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शनिवार, 17 अक्टूबर 2009

HAPPY DIWALI



हैप्पी दीवाली


शिमला में प्रकाश पर्व की पूर्व संध्या पर आतिशबाजी से आसमान में दीवाली लिखने की कोशिश।

हर नागरिक के फिंगर प्रिंट लेगी सरकार


2011 की जनगणना के लिए जब सरकारी कर्मचारी आपके दरवाजे आएंगे तो वे आपसे सभी अंगुलियों के निशान (फिंगर प्रिंट) देने को कह सकते हैं। यही नहीं, आपकी आंख का स्कैन (इलेक्ट्रानिक चित्र) भी किया जा सकता है। दरअसल, इसका इस्तेमाल देश के हर नागरिक को खास नंबर देने की महत्वाकांक्षी सरकारी योजना में किया जाएगा। यूनिक आईडेंटीफिकेशन नंबर (यूआईडी) योजना के तहत पहला नंबर अगले एक से डेढ़ साल के अंदर जारी होने की उम्मीद है। इसे सबसे पहले महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के लाभार्थियों को दिया जाएगा। लेकिन, यूनिक आईडेंटीफिकेशन अथारिटी आफ इंडिया (यूआईडीएआई) के प्रमुख नंदन नीलेकणि ने स्पष्ट किया है कि 16 अंकों वाला यह नंबर हर व्यक्ति को अलग पहचान तो देगा लेकिन इससे किसी को कोई अधिकार नहीं मिलेंगे, मसलन नागरिकता सरीखे। नीलेकणि ने उन आशंकाओं को खारिज कर दिया कि यूआईडी के जरिए अवैध बांग्लादेशी अप्रवासी भारत की नागरिकता हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यूआईडी किसी को कोई अधिकार नहीं देगा। नीलेकणि ने कहा, गृह मंत्रालय के साथ हमने एक करार किया है। इसके तहत वर्ष 2011 की जनगणना में बायोमीट्रिक तरीके भी इस्तेमाल किए जाएंगे। जनगणना के दौरान हर व्यक्ति की सभी अंगुलियों के निशान भी लिए जाएंगे। आंख के स्कैन का विकल्प भी खुला है। नीलेकणि ने कहा, इस योजना के लिए कई हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी। लेकिन, रकम कहां से आएगी यह अभी तक तय नहीं हुआ है। उन्होंने उन खबरों का खंडन किया कि इस प्रोजेक्ट पर करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। यूआईडी का मुख्य मकसद गरीब और हाशिए पर चले गए लोगों तक सरकारी योजनाओं का वास्तविक लाभ पहुंचाना है। पहचान के अभाव में ऐसे लोग सरकारी कार्यक्रमों का लाभ उठाने से वंचित रह जाते हैं।

बिजली विभाग की मेहरबानी-दीपावली पर गुलजार रहेगा हरियाणा


दीपावली पर हरियाणा का चप्पा-चप्पा पूरी तरह से गुलजार रहने वाला है। बिजली विभाग ने कुछ ऐसी ही व्यवस्था की है। आज पूरे राज्य में थोड़ी देर के लिए भी बिजली कट नहीं लगेगा। बिजली विभाग ने पावर एक्सचेंज दिल्ली और तीन प्रमुख प्राइवेट कंपनियों से बिजली खरीदकर अपने पास स्टोर कर ली है, ताकि हरियाणा के लोगों की दीपावली पूरी तरह से जगमगा सके। उत्तर हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम (सिस्टम आपरेशन) के महाप्रबंधक नवीन जैन ने दावा किया है कि दीपावली के दिन चूंकि राज्य भर में औद्योगिक संस्थान बंद रहेंगे और उनमें उत्पादन नहीं होगा, इसलिए वहां से बचने वाली बिजली भी लोगों में वितरित कर दी जाएगी। उनके अनुसार दीपावली पर उपभोक्ताओं को सुबह के समय 200 मेगावाट, दोपहर के समय 225 मेगावाट और रात के समय 500 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की जरूरत पड़ेगी। इस बिजली का पूरा बंदोबस्त कर लिया गया है। उत्तर हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम को शुक्रवार तक 1567 मेगावाट और दक्षिण हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम को 1631 मेगावाट बिजली का अलाटमेंट हुआ है। इन दोनों निगमों की सप्लाई 1730 और 1956 मेगावाट की रही है। राज्य में बिजली उत्पादन करीब दो हजार मेगावाट है और चार सौ मेगावाट बिजली एनटीपीसी से ली रही है। लोगों की जरूरत को पूरा करने के लिए बाकी बिजली का इंतजाम प्राइवेट संस्थानों से किया गया है। महाप्रबंधक नवीन जैन के अनुसार छोटी दीपावली पर भी करीब 200 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की खपत हुई है, जिसका बंदोबस्त कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि दीपावली पर निर्बाध रूप से विद्युत आपूर्ति के लिए पावर एक्सचेंज दिल्ली, एनटीपीसी, टाटा और जीएमआर कंपनियों से बिजली खरीदी गई है। उन्होंने दावा किया कि दीपावली के त्यौहार पर पूरे राज्य में कहीं कोई कट नहीं लगेगा। इस बारे में सभी अधीक्षण अभियंताओं को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि दीपावली पर शाम के समय बिजली की अधिक खपत संभव है।

सोच समझकर चलाएं पटाखे, हो सकती है सजा


( डॉ सुखपाल सावंत खेडा)- : दीपावली के त्यौहार के मद्देनजर राज्य में पटाखे चलाने का समय निर्धारित किया गया है। शाम छह बजे से रात दस बजे के बीच आप और आपके परिवार के सदस्य आतिशबाजी कर सकते हैं। इस समय अवधि के बाद यदि आपने पटाखे चलाए तो शिकायत होने पर पांच साल की सजा और एक लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आतिशबाजी से नुकसान के मद्देनजर यह गाइड लाइन तैयार की है। बोर्ड अधिकारियों का मानना है कि आतिशबाजी से न केवल ब्रांकाइटिस और अस्थमा की बीमारियां फैलेंगी, बल्कि ध्वनि और वायु प्रदूषण भी बढ़ेगा। दीपावली के दिन पूरे राज्य में छह से दस गुणा तक प्रदूषण फैलने की आशंका जाहिर करते हुए बोर्ड अधिकारियों ने कहा है कि आतिशबाजी चलाने में बरती जाने वाली सावधानी से लोगों को ही लाभ मिलेगा। अस्पताल, शिक्षण संस्थान, अदालतें और धर्म स्थानों के करीब सौ मीटर के दायरे में आतिशबाजी चलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रवक्ता ने बताया कि बेहतर यही होगा कि दीपावली के त्यौहार की खुशियां मिलजुलकर बांटी जाए। यदि लोग आतिशबाजी करना भी चाहते हैं तो रात दस बजे के बाद इससे बचें। दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने आतिशबाजी के दौरान लगने वाली चोटों के मद्देनजर प्रत्येक जिले के सरकारी अस्पताल में बर्न वार्ड स्थापित किए हैं। प्रत्येक बर्न वार्ड में नेत्र विश्ेषज्ञ समेत चिकित्सकों की पूरी टीम उपलब्ध रहेगी। इस बारे में जिला सिविल सर्जनों को व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। उनसे दीपावली के दिन मिठाई की दुकानों की नियमित चेकिंग करने को भी कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग को आशंका है कि दीपावली के दिन नकली दूध, खोया, मावा और नकली घी की बिक्री हो सकती है, जो कि लोगों के स्वास्थ्य के लिए घातक है। सिविल सर्जनों को निर्देश दिए गए हैं कि वह टीम बनाकर मिठाई की दुकानों पर छापामारी करें और यदि कोई दुकानदार लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले उत्पाद बेचता पाया जाता है तो उसके विरुद्ध चालान काटकर कड़ी से कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और राज्यपाल जगन्नाथ पहाडि़या ने राज्य के लोगों को दीपावली की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने लोगों से प्रदूषण रहित दीपावली मनाने का आग्रह किया और कामना जाहिर की है कि यह दीपावली प्रदेश में अमन, शांति, सुख और समृद्धि लेकर आए। इनेलो प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला, पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल, हजकां सुप्रीमो कुलदीप बिश्नोई, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष कृष्णपाल गुर्जर और बसपा के राष्ट्रीय महासचिव मान सिंह मनहेड़ा ने भी राज्यवासियों को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए यह त्यौहार मिलजुलकर मनाने का आह्वान किया है।

दिवाली ने दूर की मंदी की अमावस


नई दिल्ली : इस बार दिवाली बहुत कुछ बदल रही है। अर्थव्यवस्था की तस्वीर बदल रही है, उपभोक्ता बाजार के हालात बदल रही है, इस बाजार से जुड़ी कंपनियों की सेहत सुधार रही है। सबसे अहम, नई नौकरियों के रास्ते खोल रही है। इससे निवेशकों के सामने निवेश के नए मौके आ रहे हैं। जुलाई 2009 से शुरू हुई दूसरी तिमाही अर्थव्यवस्था के लिए सुधार के संकेत लेकर आई। पिछले साल शुरू हुई मंदी में कमर तुड़वा बैठी कंज्यूमर ड्यूरेबल कंपनियों की सेहत फिर से सुधरने लगी है। उस पर त्योहारों के इस मौसम ने ऐसी मेहरबानी की कि इस क्षेत्र की कंपनियों की बिक्री में त्योहारों के दौरान औसतन 35-40 फीसदी की वृद्धि होने की खबर है। पछले 45 दिनो में सैमसंग की टीवी की बिक्री में 100 फीसदी, फ्लैट टीवी की बिक्री में दो सौ फीसदी, वाशिंग मशीन की बिक्री में 60 फीसदी, फ्रिज की बिक्री में 80 फीसदी की वृद्धि हुई है। एलजी के उत्पादों की बिक्री भी आम महीनों की तुलना में दोगुनी हो गई है। अर्थव्यवस्था में सुधार का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि देश की सबसे बड़ी संगठित रिटेल कंपनी फ्यूचर ने एक दिन में 75 करोड़ रुपये के केवल इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की बिक्री की है। मौजूदा हफ्ते के दौरान कंपनी ने 500 करोड़ रुपये के इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की बिक्री का लक्ष्य रखा है। आम तौर पर इतनी बिक्री कंपनी एक महीने में करती है। तकरीबन यही हाल ऑटो क्षेत्र का भी है। एक अक्टूबर, 2009 के बाद के पहले 15 दिनों के दौरान ही मारुति और हुंडई ने इतनी कारों की बिक्री की है जो पिछले वर्ष के दौरान पूरे त्योहारी सीजन की बिक्री से ज्यादा है। दोनों कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने जागरण को बताया कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि आने वाले कुछ महीनों तक रिकार्ड बिक्री का यह सिलसिला जारी रहेगा। हालांकि अर्थव्यवस्था में हो रहे सुधार ने आम आदमी के लिए बचत के रास्ते भी सीमित किए हैं। महंगाई की दर बढ़ने के साथ-साथ ब्याज दरों में बढ़ोतरी आशंका भी बढ़ती जा रही है। बैंकों ने डिपॉजिट पर ब्याज दरें घटाने की शुरुआत भी कर दी है। ऐसे में बचत के लिए लोगों के सामने अब दूसरे विकल्पों को अपनाना होगा। पिछले कुछ महीनों से होम लोन देने में आनाकानी कर रहे निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंकों (आईसीआईसीआई और एचडीएफसी) ने भी अपने दिल उदार कर लिए हंै।

चिडि़या उड़ाना-मवेशी हांकना भी रोजगार की गारंटी


नई दिल्ली( डॉ सुखपाल सावंत खेडा)- अगर आप चिडि़या उड़ाना और मवेशी हांकना जानते हैं तो आपको रोजगार की गारंटी मिल सकती है। सरकार इन कामों को भी नरेगा में शामिल करने की तैयारी में है। सरकार का मानना है कि इससे जहां खेतों को चिडि़यों के चुगने से बचाया जा सकता है, वहीं वन्य जीवों की सुरक्षा भी हो सकेगी। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा) में कुछ और कार्यो को शामिल किये जाने की मांग को देखते हुए इस प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। यह जानकारी केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री सीपी. जोशी ने दैनिकजागरण से बातचीत में दी। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ और असम ने इस तरह के प्रस्ताव भेजे हैं। पहाड़ और सघन जंगलों के आसपास की खेती को वन्य जीवों से नुकसान पहुंचता है जबकि कृषि की क्षति रोकने के लिए कुछ जगहों पर जिस तरह के उपाय किये गये हैं, उनसे भी वन्य जीवों की क्षति हो रही है। असम में जंगली हाथियों से खेती को नुकसान पहुंच रहा है, जबकि हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जंगली जानवरों और चिडि़यों से। खेती को बचाने और छोटे-छोटे खेतों में खड़ी फसल की सुरक्षा के लिए मजदूरों की नियुक्ति करनी पड़ती है। देश के विभिन्न क्षेत्रों से नील गायों की हत्या करने की अनुमति मांगी गई है, पर सांप्रदायिक संवेदनशीलता के मद्देनजर ऐसा करना संभव नहीं हो पा रहा है। इन राज्यों में खेती को बचाने के लिए नरेगा की मदद भी नहीं मांगी गई है।

गांवों के लिए अलग मेडिकल कालेज

नई दिल्ली- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि गांवों में डाक्टरों की कमी को दूर करने के लिए सरकार जल्दी ही मेडिकल शिक्षा का वैकल्पिक माडल लागू करने वाली है। इससे गांवों से ज्यादा डाक्टर तैयार हो सकेंगे और ये उसी इलाके की सेवा भी कर सकेंगे। आजाद के मुताबिक मौजूदा व्यवस्था के साथ ही एक वैकल्पिक मेडिकल शिक्षा व्यवस्था भी शुरू की जा रही है। इसके तहत दस हजार से कम आबादी वाले गांवों के छात्रों को ही दाखिला दिया जाएगा। इस समानांतर व्यवस्था की वजह से गांव के छात्रों के लिए मेडिकल शिक्षा ज्यादा सुलभ हो जाएगी। मगर इनके लिए शर्त सिर्फ यह रहेगी कि एक नियत समय तक उन्हें गांवों में ही रह कर प्रैक्टिस करनी होगी। मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया (एमसीआई) इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर चुका है। जल्दी ही इसे लागू किया जाएगा। आजाद ने कहा कि इस तरह शहरों और गांवों के बीच की खाई पाटी जा सकेगी। हालांकि इस पूरी प्रक्रिया में कहीं भी मेडिकल शिक्षा की क्वालिटी से समझौता नहीं किया जाएगा। सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के विकास के लिए निजी क्षेत्र का पूरा सहयोग लेने की कोशिश कर रही है। कंपनियों को मेडिकल कालेज खोलने की इजाजत देने और नए मेडिकल कालेज खोलने के नियमों में दी गई ढिलाई के बाद अब कुछ वर्षो के अंदर ही देश में मेडिकल पेशेवरों की कमी दूर हो जाएगी। आजाद व‌र्ल्ड मेडिकल एसोसिएशन की आम सभा में बोल रहे थे। इस मौके पर राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने डाक्टरों से कहा कि मरीज आपकी ओर बेहद उम्मीद से आता है इसलिए उसकी अपेक्षा पर खरा उतरना चाहिए। डाक्टर का सबसे पहला ध्येय मरीज की भलाई होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने देश में चिकित्सा के क्षेत्र में ऐसी खोज की जानी चाहिए जिससे इलाज सस्ता हो सके। इस लिहाज से वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों का भी सहयोग अहम हो सकता है।

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