
चीन ने पाकिस्तान को 1982 में डू इट योर सेल्फ (खुद से बनाएं) नामक किट के साथ दो परमाणु बम बनाने लायक यूरेनियम मुहैया कराया था। पाकिस्तान के बदनाम परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कादिर खान के हवाले से प्रकाशित वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि परमाणु प्रसार की यह जानबूझकर की गई हरकत 1976 में चीन के तत्कालीन नेता माओ-त्से-तुंग और पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच हुए गुप्त समझौते का हिस्सा थी। इससे पहले खान ने पाकिस्तान के परमाणु बम कार्यक्रम के बारे में लिखा, मेरे निजी अनुरोध पर चीन ने हमें हथियार बनाने लायक 50 किग्रा संविर्द्धत यूरेनियम दिया। 2004 में हिरासत में लिए जाने के बाद खान ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के लिए यह नोट तैयार किया। खान के मुताबिक, एक साधारण हथियार के ब्लूप्रिंट के साथ यूरेनियम की खेप मिली। डू इट योर सेल्फ किट की आपूर्ति के चलते पाकिस्तान के बम बनाने के प्रयासों को जबरदस्त गति मिली। इस बात को लेकर अमेरिका की चिंताएं बढ़ गई कि खान ने 2003 में ईरान के साथ चीन की सूचनाएं साझा कीं। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान अधिकारियों ने मध्य चीन के हानजांग में एक परमाणु संयत्र बनाने में मदद की। बदले में चीन ने पाक को 15 टन यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड (यूएफ 6) इस्लामाबाद भेजा। खान के सहयोगी अपने बूते उसे बनाने में दिक्कत महसूस कर रहे थे। इस गैस से वह प्रयोगशाला बन सकी जिसके चलते 1982 में यूरेनियम बनाने का काम शुरू हो सका।