सरपंचों को कम्पयूटर शिक्षा देने का कार्य शुरू
डबवाली - कम्पूटर शिक्षा लेने के लिए भी पढ़ाई जरुरी है। अगर कोई अनपढ़ है और अंगुठा लगाता है तो उसे कंप्यूटर शिक्षा देने की बात की जाए तो हैरानी तो जरुर होगी। किसी से भी पूछो तो वो यही कहेगा कि ऐसा सम्भव हो ही नहीं सकता, लेकिन न जाने विभाग के अधिकारियों को ऐसी योजना बनाते समय इस बात का अहसास क्यों नहीं रहता। अब विभागीय अधिकारियों द्वारा नया निर्देश जारी कर दिया कि गांवों के सरपंचों को कम्प्यूटर शिक्षा प्रदान करवाएगी जाएगी और शिक्षा पूरी होने के बाद उन्हें कम्प्यूटर भी दिए जाएंगे ताकि वे हर कार्य कम्प्यूटर आदि के माध्यम से पूरी कर सकें और ऑनलाईन होने पर उन्हें भी अपने कार्य करवाने में आसानी हो सके। हालांकि उनकी नीति तो सही है, लेकिन यह बात गले नहीं उतर रही कि जो सरपंच बिलकुल ही अनपढ़ हैं और जिनके लिए काला अक्षर भैंस बराबर है उन्हें कम्प्यूटर का सिखाया गया क-ख-ग पल्ले पड़ेगा कैसे। विभाग ने बड़ागुढ़ा खंड में कम्प्यूटर शिक्षा शुरू भी करवा दी है और सरपंच भी कम्प्यूटर की जानकारी लेने के लिए कक्षाएं लगाने लगे हैं, लेकिन अनपढ़ सरपंचों के सिर के ऊपर से सारी बात निकलती जा रही है, जिसे वे स्वयं भी मान रहे हैं। इसलिए उनके लिए कम्प्यूटर शिक्षा सीखना काफी मुश्किल भरा हो रहा है। क्षेत्र में दर्जनों सरपंच औरते हैं वहीं उनके परिवार वालो का व गांववालों का कहना की सरपंच गांव की जिम्मेवारी संभालेगी या फिर चुल्हा चोका या फिर सब छोड़ कर कंप्यूटर पर ही बैठी रहेगी। कहीं अनपढता इस योजना को धाराशाही ना कर दे यही विचार सरपंचों व पंचायत सदस्यों के मन में भी आ रहे है। बड़ागुढ़ा खण्ड़ में 44 गांव है जिनमें काफी सरंपच अनपढ़ है।
एक तिहाई सरपंच हैं अनपढ़
बीडीपीओ बड़ागुढ़ा छबीलदास डूडी से पूछा गया तो उन्होंने भी माना की बड़ागुढ़ा खण्ड में दो तिहाई सरपंच पढ़े लिखे व एक तिहाई सरंपच अनपढ़ है। उन्होंने कहा कि कंप्यूटर शिक्षा पूरी होने के बाद सरंपचों को कंप्यूटर दिए जाएंगे।
डबवाली - कम्पूटर शिक्षा लेने के लिए भी पढ़ाई जरुरी है। अगर कोई अनपढ़ है और अंगुठा लगाता है तो उसे कंप्यूटर शिक्षा देने की बात की जाए तो हैरानी तो जरुर होगी। किसी से भी पूछो तो वो यही कहेगा कि ऐसा सम्भव हो ही नहीं सकता, लेकिन न जाने विभाग के अधिकारियों को ऐसी योजना बनाते समय इस बात का अहसास क्यों नहीं रहता। अब विभागीय अधिकारियों द्वारा नया निर्देश जारी कर दिया कि गांवों के सरपंचों को कम्प्यूटर शिक्षा प्रदान करवाएगी जाएगी और शिक्षा पूरी होने के बाद उन्हें कम्प्यूटर भी दिए जाएंगे ताकि वे हर कार्य कम्प्यूटर आदि के माध्यम से पूरी कर सकें और ऑनलाईन होने पर उन्हें भी अपने कार्य करवाने में आसानी हो सके। हालांकि उनकी नीति तो सही है, लेकिन यह बात गले नहीं उतर रही कि जो सरपंच बिलकुल ही अनपढ़ हैं और जिनके लिए काला अक्षर भैंस बराबर है उन्हें कम्प्यूटर का सिखाया गया क-ख-ग पल्ले पड़ेगा कैसे। विभाग ने बड़ागुढ़ा खंड में कम्प्यूटर शिक्षा शुरू भी करवा दी है और सरपंच भी कम्प्यूटर की जानकारी लेने के लिए कक्षाएं लगाने लगे हैं, लेकिन अनपढ़ सरपंचों के सिर के ऊपर से सारी बात निकलती जा रही है, जिसे वे स्वयं भी मान रहे हैं। इसलिए उनके लिए कम्प्यूटर शिक्षा सीखना काफी मुश्किल भरा हो रहा है। क्षेत्र में दर्जनों सरपंच औरते हैं वहीं उनके परिवार वालो का व गांववालों का कहना की सरपंच गांव की जिम्मेवारी संभालेगी या फिर चुल्हा चोका या फिर सब छोड़ कर कंप्यूटर पर ही बैठी रहेगी। कहीं अनपढता इस योजना को धाराशाही ना कर दे यही विचार सरपंचों व पंचायत सदस्यों के मन में भी आ रहे है। बड़ागुढ़ा खण्ड़ में 44 गांव है जिनमें काफी सरंपच अनपढ़ है।
एक तिहाई सरपंच हैं अनपढ़
बीडीपीओ बड़ागुढ़ा छबीलदास डूडी से पूछा गया तो उन्होंने भी माना की बड़ागुढ़ा खण्ड में दो तिहाई सरपंच पढ़े लिखे व एक तिहाई सरंपच अनपढ़ है। उन्होंने कहा कि कंप्यूटर शिक्षा पूरी होने के बाद सरंपचों को कंप्यूटर दिए जाएंगे।