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मंगलवार, 22 मार्च 2011

आरक्षण मुद्दे पर हुड्डा का जाट समर्थन ही क्यों..?

क्या जातिवाद के पक्षधर हैं प्रदेश के मु यमंत्री
आखिर कब मिलेगा जरूरतमंदों को आरक्षण                             thepressreporter.com
राजनीति के खेल ने बिगाड़ा समाज का सही स्वरूप
करनाल (अनिल लाबा) : देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने पद की गरिमा को समझते हुए देश तथा समाज हित में जय जवान जय किसान का नारा देकर देश की जनता के दिलों में देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले जवानों और देश की जनता के लिए अन्न पैदा करने वाले किसानों के प्रति श्रद्धा के भाव पैदा किए थे। आज भी यह नारा जब लोगों की जुबां पर आता है तो जवानों और किसानों के प्रति आज भी जनता सचमुच नतमस्तक हो जाती है। जनता को मालूम है कि किसान इस देश के विकास की ही असली धुरी है जबकि देश की सीमाओं की रक्षा में जुटे जthepressreporter.comवानों की बदौलत यह देश सुरक्षा के घेरे में है। जैसे-जैसे समय बीतता गया तो राजनीति में परिवर्तनाी शुरू हो गया।गांधी और जवाहर लाल नेहरू की कांग्रेस के नेताओं ने टोपी और खद्दर छोड़कर स्वरूप बदल लिया। जल्दी ही कांग्रेस हाईटैक हो गई। वी.पी. ङ्क्षसह के शासनकाल में चली आरक्षण की आंधी को बुझाने के प्रयास कम और उभारने के प्रयास ज्यादा किए गए। यह बात देश की जनता भी जानती है कि आरक्षण से इस देश का भला होने वाला कतई नहीं है मगर राजनीति की गंदी विचारधारा देश के नेताओं को केवल इस बात पर सोचने के लिए मजबूर करती है कि राजनीति में ल बे समय तक टिके रहने के लिए तथा सत्ता में अपना पद लगातार बनाए रखने के लिए इस आरक्षण की आग को हवा किस गति से दी जा सकती है। भले ही इसमें देश का नुक्सान क्यों न हो जाए या आम जनता परेशानियों के सबब में ल बे काल तक घूमती रहे। मतलब जातिवाद का जहर घोलकर अपना फायदा निकालने का है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. देवीलाल को आज भी राजनीति में केवल इसलिए याद किया जाता है क्योंकि वह किसानों और गरीब लोगों के सच्चे हमदर्द हैं। वह तो खुद खेतों में पहुंचकर मजदूरों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मिट्टी का तस्ला सिर पर उठा लेते थे। देश की सत्ता पर जब राज करने का समय आया तो अपने सिर पर आया सत्ता का ताज वी.पी. ङ्क्षसह के सिर पर सुशोभित कर दिया। ऐसे नेता बहुत कम देखने को मिलते हैं। आखिर आरक्षण का जहर बार-बार क्यों घोला जाता है, यह बात देश के लोगों की समझ में बिल्कुल न आए लेकिन नेताओं की समझ में बहुत ज्यादा समझदारी है। सब जानते हैं कि पिछले छह सालों में भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा हरियाणा की सत्ता में बतौर मु यमंत्री कार्यरत हैं। हुड्डा खुद जाट समुदाय से हैं। इससे पहले देवीलाल, बंसीलाल तथा ओमप्रकाश चौटाला जैसे जाट नेता भी मु यमंत्री रह चुके हैं लेकिन हुड्डा के कार्यकाल को छोड़कर किसी भी नेता के कार्यकाल के समय जाट समुदाय को आरक्षण देने का मामला इतनी जोरों से कतई नहीं उठा। सनद रहे कि जब हुड्डा पहली बार मु यमंत्री बने तो दो साल के बाद जाट समुदाय के लोगों ने आरक्षण की मांग को मीडिया के माध्यम से बुलंद करना शुरू कर दिया। पहली पारी में सत्ता और राजनीति का ज्ञान कम होने के कारण हुड्डा ने ज्यादा रिस्क लेना जरूरी नहीं समझा। दूसरी पारी में कांग्रेस को सीटें तो कम आई लेकिन जोड़-तोड़ की राजनीति के जरिए हुड्डा फिर से मु यमंत्री बनने में कामयाब हो गए। अब जाट समुदाय को भी लगने लगा है कि यदि अगली बार विधानसभा के चुनाव हुए तो हुड्डा और उनकी कांग्रेस सत्ता के इर्द-गिर्द भी नजर नहीं आएंगे और चौटाला पहले से ही आर्थिक आधार पर आरक्षण देेने की बात कर चुके हैं। लिहाजा जाट समुदाय के लोगों को लगता है कि यदि इस बार उन्होंने आरक्षण हासिल न किया तो शायद कभी ाी उन्हें आरक्षण मिलने वाला नहीं है। सूत्रों ने जानकारी दी है कि पिछले दिनों जाट समुदाय के नेताओं ने जिस तरह से हरियाणा के रेलवे ट्रैकों पर कब्जा किया है, उसके निर्देश कांग्रेस के ही दिग्गज नेताओं से मिले थे। सरकार की भूमिका पर सवाल अब इसलिए भी उठ रहे हैं कि पूर्व में हो चुके कई आंदोलनों पर यही सरकार न केवल लाठी चला चुकी है बल्कि मजदूरों की आवाज को कुचलने तक के लिए श्रमिकों पर लाठियां बरसाई गई। रोहतक में जब अध्यापक अपना आंदोलन चला रहे थे तो महिला अध्यापकों पर लाठियां तक चलाई गई, जिसमें एक महिला अध्यापक की मौत तक हो गई थी। यही नहीं हजकां कार्यकत्र्ताओं पर करनाल में ही ताबड़तोड़ लाठियां बरसाई गई बल्कि एक विधायक की टांग तक तोड़ दी गई। पुलिस की इस बर्बरता का शिकार पत्रकार और फोटोग्राफर भी हुए। यानी अपनी सही मांगों की आवाज उठाने वालों पर इसी हुड्डा सरकार ने अपना कहर जमकर बरपाया। जब अपनी ही बिरादरी के लोगों ने रेलवे ट्रैक पर जाम लगाया तो यही हुड्डा सरकार तमाशबीन बनकर तमाशा देखती रही। आखिर देश की स पत्ति को नुक्सान पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का क्या कोई प्रावधान हुड्डा सरकार में नहीं है? मु यमंत्री भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा पूरी तरह से इस सवाल के लिए जवाबदेही हैं कि आखिर रेलवे ट्रैक पर जाम लगाकर कानून तोडऩे वालों के खिलाफ शिकंजा क्यों नहीं कसा गया। क्या 36 बिरादरी की भलाई की बात कहने वाले मौजूदा मु यमंत्री भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा क्या आरक्षण का जहर नहीं घोल रहे हैं? क्या हुड्डा जातिवाद को नहीं फैला रहे हैं? क्या देश के उन लोगों को आरक्षण नहीं मिलना चाहिए जिनके घर दो वक्त का खाना भी नहीं बनता, क्या वो आरक्षण के हकदार नहीं हैं, जिनके परिवारों को आज तक सरकारी नौकरी तक नसीब नहीं हुई। आज भी पाकिस्तान से उजड़कर आए बाङ्क्षशदे दो जून की रोटी के लिए मोहताज हो रहे हैं लेकिन किसी भी नेता ने उनके आरक्षण का मुद्दा नहीं उठाया। क्या हर जाति को आरक्षण दे देना, देश हित में है? क्या जाट समुदाय के ही लोग आरक्षण के सही हकदार हैं? जबकि इसी समुदाय के नेता पिछले 15 सालों से भी अधिक इस प्रदेश की सत्ता का स्वाद चखते आए हैं। बहरहाल यही समझ में आ रहा है कि भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा हरियाणा में जातिवाद का जहर थोड़ा बहुत नहीं बल्कि दबाकर घोल रहे हैं क्योंकि सच यही है कि आरक्षण से लाभ किसी को नहीं मिलता। लाभ केवल मेहनत और अपनी काबलियत पर मिलता है। हां वह लोग आरक्षण के जरूर हकदार हैं, जो भले ही किसी जाति से हो लेकिन जो दो वक्त की रोटी के लिए मारामारी कर रहे हैं।
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युवती आग लगने से वह बुरी तरह झुलस गई

डबवाली- उपमंडल के गांव तेजाखेड़ा में स्टोव पर चाय बनाते समय एक युवती को आग लगने से वह बुरी तरह झुलस गई। जिसे तुरंत डबवाली के राजकीय अस्पताल में उपचार के लिए लाया गया। जहां से ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों द्वारा उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे सिरसा रैफर कर दिया गया। प्राप्त जानकारी अनुसार गांव तेजाखेड़ा निवासी बहादूर राम ने बताया कि उसकी 16 वर्षीय बेटी शारदा आज प्रात: स्टोव पर चाय बना रही थी कि अचानक उसके कपड़ों में आग लग गई जब उन्होंने उसके चिखने चिल्लाने की आवाज सुनी तो उसके शरीर पर लगी आग को मिट्टी डालकर व कम्बल लपेट कर काबू किया गया। लेकिन तब तक उसकी बेटी बुरी तरह से झुलस चुकी थी। तो उसे तुरंत डबवाली के राजकीय अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया। ड्यूटी पर तैनात डॉ. सरवन बांसल ने बताया कि युवती लगभग 90 प्रतिशत जल चुकी थी। इसलिए उसे प्राथमिक उपचार के बाद सिरसा रैफर कर दिया गया।  

विकलांग व मंद बुद्धि बच्चों को बोझ न समझ कर इनकी सेवा करें --डॉ. मुनीश नागपाल

डबवाली-स्थानीय राजकीय अस्पताल में नैशनल ट्रस्ट फार डिवेलपमैंट आफ डिसऐबल के सहयोग से अपंग व मानसिक रोग से पीडि़तों के लिए एक जागृति शिविर का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ  एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल ने किया।
    इस अवसर पर श्री नागपाल ने अपने संबोधन में कहा कि विकलांग व मंद बुद्धि बच्चों को बोझ न समझ कर इनकी सेवा करें। उन्होंने बताया कि इश्वर ने हमें इनकी सेवा करने का अवसर प्रदान किया है जिसे हमें व्यर्थ नहीं गवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विशेष बच्चों को सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं का लाभ लेना चाहिए। शिविर में अपंग व मानसिक रोग से पीडि़तों की सहायता करने तथा 18 वर्ष के बाद लीगल गारडियनशिप प्रदान करने, स्वास्थ्य बीमा योजना 'निरामयाÓ शिविर सहायता तथा 0 से 18 वर्ष तक के उक्त श्रेणी के विशेष बच्चों के पैंशन फार्म, मेडिकल प्रमाण पत्र, स्कूली बच्चों के छात्रवृति फार्म भरवाए गए। इस अवसर पर जिला विकास कल्याण  अधिकारी भी उपस्थित थे।


नंबरदारों ने सरकार के प्रति रोष जताया

डबवाली- स्थानीय तहसील कॉम्पलैक्स के प्रांगण में जिला प्रधान नंबरदारों की एक बैठक पवन प्रकाश सहारण सुलतानपुरिया की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। जिसमें पिछले चार महीनों से नंबरदारों को मानदेय राशि न मिलने पर नंबरदारों ने सरकार के प्रति रोष जताया। बैठक के उपरांत तहसील प्रधान बलदेव सिंह हैबूआना, वरिष्ठ उपप्रधान बलदेव सिंह लोहगढ़, जनरल सेक्टरी  गुरचरण सिंह, उपप्रधान गुरनाम सिंह व अन्य नंबरदारों ने एकत्रित होकर अपनी इस समस्या से एसडीएम मुनीश नागपाल को अवगत करवाया। यह जानकारी देते हुए नंबरदार एसोसिएशन के काषाध्यक्ष जयदयाल मैहता ने बताया कि एसडीएम मुनीश नागपाल ने  उनकी इस समस्या कर शीघ्र समाधान करने का आश्वासन दिया। 

चौधरी भुपेन्द्र सिंह हुड्डा किसानों के खेतों में अंतिम छोर तक पानी पहुचाने के लिए कृतसंकल्प है--डॉ.के.वी.सिंह

डबवाली--हरियाणा के मुख्यमन्त्री चौधरी भुपेन्द्र सिंह हुड्डा  किसानों के खेतों में अंतिम छोर तक पानी पहुचाने के लिए कृतसंकल्प है यह बात मुख्यमन्त्री हरियाणा के पूर्व विशेष कार्यधिकारी डॉ.के.वी.सिंह ने कांग्रेस कार्यालय मे कार्यकर्ताओ की समस्याऐ सुनते हुए कही। डॉ.सिंह ने कहा कि इसलिए हरियाणा सरकार ने वर्ष 2011 को जल संरक्षण वर्ष घोषित किया है। उन्होंने बताया कि किसानों के खेतों मे पुरा पानी पंहुचाने के लिए हल्का डबवाली के कई खालों व नहरों को पक्का करने व टुटी नहरों की मुरम्मत के लिए लगभग पौने तीन करोड़ रूपये खर्च किये जा रहे है। इससे लगभग 15 गांवो के किसानो की लगभग 3500 एकड़ भूमि को फायदा होगा। उपरोक्त निर्माण कार्यो की सूची में जिन नहरों व खालों को प्राथमिकता के तौर पर बनाया जा रहा है, उनमें लोहगढ़ डिट्रीब्युट्री की आरडी 18105/दांऐ की रिमोडलिंग पर लगभग 34.80 लाख रूपये, सक्ताखेड़ा माईनर की आडी 15210 टेल की रिमोउलिंग पर 58.50 लाख, मिठड़ी डिट्रीब्युट्री की आरडी 20964/बांऐ पर 31.80 लाख, मिठड़ी डिट्रीब्युट्री की आरडी 16460/बांऐ पर 15.85 लाख, पाना माईनर की आरडी 23285/बांऐ पर 21.45 लाख, पाना माईनर की आरडी 30395/बांऐ पर 24.55 लाख रूपये खर्च होगे। डॉ. सिंह ने आगे बताया कि उपरोक्त कार्यो के साथ कालुआना लिंक चैनल की आरडी 25370/बांऐ पर घट के निर्माण पर 1.58 लाख, रिसालियाखेड़ा माईनर की आरडी 0 से 12000/टेल रिपेयर पर 3.40लाख, तेजाखेड़ा डिट्रीब्युट्री की आरडी 1000 से 35750 तक की मुरम्मत पर 6.75 लाख, आसाखेड़ा माईनर की आरडी 0 से 42000/टेल की मुरम्मत पर 1.80 लाख रूपये खर्च होगे।    इस अवसर पर उपस्थित ब्लाक कांग्रेस डबवाली ग्रामीण के अध्यक्ष दरबारा सिंह,  ब्लाक मण्डी डबवाली के अध्यक्ष पवन गर्ग, ब्लाक औढां के प्रधान जगसीर सिंह मिठड़ी,  कीरत सिंह लोहगढ, भालईन्द्र सिंह सक्ताखेड़ा, विनोद धरणीया सक्ताखेड़ा, गुरचरण सिंह सक्ताखेड़ा, भूप सिंह नेहरा तेजाखेड़ा, प्रेम कुमार पूर्व सरपंच जोतांवाली, सोहलाल पचार चैटाला, राजेन्द्र सहारण चैटाला, रामकुमार नेहरा तेजाखेड़ा, बुटा सिंह पूर्व सरपंच पाना,  बहाल सिंह मिठड़ी, गुरविन्द्र सिंह मिठड़ी, जसविन्द्र सिंह पाना, मुखराम सिहाग आसाखेड़ा आदि किसानो ने उपरोक्त कार्यो की मंजुरी दिलवाने पर मुख्यमन्त्री चैघरी भुपेन्द्र सिंह हुड्डा व डा.के.वी.सिंह का हार्दिक आभार व धन्यवाद प्रकट किया।

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