सतासठ सीटों में से मिली हुड्डा को चालीस सीटें, राग अलापते हैं की जनता सब जानती है
करनाल(अनिल लाम्बा): "सौ-सौ चूहे खाकर बिल्ली चली हज को" की कहावत प्रदेश के मुख्यमंत्री पर बिल्कुल स्टीक बैठती हुई नज़र आ रही है कडाके की ठण्ड के बाद बेशक मौसम में गर्मी ना आई हो किन्तु हरियाणा के सियासी माहौल में भरपूर गर्मी है आपको याद दिला दें क़ि एक न्यूज चैनल द्वारा गुडगाँव में सतारह सौ करोड़ रूपए के कथित भूमि घोटाले का खुलासा करने के बाद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने हुड्डा सरकार के खिलाफ अक्रामक रूप से मोर्चा खोल दिया है इनेलौ ने सरकार द्वारा किये गए घोटालों की लिखित में जानकारी राज्यपाल को दी है और कहा है क़ि जब कर्नाटक के राज्यपाल वहां के मुख्यमंत्री के खिलाफ कारवाई की सिफारिश कर सकते हैं तो यहाँ पर भी भ्रष्टाचार को देखते हुए राज्यपाल को ऐसे कदम उठाने चाहियें इसके बाद तौ हरियाणा का सियासी माहौल एक-दम से गरमा गया सूत्रों ने बताया है क़ि जब यह बात हर नुक्कड़ और चौपाल में चर्चाओं का रूप लेने लगी तौ तीन-चार कांग्रेसियों को छोड़ अन्य किसी ने भी इस मुद्दे पर चौटाला पर पलटवार नहीं किया बल्कि कांग्रेस सरकार में रहे पूर्व वित् मंत्री तथा राज्य सभा सांसद विरेंद्र सिंह तथा केंद्रीय राज्य मंत्री शैलजा ने भी जमीन के अंधा धुंध अधिग्रहण के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया जिस तरह से हुड्डा राज में बेशकीमती उपजाऊ जमीन एस.ई.ज़ेड की भेंट चड़ी और सरकार की छवि प्रोपर्टी डीलर के रूप में दूषित हुई जमीन के अधिग्रहण को लेकर अब करनाल में मंत्रिमंडल के सबसे वरिष्ठ सदस्य कैप्टेन अजय यादव भी खुलकर बोले उन्होंने इशारों-इशारों में मुख्यमंत्री को दो टूक बात कह डाली पिछले दिनों करनाल की जाट महासभा के कार्यक्रम में यहाँ तक कह दिया क़ि मंत्री पद उन्हें पहली बार नहीं मिला वह छ: बार विधायक और तीन बार मंत्री रह चुके हैं वह सम्मान के साथ मंत्री रहना ज्यादा पसंद करेंगे उन्होंने अप्रय्तक्ष तौर पर यह कह भी दिया क़ि उनके सम्मान को कहीं न कहीं आघात पहुंच रहा है और साथ ही यह संकेत भी दिया क़ि मंत्री पद के लिए उन्हें हरियाणा में किसी सहारे क़ि जरुरत नहीं है अब जौ मुख्यमंत्री भूपेंदर सिंह हुड्डा सहित तीन-चार कांग्रेसियों ने चौटाला पर पलटवार किया है उससे ये ही प्रतीत होता है क़ि मुख्यमंत्री भूपेंदर सिंह हुड्डा सहित ये तीन-चार कांग्रेसी उपरोक्त कहावत को चरितार्थ करने में लगे हैं दूसरा मुख्यमंत्री भूपेंदर सिंह हुडा का ये कहना क़ि जनता सब जानती है बड़ा बेमानी सा लगता है हरियाणा में हुड्डा के नेतृतव में दौ हज़ार नौ में विधान-सभा चुनाव हुए थे जिसमे हुड्डा को सतासठ सीटों में से चालीस सीट ही हरियाणा क़ि जनता ने सौंपी थी ना क़ि हरियाणा क़ि जनता ने हुड्डा को जनाधार दिया था इसके बाद एक उपचुनाव भी लड़ा गया एलानाबाद सीट पर जहां पूरी क़ि पूरी हुडा सरकार मिल कर भी इस सीट को नहीं जीत पाई और अब हुड्डा का ये राग अलापना क़ि जनता सब जानती है बेमानी नहीं तौ और क्या है बहरहाल प्रदेश में सियासी पारा गरमा गया है अब देखना ये होगा क़ि हुड्डा सरकार इससे कैसे निजात पाएगी ?
पिटे हुए मोहरे कर रहे हैं अब हुड्डा का बचाव
करनाल- इनेलौ प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला द्वारा भूमि अधिग्रहण घोटाले क़ी जांच और पड़ताल का मामला उठाए जाने के बाद खुद जनता के बीच जा कर जवाब देने में असमर्थ नज़र आ रहे प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अब उन मोहरों को आगे ला खडा किया जिनका खुद जनता में कोई वजूद नहीं है लगातार चुनाव हारने वाले तथा मौजूदा राज्यसभा सांसद डाक्टर रामप्रकाश यकायक जिस तेजी से हुड्डा के बचाव में अपना ब्यान ले कर आए हैं उससे लगता है क़ि डाक्टर रामप्रकाश अब कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर पहुंचने के लिए हुड्डा का बचाव कर रहे हैं इससे पहले
डाक्टर रामप्रकाश ने चौटाला द्वारा उठाए गए भूमि अधिग्रहण मामले में इतनी गंभीरता से कभी बयानबाजी नहीं क़ी केंद्र सरकार में मंत्री रहे और अब हरियाणा क़ी सता में अपना वजूद ढूंड रहे हिसार के जयप्रकाश बरवाला भी हुड्डा के बचाव में अचानक अक्रामक मुद्रा में आ गए हैं लगता है इन दोनों नेताओं को हरियाणा क़ी सता में कहीं न कहीं अब भी लाभ पद मिलने क़ी उम्मीद नज़र आ रही है शायद इसलिए दोनों ही नेता किसानों के हित क़ी बात करने क़ी बजाय सरकार का ही बचाव कर कम से कम यह जरुर दर्शा रहे हैं कि अब दोनों को प्रदेश हित कि बजाय हुड्डा हित ज्यादा लोकप्रिय है