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शनिवार, 9 जनवरी 2010

पूरे साल गिरा प्रोपर्टी का पारा

मुम्बई ।।जब गुब्बारा अपनी क्षमता तक फूल चुका हो तो उसके आगे हवा भरने में उसका फूटना तय है। प्रॉपर्टी मार्केट के लिए साल 2009 की शुरुआत कुछ इसी अंदाज मेंहुई। पहले से ही रिसेशन की आंच में तप रहा रीयल इस्टेट का गुब्बारा साल की शुरुआत में ही फूट चुका था। ऊपर से म्हाडा के 3,863 फ्लैटों के लॉटरी का एनाउंसमेंट क्या हुआ, मानो लोग प्राइवेट बिल्डरों को जैसे भूल ही गए और पीछे हो लिए म्हाडा के घरों के। एक-एक व्यक्ति ने 5-10 फॉर्म भरे। मध्य रेल के एक गार्ड ने खुद और अपनी बीवी के नाम कुल 18 फार्म भरे। म्हाडा के इस भारी ऑफर के पीछे जनता इस कदर भागी कि इसके पास पौने पांच लाख आवेदन आ गए।
चूंकि आर्थिक मंदी के चलते लोगों की सैलरी में कटौती हो रही थी, कंपनियां अपने कर्मचारियों की छंटनी कर रही थी, होम लोन के रेट बढ़ते चले जा रहे थे, कमर्शल बैंकों का भरोसा बिल्डरों पर से उठता जा रहा था, सो बिल्डरों को 16 से 20 प्रतिशत तक की ब्याज दर से लोन मिलने लगा था... कुल मिलाकर यह हुआ कि फ्लैट खरीददारों की जेब ढीली हो गई और बिल्डरों के पास लिक्विडिटी (पैसे) की कमी हो गई। फ्लैट खरीददार न तो बिल्डरों के फ्लैट खरीदने की पोजीशन में थे और ना ही बिल्डर अपने प्रोजेक्ट का काम आगे बढ़ाने की पोजीशन में थे। जिन बिल्डरों के पास होल्डिंग कैपेसिटी थी उन्होंने अपने रेट रोके रखे, मगर जिनके पास पैसे का अभाव था उन्होंने अपने रेट घटाना शुरू कर दिए।
नतीजा यह हुआ कि फरवरी बीतते-बीतते प्रॉपर्टी मार्केट में 20 प्रतिशत तक का करेक्शन आ चुका था। चूंकि सभी पोटैंशियल खरीददारों ने अपना लक म्हाडा के भरोसे रख छोड़ा था, अत: जब तक मई में लॉटरी नहीं निकली तब तक बिल्डरों के यहां इन्क्वायरी लगभग जीरो हो गई थी। अब तक प्रॉपर्टी मार्केट में करेक्शन के साथ-साथ बिल्डर कुछ ऑफर भी लेकर खरीददारों को रिझाने के लिए आ चुके थे। जुलाई तक बड़े-बड़े बिल्डर जो 1-बीएचके जैसे घरों का फार्मूला भूल चुके थे देखते-देखते कई बिल्डर अपने अफोर्डेबल हाउसिंग के कई प्रोजेक्ट लेकर मैदान में कूद पड़े। टाटा, डीएलएफ, पार्श्वनाथ, लैंडक्राफ्ट, जेपी जैसी बड़ी रीयल इस्टेट कंपनियों के अलावा मेफेयर हाउसिंग, रुस्तमजी बिल्डर, लोढ़ा ग्रुप, हावरे बिल्डर्स, रौनक ग्रुप, निर्माण ग्रुप, विजय ग्रुप, हीरानंदानी, नाहर, ऑर्बिट, कल्पतरू, कीस्टोन, ओबेरॉय, रहेजा, एकता, वाधवा, निर्मल ग्रुप, रॉयल पाम जैसे बिल्डर मुम्बई के बिल्डरों ने सस्ते रेट पर बुकिंग शुरू की। मगर जब खरीददारों को यह लगा यहां भी अफोडेर्बल हाउसिंग सुपर-बिल्ट अप पर बेचे जा रहे हैं वे और शहरों से काफी दूर हैं तो खरीददारों का इधर भी मोहभंग हो गया। हां, नाहर ग्रुप को अपने फ्लैटों की बुकिंग पूरी करने में जरूर कामयाबी मिली। बकौल श्री नाहर, हमारे पास फ्लैट बुक कराने वालों की वेटिंग लिस्ट में लाइन लग गई और दो हफ्ते के अंदर हमारे 700 फ्लैट बुक हो गए जो अपने आप में एक रिकार्ड है। रॉयल पॉम बिल्डर्स ने एक-एक करके कई कमशिर्यल सेगमेंट की अफोडेर्बल प्रोजेक्ट लांच कर जरूर काफी हद तक सफलता पाई। बाकी बिल्डर साल भर माथे से पसीना ही पोंछते रहे।
मार्केट की फीकी पड़ती रंगत को निखारने के लिए बिल्डरों ने सरकार के पास गुहार लगाई और सरकार को बजट के बाद जुलाई में स्टिमुलस पैकेज लाना पड़ा। इसमें पहला तो यह कि 10 लाख रुपए तक के लोन के ब्याज में 1 प्रतिशत की कमी, बशर्ते प्रॉपर्टी की कीमत 20 लाख रुपए से ज्यादा न हो। दूसरा यह कि उन प्रोजेक्टों में इनकम टैक्स ऐक्ट 80आईबी के तहत टैक्स में छूट, जिनका कंस्ट्रक्शन मार्च 2007 और मार्च 2008 के बीच शुरू हुआ हो और मार्च 2012 के पहले कंप्लीट हो जाना हो। बस, यहां से फिर से प्रॉपर्टी मार्केट का गिरना बंद हुआ। कई बिल्डरों ने अपने रेट फिर से 10 प्रतिशत तक बढ़ा दिए। जिसका नतीजा यह हुआ कि खरीदारों ने अपने फैसले को फिर से टाल दिया। मगर चूंकि पिछले दिनों कई जमीन के सौदे आसमानी कीमतों पर हुए हैं, अत: लोगों को यह आभास हो रहा है कि प्रॉपर्टी मार्केट फिर से अपनी रफ्तार पकड़ सकता है।

सहायक स्टेशनमास्टर की आज अचानक मौत

डबवाली(सुखपाल)स्टेशन पर कार्यरत सहायक स्टेशनमास्टर की आज अचानक मौत हो गई। मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए डबवाली के राजकीय अस्पताल के मुर्दाघर में रखा गया है।मिली जानकारी के अनुसार सहायक स्टेशनमास्टर श्याम लाल पिछले कुछ समय से बीमार चल रहा था। इसको लेकर उसका इलाज राजस्थान के हनुमानगढ़ रेलवे अस्पताल में चल रहा था। आज श्याम लाल किसी काम से न्यू बस स्टैण्ड़ रोड़ पर आया था कि बाल्मीकि चौक के समीप अचानक उसे खुन की उलटी हो गई। इसकी जानकारी मिलने पर डबवाली के स्टेशनमास्टर महेश कुमार मौके पर पहुंच गए और श्यामलाल को चिकित्सा के लिए डबवाली के राजकीय अस्पताल में पहुंचाया। यहां डाक्टरों ने श्याम लाल को मृत घोषित कर दिया। इसकी सूचना थाना शहर डबवाली को दी गई। पुलिस ने अस्पताल पहुंच कर श्याम लाल के शव को कार्यवाही के लिए अपने कब्जे में ले लिया।

पजांब खेत मजदुर सभा लम्बी में स्थित बी.डी.पी.ओ के कार्यलय के समक्ष धरना व रोष प्रदर्शन किया

डबवाली(सुखपाल)पजांब खेत मजदुर सभा के मजदुरों ने पजांब के गांव लम्बी में स्थित बी.डी.पी.ओ के कार्यलय के समक्ष अपनी मागों को लेकर धरना व रोष प्रदर्शन कर बी.डी.पी.औ को मांग पत्र सौपा। उन्होने पजांब सरकार से मांग की हैं कि रोजगार गारंटी योजना को सख्ती से लागु किया जाऐ तथा गरीबो को महगाई से राहत दिलाने के लिए जरूरत मंद चीजों को डिपोओं द्वारा आधे रेट पर उपलब्ध करवाया जाऐ। उन्होने मांग की हैं कि गरीब मजदुरों को दस मरले का प्ंलाट मुफत दिया जाऐ ओर उसमें मकान के निर्माण हेतु एक लाख की ग्रांट दी जाए और शौंचालय बनाने हेतु 15 हजार की राशि प्रदान की जाऐ। उन्होनें अपने मांग पत्र में यह भी लिखा हैं कि बुढापा , विधवा व विकलंाग पैशन हजार रूपऐ प्रति माह दी जाऐ तथा माह के पहले सप्ताह पैंशन राशि वितरित की जाऐ। उन्होनें पजांब सरकार को चेतावनी भरे लहजें में कहा हैं कि अगर हमारी मांगे शीघ्र पूरी न की गई तो पजांब खेत सभा के मजदूर 15 जनवरी को बी.डी.पी.ओ कार्यलय मुक्तसर में धरना दिया जाऐगा और उपायुक्त कार्यलय के समक्ष पजांब सरकार का पुतला फ ूंका जाऐगा। इस अवसर पर पजंाब खेत मजदूर सभा के महासचिव नानक चन्द बजाज, सर्वणसिंह नागोंके, गुरमुख सिंह बादल , मंहगा सिंह दोदा, गुरतेज सिंह बाम, कलवत सिंह समाग, गजराज सिंह, कार्यलय सचिव के इलावा महिला विंग की प्रधान किरण बजाज व जिला महासचिव राजवीर कौर उपस्थित थी।

40 गुणा 40 की बिल्डिंग को 4 फु ट ऊंचा उठाने का कार्य शुरू

डबवाली(सुखपाल) हरियाणा के शहर गुडग़ांवा में एक बिल्डिंग को सवां 11 फुट नींव से सफलतापुर्वक ऊचा उठाकर वल्र्ड रिकार्ड बना चुके माम चन्द एण्ड़ सन्स के यमुनानगर निवासी सुरेन्द्र कुमार चौहान की देख रेख में अब डबवाली के वैष्णो मन्दिर के सामने बोम्बे डाईंग बी.आर. रमेंश एण्ड़ कम्पनी की 40 गुणा 40 की बिल्डिंग को 4 फु ट ऊंचा उठाने का कार्य किया जा रहा हैं। सुरेन्द्र चौहान ने बताया कि इससे पहले हरियाणा, पजांब, राजस्थान, यू.पी, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली में बिल्डिंग को नींव से ऊंचा उठाने का सफ लता पुर्वक कार्य कर चुके हैं। उन्होने बताया बिल्डिंग को ऊंचा उठाने में एक से डेढ माह तक का समय लगता हैं। और इसमें 8 से 10कार्य करते हैं तथा इसमें 200 के करीब जेक बिल्डिंग के नीचे लगाऐ जाते हैं। सुरेन्द्र चौहान ने बताया पुरे देश में मेरे दादा मामचद्र व चाचा हरकेश चौहान, राजेश चौहान व बन्सी लाल चौहान ही बिल्डिंग उठाने का कार्य करते हैँ।
फोटो कैप्शन - 1. इस बिल्डिंग को नींव से ऊंचा उठाने का कार्य किया जा रहा हैं।
2. बिल्डिंग को ऊचंा उठाने हेतु लगाऐ गऐ जैक।

हीरो होड़ा मोटर साईकल चोरी

डबवाली (सुखपाल) स्थानिय वार्ड न.8 ऐकता नगरी में घर के बाहर खड़ा हीरो होड़ा मोटर साईकल कोई अज्ञात व्यक्ति उठा ले गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार बीती रात एकता नगरी निवासी हरीश कुमार पुत्र विलायती राम कल रात 9 बजें के करीब मेन बाजार में स्थित अपनी दुकान मंगल करके आया था और अपने मोटरसाईकल न. एचआर 25 बी - 6896 को अपने घर के बाहर खड़ा कर दिया। जब थोडी ही देर बाद हरीश कुमार अपने मोटरसाईकल को घर के अन्दर करने हेतु बाहर आया तो मोटरसाईकल घर के बाहर नहीं था। मोटरसाईकल को देर रात तक इधर उधर तलाश किया गया लेकिन कोई सफ लता नहीं मिली। तदोपरंात थाना शहर डबवाली में मोटरसाईकल गुमशुदगीं की सूचना दी गई। थाना शहर पुलिस द्वारा मोटरसाईकल की तलाश जारी कर दी हैं।

Indian man attacked and set alight in Melbourne

Indian students rally in Melbourne, Australia, 31 May 2009
The murder led to protests from Australia's South Asian community
An Indian man is in a serious condition in a Melbourne hospital after being attacked and set alight by a gang.
The attack comes a week after an Indian graduate student, Nitin Garg, was stabbed to death in the city.
This prompted a travel advisory from the Indian government about the safety of Melbourne.
Last year saw a spate of attacks against Indian students, which has deterred many from studying in Australia.
The 29-year-old Indian was returning home from a dinner party with his wife when he set up by a gang of men, who poured fluid over him and then set him alight.
He is now in a Melbourne hospital, where his condition has been described as serious, suffering from burns to 15% of his body.
Police say they are not sure why the man was targeted and whether it was a racially-motivated attack - but it is bound to increase the sense of outrage in India, where there's been an angry reaction to the murder last weekend of Nitin Garg.
The Indian government has already this week issued an advisory warning about the dangers of travelling to Melbourne, Australia's second largest city, where the local Indian community claims that racist attacks are on the rise.

SRK tweets in support of 'unpaid' hockey players

New Delhi: Bollywood superstar Shah Rukh Khan has come out in support of the Indian men's hockey team players and in his latest tweet on twitter.com says that he is sympathetic to the team members.
Shah Rukh says he feels awful that a team playing for the country has to ask for the salaries of its players
"Feel awful for the Indian hockey team. To play for the country, national sport and have to ask for salary. And we complain we don’t win gold," Shah Rukh tweeted.
The tweet comes after demands by the hockey players to Hockey India to release their unpaid slary.
SRK has long been a fan of the game and even played the role of a player and coach in the award-winning Chak De India, a film on women's hockey.
Meanwhile, senior members of Indian hockey team will be meeting Hockey India officials on Saturday to resolve the latest crisis to hit the national game.
The entire Indian team the raised the banner of revolt against Hockey India on Friday and skipped a scheduled practice session in Pune for the upcoming Hockey World Cup.
The players are unhappy that Hockey India has brushed aside their demands for a salary and performance based incentives.
The players say that earlier they used to be paid if they did well in international tournaments but that process has been now been discontinued.
Hockey India sources say they will not bow to player power as they their performance was not worthy enough of an incentive.



सूर्यदेव दिनभर कोहरे की चादर ओढ़े रहे।

शनिवार को सूर्यदेव दिनभर कोहरे की चादर ओढ़े रहे। शीतलहर के बीच सूर्यदेव के छुट्टी मनाने से डबवाली वासियों की मुश्किलें और बढ़ गई। हाड़ कंपा देने वाली सर्दी से बचने के लिए लोगों के पास बस एक ही सहारा बचा..आग। फोटो- सुखपाल,

चीनी चली 60 की चाल

नई दिल्ली, बड़े ग्राहकों की खरीद व फ्री सेल कोटा नियमों पर अमल न होने से चीनी और कड़वी हो सकती है। पिछले एक पखवाड़े में चीनी के मूल्य 950 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ चुके हैं। जिंस बाजार के जानकारों की मानें तो खुले बाजार में चीनी के मूल्य 60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाने के संकेत हैं। चीनी की कहानी भी अजीब है, जो दिल्ली में 50 रुपये किलो मिल रही है जबकि पड़ोस के शहर चंडीगढ़ में सिर्फ 32 रुपये किलो में उपलब्ध है, जहां चीनी का मुट्ठी भर उत्पादन भी नहीं होता है। इसके पीछे दिल्ली की मंडी में जमाखोरों व बडे़ ग्राहकों की भारी मौजूदगी को जिम्मेदार माना जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार को देखते हुए यहां के जमाखोर तो अपना स्टाक भरने में लगे ही हैं, चीनी का इस्तेमाल करने वाली बड़ी ग्राहक कंपनियां भी खूब चीनी जमा कर रही हैं। इसी कारण देश के अलग-अलग शहरों में चीनी मूल्यों में भारी अंतर है। जबकि औसत मूल्य 37 रुपये प्रति किलो है। सरकारी नियम-कानूनों पर पुख्ता अमल न होने से भी चीनी के भाव बेकाबू होने लगे हैं। खाद्य मंत्रालय चीनी मिलों के लिए खुले बाजार में हर महीने कोटा जारी करता है, जिसे बेचना अनिवार्य होता है। ऐसा न कर पाने वाली मिलों पर सख्त नियम है कि चीनी की जो मात्रा नहीं बिक पाएगी, उसे लेवी कोटे में तब्दील कर दिया जाएगा, लेकिन इस नियम पर शायद ही ठीक से अमल होता है। नतीजतन, हालत बिगड़ते जा रहे हैं।

महंगाई से सहमी कांग्रेस, बढ़ी बेचैनी

नई दिल्ली, बेकाबू होती महंगाई पर कार्यकर्ताओं का जवाब देना कांग्रेस के लिए मुश्किल होने लगा है। आम आदमी का हाथ, कांग्रेस के साथ की पार्टी की पहचान का मखौल बनने लगा है। यही वजह है कि कांग्रेस सरकार और कृषि मंत्री शरद पवार को महंगाई रोकने की तल्ख नसीहतें देने लगी है। पार्टी सूत्रों के अनुसार महंगाई को लेकर बनते जनमानस और उसके सियासी असर को लेकर कांग्रेस नेतृत्व का नजरिया सरकार के शीर्ष स्तर तक बताया जा चुका है। संभवत: इसी का असर था कि बुधवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया समेत आयोग के कुछ सदस्यों के साथ अनौपचारिक चर्चा की। हालांकि महंगाई रोकने के लिए सरकार की किसी ताजा पहल का अब भी इंतजार है। इस मसले पर सरकार की बेचारगी का आलम यह है कि महंगाई के ताजे उछाल के बावजूद उपभोक्ता मूल्यों पर कैबिनेट की समीक्षा समिति की पिछले कुछ हफ्तों में बैठकें तक नहीं हो पा रही हैं। महंगाई पर कांग्रेस की सियासी सिहरन अकारण नहीं है। दाल, खाद्य तेल व चीनी से लेकर तमाम जरूरी वस्तुओं की बढ़ती कीमतों को लेकर जनता ही नहीं उसके अपने कार्यकर्ता व नेता ही सवाल उठा रहे हैं। वरिष्ठ नेताओं को मेल-मुलाकातों में ही नहीं चिठ्ठियां के जरिए भी कार्यकर्ता महंगाई से बढ़ती जनता की परेशानी बयान कर रहे हैं। पार्टी के एक महासचिव ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि कार्यकर्ताओं के ऐसे पत्र उन्हें रोजाना मिल रहे हैं। इसमें जरूरी वस्तुओं के दाम बढ़ने को लेकर बार-बार आगाह करने के कृषि मंत्री पवार के रुख पर भी सवाल उठाए गए हैं। अनौपचारिक चर्चा में पवार की महंगाई बढ़ने की आशंका के बयानों में पार्टी नेता सियासत देख रहे हैं। शायद इसीलिए पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी के जरिए कांग्रेस ने पवार और सरकार दोनों को महंगाई पर अपना घर सुधारने का संदेश दिलवाया। महंगाई पर पवार के बयानों की ओर इशारा करते हुए द्विवेदी ने कहा, मंत्रियों और सरकार को केवल समस्याओं की खामियां ही नहीं निकालनी चाहिए, अलबत्ता इसे दूर करने का रास्ता निकालना चाहिए। ऐसे बयानों से जमाखोरों व कालाबाजारियों को मौका मिलने की बात कह पार्टी के सचिव मोहन प्रकाश ने भी पवार पर निशाना साधा। महंगाई पर कांग्रेस की चिंता और बेचैनी का यह अब तक का सबसे मुखर इजहार है। पार्टी यह मान रही है कि पिछले छह महीने में हालात सुधरने की बजाय और बदतर हुए हैं।

वोटर बनेंगे प्रवासी

नई दिल्ली, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को आस्ट्रेलिया समेत दूसरे देशों में भारतवंशियों पर बढ़ते हमलों पर गहरी चिंता जताते हुए शब्दों का मरहम लगाया। वहीं दुनिया में अनिवासी भारतीयों को नए साल के तोहफे में मतदान का अधिकार देने की घोषणा की। इसके बाद प्रधानमंत्री ने उन्हें देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था का लाभ लेने और देने की सलाह दी। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री ने यह कहने में भी गुरेज नहीं किया कि इस आर्थिक माहौल का फायदा तभी मिलेगा जब पैसे को तिजोरी में रखने की रूढि़वादी सोच छोड़ भारतवंशी इसे निवेश की ओर मोड़ेंगे। आठवें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में दुनिया भर से आए प्रवासी भारतीयों के बीच आस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों पर हो रहे नस्लीय हमले का मुद्दा गरम है। इसकी संवेदनशीलता को देखते हुए प्रधानमंत्री ने संबोधन में साफ कहा कि दूसरे देशों में रहने वाले भारतीयों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है। हालांकि राजनयिक पहलुओं को देखते हुए उन्होंने आस्ट्रेलिया का नाम लेने से परहेज किया। अनिवासी भारतीय पिछले कुछ सालों से राजनीतिक प्रक्रिया में सीधी भागीदारी के लिए मतदान का अधिकार देने की पेशंबदी में जुटे हैं। पिछले सम्मेलन में सरकार ने इसका आश्वासन दिया था। शुक्रवार को प्रधानमंत्री ने यह मांग सैद्धांतिक रूप से मान लेने की घोषणा की। मनमोहन सिंह ने कहा कि अनिवासी भारतीयों को वोट का अधिकार दिया जाएगा। इसके लिए उन्हें अगले आम चुनाव 2014 तक इंतजार करना होगा। यह अधिकार विदेशों में रहने वाले भारतीय पासपोर्ट धारकों को ही हासिल होगा। इस ऐलान के साथ ही प्रधानमंत्री ने प्रवासियों से देश लौटकर राजनीतिक पारी शुरू करने का भी न्योता दिया। मनमोहन सिंह ने वैश्रि्वक मंदी के दौर में भी भारत की अर्थव्यवस्था के सात फीसदी से अधिक दर से बढ़ने का भी जिक्र किया। साथ ही यह भी कहा कि आने वाले वर्षो में भारत की विकास दर 10 फीसदी होगी, इसलिए वह दुनियाभर के प्रवासियों की सीधी भागीदारी चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने धन का निवेश करने की बजाये सुरक्षित बैंकों में रखने की भारतवंशियों की रूढि़वादी सोच पर चुटकी भी ली। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के शीर्ष निवेश स्थलों में एक है इसलिए उनकी अपील है कि भारतवंशी इसका लाभ लें और दें। विदेश में नौकरी कर रहे भारतीयों पर मंदी के प्रतिकूल असर पर प्रधानमंत्री का कहना था कि सरकार इससे वाकिफ है और इस कारण वतन लौटने वाले कामगारों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए परियोजना शुरू की जाएगी।

हाकी इंडिया में बगावत, खिलाडि़यों ने मैदान छोड़ा

पुणे, एजेंसी : हाकी विश्व कप सिर पर है और राष्ट्रीय खेल है कि आगे बढ़ने की बजाय पीछे की ओर खिसका जा रहा है। 28 फरवरी से शुरू होने वाले विश्व कप में दो महीने से भी कम का समय बचा है। ऐसे में जहां टीम को पदक जीतने की रणनीति तैयार करने में जुटना चाहिए, वहां खिलाड़ी पैसा न मिलने के कारण बगावत पर उतर आएं हैं। बगावत पर आमादा खिलाडि़यों ने विश्व कप की तैयारियों के लिए चल रहे शिविर का अनिश्चितकाल के लिए बहिष्कार करने का फैसला किया है। मौजूदा हालातों में विश्व कप में पदक तो दूर, टूर्नामेंट में बने रहना भी टेढ़ी खीर दिखाई दे रही है। भुगतान के संबंध में दो पत्रों का हाकी इंडिया से कोई जवाब नहीं मिलने के बाद खिलाडि़यों ने शिविर के बहिष्कार का फैसला लिया। कप्तान राजपाल सिंह ने कहा कि हमने पैसा मिलने तक शिविर का अनिश्चितकालीन बहिष्कार करने का फैसला किया है। गुरुवार रात खिलाडि़यों की बैठक में यह फैसला लिया गया। पहले हमें हर टूर्नामेंट के बाद पैसा मिलता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। हमने हाकी इंडिया के अधिकारियों को कई बार याद दिलाया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। अब हम पैसा मिलने के बाद ही शिविर में जाएंगे। विश्व कप से डेढ़ महीपे पहले ही खिलाडि़यों ने यह कदम उठाया है, जिसका असर 28 फरवरी से 13 मार्च तक होने वाले टूर्नामेंट पर पड़ेगा। सीनियर खिलाडि़यों ने हाकी इंडिया के अध्यक्ष एके मट्टू को पत्र लिखकर सात दिन के भीतर भुगतान के लिए कहा था। पत्र में बहिष्कार की कोई धमकी नहीं थी, लेकिन सूत्रों ने बताया कि एक हफ्ते के भीतर भुगतान नहीं होने पर खिलाड़ी शिविर का बहिष्कार करने का मन बना चुके थे। हाकी इंडिया को मसले का समाधान निकल आने की उम्मीद है, जिसने शनिवार को यहां सीनियर खिलाडि़यों की बैठक बुलाई है। कप्तान राजपाल सिंह, सरदारा सिंह, प्रभजोत सिंह, संदीप सिंह, तुषार खांडेकर और अर्जुन हलप्पा विज्ञापन शूटिंग के सिलसिले में दिल्ली में होंगे, जिनके हाकी इंडिया के अधिकारियों से मिलने की उम्मीद है। हाकी इंडिया के अध्यक्ष मट्टू ने कहा कि मुझे दो दिन पहले पत्र मिला है। मैंने अपना जवाब भेज दिया है। मैंने उन्हें दिल्ली में बैठक के लिए बुलाया है। मैं उनसे बात करूंगा और उनकी शिकायतें सुनुंगा। मुझे विश्वास है कि जल्दी ही समस्या का हल निकल आएगा। खिलाडि़यों का दावा है कि उन्होंने हाकी इंडिया को आठ जनवरी तक का समय दिया था जबकि मट्टू ने कहा कि ऐसी कोई समय सीमा नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि पत्र में ऐसी कोई मियाद नहीं दी गई। वे राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं और उन्हें इस तरह हमें धमकाना नहीं चाहिए। हमें उम्मीद है कि बातचीत से हल निकल आएगा। खिलाडि़यों ने पत्र में कहा कि हम अर्जेंटीना में खेले गए चैंपियंस चैलेंज के लिए भुगतान का इंतजार कर रहे हैं। पिछले तीन साल में हमें हर टूर्नामेंट में भारत से रवाना होने से पहले ही 25 हजार रुपये मिल जाते थे।

कांग्रेस के कैलेंडर में चमकी विद्यावती

रायबरेली संसदीय क्षेत्र के बछरावां तहसील के अघौरा गांव की दलित हिला विद्यावती कांग्रेस के नववर्ष के कैलेंडर पर चमकी रही है। अगस्त में संसदीय क्षेत्र के दौरे पर आई सोनिया गांधी को हाथ पकड़ कर वह बरसात में ढहा अपना घर दिखाने ले गईं थी। इसी चित्र को कांग्रेस ने पूरे एक पन्ने पर जगह दी है। कैलेंडर के पहले पृष्ठ पर राष्ट्रपिता बापू के अगल-बगल राजीव व इंदिरा गांधी के चित्रों के ठीक नीचे पार्टी ने अपने नारे कांग्रेस का हाथ आम आदमी के साथ का खूबसूरती से इस्तेमाल किया है। रायबरेली-अमेठी में घर-घर बंटने के लिए आए इस सात पेज के कैलेंडर का यूं तो हर पृष्ठ पार्टी के स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े इतिहास व आधुनिक भारत के निर्माण में उसकी भूमिका को रेखांकित करने वाला है लेकिन छठवें पृष्ठ पर गोद में बच्चा लिए विद्यावती सोनिया का हाथ पकड़ कर अपनी झोपड़ी की तरफ जा रही है। विद्यावती की बदहाली से व्यथित सोनिया ने उसे मकान की सौगात देने का आश्वासन दिया था, जो पूरा भी हो चुका है।

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