भोपाल।। भोपाल में आयकर विभाग द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा के दो अधिकारियों के आवासों सहित 13 स्थानों पर छापों की कार्रवाई दूसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रही। सभी ठिकानों से करोड़ों की बेनामी संपत्ति और नकदी मिली है साथ ही 25 लाख की विदेशी मुद्रा भी बरामद की गई है।
आयकर विभाग ने गुरुवार को दो आईएएस अधिकारियों और प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी अरविंद जोशी व टीनू जोशी के अलावा एक पूर्व आईएएस अधिकारी एम.ए. खान तथा निजी बैंक अधिकारी , बीमा एजेंट और उद्योगपति से संबद्ध कुल 13 स्थानों पर एक साथ छापा मारा। इसके दौरान आईएएस अफसर के आवास से बड़े पैमाने पर नकदी बरामद की गई जिसे गिनने के लिए नोट गिनने वाली मशीन का सहारा लेना पड़ा। आईएएस अधिकारी के आवास से तीन करोड़ की नकदी के साथ 25 लाख की विदेशी मुदा भी बरामद की गई।
जानकारी के अनुसार अफसरों के पास करोड़ों की संपत्ति का खुलासा गत वर्ष एक स्थान से बीमा के कुछ दस्तावेज मिलने के बाद हुआ था। दस्तावेजों के माध्यम से पता चला था कि मध्य प्रदेश में कई प्रशासनिक अधिकारियों ने बीमे के लिए लाखों की किश्तें दी थी। इसी आधार पर आयकर विभाग ने जांच शुरू की और छापेमारी का सिलसिला शुरू किया।
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शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2010
हुड्डा सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है और किसी भी वक्त यह सरकार गिर सकती है। --अजय सिंह चौटाला
अपने संबोधन में पार्टी महासचिव अजय सिंह चौटाला ने कहा कि चौटालावासियों की ताकत की बदौलत ही पूर्व उपप्रधानमंत्री जननायक चौधरी देवीलाल ने देश भर के कमेरे व किसान वर्ग के लिए संघर्ष कर उन्हें हक दिलवाया। अब उसी परम्परा को पार्र्टी प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला निभा रहे हैं। उन्होंने विश्वास दिलवाया कि वह गांव वासियों के प्यार व सहयोग से भविष्य में किसान, गरीब, कमेरे वर्ग के हितों के लिए लड़ाई लड़ते रहेंगे।
अजय सिंह चौटाला ने कहा कि ऐलनाबाद उपचुनाव में हार के बाद कांग्रेस में खलबली मची हुई है कांग्रेसी नेताओं के हौसले पस्त हैं। हुड्डा सरकार किसी भी क्षण यह सरकार गिर सकती है और प्रदेश में ओमप्रकाश चौटाला के नेतृत्व में अगली सरकार बननी तय है। उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम हुड्डा ने प्रदेश में क्षेत्रवाद का जहर घोलकर प्रदेश में भाईचारे की भावना को समाप्त करने का काम किया है, इसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा। इस अवसर पर ऐलनाबाद से नवनिर्वाचित विधायक व इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने गांव वासियों द्वारा किए गए भव्य स्वागत के लिए उनका हार्दिक आभार व्यक्त किया। भव्य अभिनंदन से गदगद अभय सिंह चौटाला ने कहा कि चौटाला गांव के लोगों का आभार व्यक्त करने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं। उन्होंने कहा कि आपकी दी हुई ताकत से वह चौधरी देवीलाल के दिखाए गए रास्ते पर चल कर प्रदेश की जनता की सेवा करने के लिए कृतसंकल्प हैं और इस ऐतिहासिक गांव की पहचान को कभी लुप्त नहीं होंने देंगे। इस अवसर पर जिला प्रधान पदम जैन, विधायक कृष्ण कंबोज, विधायक चरणजीत सिंह, पूर्व विधायक मनीराम, डा. सीताराम, अमीरचंद चावला, महिला नेत्री कृष्ण फोगाट, अशोक वर्मा, खूबराम जाखड़, आत्माराम छिंपा, प्रेम सिहाग, बनवारी नंबरदार, मनफूल स्वामी, दलीप वाल्मीकि, आत्माराम, सुरजीत पंच, पूर्णराम गोदारा, रामपाल बिश्रोई, सज्जन पंच, अमरसिंह रेगर, विनोद स्वामी, उदयपाल,, प्रेमकुमार, मुरली सेठ, बाबूलाल, रामनिवास, डा. छगनलाल,बिहारी चाहर, जवाहरीलाल,संदीप पूनिया, रणधीर वर्मा,गुरबाज, सोहन बिश्रोई, मदन सिहाग सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
सड़क हादसे में दो युवक घायल
डबवाली (सुखपाल)-डबवाली-मलोट रोड़ सड़क मार्ग पर स्थित बादल वर्कशॉप के सामने हुए सड़क हादसे में मोटरसाईकिल व कार की भिड़न्त में दो युवक घायल हो गए। हादसे की मिली जानकारी अनुसार पंजाब क्षेत्र के समीपवर्ती गांव बनवाला निवासी मलूक सिंह पुत्र जंगीर सिंह एवं रघुवीर सिंह पुत्र कर्म सिंह बीती देर सायं अपने मोटरसाईकिल द्वारा अपने गांव जा रहे थे कि सड़क पर उनके आगे जा रही एस्टीम कार में आकस्मात तकनीकी खराबी के चलते कार रूक गई। इससे पहले की मोटरसाईकिल चालक कुछ समझ पाते कार से जोरदार टक्कर हो गई। जिसके फलस्वरूप दोनों युवक घायल हो गए। सूचना मिलते ही जन सहारा सेवा संस्था के प्रधान आरके नीना अन्य सदस्यों को लेकर ऐम्बूलैंस सहित घटनास्थल पर पहुंचे तथा दोनों घायल युवकों को निकट के एक निजी हस्पताल में उपचार हेतु भर्ती करवाया। जहां मलूक सिंह की गम्भीर हालत को देखते हुए सिटी स्कैन हेतु बठिण्डा रैफर कर दिया गया। वहीं दूसरे युवक रघुवीर सिंह को प्राथमिक उपचार के पश्चात डिस्चार्ज कर दिया गया।
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रात्रि 10 बजे से प्रात: 6 बजे तक लाऊड स्पीकरों पर कड़ी रोक लगाकर ध्वनि प्रदूषण के विरूद्ध आदेश एक ऐतिहासिक निर्णय -- योगाचार्य वियोगी हरि शर्मा
डबवाली (सुखपाल)पतंजलि योग समिति ने रात्रि 10 बजे से प्रात: 6 बजे तक लाऊड स्पीकरों पर कड़ी रोक लगाकर ध्वनि प्रदूषण के विरूद्ध आदेश जारी करने के निर्णय पर उपायुक्त सिरसा का आभार जताया है। योगाचार्य वियोगी हरि शर्मा ने इसे एक ऐतिहासिक निर्णय बताया। आज के प्रात: सत्र में उन्होंने योग साधकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि तनाव उच्च रक्तचाप व स्वभाव में चिड़चिड़ापन केवल इस शोर की देन है। उन्होंने कहा कि उन्होंने गांवों में भी देखा है कि प्रात:काल के शिविर दौरान 4-5 लाऊड स्पीकरों के ऊंची आवाज़ में चलने से कुछ भी सुनाई नहीं पड़ता था। उन्होंने कहा कि इससे विद्याॢथयों व बीमार व्यक्तियों को इससे बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता था। डबवाली प्रैस तो पूर्व में भी इस विषय पर समय - समय पर आवाज़ उठाती रही है परन्तु आमजन अपनी आवाज़ इस लिए नहीं उठाता कि लोग इसे धर्म विरोध का रंग न दे दें। जबकि भारतीय शास्त्र भजन व भोजन दोनों को पर्दे की चीज़ बताते हैं। जब अनेक धर्म स्थलों से एक ही समय पर ऊंची आवाज़ें आने लगती हैं तो कुछ भी सुनाई नहीं पड़ता। पतंजलि योग समिति ने स्थानीय श्री दुर्गा मन्दिर, वैष्णों माता मन्दिर सहित अनेक धाॢमक संस्थाओं को इस सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। यह जानकारी देते हुए समिति के अध्यक्ष अशोक सोनी ने बताया कि ध्वनि प्रदूषण के प्रति लोगों को स्वयं जागरूक होना होगा। इस अवसर पर कृष्ण लाल, अजय व्यास, कमलेश रानी, सन्तोष मैहता, सुषमा सहित अनेक योग साधक उपस्थित थे।
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शहर से कम नहीं है गांव कालूआना
डबवाली -- राजस्थान की सीमा से सटे सिरसा जिले के कालूआना गांव ने राज्य स्तर पर एक अलग पहचान बनाई है। निर्मल ग्राम पुरस्कार योजना के तहत गांव को राज्य में प्रथम स्थान मिला है और 20 लाख रुपए का ईनाम इस योजना के तहत मिला है। कालुआना गांव ने सम्पूर्ण स्वच्छता के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी नए आयाम स्थापित किए है और गांव आज किसी शहर से कम नजर नहीं आ रहा है। इन सारी उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए गांव के सरपंच ने बताया कि गांव में जब स्वच्छता अभियान तत्कालीन अतिरिक्त उपायुक्त के मार्गदर्शन में चलाया गया था तब से ही गांव के बुजुर्गों, महिलाओं और युवाओं ने पूरा सहयोग दिया और अभियान को शत् प्रतिशत सफल बनाया जिसके फलस्वरुप स्वच्छता के मामले में गांव आज प्रदेश के पटल पर आया है। राज्य स्तर पर अव्वल स्थान पाने पर गांव के सरपंच जगदेव सिंह को गत 26 जनवरी को जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में हरियाणा के मुख्य संसदीय सचिव सुलतान सिंह जडौला ने सम्मानित किया। गांव के सरपंच जगदेव सिंह ने बताया कि वर्तमान में गांव के सभी 1048 घरों में शौचालय बन चुके है और सभी लोग घरों में बने शौचालयों का प्रयोग कर रहे है। इस प्रकार से पूरा गांव खुले में शौच मुक्त हो गया है। यहां तक की बाहर से आने वाले घुमंतु परिवार भी खुले में शौच नही जाते क्योंकि गांव में दो बड़े-बड़े सार्वजनिक शौचालय बनाए गए है जहां पर पानी और सफाई की समुचित व्यवस्था की गई है। बाकायदा सफाई के लिए कर्मचारी रखे हुए है। ग्रामीणों के सहयोग से गांव में सभी नाजायज कब्जों को हटवा दिया गया है। सरपंच ने बताया कि गांव की विभिन्न गलियों और रास्तों में पड़े रुडिय़ों और गंदगी के ढेर साफ करवाए जा चुके है, यहां तक की गांव की मुख्य-मुख्य गलियो के दोनों और छायादार पौधे लगवाए गए है। इन पौधों की देखभाल करने के लिए वन विभाग के सहयोग से कर्मचारी तैनात किए गए है। उन्होंने बताया कि गांव की खाली पड़ी जमीन पर और विभिन्न सार्वजनिक जगहों पर पौधारोपण किया गया है। गांव में पौधारोपण का कार्य महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत किया गया है। उन्होंने बताया कि गांव के विकास में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना से पूरा लाभ उठाया जा रहा है। इस योजना से अब तक गांव में 3 करोड़ रुपए से भी अधिक की राशि विभिन्न विकास कार्यों पर खर्च हो चुकी है। गांव में स्वच्छता और विकास कार्यों के साथ-साथ शिक्षा और उन्नत कृषि को बढ़ावा देने के लिए भी कार्य हुआ है। उन्होंने बताया कि लगभग 6 हजार की आबादी वाले कालुआना गांव में बच्चों की शिक्षा के लिए राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय(सहशिक्षा) और राजकीय माध्यमिक विद्यालय लड़कियों के लिए है। ग्राम पंचायत के प्रयास से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में साईंस, नॉन मैडीकल की कक्षाएं शुरु की गई है।
सरपंच जगदेव सिंह के अनुसार गांव में खेलों को बढ़ावा देने के लिए भी पंचायत स्तर पर खेल पुरस्कार दिए जा रहे है जो खिलाड़ी खण्ड स्तर पर खेलेगा उसे 1100 रुपए, जो जिला स्तर पर खेलेगा उसे 11 हजार रुपए और जो राज्य स्तर पर खेलेगा उसे 21 हजार रुपए की राशि ईनाम की रुप में दी जा रही है। अभी तक 7 खिलाडिय़ों को ईनाम की राशि दी जा चुकी है। इससे गांव के युवाओं में खेलों के प्रति अधिक रुझान पैदा हुआ है। गांव में कृषि व बागवानी को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्य हुए है। गांव में कई प्रगतिशील किसानों ने केंचुआ पद्धति को अपनाकर आर्गेनिक खेती शुरु की है। इसी प्रकार से बागवानी के क्षेत्र में कई किसानों ने 10-10 और 7-7 एकड़ में किन्नू के बाग लगाए है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत भी बागवानी के क्षेत्र में विशेष सुविधाएं प्राप्त हुई है।
सरपंच जगदेव के अनुसार गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र, ओपरेटिव बैंक, पशु अस्पताल, पटवार खाना, मैरिज पैलेस, टेलीफोन एक्सचेंज, हरिजन चौपाल, जिम, छह आंगनवाड़ी केंद्र, स्टेडियम वृद्धाश्रम के साथ-साथ गौशाला जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध है। उनकी प्रशासन व सरकार से यह मांग है कि गांव राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को मॉडल संस्कृति स्कूल का दर्जा दिया जाए ताकि स्कूल में पढऩे वाले बच्चों को और अधिक सुविधाएं मिल सके।
सरपंच जगदेव सिंह के अनुसार गांव में खेलों को बढ़ावा देने के लिए भी पंचायत स्तर पर खेल पुरस्कार दिए जा रहे है जो खिलाड़ी खण्ड स्तर पर खेलेगा उसे 1100 रुपए, जो जिला स्तर पर खेलेगा उसे 11 हजार रुपए और जो राज्य स्तर पर खेलेगा उसे 21 हजार रुपए की राशि ईनाम की रुप में दी जा रही है। अभी तक 7 खिलाडिय़ों को ईनाम की राशि दी जा चुकी है। इससे गांव के युवाओं में खेलों के प्रति अधिक रुझान पैदा हुआ है। गांव में कृषि व बागवानी को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्य हुए है। गांव में कई प्रगतिशील किसानों ने केंचुआ पद्धति को अपनाकर आर्गेनिक खेती शुरु की है। इसी प्रकार से बागवानी के क्षेत्र में कई किसानों ने 10-10 और 7-7 एकड़ में किन्नू के बाग लगाए है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत भी बागवानी के क्षेत्र में विशेष सुविधाएं प्राप्त हुई है।
सरपंच जगदेव के अनुसार गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र, ओपरेटिव बैंक, पशु अस्पताल, पटवार खाना, मैरिज पैलेस, टेलीफोन एक्सचेंज, हरिजन चौपाल, जिम, छह आंगनवाड़ी केंद्र, स्टेडियम वृद्धाश्रम के साथ-साथ गौशाला जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध है। उनकी प्रशासन व सरकार से यह मांग है कि गांव राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को मॉडल संस्कृति स्कूल का दर्जा दिया जाए ताकि स्कूल में पढऩे वाले बच्चों को और अधिक सुविधाएं मिल सके।
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लोकतन्त्र में जीत गया लाठी तंत्र
मुम्बई ।वालीवुड दुनिया में धमाका मचाने वाले किंग खान शाहरुख शिवसेना प्रमुख बालठाकरे के आगे नतमस्तक हो गये। जबकि खुद शाहरुख कहते है कि उन्हें नहीं मालूम कि उन्होंने अपने को हिन्दुस्तानी कह कर क्या गुनाह कर दिया। शाहरुख ने कहा कि जब दो लोगो के बीच विचारों को लेकर मतभेद हो तो कुछ गुंजाईश जरुर छोउऩी चाहिये ताकि अपनी बात साबित करने का मौका मिल सके। शाहरुख के बयान से साफ है कि बॉलीवुड का बादशाह हार गया और कागज के शेर जीत गए। महाराष्ट्र के सियासी गुंडों के सामने अभिव्यक्ति की आजादी हार गई। शाहरुख ने अपने बच्चों से माफी मांगी है और फिल्म से जुड़े तमाम लोगों से माफी मांगी है। साफ है कि बाल ठाकरे, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की गुंडागर्दी यूं ही चलती रहेगी और महाराष्ट्र सरकार हालात का जायजा ही लेती रहेगी।
महाराष्ट्र में अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटने की कोशिश की जा रही है। शाहरुख इस बात की हकीकत जान चुके हैं, इसीलिए एक फ्रीडम फाइटर के बेटे को अपने संस्कारों की दुहाई देनी पड़ रही है। शाहरुख ने कहा कि मैंने कहा क्योंकि मैं इस पर भरोसा करता हूं। मैं कोई विवाद पैदा नहीं करना चाहता। मैं नेता नहीं हूं, बस एक एक्टर हूं। क्या एक एक्टर को अपनी बात रखने का हक नहीं ?
शाहरुख ने पूछा कि क्या हमारे संस्कार गलत हैं? क्या जिंदगी भर जो कुछ हमने सीखा वो सब बेकार है ? आजादी की लड़ाई में शामिल होने वाले मेरे पिताजी ने जो संस्कार मुझे दिए हैं, क्या वो गलत हैं ? क्या जो सीख मैं अपने बच्चों को देता हूं, वो गलत है ?
शाहरुख ने पूछा कि क्यों एक आजाद देश में डर लगता है? इस पूरे वाकये ने डर का माहौल पैदा कर दिया है? फिल्म का विरोध क्यों? क्यों थियेटर मालिकों को पोस्टर उतारने की धमकी दी जा रही है? मेरे सहयोगी इसकी वजह से परेशान हो रहे हैं। मैं दुखी हूं क्योंकि करन-काजोल सभी परेशान हैं। मैं समझ नहीं पाता कि इन सबके बीच फिल्म कहां से आ गई।
शाहरुख ने कहा कि इसके साथ काफी लोग जुड़े हुए हैं। इसलिए मैं हर किसी को साथ देने के लिए नहीं कहता। कई लोगों के इससे जिंदगी और बिजनेस जुड़े हैं।
महाराष्ट्र में अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटने की कोशिश की जा रही है। शाहरुख इस बात की हकीकत जान चुके हैं, इसीलिए एक फ्रीडम फाइटर के बेटे को अपने संस्कारों की दुहाई देनी पड़ रही है। शाहरुख ने कहा कि मैंने कहा क्योंकि मैं इस पर भरोसा करता हूं। मैं कोई विवाद पैदा नहीं करना चाहता। मैं नेता नहीं हूं, बस एक एक्टर हूं। क्या एक एक्टर को अपनी बात रखने का हक नहीं ?
शाहरुख ने पूछा कि क्या हमारे संस्कार गलत हैं? क्या जिंदगी भर जो कुछ हमने सीखा वो सब बेकार है ? आजादी की लड़ाई में शामिल होने वाले मेरे पिताजी ने जो संस्कार मुझे दिए हैं, क्या वो गलत हैं ? क्या जो सीख मैं अपने बच्चों को देता हूं, वो गलत है ?
शाहरुख ने पूछा कि क्यों एक आजाद देश में डर लगता है? इस पूरे वाकये ने डर का माहौल पैदा कर दिया है? फिल्म का विरोध क्यों? क्यों थियेटर मालिकों को पोस्टर उतारने की धमकी दी जा रही है? मेरे सहयोगी इसकी वजह से परेशान हो रहे हैं। मैं दुखी हूं क्योंकि करन-काजोल सभी परेशान हैं। मैं समझ नहीं पाता कि इन सबके बीच फिल्म कहां से आ गई।
शाहरुख ने कहा कि इसके साथ काफी लोग जुड़े हुए हैं। इसलिए मैं हर किसी को साथ देने के लिए नहीं कहता। कई लोगों के इससे जिंदगी और बिजनेस जुड़े हैं।
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अपनी मर्जी से शादी करने के लिये सरकार बनायेगी कानून
नई दिल्ली।प्यार करने वालों के लिये एक अच्छी व नयी खबर है। अब उनके प्यार में कोई भी आड़े नहीं आयेगा क्योंकि केन्द्र भारतीय दंड सहिता में कई तरह के सुधार करने की सोची जा रही है व भारतीय साक्ष्य कानून और रजिस्ट्रेशन को भी आसान बनाने की तैयारी कर रहा है। इससे उन जोडों को आसानी होगी जो अपने परिवार और समुदाय के खिलाफ जाकर जब अंतरजातीय विवाह करते है। तभी उनके खिलाफ कई सारे कानूनी कदम भी उठने लगते है।
पंचायतें उनको मौत की सजा तक दे देती हैं। अटर्नी जनरल की राय के आधार पर ही केंद्रीय कानून मंत्री वीरप्पा मोइली ने बताया कि सरकार जाहिर तौर पर ऑनर किलिंग के मामले में कुछ करना चाह रही है। सरकार का मानना है कि इस संदर्भ में एक अलग कानून बनना चाहिए। मंत्रालय इस दिशा में काम कर रहा है।
मंत्रालय चाहता है कि किसी विवाह के लिए जरूरी वर्तमान ३० दिनों का समय कम कर दिया जाए या फिर कम से कम कर दिया जाए। हालिया प्रावधान उन दंपतियों के लिए कई समस्याएं पैदा करता है, जो अपने घर या समुदाय के खिलाफ जाते हैं। मंत्रालय का प्रस्ताव है कि ऐसे मामलों में पंचायत के सभी सदस्यों को दोषी ठाहराया जाए, अगर वे दोषी हों।
पंचायतें उनको मौत की सजा तक दे देती हैं। अटर्नी जनरल की राय के आधार पर ही केंद्रीय कानून मंत्री वीरप्पा मोइली ने बताया कि सरकार जाहिर तौर पर ऑनर किलिंग के मामले में कुछ करना चाह रही है। सरकार का मानना है कि इस संदर्भ में एक अलग कानून बनना चाहिए। मंत्रालय इस दिशा में काम कर रहा है।
मंत्रालय चाहता है कि किसी विवाह के लिए जरूरी वर्तमान ३० दिनों का समय कम कर दिया जाए या फिर कम से कम कर दिया जाए। हालिया प्रावधान उन दंपतियों के लिए कई समस्याएं पैदा करता है, जो अपने घर या समुदाय के खिलाफ जाते हैं। मंत्रालय का प्रस्ताव है कि ऐसे मामलों में पंचायत के सभी सदस्यों को दोषी ठाहराया जाए, अगर वे दोषी हों।
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