अपने स्वास्थ्य के प्रति भी गंभीर होंगे। यह स्वच्छता रैली सम्पूर्ण गांव का भ्रमण करते
हुए वापस स्कूल प्रांगण में पहुंची। इस अवसर पर विद्यालय के कार्यकारी मुख्याध्यापक सोम प्रकाश शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वच्छता ही हमारे स्वस्थ जीवन का आधार है इसलिए हर व्यक्ति को अपने आसपास स्वच्छता व साफ सुथरा माहौल बनाना चाहिए तथा स्वच्छ और स्वस्थ बच्चे राष्ट्र का धन होते हैं और उत्तम स्वास्थ्य तभी संभव है जब हम अपने आसपास और अपनी शारीरिक सफाई का नियमित ध्यान रखें। इस अवसर पर स्कूल स्टाफ के अतिरिक्त सरपंच श्रीमती नसीब कौर, मघर सिंह, राम प्रताप नम्बरदार, औम प्रकाश, बिट्टू शर्मा, मन्दर सिंह, जगदेव सिंह, जोगिन्दर सिंह(पंच), कौर सिंह,(पंच), हरबन्ता सिंह(पंच), सहजिन्द्र सिंह पटवारी व रणवीर सिंह सहित गांव के गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में राजकीय प्राथमिक पाठशाला के बच्चों एवं अध्यापकों ने भी अपना योगदान दिया। जो प्रशंसनीय है।
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बूटा सिंह ने पंजाब सरकार को चेताया
चंडीगढ़ : राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन बूटा सिंह ने पंजाब सरकार को चेतावनी दी है कि वह राज्य में दलितों पर अत्याचार के मामलों पर रोक लगाए अन्यथा आयोग ऐसे मामलों में सरकार के खिलाफ कड़ी रिपोर्ट संसद को भेजेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार राज्य में दलितों को कल्याण योजनाओं का पूरा लाभ नहीं दे रही। यहां पंजाब पुलिस के सीनियर अफसरों से राज्य में दलितों पर अत्याचार मामलों पर चर्चा के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि पंजाब के डीजीपी ने उन्हें ऐसे मामलों में दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा दिया है और कार्रवाई के बारे में आयोग को अवगत कराने की बात भी कही है। बूटा सिंह ने कहा कि विभिन्न राज्यों से मिले ब्यौरे के बाद आयोग ने पाया है कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और उड़ीसा में सरकारों का काम दलितों के मामले में तसल्लीबख्श नहीं है। इन राज्यों में दलितों पर अत्याचार के ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिनकी मिसाल आजादी से पहले कहीं नहीं मिलती। उन्होंने आज की बैठक का जिक्र करते हुए बताया कि भुलत्थ से कांग्रेसी विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने आयोग के पास तीन शिकायतें भेजी थीं। इन मामलों में डीजीपी पीएस गिल, एडीजीपी राजन गुप्ता और डीआईजी आरपीएस बराड़ आयोग के समक्ष पेश हुए थे। खैरा भी विशेष तौर पर पीडि़तों को लेकर उनसे मिलने आए थे। खैरा ने ढिलवां थाने के अंतर्गत गांव बिजली नंगल कश्मीर सिंह बाजीगर की बेटी के विवाह समारोह के दौरान अकाली समर्थकों द्वारा बारात से मारपीट करने की शिकायत रखी। पीडि़तों द्वारा थाने में शिकायत करने पर पुलिस ने मामला दर्ज करने से इंकार कर दिया। खैरा ने आयोग के समक्ष मंसूरवाला गांव के दलित सरपंच का मामला उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि गांव के अनुसूचित जाति से संबंधित सरपंच जोगा सिंह को बेवजह बर्खास्त कर दिया गया है।
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बूढ़े बरगद से डरता है बुढ़ापा
मनुष्य की चार अवस्थाओं में बुढ़ापा सबसे नापसंद अवस्था है पर यह प्रकृति की वह हकीकत है जिसे स्वीकार करना ही पड़ता है। बहरहाल बुढ़ापे की ओर तेजी से बढ़ रहे लोगों के लिए यह खबर काफी राहत देने वाली होगी। अपने कई गुणों के कारण आयुर्वेद चिकित्सा और भारतीय जीवन पद्धति का चहेता रहा बरगद अब बुढ़ापा भी रोकने में कारगर साबित होगा। इसकी हवाई जड़ों में एन्टी आक्सीडेन्ट की उपलब्धता सर्वाधिक पायी गयी है। इसके इसी गुण के कारण वृद्धावस्था की ओर ले जाने वाले कारकों को दूर भगाया जा सकेगा। कभी घर के बूढ़े बुजुर्गो की तरह ग्रामीण भारतीय समाज का अभिन्न व सम्मानित अंग रहे बरगद पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में चल शोध से छन कर ये बातें सामने आयी हैं।
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राकेश मारिया ने दी इस्तीफे की धमकी
मुंबई।। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रान्च के प्रमुख राकेश मारिया ने कहा है कि यदि गृह मंत्रालय उनके खिलाफ शहीद अशोक कामटे की पत्नी विनीता द्वारा लगाये गये आरोपों पर स्पष्टीकरण नहीं देता तो वह इस्तीफा दे देंगे, इस पर विनीता ने शुक्रवार को कहा कि वह अपनी किताब में लिखे प्रत्येक शब्द पर अडिग हैं।
विनीता ने पुणे से फोन पर कहा- किताब में लिखी सामग्री के बारे में किसी के भी द्वारा उठाये गए सवालों का सामना करने के लिए मैं तैयार हूं। मैं प्रत्येक शब्द पर अडिग हूं। पिछले साल आतंकी हमलों के दौरान शहीद हुए आईपीएस अधिकारी कामटे की विधवा ने कहा- किताब सूचना के अधिकार कानून के तहत मुंबई पुलिस द्वारा दिये गए तथ्यों पर आधारित है। मारिया द्वारा अशोक को कामा अस्पताल भेजने का निर्देश देने से इनकार करने की विनीता ने अपनी किताब में आलोचना की है। कामटे इसी जगह आतंकवादियों की गोली का शिकार हुए थे।
खबरों के मुताबिक मारिया ने राज्य के गृह मंत्री आर.आर. पाटिल को कल एक पत्र लिखकर कहा कि यदि सरकार उनके खिलाफ लगे आरोपों पर कोई स्पष्टीकरण नहीं देती या उन्हें नहीं देने देती तो वह इस्तीफा दे देंगे।
मारिया से इस बाबत प्रतिक्रिया नहीं ली जा सकी।
विनीता ने कहा कि पहले वह किताब नहीं लिखना चाहती थीं लेकिन 26 नवंबर की रात के घटनाक्रम को जानने की उनकी इच्छा ने ऐसा कराया।
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भारत ने लगाई टेस्ट मैचों की सेंचुरी
कानपुर, शुक्रवार, 27 नवम्बर 2009
भारत-श्रीलंका के बीच पहला टेस्ट ड्रॉकानपुर टेस्ट मैच पर कब्जा जमाकर भारत ने टेस्ट मैचों में अपनी 100वीं जीत दर्ज की. भारत ने श्रीलंका को एक पारी और 144 रनों से मात दी है. रनों के लिहाज से यह भारत की अब तक की तीसरी सबसे बड़ी जीत है. 1932 से टेस्ट मैच खेलने वाली टीम इंडिया ने अपनी पहली जीत 1952 में इंग्लैंड को हराकर हासिल की थी. पहली पारी में पांच विकेट लेने वाले श्रीशंत मैन ऑफ द मैच चुने गए.
अंतिम विकेट प्रज्ञान ओझा के खाते में गया. इस पारी में ओझा को दो विकेट मिले हैं. श्रीलंकाई टीम का अंतिम विकेट वेलेगेदरा के रुप में गिरा. इससे पहले युवराज सिंह ने श्रीलंका को नौवां झटका मेंडिस के रूप में दिया था. मेंडिस 27 रन बनाकर युवराज के गेंद का शिकार हुए. इससे पहले मुरलीधरन 29 रन बनाकर आउट हुए. मुरलीधरन 11 गेंद में दो छक्का और तीन चौके की मदद से 29 रन बनाकर प्रज्ञान ओझा की गेंद पर बोल्ड हुए.
भज्जी ने हीरेथ को 13 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर एलबीडब्ल्यू आउट किया. इससे पहले हरभजन ने ही प्रसन्ना जयवर्धने को 29 रन पर बोल्ड कर छठा विकेट लिया था. मुरलीधरन के आउट होने के बाद मेंडिस क्रीज पर समरवीरा का साथ देने आए हैं. श्रीलंका को पांचवां झटका जहीर खान ने दिया. जहीर ने मैथ्यूज को 15 रन पर द्रविड़ के हाथों कैच आउट कराया.
भारत-श्रीलंका के बीच दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन खेल की समाप्ति तक मेहमान टीम भारी दबाव में आ गई थी. तीसरे दिन खेल खत्म होने तक श्रीलंका ने दूसरी पारी में 4 विकेट खोकर 57 रन बनाए थे. समरवीरा 1 रन और मैथ्यूज 2 रन बनाकर नाबाद थे. श्रीलंका ने दूसरी पारी में अपना पहला विकेट जल्द ही खो दिया. दिलशान महज 11 रन बनाने के बाद श्रीसंत के शिकार बने. मेहमान टीम का दूसरा विकेट परानाविताना के रूप में गिरा. वे 20 रन जोड़कर वीरेंद्र सहवाग की गेंद पर पगबाधा आउट हो गए.
श्रीलंकाई टीम का तीसरा विकेट महेला जयवर्द्धने के रूप में गिरा. जयवर्द्धने 10 रन बनाकर रन आउट हो गए. चौथा झटका हरभजन सिंह ने दिया. कुमार संगकारा 11 रन बनाकर भज्जी की गेंद पर बोल्ड हो गए.
इससे पहले श्रीलंका की पहली पारी 229 रन पर सिमट गई. श्रीलंका की ओर से महेला जयवर्धने ने 47 रन सर्वाधिक बनाए, वहीं टीम इंडिया में लौटे श्रीसंत ने 75 रन देकर 5 विकेट चटकाए.
टीमें-
भारत: महेन्द्र सिंह धोनी (कप्तान), राहुल द्रविड़, गौतम गम्भीर, वीरेन्द्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर, हरभजन सिंह, जहीर खान, वीवीएस लक्ष्मण, युवराज सिंह, प्रज्ञान ओझा और एस. श्रीसंत.
श्रीलंका: कुमार संगकारा (कप्तान), तिलकरत्ने दिलशान, तरंगा परनाविताना, माहेला जयवर्धने, तिलन समरवीरा, एजेंलो मैथ्यूज, प्रसन्ना जयवर्धने, अजंता मेंडिस, रंगना हेराथ, मुथया मुरलीधरन और चानका वेलेगेदरा.
भारत-श्रीलंका के बीच पहला टेस्ट ड्रॉकानपुर टेस्ट मैच पर कब्जा जमाकर भारत ने टेस्ट मैचों में अपनी 100वीं जीत दर्ज की. भारत ने श्रीलंका को एक पारी और 144 रनों से मात दी है. रनों के लिहाज से यह भारत की अब तक की तीसरी सबसे बड़ी जीत है. 1932 से टेस्ट मैच खेलने वाली टीम इंडिया ने अपनी पहली जीत 1952 में इंग्लैंड को हराकर हासिल की थी. पहली पारी में पांच विकेट लेने वाले श्रीशंत मैन ऑफ द मैच चुने गए.
अंतिम विकेट प्रज्ञान ओझा के खाते में गया. इस पारी में ओझा को दो विकेट मिले हैं. श्रीलंकाई टीम का अंतिम विकेट वेलेगेदरा के रुप में गिरा. इससे पहले युवराज सिंह ने श्रीलंका को नौवां झटका मेंडिस के रूप में दिया था. मेंडिस 27 रन बनाकर युवराज के गेंद का शिकार हुए. इससे पहले मुरलीधरन 29 रन बनाकर आउट हुए. मुरलीधरन 11 गेंद में दो छक्का और तीन चौके की मदद से 29 रन बनाकर प्रज्ञान ओझा की गेंद पर बोल्ड हुए.
भज्जी ने हीरेथ को 13 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर एलबीडब्ल्यू आउट किया. इससे पहले हरभजन ने ही प्रसन्ना जयवर्धने को 29 रन पर बोल्ड कर छठा विकेट लिया था. मुरलीधरन के आउट होने के बाद मेंडिस क्रीज पर समरवीरा का साथ देने आए हैं. श्रीलंका को पांचवां झटका जहीर खान ने दिया. जहीर ने मैथ्यूज को 15 रन पर द्रविड़ के हाथों कैच आउट कराया.
भारत-श्रीलंका के बीच दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन खेल की समाप्ति तक मेहमान टीम भारी दबाव में आ गई थी. तीसरे दिन खेल खत्म होने तक श्रीलंका ने दूसरी पारी में 4 विकेट खोकर 57 रन बनाए थे. समरवीरा 1 रन और मैथ्यूज 2 रन बनाकर नाबाद थे. श्रीलंका ने दूसरी पारी में अपना पहला विकेट जल्द ही खो दिया. दिलशान महज 11 रन बनाने के बाद श्रीसंत के शिकार बने. मेहमान टीम का दूसरा विकेट परानाविताना के रूप में गिरा. वे 20 रन जोड़कर वीरेंद्र सहवाग की गेंद पर पगबाधा आउट हो गए.
श्रीलंकाई टीम का तीसरा विकेट महेला जयवर्द्धने के रूप में गिरा. जयवर्द्धने 10 रन बनाकर रन आउट हो गए. चौथा झटका हरभजन सिंह ने दिया. कुमार संगकारा 11 रन बनाकर भज्जी की गेंद पर बोल्ड हो गए.
इससे पहले श्रीलंका की पहली पारी 229 रन पर सिमट गई. श्रीलंका की ओर से महेला जयवर्धने ने 47 रन सर्वाधिक बनाए, वहीं टीम इंडिया में लौटे श्रीसंत ने 75 रन देकर 5 विकेट चटकाए.
टीमें-
भारत: महेन्द्र सिंह धोनी (कप्तान), राहुल द्रविड़, गौतम गम्भीर, वीरेन्द्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर, हरभजन सिंह, जहीर खान, वीवीएस लक्ष्मण, युवराज सिंह, प्रज्ञान ओझा और एस. श्रीसंत.
श्रीलंका: कुमार संगकारा (कप्तान), तिलकरत्ने दिलशान, तरंगा परनाविताना, माहेला जयवर्धने, तिलन समरवीरा, एजेंलो मैथ्यूज, प्रसन्ना जयवर्धने, अजंता मेंडिस, रंगना हेराथ, मुथया मुरलीधरन और चानका वेलेगेदरा.
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भारत ने लगाई टेस्ट मैचों की सेंचुरी
कानपुर, शुक्रवार, 27 नवम्बर 2009
भारत-श्रीलंका के बीच पहला टेस्ट ड्रॉकानपुर टेस्ट मैच पर कब्जा जमाकर भारत ने टेस्ट मैचों में अपनी 100वीं जीत दर्ज की. भारत ने श्रीलंका को एक पारी और 144 रनों से मात दी है. रनों के लिहाज से यह भारत की अब तक की तीसरी सबसे बड़ी जीत है. 1932 से टेस्ट मैच खेलने वाली टीम इंडिया ने अपनी पहली जीत 1952 में इंग्लैंड को हराकर हासिल की थी. पहली पारी में पांच विकेट लेने वाले श्रीशंत मैन ऑफ द मैच चुने गए.
अंतिम विकेट प्रज्ञान ओझा के खाते में गया. इस पारी में ओझा को दो विकेट मिले हैं. श्रीलंकाई टीम का अंतिम विकेट वेलेगेदरा के रुप में गिरा. इससे पहले युवराज सिंह ने श्रीलंका को नौवां झटका मेंडिस के रूप में दिया था. मेंडिस 27 रन बनाकर युवराज के गेंद का शिकार हुए. इससे पहले मुरलीधरन 29 रन बनाकर आउट हुए. मुरलीधरन 11 गेंद में दो छक्का और तीन चौके की मदद से 29 रन बनाकर प्रज्ञान ओझा की गेंद पर बोल्ड हुए.
भज्जी ने हीरेथ को 13 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर एलबीडब्ल्यू आउट किया. इससे पहले हरभजन ने ही प्रसन्ना जयवर्धने को 29 रन पर बोल्ड कर छठा विकेट लिया था. मुरलीधरन के आउट होने के बाद मेंडिस क्रीज पर समरवीरा का साथ देने आए हैं. श्रीलंका को पांचवां झटका जहीर खान ने दिया. जहीर ने मैथ्यूज को 15 रन पर द्रविड़ के हाथों कैच आउट कराया.
भारत-श्रीलंका के बीच दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन खेल की समाप्ति तक मेहमान टीम भारी दबाव में आ गई थी. तीसरे दिन खेल खत्म होने तक श्रीलंका ने दूसरी पारी में 4 विकेट खोकर 57 रन बनाए थे. समरवीरा 1 रन और मैथ्यूज 2 रन बनाकर नाबाद थे. श्रीलंका ने दूसरी पारी में अपना पहला विकेट जल्द ही खो दिया. दिलशान महज 11 रन बनाने के बाद श्रीसंत के शिकार बने. मेहमान टीम का दूसरा विकेट परानाविताना के रूप में गिरा. वे 20 रन जोड़कर वीरेंद्र सहवाग की गेंद पर पगबाधा आउट हो गए.
श्रीलंकाई टीम का तीसरा विकेट महेला जयवर्द्धने के रूप में गिरा. जयवर्द्धने 10 रन बनाकर रन आउट हो गए. चौथा झटका हरभजन सिंह ने दिया. कुमार संगकारा 11 रन बनाकर भज्जी की गेंद पर बोल्ड हो गए.
इससे पहले श्रीलंका की पहली पारी 229 रन पर सिमट गई. श्रीलंका की ओर से महेला जयवर्धने ने 47 रन सर्वाधिक बनाए, वहीं टीम इंडिया में लौटे श्रीसंत ने 75 रन देकर 5 विकेट चटकाए.
टीमें-
भारत: महेन्द्र सिंह धोनी (कप्तान), राहुल द्रविड़, गौतम गम्भीर, वीरेन्द्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर, हरभजन सिंह, जहीर खान, वीवीएस लक्ष्मण, युवराज सिंह, प्रज्ञान ओझा और एस. श्रीसंत.
श्रीलंका: कुमार संगकारा (कप्तान), तिलकरत्ने दिलशान, तरंगा परनाविताना, माहेला जयवर्धने, तिलन समरवीरा, एजेंलो मैथ्यूज, प्रसन्ना जयवर्धने, अजंता मेंडिस, रंगना हेराथ, मुथया मुरलीधरन और चानका वेलेगेदरा.
भारत-श्रीलंका के बीच पहला टेस्ट ड्रॉकानपुर टेस्ट मैच पर कब्जा जमाकर भारत ने टेस्ट मैचों में अपनी 100वीं जीत दर्ज की. भारत ने श्रीलंका को एक पारी और 144 रनों से मात दी है. रनों के लिहाज से यह भारत की अब तक की तीसरी सबसे बड़ी जीत है. 1932 से टेस्ट मैच खेलने वाली टीम इंडिया ने अपनी पहली जीत 1952 में इंग्लैंड को हराकर हासिल की थी. पहली पारी में पांच विकेट लेने वाले श्रीशंत मैन ऑफ द मैच चुने गए.
अंतिम विकेट प्रज्ञान ओझा के खाते में गया. इस पारी में ओझा को दो विकेट मिले हैं. श्रीलंकाई टीम का अंतिम विकेट वेलेगेदरा के रुप में गिरा. इससे पहले युवराज सिंह ने श्रीलंका को नौवां झटका मेंडिस के रूप में दिया था. मेंडिस 27 रन बनाकर युवराज के गेंद का शिकार हुए. इससे पहले मुरलीधरन 29 रन बनाकर आउट हुए. मुरलीधरन 11 गेंद में दो छक्का और तीन चौके की मदद से 29 रन बनाकर प्रज्ञान ओझा की गेंद पर बोल्ड हुए.
भज्जी ने हीरेथ को 13 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर एलबीडब्ल्यू आउट किया. इससे पहले हरभजन ने ही प्रसन्ना जयवर्धने को 29 रन पर बोल्ड कर छठा विकेट लिया था. मुरलीधरन के आउट होने के बाद मेंडिस क्रीज पर समरवीरा का साथ देने आए हैं. श्रीलंका को पांचवां झटका जहीर खान ने दिया. जहीर ने मैथ्यूज को 15 रन पर द्रविड़ के हाथों कैच आउट कराया.
भारत-श्रीलंका के बीच दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन खेल की समाप्ति तक मेहमान टीम भारी दबाव में आ गई थी. तीसरे दिन खेल खत्म होने तक श्रीलंका ने दूसरी पारी में 4 विकेट खोकर 57 रन बनाए थे. समरवीरा 1 रन और मैथ्यूज 2 रन बनाकर नाबाद थे. श्रीलंका ने दूसरी पारी में अपना पहला विकेट जल्द ही खो दिया. दिलशान महज 11 रन बनाने के बाद श्रीसंत के शिकार बने. मेहमान टीम का दूसरा विकेट परानाविताना के रूप में गिरा. वे 20 रन जोड़कर वीरेंद्र सहवाग की गेंद पर पगबाधा आउट हो गए.
श्रीलंकाई टीम का तीसरा विकेट महेला जयवर्द्धने के रूप में गिरा. जयवर्द्धने 10 रन बनाकर रन आउट हो गए. चौथा झटका हरभजन सिंह ने दिया. कुमार संगकारा 11 रन बनाकर भज्जी की गेंद पर बोल्ड हो गए.
इससे पहले श्रीलंका की पहली पारी 229 रन पर सिमट गई. श्रीलंका की ओर से महेला जयवर्धने ने 47 रन सर्वाधिक बनाए, वहीं टीम इंडिया में लौटे श्रीसंत ने 75 रन देकर 5 विकेट चटकाए.
टीमें-
भारत: महेन्द्र सिंह धोनी (कप्तान), राहुल द्रविड़, गौतम गम्भीर, वीरेन्द्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर, हरभजन सिंह, जहीर खान, वीवीएस लक्ष्मण, युवराज सिंह, प्रज्ञान ओझा और एस. श्रीसंत.
श्रीलंका: कुमार संगकारा (कप्तान), तिलकरत्ने दिलशान, तरंगा परनाविताना, माहेला जयवर्धने, तिलन समरवीरा, एजेंलो मैथ्यूज, प्रसन्ना जयवर्धने, अजंता मेंडिस, रंगना हेराथ, मुथया मुरलीधरन और चानका वेलेगेदरा.
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ओबामा की दावत में बिन बुलाए मेहमान
वाशिंगटन : ाइट हाउस में मंगलवार को भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सम्मान में आयोजित राजकीय भोज में दो बिन बुलाए मेहमान भी मौजूद थे। वर्जीनिया के एक अमेरिकी दंपती ने न सिर्फ भोज का लुत्फ उठाया बल्कि वहां मौजूद कई हस्तियों के साथ तस्वीरें भी खिंचवाई। उनका इरादा हालांकि सिर्फ सुर्खियां बटोरना था लेकिन इसे ाइट हाउस की चाकचौबंद सुरक्षा में गंभीर चूक माना जा रहा है। ाइट हाउस में इससे पहले आयोजित हुए राजकीय भोज के दौरान ऐसा कभी नहीं हुआ। अमेरिकी अखबार द वाशिंगटन पोस्ट ने खुलासा किया है कि एक टीवी रियलिटी शो के वर्जीनियाई प्रतिभागी बगैर आधिकारिक निमंत्रण पत्र के राजकीय भोज में पहुंच गए। अखबार के मुताबिक, इस बात का पता तब चला जब उत्तरी वर्जीनिया के तारिक सलाही और मिशेल ने अपनी इस अनोखी उपलब्धि की कहानी सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर अपलोड की। दंपती द्वारा फेसबुक पर अपलोड तस्वीरों में वे अमेरिकी उप राष्ट्रपति जो बिडेन, ाइट हाउस के चीफ आफ स्टाफ और टीवी एंकर केटी कोरिक के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। दोनों ने भारतीय संगीतकार ए.आर. रहमान और पेप्सिको की अध्यक्ष इंदिरा नूई के साथ भी तस्वीरें खिंचवाईं। दोनों जब ये तस्वीरें खिंचवा रहे थे भोज में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी मौजूद थे। हालांकि ओबामा और मनमोहन की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं था क्योंकि यह दंपती भी कड़ी सुरक्षा जांच की उसी प्रक्रिया से गुजरा था जिससे 300 से ज्यादा मेहमान गुजरे थे।
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आ अब लौट चलें
वाशिंगटन,: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विश्व भर में फैले भारतीयों से स्वदेश लौटने की अपील की है। उन्होंने कहा कि वे देश में प्रतिभा पलायन की जगह प्रतिभा लाभ की स्थिति देखना चाहते हैं। मनमोहन ने यहां भारतीय-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करते हुए भारत और अमेरिका के संबंधों में सुधार के लिए अमेरिका में रहने वाले भारतीयों की जमकर तारीफ की। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षो के दौरान हम प्रतिभा पलायन की विपरीत स्थिति देख रहे हैं। उन्होंने कहा मैं इसे प्रतिभा लाभ की स्थिति के रूप में देखता हूं। उन्होंने कहा, मैं इस मौके पर उन अमेरिकी भारतीय और भारतीयों को स्वदेश आने का निमंत्रण देना चाहता हूं, जो भारत लौटने के इच्छुक हैं। मनमोहन ने दोनों देशों के बीच अगले चरण के संबंध सुधार में फाइव ई की अहमियत पर जोर दिया। इनमें अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, पर्यावरण, शिक्षा और सशक्तिकरण जैसे क्षेत्र शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, आधुनिक तकनीक और लचीली नीतियों की मदद से अब अमेरिकी भारतीयों के मध्य कार्यस्थल के चुनाव की दिक्कत नहीं रहेगी। वे चाहे भारत में रहें चाहे अमेरिका में आसानी से अपने उद्देश्य पूरे कर पाएंगे।
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रब्बियों के डेरे पर पहुंची कूटनीति और राजनीति
मुंबई, कार्यक्रम तो नरीमन हाउस में रक्तपात की याद करने भर के लिए था मगर यह छोटा सा कार्यक्रम मंुबई में आयोजित बड़े सरकारी कार्यक्रमों के बीच खासा बड़ा हो गया। विदेश राज्य मंत्री शशि थरुर यहां पहुंचे और पाकिस्तान पर निशाना साधा। महाराष्ट्र सरकार की तिकड़ी चव्हाण, भुजबल, पाटिल ने यहां हाजिरी लगाई, इजरायल उच्चायुक्त भी कार्यक्रम में मौजूद रहे। यानी कि कूटनीति और राजनीति दोनों एक छोटे से कार्यक्रम में आ जुटीं, जहां यहूदियों के अलावा अन्य समुदायों के लोग कम ही थे। मामला संदेश देने का था और जब नेता संदेश दे रहे हों तो युवा रब्बियों को जोश आ गया और उन्होंने भी इजरायल की याद के गीत गाए। ..मगर संगीत, रोशनी, राजनीति और कूटनीति सब मिलकर रब्बियों के इस डेरे की उदासी नहीं तोड़ पाए। बाहर संकरी सी गली में हो रहे आयोजन में बहुत कुछ कहा सुना जा रहा था मगर नरीमन हाउस के भीतर एक नीम उदासी थी। यह मुंबई में हमले के शिकार केंद्रों में शायद एकमात्र ऐसा केंद्र है जहां सब कुछ जस का तस है, खून के छींटे भी। कभी रब्बियों के संगीत से गुलजार इस खबाद हाउस में पिछले एक साल के दौरान कोई भूला भटका रब्बी आकर श्रद्धांजलि दे जाता है। नहीं तो यह पूजा के दिनों में ही खुलता है। यहां रब्बी गैब्रियल होल्त्सबर्ग और उनकी पत्नी रिविका की यादें हर जगह बिखरी हैं। इसी नरीमन हाउस के सामने गुरुवार को कूटनीति भी जुटी। छोटे से यहूदी समुदाय को उनकी कूटनीतिक अहमियत का अहसास कराने और दुनिया को संकेत देने यहां पहुंचे शशि थरुर बोले कि पाकिस्तान ने अब तक जो किया वह पर्याप्त नहीं है। पाकिस्तान को अपनी जमीन से आतंक को समाप्त करना होगा। थरुर ने लगे हाथ यहूदियों से अपने राज्य केरल के एतिहासिक रिश्ते भी याद किए और कहा कि नरीमन हाउस पर आतंक का हमला दरअसल सिर्फ भारत पर हमला नहीं बल्कि आतंक की अंतर्राष्ट्रीय घटना है। थरुर का आना और उनका निशाना साफ था कि यहूदियों का परंपरावादी और दार्शनिक खबाद समुदाय भारत के लिए कूटनीतिक तौर पर अहम है। इजरायल के उच्चायुक्त मार्क सोफर ने भारतीय सुरक्षा बलों की वीरता की तारीफ और भारत में यहूदियों को मिले सम्मान का जिक्र करते हुए श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम खत्म होते होते मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल और गृह मंत्री आरआर पाटिल की तिकड़ी भी इस छोटे से मंच पर पहुंच गई। रब्बियों को इतने वीआईपी जुटने की उम्मीद नहीं थी। इन आयोजन से अलग नरीमन हाउस दीवारें तो आतंक वधशाला जैसी लगती है। यह हाल देखकर शशि थरुर भी कांप उठे। पांच मंजिलों वाले इस भवन की हर मंजिल पर गोलियों के सैकड़ों निशान हैं। गे्रनेड से फटी दीवारें अब तक वैसी ही हैं। पूरे घर में बड़ी-बड़ी दरारें हैं। रब्बी गैब्रियल का पूजा घर, रसोई, शयनकक्ष यहां तक बाथरूम तक में गोलियों की इबारत खुदी है। भवन की तीसरी मंजिल पर छेद अब तक वैसा ही है जिसे एनएसजी ने रॉकेट लांचर दाग कर किया था और भवन में घुसे थे। एक उदास कमरे में इस रब्बी दंपति के नन्हे शिशु मोशे के खिलौने भी जस के तस बिखरे हैं। दरअसल इस घर में सब कुछ जस का तस है। बस पूजा गृह की गोलियों से छलनी दीवार के आगे एक ताजी मोमबत्ती जल रही है। भारत में यहूदियों के बहुत छोटे खबाद समुदाय के लिए गैब्रियल और रिविका की मौत गहरा सदमा है, यह बहती आंखों और रुंधे गलों में साफ दिख रहा था। नरीमन हाउस के भीतर गुजरी यंत्रणा भी महसूस की जा सकती थी। इसके अलावा जो दिखा वह थी सिर्फ राजनीति।
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उदासी और बेफिक्री
मुंबई वहां गम अभी तारी है और उदासी काबिज..और यहां मानो कुछ हुआ ही ही नहीं। एक है नरीमन हाउस और दूसरा लिओपोल्ड कैफे। आतंकी हमले के दो शिकार एक-दूसरे से बस कुछ कदमों की दूरी पर हैं। मगर कोलाबा के इन दोनों स्थानों के अतीत में असंगति है और वर्तमान में भी। कैफे को सब जानते हैं और छबाद हाउस को अभी भी तलाशना पड़ता है। यहूदियों के पूजा केंद्र छबाद हाउस यानी नरीमन हाउस में कोई साधक भूले-भटके पहुंच जाता है, मगर रूकता कोई नहीं और इधर लिओपोल्ड कैफे में कुर्सी पाने के लिए आपको इंतजार करना पड़ता है। एक गमजदा पूजागृह : सदा से शांत नरीमन हाउस अब और उदास व बोझिल है। मानो वह अपने दर्द के साथ जीना चाहता हो। सामने की दीवार पर गोलियों के निशान जस के तस हैं। गोलीबारी और राकेट लांचर के हमले में टूटी दीवार अभी नहीं है। बताते हैं कि अंदर खून के निशान भी जस के तस हैं। रब्बी गैब्रियल होल्तबर्ग की यादें अंदर बिखरी हैं और अब इस भवन में कोई नहीं ठहरता। गेट पर मौजूद गार्ड बताते हैं कि पूजा करने वाले लोग कभी कभार आते हैं। कोलाबा के लोगों को बहुत बाद में पता चला कि इस भवन में यहूदी पूजा करते हैं। उस गली और उस भवन को देख कर यह नहीं अहसास हो पाता है कि आतंकियों के पास यहूदियों के इस पूजास्थल की कितनी ठोस सूचना थी और क्यों इमरान और नासिर नाम के दो आतंकियों ने सबसे लंबे वक्त तक यहां मोर्चा लिया। कमांडो अगर छत से न उतरते तो एक गाड़ी का भी नरीमन हाउस तक पहुंचना मुश्किल है। नरीमन हाउस कितना बड़ा मोर्चा था, इसका एक छोटा सा सबूत पतली सी गली में नरीमन हाउस के ठीक सामने की दीवार है, जिस पर आतंकियों की एके 47 के दर्जनों हस्ताक्षर हैं। ऊपर लाल रंग से लिखा है, हम 26/11 के हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। नरीमन हाउस के रब्बी इससे ज्यादा और कर भी क्या सकते हैं। और एक मस्त कैफे : लिओपोल्ड कैफे का क्या कहना? हमले के बाद तो यह पर्यटन केंद्र बन गया है। हमला खत्म होने के अगले ही दिन यहां काम शुरू हो गया था। कोलाबा पुलिस स्टेशन के ठीक सामने बना लिओपोल्ड कैफे 1871 से चल रहा है। यह आतंकी हमले का पहला निशाना था। यहां गोलियां चला कर करीब एक दर्जन लोगों को मारते हुए आतंकी बगल की गली होते हुए पिछले गेट से ताज में घुस गए। भारत आने वाले विदेशी, खास तौर से यूरोपीय नागरिकों की यह पसंदीदा जगह है। बुधवार की शाम को पहले शिव सैनिकों ने यहां हल्ला गुल्ला किया था, लेकिन हमें कोई फिक्रमंद नहीं दिखता। पुलिस जरूर जमा है लेकिन लिओपोल्ड के कद्रदान कुर्सी के इंतजार में फुटपाथ पर खड़े हैं। कैफे के अंदर तो पैर रखने की जगह भी नहीं है। ग्राहकों में 80 फीसदी विदेशी, जो बियर और काफी की चुस्कियां ले रहे हैं। फिर भी निगाहें छत की तरफ उठ जाती हैं जहां गोलियों के निशान बने हैं। हमले के बाद लिओपोल्ड को कुछ ज्यादा ही ग्राहक मिलने लगे हैं। गोलियों के निशान वाले कैफे के कप खूब बिकते हैं।
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26/11 के दोषियों को सजा दिलाए बिना चैन नहीं : मनमोहन सिंह
26/11 के दोषियों को सजा दिलाए बिना चैन नहीं : मनमोहन सिंह
26 नवंबर, 2009
वाशिंगटन। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि मुंबई हमले के दोषी व्यक्तियों को जब तक सजा नहीं दी जाती भारत तब तक चैन से नहीं बैठेगा। भारत पाकिस्तान से आतंकियों के सभी ढांचे और उनके सुरक्षित आश्रय स्थल को उख़ाड फेंकने की उम्मीद करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमले से लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष समाज कायम रखने की अपनी प्रतिबद्धता से हम नहीं डिगेंगे।
मुंबई हमले की पहली बरसे की पूर्व संध्या पर अमेरिका में आयोजित एक प्रेंस कॉन्फ्रेन्स में प्रधानमंत्री ने कहा कि मुंबई हमला देश की बाहर की उन ताकतों की सोची समझी चाल थी जो हमारी धर्मनिरपेक्ष शासन प्रणाली और सांप्रदायिक सद्भव को नष्ट करना चाहते है। ऎसी ताकतों को इस बात पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि वे अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होंगे।
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