
( डॉ सुखपाल सावंत खेडा)- इंडियन नेशनल लोकदल प्रदेश भर में नमकीन चाय पिलाएगा। यह इनेलो की मेहमान नवाजी नहीं चुनावी फंडा है। चीनी के स्थान पर नमक घुली चाय पिलाकर इनेलो महंगी चीनी खरीद रहे मतदाता की पीड़ा को छूएगा। प्रदेश के कुछ स्थानों पर इनेलो के कार्यकर्ताओं ने लोगों को नमकीन चाय पिलानी शुरू भी कर दी है। अंबाला जिले में इनेलो के प्रदेश महासचिव जसबीर मल्लौर नमकीन चाय पिलाकर मतदाताओं को रिझा रहे हैं। मल्लौर का कहना है हम लोगों के मुद्दों को दिलचस्प तरीके से रखकर उन्हें जागरुक कर रहे हैं औरबता रहे हैं कि यह महंगाई कांग्रेस सरकार की देने है। अगर महंगाई से छुटकारा पाना है तो कांग्रेस से छुटकारा पाओ और इनेलो को वोट दो। असल में इनेलो चीनी को प्रतीक बनाकर महंगाई को मुद्दा बनाकर सरकार पर हमले करेगा। पिछले छह महीने में महंगाई से आम लोग परेशान हैं। चीनी के साथ दालों के दाम में दोगुना बढ़ोतरी के साथ आटा 17 रुपये प्रति किलो तक हो गया है। चीनी का भाव 15 रुपये किलो से 33 रुपये किलो हो गया है। चीनी के बढ़ते दाम ने लोगों की चाय को फीका कर दिया है। इनेलो अब फीकेपन को नमकीन बना रही है। इसी तरह दालों की कीमतें 30 से 35 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 70 से 80 रुपये पर पहुंच गई है। चायपत्ती, मसाला आदि की कीमतों में भी पांच से दस रुपये की बढ़ोतरी भी चिंता का विषय है जबकि देसी घी 180 रुपये से बढ़कर 230 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। इसी प्रकार अन्य वस्तुओं के दाम भी बढ़े हैं जिससे खुद कांग्रेस को भी इंकार नहीं है। पेट्रोल-डीजल के दाम अलग से बढ़े हैं। इनेलो महंगाई और मंदी की मार झेल रही जनता को पीड़ा को आधार बनाकर चुनाव प्रचार तेज करेगा। महंगाई को अपना कारगर हथियारबनाने की खातिर इनेलो ने चुनाव घोषणा पत्र में गरीब परिवारों को हर महीने 25 किलो मुफ्त अनाज देने का वायदा किया है। नमकीन चाय पिलाने के मुद्दे पर इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि इनेलो नमकीन चाय पिलाने की मुहिम को पूरे प्रदेश में चलाकर कांग्रेस के गरीब विरोधी चेहरे को बेनकाब करेगा। केंद्र की कांग्रेस सरकार कहती है कि राज्य सरकारें महंगाई को रोकें जबकि हरियाणा की कांग्रेस सरकार गेंद केंद्र के पाले में डाल रही है। असल में केंद्र व राज्य सरकार दोनों की नीतियों जमाखोरों और कालाबाजारियों को लाभ पहुंचाने वाली हैं। सीधे-सीधे भाषण या बयानों में महंगाई व दूसरे मुद्दो को उछालने का इनेलो को लोकसभा चुनाव में ज्यादा लाभ नहीं मिला। यही वजह है कि इस बार इनेलो अब मुद्दों को नाटकीय अंदाज से उछाल रहा है ताकि सीधे मतदाता के मन पर असर हो।