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शुक्रवार, 9 जुलाई 2010

सिविल हस्पताल में डाक्टरों की कमी व जन सुविधाओं के अभाव को लेकर रोष प्रदर्शन

डबवाली- कम्युनिस्ट पार्टी के स्थानीय नेता कामरेड गणपत राम तथा अखिल भारतीय बाल्मीकि न्याय मंच के प्रतिनिधि सुरेश गोगा के संयुक्त नेतृत्व में आज दलित समाज के लोगों ने स्थानीय सिविल हस्पताल में डाक्टरों की कमी व जन सुविधाओं के अभाव को लेकर रोष प्रदर्शन किया तथा हस्पताल परिसर में धरना दिया। धरने का नेतृत्व कर रहे का. गणपत राम ने बताया कि हस्पताल में पूरी तरह अव्यवस्था फैली हुई है। हस्पताल में न तो कोई चिकित्सक है और न ही कोई चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी। जिसके चलते किसी भी रोगी का स्वस्थ होना मुश्किल है। उन्होंने हस्पताल के एसएमओ डॉ. विनोद महिपाल से मांग की कि जल्द ही चिकित्सकों तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को नियुक्त किया जाऐ ताकि हस्पताल में आने वाले रोगियों का सही तथा उचित उपचार हो सके। एसएमओ डॉ. विनोद महिपाल ने धरने पर बैठे लोगों को आश्वासन दिया कि उन्होंने चिकित्सकों तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती के लिए अपने उच्चाधिकारियों को लिखित में अवगत करवाया है तथा जल्द ही हस्पताल में रिक्त पड़े विभिन्न पदों पर नियुक्तियां करवा दी जाऐंगी।

लोहगढ़ हैड पर राजस्थान कनाल नहर की ईंटें खिसकने नहर टूटने का खत्तरा मण्डराने लगा

डबवाली- हरियाणा तथा पंजाब प्रदेश में आई बाढ़ से लोगों में हाहाकार मचा हुआ है। हांसी-बुटाना घग्घर नदी आई दरारों से अभी खत्तरा टला ही नहीं था कि उपमण्डल के गांव लोहगढ़ हैड पर राजस्थान कनाल नहर की ईंटें खिसकने से 20 से 25 फुट लम्बे तथा 10 से 15 फुट गहरे गढे बनने से कभी भी नहर टूटने का खत्तरा मण्डराने लगा है। जिसके चलते नहर के साथ स्थित ढाणियों के ग्रामीणों में भय का माहौल पाया जा रहा है। गांव लोहगढ़ के सरपंच नछत्तर सिंह, ब्लॉक समिति के सदस्य गुरप्रीत सिंह, लखवीर सिंह, सुखेदव सिंह, सुखदर्शन सिंह, कुलदीप सिंह, बलकरण सिंह सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि नहर की ईंटें खिसकने व गढों को लेकर ङ्क्षसचाई विभाग गिद्दड़वाह के उच्चाधिकारियों को कई बार शिकायतें दी जा चुकी हैं। लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि विभागीय अधिकारियों द्वारा रिपेयर के नाम पर आनन-फानन में मिट्टी के गट्टे दरारों में भरवाकर चले जाते हैं। जो पानी के तेज बहाव में बह जाते हैं। परन्तु नियमानुसार नहर की रिपेयर नहीं की जाती। ग्रामीणों ने बताया कि इस वर्ष की शुरूआत में जनवरी से मार्च तक रिपेयर करने को लेकर नहरबन्दी की गई थी परन्तु रिपेयर के नाम पर एक भी ईंट नहीं लगाई गई। गांव के सरपंच नछत्तर ङ्क्षसह ने बताया कि नहर के साथ स्थित ढाणी हजारां सिंह वाली के निवासी ग्रामीण दिन-रात भय के माहौल में सांस ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब प्रदेश द्वारा बाढ़ का पानी राजस्थान कनाल में छोड़ देने से पानी का उफान अपने पूरे यौवन पर है। उन्होंने आशंका जताई की बरसात के बाद पानी का स्तर ओर अधिक बढऩे से नहर कभी भी टूट सकती है। जिसके फलस्वरूप साथ लगते गांव लोहगढ़ के साथ - साथ जोतांवाली, सकता खेड़ा, मुन्नावाली तथा ढाणियों के अतिरिक्त 5 किलोमीटर के एरिया तक रेलवे लाईन को भी खत्तरा हो सकता है। ग्रामीणों ने बताया कि ङ्क्षसचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा उनकी इस समस्या के प्रति ध्यान न दिया गया तो वह शीघ्र ही पंजाब प्रदेश के मुख्यमन्त्री प्रकाश सिंह बादल से मुलाकात करेंगे। इस बारे में सम्बन्धित विभाग के जेई सुखचरण सिंह के मोबाईल नम्बर 98147-00710 पर सम्पर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है तथा वह शीघ्र ही लोहगढ़ का दौरा करेंगे।

छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाईयों के मालिकों को अपने उद्योगों के एफ्यूलैंट ट्रीटमेंट प्लांटों का स्तर बढ़ाने के निर्देश

सिरसा,9 जुलाई -प्रदेश के पर्यावरण विभाग द्वारा सभी छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाईयों के मालिकों को अपने उद्योगों में पर्याप्त क्षमता के एफ्यूलैंट ट्रीटमेंट प्लांटों का स्तर बढ़ाने के निर्देश दिए गए है। यदि किसी उद्योग में विभाग के मापदंडों के अनुसार ट्रीटमेंट प्लांट नहीं पाए जाते तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। यह बात प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड हरियाणा के चेयरमैन डा. ए.एस चहल ने आज सिरसा जिला के बकरियांवाली कचरा प्रबंधन प्लांट में दौरा करने के पश्चात स्थानीय लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में पत्रकारों से कही। उनके इस दौरे में उनके साथ पर्यावरण विभाग के वित्तायुक्त श्री जी. प्रसन्ना कुमार, उपायुक्त श्री सी.जी रजिनीकांथन प्रशासनिक अधिकारी व पर्यावरण विभाग अधिकारी भी थे।
उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा औद्योगिक इकाईयों में औचक निरीक्षण किया जा रहा है। जो भी औद्योगिक इकाईयां प्रदूषण नियंत्रण के मापदंडों में खरा नहीं उतर रही उनके खिलाफ कार्यवाही की जा रही है ओर नोटिस दिए जा रहे है। प्रदेश में औद्योगिक वेस्ट के अलावा प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण शहरों और कस्बों से निकलने वाला कूड़ा कचरा है। विभाग द्वारा राज्य स्तर पर निर्णय लिया गया है कि प्रदेश के सभी शहरों में कचरा प्रबंधन प्लांट स्थापित किए जाएंगे। अभी तक हरियाणा के सिरसा और अंबाला शहर में कचरा प्रबंधन प्लांट स्थापित किए जा चुके है। प्रदेश के अधिकतर शहरों व कस्बों में कचरा प्रबंधन प्लांट स्थापित करने की प्रक्रिया शुरु है। कई शहरों में इसके लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य कर लिया गया है। इसके साथ-साथ शहरों में सीवरेज का पानी भी प्रदूषण का एक कारण है। इस पानी को ट्रीट करके खेती योग्य बनाने व अन्य कार्यों में प्रयोग लाने के लिए सभी शहरों में राज्य स्तर पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगवाने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने बताया कि शहरों में स्थापित अस्पतालों, पैथोलॉजिकल लैब व अन्य स्थानों से निकलने वाले बायोमैडीकल गैस के डिस्पोजल के लिए भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कुछ पार्टियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया गया है। इन पार्टियों द्वारा बायोमैडीकल वेस्ट का डिस्पोजल सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों, नर्सिंग होम इत्यादि को निर्देश दिए गए है कि वे 31 जुलाई तक अपने-अपने प्रतिष्ठानों में बायोमैडीकल वेस्ट स्टोर करने के लिए इंतजाम करे। यदि कोई संस्थान या प्रतिष्ठान इन मापदंडों पर खरा नहीं उतरेगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
श्री चहल ने बताया कि प्रदेश में पेंट, रंग रोगन की फैक्टरियों से निकलने वाले वेस्ट के प्रबंधन के लिए विभाग द्वारा हेम्स नामक कंपनी से समझौता किया गया है। यह कंपनी फरीदाबाद जिले के पाली गांव में हजर्ड देश प्लांट लगाएगी। इस प्रकार के वेस्ट को अप्रभावित करके जमीन के अंदर दबाया जाएगा और उस जमीन के ऊपर पार्क जैसी जगह विकसित की जाएगी। इसके साथ-साथ हरियाणा में पॉलीथीन के प्रयोग पर भी रोक लगाई हुई है। कोई भी व्यक्ति चालीस माइक्रो से कम पॉलीथीन का प्रयोग न तो कर सकता है और न ही उसका उत्पादन कर सकता है। इसके साथ-साथ चालीस माइक्रो से अधिक के पॉलीथीन का साईज भी 12 318 इंच से छोटा नहीं होना चाहिए। पॉलीथीन के प्रयोग पर विभाग द्वारा पूरी सख्ताई बरती जा रही है। प्रदेश में विभागीय मापदंडों के खिलाफ पॉलीथीन का प्रयोग करने पर 800 से भी अधिक लोगों के चालान किए जा चुके है। सिरसा जिला में तीन दर्जन से भी अधिक लोगों के चालान किए गए है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन के साथ सिरसा जिले के बकरियांवाली स्थित कचरा प्रबंधन प्लांट का दौरा किया और प्लांट का कार्य देख रही कंपनी के अधिकारियों से कहा कि वे विभिन्न प्रकार के कचरे की छिटाई करके खाद तैयार करे, तभी उनकी खाद की बिक्री हो पाएगी। उन्होंने कहा कि इस प्लांट में कुछ कमियां पाई गई। इसीलिए अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे इसे शीघ्र दुरुस्त करवाए जिससे आसपास के क्षेत्र में किसी प्रकार का प्रदूषण न फैले। प्रदूषण की समस्या को लेकर स्थानीय बकरियांवाली गांव के किसानों ने भी अपनी शिकायत उनके सामने रखी। उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी समस्या का शीघ्र समाधान किया जाएगा। उन्होंने आज स्थानीय मिल्क प्लांट और जगदंबा पेपर मील का दौरा कर निरीक्षण किया।

छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाईयों के मालिकों को अपने उद्योगों के एफ्यूलैंट ट्रीटमेंट प्लांटों का स्तर बढ़ाने के निर्देश

सिरसा,9 जुलाई -प्रदेश के पर्यावरण विभाग द्वारा सभी छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाईयों के मालिकों को अपने उद्योगों में पर्याप्त क्षमता के एफ्यूलैंट ट्रीटमेंट प्लांटों का स्तर बढ़ाने के निर्देश दिए गए है। यदि किसी उद्योग में विभाग के मापदंडों के अनुसार ट्रीटमेंट प्लांट नहीं पाए जाते तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। यह बात प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड हरियाणा के चेयरमैन डा. ए.एस चहल ने आज सिरसा जिला के बकरियांवाली कचरा प्रबंधन प्लांट में दौरा करने के पश्चात स्थानीय लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में पत्रकारों से कही। उनके इस दौरे में उनके साथ पर्यावरण विभाग के वित्तायुक्त श्री जी. प्रसन्ना कुमार, उपायुक्त श्री सी.जी रजिनीकांथन प्रशासनिक अधिकारी व पर्यावरण विभाग अधिकारी भी थे।
उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा औद्योगिक इकाईयों में औचक निरीक्षण किया जा रहा है। जो भी औद्योगिक इकाईयां प्रदूषण नियंत्रण के मापदंडों में खरा नहीं उतर रही उनके खिलाफ कार्यवाही की जा रही है ओर नोटिस दिए जा रहे है। प्रदेश में औद्योगिक वेस्ट के अलावा प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण शहरों और कस्बों से निकलने वाला कूड़ा कचरा है। विभाग द्वारा राज्य स्तर पर निर्णय लिया गया है कि प्रदेश के सभी शहरों में कचरा प्रबंधन प्लांट स्थापित किए जाएंगे। अभी तक हरियाणा के सिरसा और अंबाला शहर में कचरा प्रबंधन प्लांट स्थापित किए जा चुके है। प्रदेश के अधिकतर शहरों व कस्बों में कचरा प्रबंधन प्लांट स्थापित करने की प्रक्रिया शुरु है। कई शहरों में इसके लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य कर लिया गया है। इसके साथ-साथ शहरों में सीवरेज का पानी भी प्रदूषण का एक कारण है। इस पानी को ट्रीट करके खेती योग्य बनाने व अन्य कार्यों में प्रयोग लाने के लिए सभी शहरों में राज्य स्तर पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगवाने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने बताया कि शहरों में स्थापित अस्पतालों, पैथोलॉजिकल लैब व अन्य स्थानों से निकलने वाले बायोमैडीकल गैस के डिस्पोजल के लिए भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कुछ पार्टियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया गया है। इन पार्टियों द्वारा बायोमैडीकल वेस्ट का डिस्पोजल सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों, नर्सिंग होम इत्यादि को निर्देश दिए गए है कि वे 31 जुलाई तक अपने-अपने प्रतिष्ठानों में बायोमैडीकल वेस्ट स्टोर करने के लिए इंतजाम करे। यदि कोई संस्थान या प्रतिष्ठान इन मापदंडों पर खरा नहीं उतरेगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
श्री चहल ने बताया कि प्रदेश में पेंट, रंग रोगन की फैक्टरियों से निकलने वाले वेस्ट के प्रबंधन के लिए विभाग द्वारा हेम्स नामक कंपनी से समझौता किया गया है। यह कंपनी फरीदाबाद जिले के पाली गांव में हजर्ड देश प्लांट लगाएगी। इस प्रकार के वेस्ट को अप्रभावित करके जमीन के अंदर दबाया जाएगा और उस जमीन के ऊपर पार्क जैसी जगह विकसित की जाएगी। इसके साथ-साथ हरियाणा में पॉलीथीन के प्रयोग पर भी रोक लगाई हुई है। कोई भी व्यक्ति चालीस माइक्रो से कम पॉलीथीन का प्रयोग न तो कर सकता है और न ही उसका उत्पादन कर सकता है। इसके साथ-साथ चालीस माइक्रो से अधिक के पॉलीथीन का साईज भी 12 318 इंच से छोटा नहीं होना चाहिए। पॉलीथीन के प्रयोग पर विभाग द्वारा पूरी सख्ताई बरती जा रही है। प्रदेश में विभागीय मापदंडों के खिलाफ पॉलीथीन का प्रयोग करने पर 800 से भी अधिक लोगों के चालान किए जा चुके है। सिरसा जिला में तीन दर्जन से भी अधिक लोगों के चालान किए गए है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन के साथ सिरसा जिले के बकरियांवाली स्थित कचरा प्रबंधन प्लांट का दौरा किया और प्लांट का कार्य देख रही कंपनी के अधिकारियों से कहा कि वे विभिन्न प्रकार के कचरे की छिटाई करके खाद तैयार करे, तभी उनकी खाद की बिक्री हो पाएगी। उन्होंने कहा कि इस प्लांट में कुछ कमियां पाई गई। इसीलिए अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे इसे शीघ्र दुरुस्त करवाए जिससे आसपास के क्षेत्र में किसी प्रकार का प्रदूषण न फैले। प्रदूषण की समस्या को लेकर स्थानीय बकरियांवाली गांव के किसानों ने भी अपनी शिकायत उनके सामने रखी। उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी समस्या का शीघ्र समाधान किया जाएगा। उन्होंने आज स्थानीय मिल्क प्लांट और जगदंबा पेपर मील का दौरा कर निरीक्षण किया।

सिरसा जिला में 15 अरब 23 करोड़ 47 लाख 29 हजार रुपए के ऋण दिए गए

सिरसा,9 जुलाई- सिरसा जिला में विभिन्न राष्ट्रीय कृत एवं कृषि विकास बैंको द्वारा वर्ष 2009-10 के दौरान विभिन्न क्षेत्रों के लिए 15 अरब 23 करोड़ 47 लाख 29 हजार रुपए के ऋण दिए गए, जबकि बैंकों द्वारा 13 अरब 28 करोड़ 32 लाख 99 हजार रुपए के ऋण देने का लक्ष्य रखा गया था। इस प्रकार से बैंकों द्वारा अपने लक्ष्य से आगे बढ़कर 112 प्रतिशत की प्राप्ति की है।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त श्री सी.जी रजिनीकांथन ने बताया कि सबसे अधिक ऋण की राशि कृषि के क्षेत्र में प्रदान की गई। इस क्षेत्र में 12 अरब 83 करोड़ 33 लाख 68 हजार रुपए की राशि के ऋण प्रदान किए गए। इस क्षेत्र के लिए ऋण देने का लक्ष्य 11 अरब 57 करोड़ 53 लाख 74 हजार रुपए निर्धारित किया गया था। कृषि के क्षेत्र में 111 प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति की गई। उन्होंने बताया कि सबसे अधिक ऋण जिला स्थित पंजाब नैशनल बैंकों की शाखाओं द्वारा प्रदान किया गया।
उन्होंने बताया कि लघु उद्योग के क्षेत्र में 1 अरब 12 करोड़ 34 लाख रुपए के ऋण दिए गए थे। इस क्षेत्र में 1 अरब 4 करोड़ 74 लाख 89 हजार रुपए के ऋण देने का लक्ष्य रखा गया था। इस प्रकार से इस क्षेत्र में 107 प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति की गई। इसके साथ-साथ जिला में अन्य व्यापारिक गतिविधियां बढ़ाने और रोजगार स्थापित करने के उद्देश्य से भी विभिन्न राष्ट्रीय कृत एवं कृषि बैंकों द्वारा 1 अरब 27 करोड़ 79 लाख 59 हजार रुपए की राशि के ऋण दिए गए। इस प्रकार से इस क्षेत्र में भी 140 प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति की गई।
श्री रजिनीकांथन ने बताया कि जिला में स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार योजना और स्वर्णजयंती शहरी स्वरोजगार योजना के तहत विभिन्न बैंकों द्वारा गत वर्ष के दौरान मार्च के अंत तक 8 करोड़ 20 लाख रुपए की राशि उपलब्ध करवाई गई। स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत 6 करोड़ 20 लाख रुपए और स्वर्णजयंती शहरी स्वरोजगार योजना के तहत 2 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध करवाई गई। स्वर्ण जयंती ग्रामीण स्वरोजगार योजना के तहत बैंकों द्वारा निर्धारित लक्ष्य से दोगुनी राशि इन योजना के तहत उपलबध करवाकर महिलाओं और युवाओं के लिए रोजगार स्थापित करवाए गए।

बच्चों की बहादुरी के लिए अवॉर्ड देने हेतु आवेदन आमंत्रित

सिरसा, 9 जुलाई -प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही इंडियन काउंसिल फॉर चाइल्ड वैलफेयर योजना के तहत बच्चों की बहादुरी के लिए अवॉर्ड देने हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए है जिनकी अंतिम तिथि 30 सितम्बर 2010 है।
यह जानकारी जिला उपायुक्त सी.जी रजिनीकांथन ने देते हुए बताया कि उक्त योजना के तहत उन बहादुर बच्चों को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने बहादुरी के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करते हुए अपनी जान की परवाह न करते हुए दूसरों की रक्षा की हो। ऐसे बच्चों को मैडल, प्रमाण पत्र व नकद राशि देकर सम्मानित किया जाता है।
उन्होंने बताया कि जिन बच्चों की आयु 6 से 18 वर्ष के बीच की हो और उन्होंने किसी खतरे की स्थिति के समय बहादुरी से काम किया हो, ऐसे बच्चों के लिए प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही उक्त योजना के तहत प्रत्येक वर्ष अवार्ड कार्यक्रम आयोजित कर सम्मानित किया जाता है। इस कार्यक्रम में देश के प्रतिष्ठित व्यक्ति शिरकत करते है।
श्री रजिनीकांथन ने बताया कि इस योजना के तहत बहादुर बच्चों को विभिन्न प्रकार के अवार्ड जैसे भारत अवार्ड, गीता चोपड़ा अवार्ड, संजय चोपड़ा अवार्ड, बापू गांधी अवार्ड तथा सामान्य अवार्ड इत्यादि देकर प्रधानमंत्री द्वारा गणतंत्र दिवस के एक दिन के पूर्व सम्मानित किया जाता है। इस योजना के तहत बच्चों द्वारा बहादुरी का कार्य 1 जुलाई 2009 से 30 जून 2010 के बीच के समय सीमा में किया जाना चाहिए तभी वह 2011 के अवार्ड कार्यक्रम के लिए आवेदन कर सकते है। इस आवेदन पत्र में प्रार्थियों को अपने द्वारा किए गए बहादुरी के कार्य की पूर्ण जानकारी 250 शब्दों में लिखकर दस्ती तौर पर देनी होगी। जैसे एफआईआर, सीडी या टेप या किसी समाचार पत्र में आई खबर की कटिंग आदि देनी होगी। आवेदक जिस स्कूल का विद्यार्थी हो उसे स्कूल के प्राध्यापक/प्राचार्य द्वारा आवेदन पत्र सत्यापित करवाना होगा या संंबंधित जिला परिषद के अध्यक्ष/ग्राम सरपंच से करवाया जा सकता है। इसके साथ जिला के उपायुक्त/पुलिस अधीक्षक तथा राज्य बाल कल्याण परिषद से भी सत्यापित करवाना होगा।
उन्होंने बताया कि अवार्ड के लिए बच्चों का चयन भारतीय बाल कल्याण परिषद द्वारा गठित हाई पावर कमेटी द्वारा किया जाता है। इस कमेटी में भारत के राष्ट्रपति के सचिव, उपराष्ट्रपति, मानवीय संसाधन विकास मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास, युवा एवं खेल मंत्रालय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, रेल मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, श्रम मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण विभाग, दूरदर्शन विभाग, पुलिस विभाग सहित कुछ एन.जी.ओ व परिषद के सदस्यों को शामिल किया गया है।

हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश के सभी शहरों में कचरा प्रबंधन प्लांट स्थापित करने का निर्णय

चंडीगढ़,9 जुलाई-हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश के सभी शहरों में कचरा प्रबंधन प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया गया है और अब तक हरियाणा के सिरसा तथा अंबाला शहर में कचरा प्रबंधन प्लांट स्थापित किए जा चुके है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन डॉ0 ए.एस चहल ने आज बताया कि प्रदेश के अधिकतर शहरों व कस्बों में कचरा प्रबंधन संयंत्र स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू है तथा कई शहरों में इसके लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि शहरों में सीवरेज का पानी भी प्रदूषण का एक कारण है। इस पानी को साफ करके खेती योग्य बनाने व अन्य कार्यों में प्रयोग लाने के लिए सभी शहरों में राज्य स्तर पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगवाने का निर्णय लिया गया है।
हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन डॉ0 ए.एस चहल ने आज सिरसा जिला के बकरियांवाली कचरा प्रबंधन संयंत्र का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा औद्योगिक इकाईयों में औचक निरीक्षण किया जा रहा है, जो भी औद्योगिक इकाईयां प्रदूषण नियंत्रण के मापदंडों में खरा नहीं उतर रही उनके खिलाफ कार्यवाही की जा रही है और नोटिस दिए जा रहे है। प्रदेश में औद्योगिक वेस्ट के अलावा प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण शहरों और कस्बों से निकलने वाला कूड़ा कचरा है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सभी छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाईयों के मालिकों को अपने उद्योगों में पर्याप्त क्षमता के एफ्यूलैंट ट्रीटमेंट प्लांटों का स्तर बढ़ाने के निर्देश दिए गए है। यदि किसी उद्योग में विभाग के मापदंडों के अनुसार ट्रीटमेंट प्लांट नहीं पाए जाते तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने बताया कि शहरों में स्थापित अस्पतालों, पैथोलॉजिकल लैब व अन्य स्थानों से निकलने वाले बायोमैडीकल गैस के डिस्पोजल के लिए भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कुछ पार्टियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया गया है। इन पार्टियों द्वारा बायोमैडीकल वेस्ट का डिस्पोजल सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों, नर्सिंग होम इत्यादि को निर्देश दिए गए है कि वे 31 जुलाई तक अपने-अपने प्रतिष्ठानों में बायोमैडीकल वेस्ट स्टोर करने के लिए इंतजाम करें, यदि कोई संस्थान या प्रतिष्ठान इन मापदंडों पर खरा नहीं उतरेगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
श्री चहल ने बताया कि प्रदेश में पेंट, रंग रोगन की फैक्टरियों से निकलने वाले वेस्ट के प्रबंधन के लिए विभाग द्वारा हेम्स नामक कंपनी से समझौता किया गया है। यह कंपनी फरीदाबाद जिले के पाली गांव में हजर्ड देश प्लांट लगाएगी। इस प्रकार के वेस्ट को अप्रभावित करके जमीन के अंदर दबाया जाएगा और उस जमीन के ऊपर पार्क जैसी जगह विकसित की जाएगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा में पॉलीथीन के प्रयोग पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया गया है। पॉलीथीन के प्रयोग पर विभाग द्वारा पूरी सख्ताई बरती जा रही है। प्रदेश में विभागीय मापदंडों के खिलाफ पॉलीथीन का प्रयोग करने पर 800 से भी अधिक लोगों के चालान किए जा चुके है। सिरसा जिला में तीन दर्जन से भी अधिक लोगों के चालान किए गए है।
उन्होंने कचरा प्रबंधन संयंत्र का कार्य देख रही कंपनी के अधिकारियों से कहा कि वे विभिन्न प्रकार के कचरे की छिटाई करके खाद तैयार करे, तभी उनकी खाद की बिक्री हो पाएगी। उन्होंने कहा कि इस प्लांट में कुछ कमियां पाई गई इसीलिए अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे इसे शीघ्र दुरुस्त करवाए जिससे आसपास के क्षेत्र में किसी प्रकार का प्रदूषण न फैले।

श्रीमती सोनिया गांधी ने दूरभाष पर हुड्डा से बाढ़ एवं राहत कार्यों की जानकारी हासिल

चण्डीगढ़-9 जुलाई- संयुक्त प्रगतिशील गठबन्धन की चेयरपर्सन श्रीमती सोनिया गांधी ने आज दूरभाष पर हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा से राज्य के कुछ जिलों में आई बाढ़ एवं राहत कार्यों की जानकारी हासिल की। उन्होंने राज्य में आई इस प्राकृतिक आपदा पर अपनी चिन्ता भी व्यक्त की।
मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने राहत एवं बचाव कार्यों पर निगरानी रखने के लिए अपने मंत्रिमण्डल के सदस्यों को जिम्मेवारी सौंपी है। वित्त, वन एवं पर्यावरण मंत्री कै0 अजय सिंह यादव तथा मुख्य संसदीय सचिव श्री धर्मवीर को कुरूक्षेत्र जिले की, जन स्वास्थ्य अभियान्त्रिकी एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला व मुख्य संसदीय सचिव श्री प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा को कैथल जिले की तथा स्वास्थ्य, शिक्षा एवं समाज कल्याण मंत्री श्रीमती गीता भुक्कल व मुख्य संसदीय सचिव राव दान सिंह को अम्बाला जिले में बाढ़ राहत एवं बचाव कार्यों की देखरेख की जिम्मेवारी सौंपी है।
हरियाणा लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें) विभाग के प्रमुख अभियन्ता श्री महेश कुमार ने आज कहा है कि बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए अम्बाला-कैथल मार्ग की आवश्यक मरम्मत की गई है और आज सायं 7 बजे तक हल्के वाहनों के लिए इसे खोल दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पानी उतरने के बाद 15 दिनों के अन्दर-अन्दर राजमार्ग सड़कों की मरम्मत का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। प्रमुख जिला सड़कों का कार्य एक महीने के अन्दर-अन्दर पूरा किया जाएगा।

शॉपिंग कॉम्पलैक्स में वाणिज्यिक स्थलों की सार्वजनिक नीलामी 3 अगस्त को

चण्डीगढ़-9 जुलाई- हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं ढांचागत विकास निगम द्वारा औद्योगिक मॉडल टाऊनशिप (आईएमटी) मानेसर के सैक्टर-1 के शॉपिंग कॉम्पलैक्स में वाणिज्यिक स्थलों की सार्वजनिक नीलामी 3 अगस्त, 2010 को की जाएगी।
निगम के एक प्रवक्ता ने आज यहाँ इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि इनमें बेसमैंट सहित 14 बूथ व बेसमैंट सहित 10-10 दो-मंजिले व तीन-मंजिले शॉप-कम-ऑफिस के स्थल शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि कानूनी रूप से अधिकार प्राप्त कोई भी व्यक्ति बोली में भाग ले सकता है। इच्छुक पार्टियों को बोली में भाग लेने के लिए अपने नाम के पंजीकरण के समय 2.50 लाख रुपये का बैंक ड्राफ्ट, जो एचएसआईआईडीसी के पक्ष में मानेसर में देय हो, जमा करवाना होगा। असफल बोलीदाताओं की बयाना राशि बोली बन्द होने के बाद वापस लौटा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी के लिए निगम के पंचकूला, आईएमटी मानेसर तथा सी-8, बाबा खडग़सिंह मार्ग, नई दिल्ली कार्यालय में सम्पर्क किया जा सकता है।
क्रमांक-2010


औद्योगिकीय भूखण्डों के आबंटन के लिए आवेदन आमन्त्रित

चण्डीगढ़-9 जुलाई- हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं ढांचागत विकास निगम द्वारा अपनी करनाल, साहा तथा नरवाना औद्योगिक सम्पदाओं में औद्योगिकीय भूखण्डों के आबंटन के लिए आवेदन आमन्त्रित किए हैं।
निगम के एक प्रवक्ता ने आज यहाँ इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ पूर्ण रूप से भरे हुए आवेदन 31 अगस्त, 2010 तक निगम के कार्यालय में पहुँच जाने चाहिएं। उन्होंने बताया कि आवेदन 100 रुपये के नकद भुगतान से निगम के कार्यालय या निगम की वैबसाईट 222.द्धह्यद्बद्बस्रष्.शह्म्द्द से डाऊनलोड किए जा सकते हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि इनमें करनाल में विभिन्न आकार के कुल 54, साहा में 60 तथा नरवाना में 171 प्लॉट होंगे। उन्होंने बताया कि हरियाणा अधिवासी विकलांग श्रेणी के उद्यमकर्ताओं के लिए प्लाटों में दो प्रतिशत तक का आरक्षण होगा। यह आरक्षण उन्हें विकलांग व्यक्तियों (समान अवसर, अधिकार की सुरक्षा और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम-1995 के तहत दिया जायेगा। प्लॉट आबंटन समिति का निर्णय अन्तिम होगा और इसके विरूद्घ कोई अपील नहीं की जा सकेगी। प्लॉटों का आबंटन ''जहाँ है, जैसे हैÓÓ आधार पर किया जाएगा।

बाढ़ से प्रभावित चार जिलों में नियन्त्रण कक्ष स्थापित

चण्डीगढ़,9 जुलाई- हरियाणा सरकार ने प्रदेश के बाढ़ से प्रभावित चार जिलों नामत: अम्बाला, कुरूक्षेत्र, कैथल तथा यमुनानगर में किसी भी प्रकार की सहायता व अन्य जानकारी के लिए सम्बन्धित जिलों के मुख्यालयों में नियन्त्रण कक्ष स्थापित किए हैं।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इनमें अम्बाला जिले के लिए जिला राजस्व अधिकारी को मोबाइल संख्या 8059444007, उपायुक्त आवास 2530401 व 2552200 पर सम्पर्क किया जा सकता है। इसी प्रकार, कुरूक्षेत्र जिले के सम्बन्ध में जिला राजस्व अधिकारी से मोबाइल नं0 94661120965, उपायुक्त कार्यालय से 220271, 220935 व 221035 पर सम्पर्क किया जा सकता है। कैथल उपायुक्त कार्यालय से दूरभाष संख्या 224240, 234528, 222489 तथा यमुनानगर जिले के उपायुक्त कार्यालय से 237801 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
क्रमांक-2010

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