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बुधवार, 7 अक्टूबर 2009

अपने मसीहा का कर्ज उतारेंगे किसान


( डॉ सुखपाल सावंत खेडा)-

हरियाणा के किसान इस बार विधानसभा चुनाव में अपने मसीहा स्व. चौ देवीलाल का कर्ज उतारने के मूड में हैं। चौ. देवीलाल देश के एकमात्र ऐसे नेता थे जिन्होंने किसानों की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर बनाई थी। किसानों को एक वोट बैंक के तौर पर प्रयोग करती आई कांग्रेस के खिलाफ किसानों को उन्होंने ही एकजुटता का पाठ पढ़ाते हुए यह संदेश दिया था कि किसान की अपनी साख, पहचान व सम्मान है। प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर देश के उप प्रधानमंत्री के ओहदे तक पहुंचे चौ. देवीलाल की राजनीति हमेशा ही किसानों के आसपास घूमती रही थी। किसानों के बीच से उठकर वह चाहे कितने भी ऊंचे पद तक पहुंचे हों, मगर उन्होंने कभी अपने अतीत को भुलाने का प्रयास नहीं किया। उनकी सोच हमेशा ही किसान हितैषी रही। कहना न होगा कि किसानों ने भी चौ. देवीलाल को हमेशा सिर-आंखों बिठाया। चौ. देवीलाल ने अपने पुत्र ओम प्रकाश चौटाला को भी अपनी किसान की पहचान को जीवित रखने को कहा था और चौटाला उनकी सीख पर खरे भी उतरे। मौजूदा कांग्रेस सरकार ने किसान नेताओं को अपने पक्ष में करने के लिए कई ऐसे फैसले लिए जिनका असर व्यापारिक तौर पर साफ नजर आया। किसान नेताओं को मौजूदा सरकार ने इस कद्र अपने वश में किए रखा कि इन नेताओं ने प्रदेश सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज तक नहीं उठाई। प्रदेश सरकार किसानों को जमीन की बिक्री में करोड़ों मिलने का दावा चाहे करती हो, मगर जब यह जमीन ही नहीं रहेगी तो किसान की पहचान भी कहां दिखेगी। हुड्डा सरकार के इस फैसले का खतरनाक असर प्रदेश के सामाजिक ढांचे पर यह हुआ है जमीन न रहने से किसान खेती कहां करता और इससे किसान अपने ही घर में अपनी पहचान को तरसने लगा है। सभी यह जानते हैं कि किसान को व्यापार नहीं आता और न ही वह किसी के मातहत नौकरी कर सकता है, ऐसे में अब वह अपने वजूद को बचाने की जद्दोजहद में लगा है। अब एक बार फिर किसान वर्ग को उम्मीद है कि मौजूदा सरकार द्वारा उनकी गरीबी का फायदा उठाने के लिए अपने कुछ साथी-सहयोगियों का साथ देने के दिन गुजरने वाले हैं और जल्द ही चौ. देवीलाल का परिवार एक बार फिर उनकी पहचान व सम्मान को लौटाएगा।

कांग्रेस जनहितैषी पार्टी : दीपेंद्र


डबवाली( डॉ सुखपाल सावंत खेडा)- : रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ही प्रदेश को स्वच्छ व पारदर्शी प्रशासन दे सकती है। प्रदेश में पिछले साढे़ चार वर्ष के दौरान मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा बनाई गई योजनाओं के परिणामस्वरूप सामाजिक क्रांति के नए दौर की शुरुआत हुई है। वह मंगलवार को कांग्रेस प्रत्याशी केवी सिंह के समर्थन में रोड शो के दौरान बोल रहे थे। दीपेंद्र हुड्डा ने मंगलवार को डबवाली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बनवाला, बिज्जूवाली, गोरीवाला, गंगा, जण्डवाला बिश्नोईयां, चौटाला, अबूबशहर और सकताखेड़ा गांव सहित डबवाली शहर में कांग्रेस प्रत्याशी डा. केवी के पक्ष में चुनाव प्रचार किया। रोड शो के दौरान सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा का सभी गांवों में जोरदार स्वागत हुआ। रोड शो के दौरान ग्रामीणों को संबोधित करते हुए दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी स्पष्ट बहुमत लेकर सत्ता में आएगी। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की लहर चल रही है। उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े चार वर्ष के दौरान मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सभी वर्गो को ध्यान में रखते हुए अनेक प्रकार की योजनाएं लागू की। उन योजनाओं के बलबूते पर ही आज पूरे देश में हरियाणा की विशेष पहचान बनी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने बिना भेदभाव के हरेक गांव व शहर का सम्मान रूप से विकास कराने का काम किया है। हरियाणा के इतिहास में यह पहला अवसर है कि लोगों ने सत्तासीन पार्टी को ही दोबारा सत्ता सौंपने का मन बनाया है। उन्होंने कहा कि डा. केवी सिंह एक ईमानदार व संघर्षशील व्यक्ति हैं और उन्होंने डा. सिंह का बहुत करीबी से देखा है। इस अवसर पर डा. के.वी. सिंह ने लोगों को अपने पक्ष में मतदान की अपील की और विश्वास दिलाया कि उनकी कलम हमेशा लोगों की भलाई के लिए ही कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालातों से स्पष्ट है कि कांग्रेस पार्टी भारी बहुमत से सत्ता में आएगी और डबवाली के लोगों का राज में हिस्सा तभी बनेगा जब कांग्रेस पार्टी का प्रत्याशी जीत कर विधान सभा में पहुंचेगा।

सुहागिनों ने हाथों पर रचाई मेहंदी

( डॉ सुखपाल सावंत खेडा)-


करवाचौथ के व्रत की तैयारियों को लेकर मंगलवार को सुहागिनों ने बाजारों में खूब खरीददारी की। दिन भर बाजारों में रौनक लगी रही। महिलाओं ने करवाचौथ व्रत पर अपने श्रृंगार से संबंधित सामान खरीदा। बुधवार को चंद्रमा के उदय होने पर ही सुहागिनें व्रत को पूरा करेगी। करवाचौथ को लेकर बाजारों में मेहंदी रचने वाले कलाकारों ने भी मंगलवार को खूब चांदी कूटी। 100 रुपये के हिसाब से उन्होंने प्रति महिला के हाथों पर मेहंदी के डिजाइन बनाए। महिलाओं ने बड़े चाव के साथ मोहता मार्केट पहुंचकर इन कलाकारों से अपने हाथों पर मेहंदी लगवाई। कुछ महिलाओं ने अपने घर पर ही मेहंदी रचाई जबकि कुछ युवतियों ने घर-घर जाकर सुहागिनों के हाथों में मेहंदी रचाई। इसी प्रकार करवाचौथ के व्रत के लिए बाजारों में मिठाई की दुकान पर चीनी के करवे भी महिलाओं द्वारा खरीदे गए। मिठाई की दुकानों पर मट्िठयां व घेवर सजाए हुए थे। चूड़ी भंडारों पर भी मंगलवार को पूरी चहल पहल रही। सुहागिनों ने दुकानों पर जाकर अपने मनपसंद की चूड़ियों की खरीददारी की। चूडि़यों की दुकानों पर ही उन्होंने अपने हाथों में चूड़ियां पहनी। कपड़े की दुकानों से सुहागिनों ने नए कपड़े खरीदे। करवाचौथ के व्रत पर महिलाएं साज सज्जा के लिए नए कपड़ों की जमकर खरीददारी कर रही है। इसी प्रकार ब्यूटी पार्लरों के पास भी दिन भर अपने चेहरे को निखारने के लिए महिलाओं की भीड़ लगी रही। पति की लंबी आयु की कामना को लेकर व्रत रखने वाली सुहागिन महिलाएं इस दिन अपने आपको सुंदर व आकर्षित रूप में रखती हैं। फल विक्रेताओं का काम भी करवाचौथ के एक दिन पूर्व गर्म रहा। इस व्रत के दिन अपनी भूख को शांत करने के लिए महिलाएं फलों का सहारा लेंगी। कुछ महिला संगठनों द्वारा करवाचौथ के अवसर पर बुधवार को अनेक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा। विभिन्न मोहल्लों में महिलाएं टोलियों में इकट्ठी होकर पूजा अर्चना करेगी।

मुर्दा को जिंदा कर बेच ली करोड़ों की जमीन


अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में मुर्दा व्यक्ति को जिंदा कर करोड़ों की जमीन हथिया ली गई। शिकायत मिलने पर जिला प्रशासन ने जांच की तो पता चला कि जिस व्यक्ति को जमीन का मालिक बताकर रजिस्ट्री कराई गई, असल में वह यहां कभी रहा ही नहीं है। कर्मचारियों की साठगांठ से सारा खेल दस्तावेज में हुआ। डीएम को जांच रिपोर्ट भेजी गई है। अब मिलीभगत करने वाले सरकारी मुलाजिमों पर कार्रवाई की तैयारी है। मामला अलीगढ़ के टप्पल क्षेत्र के गांव नरवारी का है। यहां पचास बीघे जमीन के बैनामे का खेल जून में हुआ था। भूमि के मालिक दो सगे भाइयों रमजान और छज्जर के होश तब उड़ गए, जब उनकी चार हेक्टेयर भूमि पर कुछ लोग कब्जा हासिल करने के लिए गांव आ धमके। उन्होंने तहसील में छानबीन की। खुलासा हुआ कि उनके पिता चंदरू पुत्र खैराती के स्थान पर हरियाणा के किसी चंदरू पुत्र बहादुर ने स्वयं को जमीन का मालिक बता कर भूमाफिया से साठगांठ कर उनकी जमीन बेच डाली। उसने अपने ग्राम प्रधान से यह लिखवा लिया कि वह नरवारी में भी रहा है। यह जमीन जट्टारी निवासी टोनी अग्रवाल ने गत दो जून को खरीदी थी। पता चलने पर रमजान और छज्जर को 12 जून को डीएम से शिकायत की। शिकायत में रमजान ने कहा कि उसके पिता चंदरू का निधन मई 2004 में हो गया था। उसके बाद राजस्व निरीक्षक ने 21 जुलाई, 2004 को उनके स्थान पर उनके बेटों रमजान, छज्जर, फतेह मोहम्मद, हमीद और हसन की विधवा व उनके बेटे हसरुद्दीन व भूरा के नाम खतौनी में दर्ज कर दिए। इसके बावजूद तहसील के रिकार्ड में हेराफेरी कर हरियाणा के पलवल निवासी चंदरू को ही जमीन का मालिक मान लिया गया। बैनामा हो गया। रमजान ने डीएम से शिकायत करने के साथ ही खरीदार टोनी, चंदरू समेत अन्य के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाई है।

फिर लहराएगा किसान का खेत: चौटाला




( डॉ सुखपाल सावंत खेडा)- : इनेलो प्रमुख ने किसानों से वायदा किया कि सरकार बनने पर किसान का खेत फिर लहराएगा और उन्हें गेहूं का न्यूनतम मूल्य 1400 रुपए प्रति क्विंटल दिया जाएगा। इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला ने कलायत हलका के बालू गांव में आज विशाल चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार समाज के हर वर्ग के लिए काम करेगी। हर हरियाणावासी का सरकार में हिस्सा होगा। इनेलो प्रमुख ने कलायत के अलावा गन्नौर, रानियां, आदमपुर व लोहारू में भी पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में चुनावी सभाएं करके पार्टी प्रत्याशी के हक में वोट मांगे। चौटाला ने कहा कि सत्ता में आने पर हर घर में एक निशुल्क गैस सलेंडर और चूल्हे के साथ और हर घर में पानी का कनेक्शन भी मुफ्त मिलेगा। उन्होंने कहा कि हर वर्ष हजारों युवकों को रोजगार दिया जाएगा और जिनको रोजगार तत्काल उपलब्ध नहीं होगा, उन्हें प्रतिमाह 3000 रुपए महीना बेरोजगारी भत्ता मिलेगा। उन्होंने कहा कि जब मैं 2000 के चुनाव के बाद मुख्यमंत्री बना था तो जो मैंने कहा वो मैंने करके दिखाया। अब पार्टी ने चुनावी घोषणा पत्र तैयार किया है जिसमें समाज के हर वर्ग के आम आदमी को लाभ पहंुचाने का वायदा किया गया है। जनता के आशीर्वाद से इन वायदों पर नीति बनाकर अमल मेरे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठते ही शुरू हो जाएगा। कांग्रेस सरकार को कोसते हुए चौटाला ने कहा कि महंगाई, बिजली-पानी की कमी, बिगड़ी कानून व्यवस्था ऐसे मुद्दे हैं जिन्होंने हर हरियाणा वासी को परेशान और हताश किया है। श्री चौटाला ने लोगों का आह्वान किया कि मौजूदा जनविरोधी सरकार को चलता कर इनेलो के उम्मीदवारों को भारी मतों से जिताएं। उन्होंने व्यापारी भाईयों को घोषणा पत्र में किए वायदे गिनवाएं और कहा कि जब पहले उनकी सरकार थी तो व्यापारियों को इंस्पेक्टरी राज समाप्त कर तथा महसूल चंुगी खत्म कर राहत देने का काम किया था। कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए चौटाला ने कहा कि कांग्रेस लुभावने नारे देकर और कोरी कागजी घोषणाओं के बलबूते पर सभी वर्ग के लोगों का शोषण करती रही है। किसानों को मौजूदा शासनकाल में न बिजली मिली और न ही पानी।

सफोदपोशों की जी-हजूरी में जुटे कर्मचारी


निर्वाचन आयोग की लाख कोशिशों के बावजूद कुछ सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रचार करने से बाज नहीं आ रहे हैं। कर्मचारी राजनीतिक मंचों पर खुलेआम भाषणबाजी करते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। मगर आयोग की चेतावनी का उनकी सेहत पर कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। प्रदेश भर के पांच लाख कर्मचारियों में से 1 लाख 40 हजार कर्मचारियों की चुनावी डयूटी लगी है। सैकड़ों कर्मचारी बीमारी का बहाना बनाकर लंबी छुट्टी पर चले गए हैं। इन्हीं में से अनेक नेताओं की जी-हजूरी में जुटे हंै। भले ही चुनाव आयोग अधिकारी ऐसे कर्मचारियों की सूची बनाने में लगा हुआ है। जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा ऐसे चार दर्जन कर्मचारियों की सूची बनाई जा चुकी है। इन पर शीघ्र ही आयोग के सख्त रवैये की गाज गिरने वाली है। कर्मचारी चुनावी डयूटी से बचकर अपनी बीमारी का बहाना बना कर विभाग के हाथों में मेडिकल थमा कर चुनावी डयूटियों से नाम कटवा रहे हैं। अकेले भिवानी जिले में ऐसी 400 से अधिक ऐप्लीकेशन लंबित हैं। अनेक कर्मचारी छुट्टी लेने में कामयाब भी रहे हैं। अब तंग आकर आयोग ने अपना रवैया और सख्त कर लिया है। जो भी कर्मचारी आदेशों की पालना न करता पाया गया तो आयोग द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई के साथ-साथ एफआईआर दर्ज करवाने का मन भी बना लिया है। हरियाणा प्रदेश चुनाव आयोग इस बार भी चुनाव प्रचार में जुटे सरकारी कर्मचारियों पर सख्त कार्यवाही के मूड में है। आयोग द्वारा प्रदेश में 20 हजार से अधिक बूथ बनाए गए हैं। प्रत्येक बूथ पर पर्यवेक्षक सहित पांच सरकारी कर्मचारियों की डयूटी लगाई गई है। इस हिसाब से एक लाख 42 हजार से अधिक सरकारी कर्मचारी चुनावी डयूटी में लगे हुए हैं। इसके बावजूद सैकड़ों कर्मचारी चुनाव आयोग के नियमों को ठेंगा दिखाकर नेताओं के साथ चुनाव प्रचार में मशगूल है। इन कर्मचारियों को आयोग के आदेशों की कतई फिक्र नहीं है। हालांकि आयोग द्वारा ऐसे कर्मचारियों पर टेढ़ी नजर रखी जा रही है, साथ ही चुनावी कार्यक्रमों की गुपचुप तरीके से वीडियो फिल्म तैयार की जा रही है। इससे बेखबर सरकारी कर्मचारी नेताओं की चमचागिरी में लगे हैं।

मां-बेटे ने नहर में कूदकर दी जान


डबवाली( डॉ सुखपाल सावंत खेडा)-
: गांव जंडवाला बिश्नोइयां में मां-बेटे ने नहर में कूदकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। गांव जंडवाला बिश्नोईयां निवासी लखेश्वरी देवी पत्नी स्व. मांगेलाल अपने 20 वर्षीय बेटे संजीव व भतीजे विमल कुमार के साथ रविवार प्रात: खेतों में मजदूरी करने गई थी। शाम को घर वापसी पर लखेश्वरी देवी ने भतीजे विमल को साथ लगते खेत से पशुओं के लिए चारा लाने के लिए भेज दिया तथा खुद अपने बेटे के साथ राजस्थान कनाल में छलांग लगा दी। जब विमल कुमार चारा लेकर घर पहुंचा तो उसने अपनी बुआ व संजीव के घर पर न पहुंचने की सूचना गांव के सरपंच विष्णु सिंह व अन्य लोगों को दी। जब वे राजस्थान कनाल नहर पर उनकी तलाश में पहुंचे तो नहर में उनकी चप्पलें तैर रही थी। सरपंच ने इसकी सूचना तुरंत थाना सदर को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों की सहायता से मां-बेटे को नहर में इधर-उधर तलाश किया, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला। बाद में किसी ने सूचना दी कि दो शव नहर में तैर रहे हैं। सूचना मिलते ही ग्रामीण व पुलिस अधिकारी मौका पर पहुंचे तथा थाना सदर पुलिस ने ग्रामीणों की सहायता से दोनो शवों को नहर से बाहर निकलवाया। गांव के सरपंच विष्णु सिंह ने बताया कि मृतका लखेश्वरी देवी के बड़े बेटे का कुछ माह पूर्व एक्सीडेंट हो गया था।

त्योहारी मौसम में चमके सोना-चांदी नई दिल्ली


विदेश में तेजी और त्योहारी मौसम के मद्देनजर आभूषण निर्माताओं व स्टाकिस्टों के बीच सोना-चांदी की खूब मांग निकली। इससे स्थानीय सराफा बाजार में मंगलवार को दोनों कीमती धातुएं भड़क गईं। यहां सोना 100 रुपये चढ़कर 15 हजार 900 रुपये प्रति दस ग्राम हो गया। वहीं चांदी भी 450 रुपये उछलकर 26 हजार 550 रुपये प्रति किलो बंद हुई। स्थानीय बाजार में सोना आभूषण के भाव 100 रुपये की तेजी के साथ 15 हजार 750 रुपये प्रति दस ग्राम पर बंद हुए। गिन्नी 12 हजार 900 रुपये प्रति आठ ग्राम पर अपरिवर्तित रही। चांदी साप्ताहिक डिलीवरी 515 रुपये भड़ककर 26 हजार 550 रुपये प्रति किलो हो गई।

डॉलर का खेल खत्म करने की तैयारी


दुनिया भर में छायी अमेरिकी मुद्रा डॉलर को अब चुनौती मिलने जा रही है। हाल में अरब देशों ने चीन, फ्रांस और रूस के साथ मिलकर एक गुप्त अभियान शुरू किया है, जिसके तहत तेल के कारोबार में अमेरिकी मुद्रा का प्रयोग बंद कर दिया जाएगा। न तेल की कीमतें डॉलर में तय होंगी और न ही उनका भुगतान अमेरिकी मुद्रा में होगा। पश्चिम एशिया के वित्तीय इतिहास में यह सबसे बड़ा बदलाव होगा जब तेल के कारोबार में डॉलर का इस्तेमाल बंद हो जाएगा। अरब देशों की इस योजना में चीन, रूस और फ्रांस के साथ जापान भी शामिल है। लिहाजा डॉलर के स्थान पर जापानी मुद्रा येन, चीन की युआन, यूरोपीय यूनियन की यूरो, सोना या फिर अरब देशों की प्रस्तावित संयुक्त मुद्रा के इस्तेमाल पर विचार किया जा रहा है। इस नई संयुक्त मुद्रा के जनक देशों में सऊदी अरब, अबुधाबी, कुवैत और कतर शामिल हैं। इस योजना पर काम करने के लिए रूस, चीन, जापान और ब्राजील में वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की गुप्त बैठकें हो चुकी हैं। अरब देशों और चीन के बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े सूत्रों ने इस योजना की पुष्टि की है। संभवत: यही वजह है कि सोने की कीमतों में उछाल आ रहा है और माना जा रहा है कि अगले नौ साल में इस बदलाव को पूरी तरह मूर्त रूप दे दिया जाएगा। खास बात यह है कि भारत और ब्राजील ने भी तेल के गैर-डॉलर भुगतान व्यवस्था से जुड़ने में दिलचस्पी दिखाई है। यह भी गौरतलब है कि ईरान हाल में यह ऐलान कर चुका है कि अब उसके विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर की जगह यूरो होंगे। डॉलर का वर्चस्व खत्म करने के लिए विभिन्न देशों के बीच हो रही गुप्त बैठकों से अमेरिका अनजान नहीं है, लेकिन उनमें क्या कुछ चल रहा है इस बारे में उसे पूरी जानकारी नहीं है। जबकि इस योजना में जापान जैसा उसका विश्वस्त सहयोगी शामिल है। यह तो निश्चित है कि अमेरिका इस कोशिश के खिलाफ जमकर लड़ेगा, लेकिन चीन इससे ज्यादा चिंतित नहीं है। उसका मानना है कि जिस तरह यूरो सृजन के दौरान अमेरिका ने ब्रिटेन को अलग रहने के लिए राजी कर लिया था उसी तरह का कोई कदम इस बार कारगर साबित नहीं होगा, क्योंकि वार्ता के स्तर पर वे आगे जा चुके हैं।

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