IMPORTANT-------ATTENTION -- PLEASE

-----------------------------------"यंग फ्लेम" परिवार में आपका हार्दिक स्वागत है। "यंग फ्लेम" परिवार आपका अपना परिवार है इसमें आप अपनी गजलें, कविताएं, लेख, समाचार नि:शुल्क प्रकाशित करवा सकते है तथा विज्ञापन का प्रचार कम से कम शुल्क में संपूर्ण विश्व में करवा सकते है। हर प्रकार के लेख, गजलें, कविताएं, समाचार, विज्ञापन प्रकाशित करवाने हेतु आप 093154-82080 पर संपर्क करे सकते है।-----------------------------------------------------------------------------------------IF YOU WANT TO SHOW ANY KIND OF VIDEO/ADVT PROMOTION ON THIS WEBSITE THEN CONTACT US SOON.09315482080------

Young Flame Headline Animator

शनिवार, 3 अक्टूबर 2009

चाचा भतीजे में आगे निकलने की होड़



( डॉ सुखपाल सावंत खेडा)- सिरसा जिले की डबवाली विधानसभा सीट का तेजाखेड़ा चौक..यहां से एक सड़क चौटाला गांव की तरफ जाती है और दूसरी पंजाब के अबोहर फाजिल्का-बठिंडा की ओर। आधा शहर पंजाब में पड़ता है और आधा हरियाणा में..चौटाला गांव की ओर जाने वाली सड़क पर चाय की कई दुकानें हैं..चौक के दाई तरफ अस्थायी बस स्टैंड बना है..उसके पास ही इनेलो के प्रधान महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य अजय चौटाला के चुनाव प्रचार का बोर्ड टंगा है तो बगल में मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के ओएसडी रहे डा. केवी सिंह का बोर्ड है.. साइड में भाजपा की रेणु शर्मा के चुनाव प्रचार का बोर्ड दिखाई पड़ता है.. पास ही रवि चौटाला का काफी छोटा बोर्ड नजर आ रहा है। तेजाखेड़ा चौक के दाई तरफ नजर पड़ते ही महसूस होता है कि डबवाली में चुनाव हो रहा है, मगर अबोहर फाजिल्का रोड पर ऐसा कोई नजारा नहीं है। यह हिस्सा पंजाब का माना जाता है। डबवाली के मतदाता दो हिस्सों में बंटे हैं। पता नहीं लगता कि कौन डबवाली विधानसभा सीट का वोटर है और कौन नहीं। बात करने पर अहसास होता है कि पंजाब की साइड में रहने वाले लोग डबवाली के मतदाता नहीं हैं, लेकिन जो मतदाता हैं, उनकी यहां के चुनाव में बेहद रुचि है। चौटाला गांव की ओर जाने वाली सड़क पर चाय की दुकान में पांच-छह आदमी बैठे हैं। उनके हाथ में अखबार है। कुरेदने पर बोले, डबवाली में गजब का मुकाबला है। कांग्रेस के केवी सिंह रिश्ते में चाचा हैं तो इनेलो के अजय चौटाला उनके भतीजे। बीच में रवि ने भी टांग अड़ा रखी है। आजाद चुनाव लड़ रहे रवि अपने चचेरे भाई अजय और केवी के खानदान से ताल्लुक रखते हैं। डबवाली के प्रेम नगर में रहने वाले मदनलाल को कांग्रेस पर इसलिए गुस्सा है, क्योंकि उनके परिवार के सदस्यों के पीले कार्ड रद कर दिए गए हैं। मदनलाल बोला, गोलगप्पे की रेहड़ी से जीवन बसर हो रहा है। पीले कार्ड पर राशन मिल जाया करता था, थोड़ा काम चल जाता था, मगर अब वह भी नहीं रहा। किसी का बीपीएल का कार्ड नहीं बन रहा है। पेंशन बंद हो गई है। समझ में नहीं आता क्या होगा। रिमालिया खेड़ा गांव के कृष्ण लाल की मानें तो डबवाली हमेशा इनेलो का गढ़ रहा है। बरसों बाद यह सीट ओपन हुई है। पहले यहां से रिजर्व सीट पर डा. सीता राम चुनाव जीतते रहे हैं। वह भी चौटाला गांव के हैं। डबवाली में अब कुछ गांव रोड़ी के आ गए तो कुछ गांव आसपास के जुड़े हैं। हलका ओपन होने के बाद अजय चौटाला को खुद चुनाव लड़ने का मौका मिला तो लोग उत्साहित हैं। डबवाली के साधू राम ने बात आगे बढ़ाई। साधू बोला, यहां कोई समस्या नहीं है। केवी सिंह सीएम के नजदीकी हैं, लेकिन डबवाली में आज तक रेलवे पुल की समस्या का समाधान नहीं हो सका है। डबवाली का रेलवे फाटक अक्सर बंद रहता है। सरकार में रहते हुए भी जब कोई काम नहीं कर सकता तो कोई भी जीते, किसी को क्या फर्क पड़ता है। डबवाली गांव के दर्शन और गोरीवाला के सुरेश को बढ़ती महंगाई की चिंता है। उनके अनुसार पूरे प्रदेश में सूखा पड़ा, लेकिन किसी ने डबवाली की ओर आकर झांका तक नहीं है। वोट के लिए हर कोई गली-गली घूम रहा है। लोग वोट उसी को देंगे, जिसमें राज करने की ताकत होगी। उनका इशारा अजय चौटाला की तरफ था। राजपुरा के अरनेक ने बात काटते हुए कहा, शहर में जोर केवी सिंह है, उसका यहां पेट्रोल पंप भी है, तभी रत्ताखेड़ा का अजैब बोला, खाली पेट्रोल पंप से क्या होगा, पूरा इलाका और गांव ही चौटाला का है। रामगढ़ के पहल सिंह की मानें तो डबवाली में कोई चुनावी मुद्दा नहीं है। डबवाली में सिर्फ चौटाला और केवी सिंह में से किसी एक की जीत, यही मुद्दा यहां काम करेगा। चुनाव की इस चर्चा के बीच रवि चौटाला की रिक्शा प्रचार करते हुए जब आगे बढ़ी तो लोग बोले, सारी वोट कांग्रेस की खराब होंगी। भाजपा की रेणु शर्मा, हजकां के कुलदीप भांभु और बसपा के प्रीत मोहिंदर का चुनाव यहां चर्चा में भी दिखाई नहीं पड़ रहा है। यह अलग बात है कि पोस्टरबाजी में भाजपा की रेणु इनेलो के अजय चौटाला और कांग्रेस के केवी सिंह को छोड़कर बाकी प्रत्याशियों में कहीं आगे हैं। डबवाली में अगर डंका है तो इनेलो का। बाकी दलों में दूसरे नंबर पर आने की होड़ मची है।

देश की सबसे अमीर महिला पड़ रहीं प्रतिद्वंद्वियों पर भारी!



देश की सबसे अमीर महिला एवं भू-राजस्व मंत्री सावित्री जिंदल हिसार के चुनावी समर में अपने प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों पर भारी पड़ रही हैं। धुआंधार चुनाव प्रचार की कमी के बावजूद सावित्री जिंदल के विरोधी उम्मीदवार उनकी राह में रोड़ा नहीं अटका पा रहे हैं। इसकी प्रमुख वजह सावित्री जिंदल के समक्ष हेवीवेट प्रत्याशियों की कमी को माना जा रहा है। भू-राजस्व मंत्री सावित्री जिंदल कुरुक्षेत्र के कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल की माता और पूर्व मंत्री स्व. ओमप्रकाश जिंदल की धर्मपत्‍‌नी हैं। ओमप्रकाश जिंदल के देहावसन के बाद सावित्री ने राजनीति में पदार्पण किया और रिकार्ड मतों से उपचुनाव जीता। इस बार भी सावित्री जिंदल कांग्रेस के टिकट पर हिसार के चुनावी समर में हैं। हजकां ने यहां से पार्षद रामनिवास राड़ा, इनेलो ने नगर परिषद के पूर्व प्रधान हनुमान ऐरन, भाजपा ने जिला शहरी अध्यक्ष रवि सैनी और बसपा ने राजेंद्र कुमार को चुनाव मैदान में उतारा है। हजकां के रामनिवास राड़ा नगर परिषद अध्यक्ष बिहारी लाल के भाई हैं। बिहारी लाल को जिंदल खेमे का मजबूत साथी माना जाता है। चुनाव प्रचार के लिहाज से हिसार का चुनाव धीरे-धीरे गति पकड़ रहा है। प्रमुख स्थानों पर चुनाव कार्यालय खोल दिए गए हैं और बाजारों में जनसभाओं का दौर आरंभ हो गया है। कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री जिंदल के पार्टी दफ्तरों में हालांकि भीड़ दिखाई दे रही है, लेकिन चुनाव प्रचार में इनेलो के हनुमान ऐरन और हजकां के रामनिवास राड़ा उनसे कहीं आगे हैं। हिसार में सीवरेज, सड़क, बिजली और पानी के मुद्दों को यदि नजर अंदाज कर दिया जाए तो मतदाता प्रत्याशी की छवि के आधार पर कोई फैसला लेने को तैयार बैठे हैं। मैयड़ गांव के सुखबीर सिंह और रायपुर के राजबीर सिंह की मानें तो पूर्व मंत्री हरि सिंह सैनी के कांग्रेस में शामिल होने का लाभ पार्टी को मिलेगा। पूर्व इनेलो की राज्यसभा सदस्य स्व. सुमित्रा महाजन के राजनीतिक खेमे से कोई मजबूत उम्मीदवार खड़ा नहीं होने का फायदा भी कांग्रेस को मिल सकता है। सुमित्रा महाजन पूर्व विधायक ओमप्रकाश महाजन की धर्मपत्‍‌नी थी। हरि सिंह सैनी और महाजन दो नेता ऐसे हैं, जिनका हिसार की राजनीति में अच्छा खासा हस्तक्षेप रहा है। इनेलो के हनुमान ऐरन को हिसार में व्यापारियों का काफी समर्थन मिल रहा है, लेकिन मजबूत प्रत्याशी के अभाव में हिसार पंजाबी बाहुल्य सीट होने के बावजूद संशय की स्थिति में है। धांसू के जसविंद्र सिंह और तलवंडी राणा के उमेश प्रसाद के अनुसार हजकां उम्मीदवार हिसार में कांग्रेस को अच्छी टक्कर दे सकता था।

भजन की विरासत बढ़ा पाएंगे कुलदीप?


शुक्रवार का दिन। शाम के करीब सात बजे होंगे। मैं जैसे ही काली रावण गांव पहुंचा तो चौपाल पर बैठे कुछ लोग चुनाव की चर्चा में मशगूल दिखाई पड़े। इनमें कुछ दिहाड़ीदार थे तो कुछ चौधरी से दिखने वाले। सूबे सिंह हाल ही में हिसार से आदमपुर लौटा है। जलेबियों का लिफाफा उसके साथ में हैं। वह अपने घर भी नहीं गया और शामिल हो गया चुनाव की चर्चा में। मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के विकास के दावे से बात आरंभ हुई। जलेबी मुंह में रखते हुए मनबीर बोला, भाई..जलेबी बड़ी करारी है..आदमपुर तो चौधरी साहब का गढ़ है। इसमें सेंध लगाना इतना आसान नहीं है। आदमपुर का कोई परिवार ऐसा नहीं, जिस पर भजनलाल का अहसान न हो। अब चौधरी के अहसान का बदला चुकाने का समय आ गया है। सूबे सिंह ने बात आगे बढ़ाई। वह बोला, चौधरी की सेहत ठीक नहीं रहती। इसीलिए उन्होंने अपने बेटे कुलदीप को इस बार का चुनाव लड़वाया है। चुनाव के बाद कुछ चक्कर चला तो ठाठ उसी के होंगे। टक्कर तो कांग्रेस वाला जयप्रकाश (जेपी) भी खूब देगा, लेकिन भजनलाल परिवार का बाल भी बांका नहीं होगा। सदलपुर के राजबीर और कौली गांव के सुमेर चंद की मानें तो आदमपुर में कुलदीप बिश्नोई के परिवार की हुकूमत चलती हैं। इस हलके के लोगों ने अभी तक 12 चुनाव देखे हैं। इनमें दो उपचुनाव भी शामिल हैं। राजबीर बोला, 1986 में जब ताऊ देवीलाल के नाम की आंधी थी, उस समय भजनलाल ने आदमपुर से रिकार्ड जीत हासिल की थी। 1998 के उपचुनाव में कुलदीप बिश्नोई ने आदमपुर से 20 हजार और 2008 के उपचुनाव में भजनलाल ने 27 हजार मतों से जीत हासिल कर दूसरे दलों के लिए तमाम संभावनाएं खत्म कर दी हैं। धांसू गांव का प्रताप बोला, हुड्डा के सारे काम ठीक हैं। आदमी भी बढि़या है, लेकिन लोन माफ करने में थोड़ी गड़बड़ हो गई। प्रताप के मुताबिक कर्ज माफी योजना का लाभ उन लोगों को मिला जो डिफाल्टर हैं। जिन लोगों को लाभ चाहिए था, वह उससे वंचित रह गए। प्रताप ने चर्चा आगे बढ़ाई, बोला..इस बार के चुनाव में कोई मुद्दा नहीं है। बस हुड्डा ही मुद्दा है। लोग चाहते हैं कि हुड्डा की सरकार आए और बरवाला वाला जेपी भी यूं ही आगे बढ़ता जाए। खारिया के शमशेर सिंह और सीसवाल के रणदीप की राय कुछ अलग तरह की है। इनमें एक मास्टर है तो दूसरा सरकारी कर्मचारी। दोनों बोले, पूरे हरियाणा में सरकार चाहे किसी की भी आए, लेकिन आदमपुर में डंका कुलदीप का ही बाजैगा। धांसू के प्रताप को शमशेर की राय से थोड़ी तकलीफ हुई। वह बोला, चश्मे वाला राजेश गोदारा भी कमजोर नहीं है। वह भी कुलदीप को टक्कर देगा। जेपी भी मजबूत है। कुछ वोट कमल के फूल वाला पवन खारिया और कुछ हाथी वाला राजेश प्रजापत भी काटेगा। फिर..इलैक्शन इतना आसान कहां से रहा। खैरमपुर के सुदेश प्रजापत और दड़ौली के रामप्रताप सिंह की राय में आदमपुर के लिए जेपी नए कंडीडेट हैं। उन्हें बरवाला में टिकट नहीं मिला तो आदमपुर आ गए। नलवा की ही बात ले लो, वहां कुलदीप की मां जसमा देवी का इलैक्शन एकतरफा है। आदमपुर के 26 गांव नलवा में आ गए और 22 गांव बवानीखेड़ा के चले गए। ऐसे में आदमपुर में कुलदीप और नलवा में उनकी मां जसमा देवी के लिए कतई मुश्किल नहीं है। बालसमंद का जोगेंद्र बोला, भई, नलवा में कांग्रेस के प्रो. संपत का इलेक्शन भी जोर पकड़ रहा है। आने वाले दिनों में क्या रहेगा, अभी कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन इतना जरूर मानना पड़ेगा, आदमपुर में कुलदीप व जेपी और नलवा में जसमा व संपत में कांटे की टक्कर है।

फ्लैक्स बोर्ड व टैक्सियों का काम ठंडा



सिरसा,( डॉ सुखपाल सावंत खेडा)-
एक जमाना था जब चुनाव नजदीक आते ही जहां हर तरफ रौनक दिखाई देती वहीं शहर चुनाव प्रचार सामग्री से रंगीन हो जाता था और महीनों तक टैक्सी स्टेडों पर गाड़ियां उपलब्ध नहीं होती थी। मगर चुनाव आयोग के डंडे के चलते अब न तो शहर में चुनावी चहल पहल नजर आ रही है और न ही टैक्सी स्टेडों पर गाड़ियों की मारामारी है। शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र में यदि हम जाकर देखें तो चुनावों के दिन नहीं लगते। चुनाव आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता के नाम से जो उम्मीदवारों पर शिकंजा कसा है उसके चलते सभी उम्मीदवार अपनी चमड़ी बजाने की कोशिश में है। पहले जब चुनाव आते थे तो फ्लैक्स बोर्ड से शहर सज जाता था मगर अब चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित स्थान पर ही 10-15 होर्डिग लगे हुए है। फ्लैक्स बोर्ड बनाने वाले ओंकार एडवरजाइजर के संचालक कुलदीप सिंह से जब बातचीत की गई तो उसने बताया कि पूर्व के चुनाव में उन्हे एक महीने पूर्व ही इतना काम मिल जाता था कि चुनाव के दौरान उन्हे अतिरिक्त स्टाफ की व्यवस्था करनी पड़ती थी लेकिन अब चुनाव आयोग के डंडे के चलते उनका काम मात्र पांच-सात प्रतिशत ही शेष बचा है। उन्होंने बताया कि जो नियमित रूप से काम करने वाले लड़के भी फुर्सत में बैठे है। उन्होंने कहा कि हर वर्ष दीपावली के पर्व पर उनका काम काफी बढ़ जाता है मगर इस बार हर कोई व्यवसायी अपने व्यवसाय को चुनावों के साथ जोड़ते हुए फ्लैक्स बोर्ड बनवाने में परहेज कर रहा है। उन्होंने बताया कि पहले तो नेताओं के साथ-साथ कार्यकर्ता भी अपने घरों पर व सार्वजनिक स्थानों पर फ्लैक्स बोर्ड लगवाते थे मगर उनका बोर्ड भी उम्मीदवार के खाते में गिने जाने के कारण कार्यकर्ताओं ने फ्लैक्स बोर्ड बनवाने बंद कर दिए है। इसके अलावा शहर स्थित साई फ्लैक्स, गणपति फ्लैक्स, सुरेद्रा फ्लैक्स, सिडाना फ्लैक्स व पंकज फ्लैक्स सभी का काम चुनाव प्रचार के चलते भी गर्मी नहीं पकड़ पाया है। इसी प्रकार सिरसा नगर के टाउन पार्क टैक्सी स्टेड, हाथी पार्क टैक्सी स्टेड, गुरु तेग बहादुर मार्केट टैक्सी स्टेड, डबवाली रोड स्थित टैक्सी स्टेड पर चुनाव प्रचार के चलते भी गाड़ियों की बुकिंग नहीं हो रही है। सिरसा के सभी टैक्सी स्टेडों पर चलने वाली लगभग 300 टैक्सियों में से करीब डेढ़ दर्जन टैक्सियां ही चुनाव प्रचार में लगी हुई है। टैक्सी ड्राइवर राजकुमार, मांगू राम, कृष्ण कुमार, ब्रह्मदास आदि ने बताया कि इस समय टैक्सी स्टेड से सूमो गाड़ी 800 रुपये, बुलेरो तथा स्कार्पियो 1100, जाइलो तथा इनोवा 1500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मिलती है लेकिन चुनाव प्रचार के लिए उम्मीदवारों द्वारा इस किराये पर 24 घंटे के लिए गाड़ी किराये पर बुक कराई जाती है। उन्होंने बताया कि वे अपनी गाड़ियों की दिहाड़ी 12 घंटे के हिसाब से गिनती है मगर उम्मीदवार उन्हे 24 घंटे के लिए एक दिहाड़ी देते है इसलिए वे चुनाव प्रचार में गाड़ियां लगाने के लिए खुश नहीं है। उनका कहना है कि कई दफा चुनाव हारने के बाद उम्मीदवार द्वारा उनकी दिहाड़ी देने पर भी आनाकानी की जाती है। उन्होंने बताया कि पहले चुनाव प्रचार के लिए उम्मीदवारों द्वारा एक माह पूर्व ही गाड़ियां बुक करने के लिए टैक्सी स्टेडों पर संपर्क किया जाता था मगर अब चुनाव आयोग द्वारा प्रचार के लिए टैक्सी लगाने के लिए मंजूरी लेने की प्रक्रिया के कारण उम्मीदवारों में भी गाड़ियां किराये पर लगाने के लिए उदासीनता बरती जा रही है। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में अधिकतर कार्यकर्ताओं के पास अपनी गाड़ियां है और वे अपने प्रत्याशी के प्रचार के लिए स्वयं की गाड़ी प्रयोग करते है इसलिए भी प्रचार के लिए किराये की गाड़ियों की जरूरत कम महसूस की जा रही है।

हथियार लेकर घूमने पर होगी कड़ी



ऐलनाबाद( डॉ सुखपाल सावंत खेडा)-
आगामी 13 अक्टूबर को विधानसभा के लिए होने वाले चुनावों के मद्देनजर क्षेत्र में धारा 144 जारी है, ताकि आम चुनाव शातिपूर्वक, स्वतंत्र, निष्पक्ष तथा सुव्यवस्थित ढग से संपन्न हो सके। धारा 144 का उल्लंघन कोई भी न कर पाए, इसके लिए व्यवस्था के व्यापक बंदोबस्त किए गए है। बावजूद इसके अगर किसी को धारा का उल्लंघन करते पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। यह बात शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में एसडीएम मनजीत सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि ऐलनाबाद के अधीन आने वाले सभी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के मतदाता बिना किसी आतंक व भय के अपने संवैधानिक मताधिकार का प्रयोग कर सके, इसके लिए शाति एवं कानून व्यवस्था सुनिश्चित किया जाना नितात आवश्यक है। उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग से प्राप्त निर्देशों एवं उक्त सभी परिस्थितियों के मद्देनजर धारा 144 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग किया गया है। उन्होंने निर्देशित किया कि इस अवधि के दौरान कोई भी व्यक्ति क्षेत्र की राजस्व सीमा के भीतर अपने पास विस्फोटक पदार्थ, आग्नेय शस्त्र जैसे रिवाल्वर, पिस्तौल, राइफल, बंदूक, एमएल गन व अन्य हथियार जैसे गंडासा, फरसा, तलवार, भाला, चाकू, छुरी, बरछी, गुप्ती, खुखरी, बल्लभ, कटार, धारिया, बघनखा, शेरपंजा, किसी धातु से शस्त्र के रूप में बने मोटे घातक हथियार, लाठी आदि को सार्वजनिक स्थलों पर लेकर नहीं घूमेगा, न ही प्रदर्शन करेगा और न ही साथ लेकर चलेगा, परतु वे व्यक्ति जो नि:शक्त अथवा अतिवृद्ध है एवं लाठी के सहारे के बिना नहीं चल सकते है वे लाठी का प्रयोग करने के लिए स्वतंत्र रहेगे। सिख समुदाय के व्यक्तियों को उनकी धार्मिक परपरा के अनुसार नियमान्तर्गत निर्धारित कृपाण रखने की छूट रहेगी। इसी प्रकार कोई भी व्यक्ति साप्रदायिक सद्भावना को ठेस पहुंचाने वाले नारे नहीं लगाएगा, न ही भाषण, उद्बोधन देगा, न ही ऐसे पंपलेट, पोस्टर, चुनाव सामग्री छपवाएगा, छापेगा, वितरण करेगा या वितरित करवाएगा, न ही ऐसे आडियो, विडियो कैसेट के माध्यम से किसी प्रकार का प्रचार-प्रसार करेगा या करवाएगा। यह आदेश पर्वो के दौरान पुलिस स्वीकृति के तहत आयोजित धार्मिक समारोह, जुलूसों व कार्यक्रमों पर लागू नहीं होगा। कोई भी व्यक्ति उपखंड मजिस्ट्रेट या कार्यपालक मजिस्ट्रेट की लिखित पूर्व अनुमति के बिना जुलूस, सभा एवं सामाजिक बैठक का आयोजन नहीं कर सकेगा, परतु यह प्रतिबंध विवाह समारोह, शवयात्रा पर लागू नहीं होगा। कोई भी व्यक्ति उपखंड मजिस्ट्रेट या कार्यपालक मजिस्ट्रेट की पूर्व अनुमति के बिना लाउडस्पीकर, रेडियो, एंपलीफायर, टेप अथवा अन्य ध्वनि प्रसारक यंत्रों का उपयोग नहीं कर सकेगा ।

कांग्रेस व इनेलो आमने-सामने:



( डॉ सुखपाल सावंत खेडा)-
हरियाणा में विकास व जनहित के मुद्दों पर कांग्रेस और इनेलो आमने-सामने आ गई हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की विकास व जनहित के अन्य मुद्दों पर खुली बहस की चुनौती इंडियन नेशनल लोकदल ने स्वीकार कर ली है। हुड्डा ने कल वीरवार को कैथल जिला के पंुडरी विधानसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्षी दलों को विकास व अन्य मुद्दों पर खुली बहस करने की चुनौती दी थी। हुड्डा ने दावा किया था कि शिक्षा, दलित कल्याण, रोजगार, सड़क व बिजली के मुद्दे पर जितना काम हमारी सरकार ने किया है, उतना पहले किसी सरकार ने नहीं किया। इसके लिए विपक्षी दल बेशक उनसे खुली बहस कर लें। इंडियन नेशनल लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव अजय सिंह चौटाला ने शुक्रवार को हुड्डा की चुनौती को स्वीकार करते हुए कहा कि वह विकास व प्रदेश हित के अन्य मामलों पर हुड्डा से खुली बहस को तैयार हैं। यहां जारी अपने बयान में अजय ने कहा कि वह हुड्डा से किसी भी टेलीविजन कार्यक्रम, प्रेस क्लब या खुले मंच पर इनेलो के पांच साल बनाम कांग्रेस के साढे़ चाल साल के कामों पर बहस करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि इस साल जनवरी महीने में मैंने जनाक्रोश यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री हुड्डा के समक्ष सरकार के कारनामों के संबंध में कई सवाल उठाए थे पर हुड्डा ने एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया। अजय ने कहा कि कांग्रेस कभी भी अपने वायदों पर खरी नहीं उतरी। सत्ता में आने से पूर्व कांग्रेस ने जो वायदे किए थे, उनको पूरा नहीं किया। दस लाख युवकों को रोजगार देने का जो वादा कांग्रेस ने किया था, वह तो पूरा नहीं किया बल्कि छंटनी के नाम पर हजारों युवकों को नौकरियों से निकाल दिया। महंगाई को अपनी चरम सीमा पर पहंुचा दिया। प्रदेश की जनता पेयजल व बिजली के भारी संकट से गुजर रही है। न तो पीने के लिए पानी है और न ही बिजली की उचित व्यवस्था। चौटाला ने कहा कि कांग्रेस हरियाणा को विकास में नंबर वन बताकर राग अलाप रही है और इस बात के प्रचार में पिछले दिनों जनता के खून पसीने की कमाई भी लुटा बैठी है। लेकिन असलियत यह है कि कांग्रेस ने हरियाणा को अपराध, भ्रष्टाचार, महंगाई, लूटपाट, चोरी, हत्या आदि में नंबर वन बनाया है।

SHARE ME

IMPORTANT -------- ATTENTION ---- PLEASE

-----------------------------------"यंग फ्लेम" परिवार में आपका हार्दिक स्वागत है। "यंग फ्लेम" परिवार आपका अपना परिवार है इसमें आप अपनी गजलें, कविताएं, लेख, समाचार नि:शुल्क प्रकाशित करवा सकते है तथा विज्ञापन का प्रचार कम से कम शुल्क में संपूर्ण विश्व में करवा सकते है। हर प्रकार के लेख, गजलें, कविताएं, समाचार, विज्ञापन प्रकाशित करवाने हेतु आप 093154-82080 पर संपर्क करे सकते है।-----------------------------------------------------------------------------------------IF YOU WANT TO SHOW ANY KIND OF VIDEO/ADVT PROMOTION ON THIS WEBSITE THEN CONTACT US SOON.09315482080------

SITE---TRACKER


web site statistics

ब्लॉग आर्काइव

  © template Web by thepressreporter.com 2009

Back to TOP