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शनिवार, 14 नवंबर 2009

पाक के बम में चीनी यूरेनियम


चीन ने पाकिस्तान को 1982 में डू इट योर सेल्फ (खुद से बनाएं) नामक किट के साथ दो परमाणु बम बनाने लायक यूरेनियम मुहैया कराया था। पाकिस्तान के बदनाम परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कादिर खान के हवाले से प्रकाशित वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि परमाणु प्रसार की यह जानबूझकर की गई हरकत 1976 में चीन के तत्कालीन नेता माओ-त्से-तुंग और पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच हुए गुप्त समझौते का हिस्सा थी। इससे पहले खान ने पाकिस्तान के परमाणु बम कार्यक्रम के बारे में लिखा, मेरे निजी अनुरोध पर चीन ने हमें हथियार बनाने लायक 50 किग्रा संव‌िर्द्धत यूरेनियम दिया। 2004 में हिरासत में लिए जाने के बाद खान ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के लिए यह नोट तैयार किया। खान के मुताबिक, एक साधारण हथियार के ब्लूप्रिंट के साथ यूरेनियम की खेप मिली। डू इट योर सेल्फ किट की आपूर्ति के चलते पाकिस्तान के बम बनाने के प्रयासों को जबरदस्त गति मिली। इस बात को लेकर अमेरिका की चिंताएं बढ़ गई कि खान ने 2003 में ईरान के साथ चीन की सूचनाएं साझा कीं। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान अधिकारियों ने मध्य चीन के हानजांग में एक परमाणु संयत्र बनाने में मदद की। बदले में चीन ने पाक को 15 टन यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड (यूएफ 6) इस्लामाबाद भेजा। खान के सहयोगी अपने बूते उसे बनाने में दिक्कत महसूस कर रहे थे। इस गैस से वह प्रयोगशाला बन सकी जिसके चलते 1982 में यूरेनियम बनाने का काम शुरू हो सका।

स्पेशल ओलंपिक के ब्रांड एंबेस्डर बनेंगे खली!


डब्ल्यूडब्ल्यूई (व‌र्ल्ड रेसलिंग इंटरटेनमेंट) में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके दलीप सिंह राणा ऊर्फ द ग्रेट खली के प्रशंसकों और चहेतों की उनके दीदार की हसरत जल्द पूरी होने वाली है। शिमला के गेयटी थियेटर व पद्मावती बालाजी इंस्टीट्यूट में 17 नवंबर को खली का नागरिक अभिनंदन किया जाएगा। इसके अलावा वह स्पेशल ओलंपिक में भाग लेने आए बच्चों से भी मिलेंगे। यहां उन्हें स्पेशल ओलंपिक का ब्रांड एंबेस्डर बनाने की योजना है। द ग्रेट खली पहले कोटखाई जाएंगे। इसके अलावा वे स्पेशल ओलंपिक भारत, (हिमाचल प्रदेश) के एक कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। स्पेशल ओलंपिक की अध्यक्ष मल्लिका नड्डा ने शुक्रवार को बताया कि खली को स्पेशल ओलंपिक का ब्रांड एंबेस्डर बनाने की योजना है। इसके लिए बीसीएस स्कूल से हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। स्पेशल बच्चों के लिए जनजागरण अभियान भी चलाया जाएगा। खली के लिए ईस्ट बोर्न होटल में रात्रि भोज देने की व्यवस्था भी की गई है।

सैफ की बहन का किरदार नहीं निभाना चाहती: सोहा




नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेत्री सोहा अली खान फिल्मों में अपने भाई और अभिनेता सैफ अली खान की बहन का किरदार नहीं निभाना चाहतीं। सोहा ने एक साक्षात्कार में कहा, इस समय सैफ के बैनर तले काम करने की कोई योजनाएं नहीं हैं क्योंकि उन्होंने हाल ही में "लव आज कल" पूरी की हैं और अब वह "एजेंट विनोद" पर काम कर रहे है। उन्होंने कहा, इस समय सैफ जिन फिल्मों की योजनाएं बना रहे है उनमें वह खुद हीरो के बतौर काम करेंगे।
इसलिए मैं हीरो की बहन की भूमिका करने के अलावा और कुछ नहीं कर सकती, जो ज्यादा मजेदार नहीं होगा। सोहा ने कहा कि जब तक वह कुछ ऎसा नहीं बनाते, जिसमें हीरो का किरदार वह खुद न करें, तब शायद हम साथ में कुछ करेंगे। मैं ऎसा चाहती हूं क्योंकि मैं फिल्मों के बारे में उनकी समझ को बहुत पसंद करती हूं। सैफ ने कुछ समय पहले ही अपने बैनर इल्यूमिनेटी फिल्म्स के जरिए निर्माण की दुनिया में कदम रखा हैं। उनके बैनर की पहली फिल्म "लव आज कल" थीं। इम्तियाज अली ने इस फिल्म का निर्देशन किया था जबकि सैफ और दीपिका पादुकोण ने फिल्म में अभिनय किया था।

पांच साल छोटी हो बीवी, तो मैरिज हैपी-हैपी




लंदन ।। पत्नी अगर पांच साल छोटी हो, तो शादी में खुशियां ज्यादा होती हैं। ऐसा एक सर्वे में सामने आया है
। सर्वे कहता है कि बीवी अगर पांच साल छोटी, पढ़ी-लिखी और स्मार्ट है, तो यह सुखी और सफल मैरिड लाइफ की गारंटी है।

बाथ यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया है कि लड़की का ज्यादा पढ़ा-लिखा होना और पति से पांच साल छोटा होना अच्छी फैमिली लाइफ की संभावना को बढ़ा देता है।

अपने अध्ययन में रिसर्चर्स ने 1534 स्विस कपल्स से बातचीत की। पांच साल बाद उनके रिश्तों की दोबारा पड़ताल की गई। इसके बाद उन्होंने 'ड्रीम मैरिज और फ्लॉप रोमांस' का फॉर्मूला खोज निकाला।

उनके अनुसार अगर पत्नी की उम्र पति से पांच साल कम है तो तलाक के चांस कम हो जाते हैं। साथ ही अच्छी शिक्षा का असर भी संबंधों पर दिखता है और यह वैवाहिक जीवन में स्थिरता की गांरटी देता है।

शिल्पा की शादी के लिए शमिता ने छोड़ा बिग बॉस


कलर्स पर आ रहे रिऐलिटी शो 'बिग बॉस' के घर से शमिता शेट्टी बाहर आ गई हैं। दरअसल वह नॉमिनेशन के तहत बाहर नहीं हुई हैं बल्कि उन्होंने अपनी इच्छा से बिग बॉस का घर छोड़ा है।
शमिता की बहन शिल्पा शेट्टी आने वाली 22 तारीख को लंदन के बिजनेसमैन राज कुंद्रा से शादी करने वाली हैं। शमिता हर हालत में इसमें शरीक होना चाहती थीं इसलिए उन्होंने बिग बॉस के घर से बाहर आने का फैसला कर लिया।

शमिता कहती हैं, 'मेरे लिए फैमिली सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। शिल्पा की शादी की बात जब मुझे बिग बॉस के घर में पता लगी तो मैं जल्द से जल्द बाहर आकर अपने परिवार और शिल्पा से मिलना चाहती थी। मैं बहुत खुश हूं और अब शिल्पा की शादी में धूम मचाना चाहती हूं।'

जो लोग इस उम्मीद थे कि शमिता के बाहर जाने से तनाज या बख्तियार इस शुक्रवार को बिग बॉस के घर से बाहर होने से बच जाएंगे उनके लिए बुरी खबर है। बिग बॉस के घर में रहने वाले शादीशुदा कपल तनाज बख्तियार की जोड़ी में से तनाज को घर से एलिमिनेट किया गया है। दोनों को इस हफ्ते नॉमिनेट किया गया था।

लो चांद पर मिल गया पानी


चांद की सतह पर बड़ी मात्रा में पानी पाया गया है। नासा के वैज्ञानिकों ने इस तथ्य की पुष्टि की है। चांद में पानी की तलाश के लिए पिछले माह नासा द्वारा किए गए प्रयोग को महत्वपूर्ण सफलता मिली है। नासा ने अपने प्रयोग के तहत गत माह चांद के दक्षिणी धु्रव पर एक शक्तिशाली विस्फोट किया था। वैज्ञानिकों ने यह अनुमान लगाते हुए विस्फोट किया था कि वहां बर्फ होगी। इस विस्फोट के बाद हुए गढ्ढे का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि गढ्ढे की जांच के लिए भेजे गए उपकरण से प्राप्त आंकड़ों से यह पता चलता है कि वहां बड़ी मात्रा में जल वाष्प मौजूद है। एक शोधकर्ता ने इस बात को कुछ अधिक स्पष्ट करते हुए बताया कि विस्फोट स्थल पर दो गैलन नाप वाली बारह बाल्टी के बराबर पानी होने के संकेत मिले। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस खोज से चांद के बारे में हमारी समझ के विस्तार का एक नया अध्याय जुड़ गया है।

शहर जाई लइका, होशियार हो जाई!


शहर जाई लइका तो होशियार हो जाई। बाल तस्कर कुछ इसी प्रकार का झांसा देकर ग्रामीणों के देते हैं और उनके बच्चे को शहर जाकर बेच देते हैं। अपने बच्चों का भविष्य संवरने का सपना लिए आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोग इनके झांसे में आ जाते हैं और उनका भविष्य तो दूर वर्तमान भी बर्बाद हो जाता है। इस तरह का खुलासा रक्सौल इलाके में बच्चों की बरामदगी के बाद हुआ। बता दें कि इन दिनों पूरा उत्तर बिहार चाइल्ड ट्रैफिकिंग की जद में है। इसका मूल कारण यहां का भौगोलिक बनावट और प्राकृतिक आपदाएं हैं। गरीबी का लाभ उठाकर दलाल यहां के बच्चों को ही नहीं बल्कि औरतों, और लड़कियों को भी खरीदकर अन्य राज्यों में बेच देते हैं। बच्चे तो कई बार मुक्त करा लिए जाते हैं, लेकिन हैरत की बात है कि दलाल हत्थे नहीं चढ़ पाते। सूत्रों के अनुसार दलाल बड़ी चालाकी से भोले-भाले ग्रामीणों में पहले पैठ बनाते हैं फिर उन्हें छलते हैं। ये लोग दबे-कुचले गरीब परिवार के 10 से 15 वर्ष के बच्चों को काम सिखाने और शहर में पढ़ाने का प्रलोभन देते हैं। अभिभावकों को तत्काल 10-15 हजार रुपये एडवांस देते हैं। उनका तर्क होता है, कंपनी ने काम सिखाने की एवज में परिजन को आर्थिक सहयोग दिया है। इसके बाद बच्चों के कथित रिश्तेदार बनकर दूसरे राज्यों में लेकर जाते हैं। इन बच्चों से रात-दिन काम लेते हैं। घर वालों से बातचीत नहीं करने देते हैं। वहीं लड़कियों को घर में बच्चों की देखरेख करने, नृत्य-संगीत सिखाने व हीरोइन बनाने का सब्जबाग दिखाते हैं। अभिभावकों को हर साल लाखों की इसके बाद शुरू होती है इनकी जिंदगी से खिलवाड़। यह ट्रैफिकिंग मुख्य रूप से मानव अंगों की खरीद-बिक्री, बंधुआ मजदूरी, भीख मांगने, सेक्स वर्कर बनाए जाने, बार में शराब परोसने जैसे गलत धंधों के लिए होता है। मुजफ्फरपुर से गुजरने वाली ट्रेनों से बच्चे अमृतसर, फिरोजाबाद, दिल्ली और मुंबई भेजे जाते हैं। दलाल रिश्तेदार बनकर बच्चों को ठिकाने तक पहुंचाते हैं। ये छोटे-छोटे ग्रुपों में बंटे होते हैं, ताकि किसी को शक नहीं हो। मई 2007 में बचपन बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ता सफदर तौकीर ने कटिहार से आने वाली पैसेंजर ट्रेन में सकरा से मुजफ्फरपुर के बीच अभियान चलाया तो आठ बच्चे मुक्त कराए गए। इनके साथ दलाल इमाम हुसैन भी दबोचा गया था। उप श्रमायुक्त पृथ्वीराज की मानें तो बच्चों को मुक्त कराने के लिए तिरहुत में दल गठित किए गए हैं। तिरहुत में जुलाई 2009 से सितम्बर तक दुकानों को निशाना बनाकर छापेमारी की गई। इस दौरान 36 बाल मजदूर मुक्त कराए गए। 39 मुकदमे दायर किए गए हैं। इनमें मुजफ्फरपुर में 17, सीतामढ़ी में तीन, शिवहर में दो, हाजीपुर में 17 मुकदमे दायर हुए हैं। टै्रफिकिंग के लिए बेतिया भी बदनाम रहा है। यहां कई दलाल पकड़े जा चुके हैं। वैसे श्रम विभाग का धावा दल गत तीन माह में छापेमारी कर आधा दर्जन मामलों का पर्दाफाश कर चुका है। वहीं इंडो-नेपाल बार्डर स्थित रक्सौल में तीन माह के दौरान 42 बच्चे तस्करों के चंगुल से छुड़ाए गए। करीब एक दर्जन तस्कर भी दबोचे गए। सीतामढ़ी में तीन वर्ष पूर्व बचपन बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं ने करीब 200 बच्चों को मुक्त कराया था। वर्तमान में चाइल्ड लाइन नामक संगठन बच्चों को बालश्रम से बचाने के अभियान में जुटा है। समस्तीपुर में वर्ष 08 में मजदूरी कराने के नाम पर ले जाए जा रहे 250 बच्चे मुक्त कराए गए थे। उधर, मधुबनी के इंडो-नेपाल सीमांचल में यह कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। दरभंगा में भी आए दिन बच्चे मुक्त कराए जाते रहे हैं। चूंकि यहां रेल मार्ग की सुविधा है, सो अन्य जिलों से बच्चे लाकर बाहर भेजे जाते हैं। 14 बच्चों के साथ दो दलाल शिवहर के तरियानी थाना के चकसुरगाही गांव निवासी अनिल कुमार साह तथा सीतामढ़ी के बेलसंड थाना अंतर्गत बसौल गांव के रतन साह को दरभंगा जंक्शन पर गिरफ्तार किया गया।

तालिबान ने उ़डाया आईएसआई दफ्तर


14 नवंबर, 2009
इस्लामाबाद। तालिबानी ने शुक्रवार को शक्तिशाली पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के पेशावर स्थित दफ्तर में आत्मघाती हमला कर सुरक्षाकर्मियों सहित 20 लोगों की हत्या कर दी। मृतकों में आईएसआई के सात कर्मचारी शामिल है। देश में आतंकवाद के खिलाफ मुहिम की निगरानी कर रही आईएसआई के कार्यालय और पुलिस थाने पर आत्मघाती हमले में 85 लोग घायल हो गए है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार पहला आत्मघाती बम हमला सूबा सरहद के पेशावर शहर में सुबह करीब पौने सात बजे खुफिया एजेंसी आईएसआई के दफ्तर पर हुआ। इस धमाके में 12 लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक घायल हो गए। पुलिस महानिरीक्षक मलिक नवीद ने बताया कि कार में सवार एक आत्मघाती हमलावर खुफिया एजेंसी के खबर रोड स्थित दफ्तर पहुंचने की कोशिश में था, मगर उसे सुरक्षा चौकी पर रोक लिया गया। इस पर उसने वहीं पर खुद को उ़डा दिया। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि इसकी आवाज पूरे शहर में सुनी गई। घायलों को लेडी रीडिंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
विस्फोट से खुफिया एजेंसी की तीन मंजिला इमारत बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। अधिकारियों ने आशंका जताई कि अंदर अभी कई लोग फंसे हो सकते हैं। पेशावर की स्थानीय सरकार के प्रमुख साहिब जादा अनीस ने बताया कि मरने वालों में ज्यादातर आम नागरिक हैं। आतंकवादियों ने आईएसआई के दफ्तर को दूसरी बार निशाना बनाया है। इससे पहले इसी साल मई माह में लाहौर स्थित आईएसआई के कार्यालय को निशाना बनाया था, जिसमें 24 लोगों की जानें गई थीं। सूबा सरहद के एक अन्य शहर बन्नू में भी एक पुलिस स्टेशन पर आत्मघाती हमला हुआ है।
यहां हमलावर ने कार थाने की इमारत से टकराकर विस्फोट कर दिया। इसमें कम से कम पांच लोग मारे गए जिसमें थाना अधिकारी भी शामिल है। गौरतलब है कि जब से पाकिस्तानी सेना ने दक्षिणी वजीरिस्तान में सैनिक कार्रवाई शुरू की है, आसपास के इलाकों में कई बम हमले हुए हैं। दो सप्ताह पहले पेशावर में एक बाजार में हुए धमाके में 100 से ज्यादा लोग मारे गए थे।

त्रासदी : सब कुछ गंवा के होश भी खो बैठे


सरकार के अथक प्रयास के बाद कोसी की धारा जिस होकर बहती थी बहने लगी, मगर इसकी बदली धारा ने जो तबाही मचायी उस त्रासदी से उपजे अवसाद का कहर आज भी यहां के तीन हजार से ज्यादा लोग झेल रहे हैं। बाढ़ की विभषिका ने कोसी के 3397 लोगों को मानसिक रूप से विकलांग बना दिया है। अपना सब कुछ कोसी की धारा में बह जाने का सदमा ये नहीं झेल पाये और अपना होश खो बैठे। पिछले साल आयी कोसी की बाढ़ में मुरलीगंज में 812, त्रिवेणीगंज में 691, छातापुर में 1892 व पूर्णिया में 3 लोगों का सब कुछ लूट गया। कइयों को अब भी पानी से डर लगता है, तो कई मानसिक रूप से विकलांग होकर कोसी का नाम रटते-रटते दिन और रात काट देते हैं। इनमें सैकड़ों पीडि़तों का इलाज विकलांग भौतिक पुर्नवास केन्द्र में अब भी किया जा रहा है। इस केन्द्र का संचालन हैंडीकैप इंटरनेशनल एवं दीपालय विकलांग मानसिक स्वास्थ्य संस्थान द्वारा होता है। मुरलीगंज के जोरगामा के रहने वाले अनमोल पोद्दार का सब कुछ कोसी की तेज धारा में बह गया। तबाही इतनी तेजी से आयी की इनके परिवार का एक बच्चा भी पानी की तेज धारा के साथ बह गया। इसका उन्हें जबरदस्त सदमा लगा और वे मानसिक रूप से विकलांग हो गये। कोसी की बदली धारा ने सकली खातून, छकाड़गढ़, छातापुर की जिंदगी भी वीरान कर दी। अपने परिवार का सब कुछ खोने का गम वह नहीं झेल पायी। सुपौल के ही जदिया निवासी कविता कुमारी तथा पूर्णिया के नौलखी के शिवनारायण यादव एवं बौराही के बालकराम ऋषिदेव भी कोसी में अपना सब कुछ खोने के बाद मानसिक रूप से विकलांग हो गये हैं। छातापुर के रविन्द्र साह को तो कोसी की बाढ़ के बाद पानी से इस कदर खौफ पैदा हो गया है की वह पानी देखते ही भागने लगता है। रविन्द्र की पत्नी कोसी की तेज धारा में बह गयी। मधेपुरा के कुमारखंड के वीरन्द्र प्रसाद की बाढ़ के बाद मानसिक विकलांगता इस कदर बढ़ गयी है कि यह आदमी जितनी देर भी जगा रहता है कोसी-कोसी की रट लगाये रखता है। इस व्यक्ति के दो बेटे कोसी के बाढ़ के बाद कहां गये आज तक इसका पता नहीं चला। प्रदीप साह का भी कुछ यही हाल है वह चुपचाप रोते रहता है। किसी तरह सरकारी जमीन पर उसके द्वारा फूस का मकान बनाया गया था। जिसमें कोसी के तबाही के दिन उसका पूरा परिवार सोया हुआ था। जब तक यह परिवार संभलता कोसी की उफनती धारा उन्हें अपने साथ बहा ले गयी। उनकी पत्नी सुदमिया देवी कहती है कि पति की मानसिक स्थिति इस सदमे के बाद इतनी खराब हो गयी है की वे कुछ बोल ही नहीं पाते हैं।

मंडोर एक्सप्रेस पटरी से उतरी, छह मरे 50 घायल



जयपुर से करीब 30 किमी दूर जयपुर-दिल्ली रेल मार्ग पर गुरुवार रात जटवाड़ा रेलवे स्टेशन के पास जोधपुर से दिल्ली जा रही मंडोर एक्सप्रेस-2462 के दस डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे छह यात्रियों की मौत हो गई और 50 अन्य घायल हो गए।

उत्तर-पश्चिम रेलवे के मुख्य महाप्रबंधक आरएन वर्मा और मुख्य सुरक्षा अधिकारी मुंबई से जयपुर पहुंचने वाले हैं। उत्तर-पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी के एन इंखिया और पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि मृतकों में से तीन की पहचान उज्जवल कुमार, कुमारी सोनल और सुदेश कुमार के तौर पर हुई है। शेष की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि जयपुर से करीब एक बज कर दस मिनट पर रवाना हुई मंडोर एक्सप्रेस बासखों फाटक के नजदीक दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिससे छह व्यक्ति मारे गए। इंखिया ने बताया कि 19 घायलों का जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में उपचार चल रहा है। दुर्घटना की सूचना मिलते ही राहत ट्रेन और रेलवे राज्य सरकार के प्रशासनिक तथा पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए।

इंखिया ने बताया कि दुर्घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। घायल यात्रियों को राज्य परिवहन निगम की बसों से जयपुर लाया गया है। हादसे के कारण जयपुर-दिल्ली रेल मार्ग पर यातायात रोक दिया गया है।

उन्होंने बताया कि दुर्घटना में तीन एसी डिब्बे और पांच आरक्षित डिब्बे पटरी से उतरे हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हादसे में 50 व्यक्ति घायल हुए हैं। इनमें से 20 घायलों का उपचार जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में किया जा रहा है। शेष को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंडौर एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना में मारे गए यात्रियों के आश्रितों को और घायलों को आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। गहलोत ने रेल दुर्घटना में मारे गए यात्रियों के परिजनों को दो-दो लाख, गंभीर रूप से घायल यात्रियों को एक-एक लाख रुपए और मामूली रूप से घायल यात्रियों को 50-50 हजार रूपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।

वन मंत्री रामलाल जाट और परिवहन मंत्री बजसुन्दर शर्मा मौके पर रवाना हो गए हैं। गहलोत ने अधिकारियों को घायलों का उपचार कराने और हादसे के कारण घटनास्थल पर फंसे यात्रियों को जयपुर लाने के लिए राज्य परिवहन निगम की बसें भेजने के आदेश दिए हैं।

सुप्रीम कोर्ट : आधा दर्जन जज लैंड लॉर्ड भी


सुप्रीमकोर्ट के करीब आधा दर्जन जज लैंडलार्ड भी हैं। किसी के पास एकड़ों जमीन है तो किसी के पास छह-छह प्लाट। बड़े शहरों में मकान अलग से हैं। संपत्ति ब्योरे के मुताबिक, जस्टिस दलवीर भंडारी के पास महरौली इलाके में 14 बीघा 15 बिसवा, जोधपुर के ओसिया तहसील में 76 बीघा जमीन है। दिल्ली के तिलक मार्ग पर सागर अपार्टमेंट में 1753 वर्गफीट का फ्लैट, ग्रेटर नोएडा में 292.79 वर्गमीटर का रिहायशी भूखंड, जोधपुर के सरदारपुरा में पैतृकमकान और प्लाट भी है। न्यायमूर्ति जी.एस. सिंघवी व उनकी पत्नी के नाम जयपुर की नारायण सिटी में दो सौ वर्ग गज के दो प्लाट, सनसिटी जयपुर में 542 वर्गफीट का प्लाट है। 155 वर्गगज का एक प्लाट उनकी पत्‍‌नी के नाम है। जयपुर के नजदीक 355 वर्गगज के दो प्लाटों के अलावा सिंघवी जोधपुर पावटा सी रोड पैतृक मकान में भी हिस्सेदार हैं। जस्टिस आरवी. रवींद्रन व उनकी पत्नी के नाम बंगलूर में कुल चार प्लाट हैं और दो मकानों में हिस्सेदारी है। बंगलूर की डिकसन रोड ट्रेड सेंटर की दो यूनिटों तथा रिचमंड टावर की आफिस यूनिट में भी उनकी हिस्सेदारी है। जस्टिस मुकुंदकम शर्मा व उनकी पत्नी के नाम ग्रेटर नोएडा में 293 वर्गमीटर, नोएडा सेक्टर-105 में 247 वर्गमीटर तथा फरीदाबाद पार्क लैंड में 265 वर्गमीटर के प्लाट हैं। साथ ही गुवाहाटी में 337 वर्गमीटर का दो मंजिला पैतृक मकान भी है। इसमें सीजीएचएस डिस्पेंसरी चल रही है जिससे 32,000 रुपये मासिक किराया आता है। जस्टिस पी.सदाशिवम के पास एक ही मकान चेन्नई में है। वह भी 1999 से किराये पर उठा है, लेकिन उनके और पत्नी के नाम कुल 21 एकड़ से ज्यादा जमीन तमिलनाडु के इरोड जिले में है। जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी व उनकी पत्नी के नाम दो फ्लैट, दो मकान तथा विरासत में मिली 15 एकड़ से ज्यादा जमीन है। हैदराबाद के रंगारेड्डी जिले के पैतृक मकान में हिस्सेदारी अलग से है। जस्टिस रेड्डी का हैदराबाद जुबली हिल्स में 3500 वर्गफीट का मकान, रंगारेड्डी जिले में 244 वर्गगज का घर तथा पत्नी के नाम हैदराबाद में फ्लैट है। जस्टिस बीएस. चौहान की नोएडा सेक्टर-15 ए में कोठी के अलावा सेक्टर-18 में धर्मपैलेस नामक पारिवारिक फर्म में हिस्सेदारी है। मुजफ्फर नगर के जसोला गांव के पैतृक मकान में हिस्सेदारी के साथ ही 200 बीघा जमीन में तिहाई हिस्सा है। जस्टिस वीएस सिरपुरकर व उनकी पत्नी के नाम नागपुर में दो मकान, एक प्लाट है जबकि जस्टिस दीपक वर्मा के पास भोपाल में 2400 वर्गफीट का प्लाट, दिल्ली के द्वारका में तीन बेडरूम का फ्लैट के अलावा जबलपुर के पैतृक मकान में हिस्सेदारी है। जबलपुर में दस एकड़ जमीन भी है। मुख्य न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन के पास फरीदाबाद में 444 वर्गगज का भूखंड, इरनाकुलम कनयानूर में दो बेडरूम फ्लैट और एक भूखंड के अलावा पत्‍‌नी व उनके नाम जमीन भी है। जस्टिस आरएम लोधा के पास मंुबई बांद्रा में फ्लैट तथा जयपुर सिविल लाइंस में मकान है जबकि उनकी पत्नी के पास जयपुर में 400 वर्गगज का भूखंड है।

50 हजार लोगों ने किया मेट्रो का सफर


नोएडा. बहुप्रतीक्षित मेट्रो के शुरू होने के पहले ही दिन शुक्रवार को नोएडा के छह में से चार स्टेशनों पर लोगों की जबरदस्त भीड़ जुटी रही। आठ घंटे में करीब 50 हजार लोगों ने नोएडा से दिल्ली का सफर तय किया।

डीएमआरसी ने नोएडा के छह स्टेशनों से सात लाख रुपए का टोकन बेचा। सांसद सुरेंद्र नागर भी दल बल के साथ सुबह साढ़े पांच बजे मार्निग वॉक के नाम पर सेक्टर-15 स्टेशन से सेक्टर-32 स्टेशन तक का सफर करने पहुंचे।

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