कोलकाता।।ज्योति बसु की लंबे समय तक पड़ोसी रहीं बंगाली लेखिका नबनिता देव सेन का कहना है कि उनकी बच्ची की परीक्षाओं के लिए बसु अपना काफिला रोक देते थे।
देव सेन दक्षिणी कोलकाता के हिंदुस्तान पार्क में सालों तक बसु की पड़ोसी रहीं। बसु की सामान्य जीवनशैली को याद करते हुए सेन ने कहा कि मुख्यमंत्री होते हुए भी उनके पास कभी इंवर्टर नहीं रहा। सेन ने बताया कि गर्मियों में बसु अपनी पत्नी के साथ बरामदे में बैठते थे और बिजली चले जाने पर हाथ के पंखे का उपयोग करते थे। उन्होंने कहा , ' वह एक सिद्धांतवादी व्यक्ति थे। जब सबके पास होता था तब भी उन्होंने एक इंवर्टर नहीं लिया। '
श्रद्धांजलिः आजीवन करते रहे नित जनहित के काम
सेन ने कहा कि वह जन्म से ही बसु की पड़ोसी थीं। सेन का विवाह समारोह बसु के बरामदे में ही संपन्न हुआ। व्यस्त दिनचर्या के बावजूद बसु एक गर्मजोशी और प्यार से मिलने वाले पड़ोसी थे। वह सेन के पारिवारिक समारोहों में हिस्सा लेते थे। उनकी बच्ची को परीक्षा में जाने के लिए देर होने पर अपना काफिला भी रोक देते थे , जिससे बच्ची को स्कूल छोड़ने में सहूलियत हो।
देव सेन दक्षिणी कोलकाता के हिंदुस्तान पार्क में सालों तक बसु की पड़ोसी रहीं। बसु की सामान्य जीवनशैली को याद करते हुए सेन ने कहा कि मुख्यमंत्री होते हुए भी उनके पास कभी इंवर्टर नहीं रहा। सेन ने बताया कि गर्मियों में बसु अपनी पत्नी के साथ बरामदे में बैठते थे और बिजली चले जाने पर हाथ के पंखे का उपयोग करते थे। उन्होंने कहा , ' वह एक सिद्धांतवादी व्यक्ति थे। जब सबके पास होता था तब भी उन्होंने एक इंवर्टर नहीं लिया। '
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सेन ने कहा कि वह जन्म से ही बसु की पड़ोसी थीं। सेन का विवाह समारोह बसु के बरामदे में ही संपन्न हुआ। व्यस्त दिनचर्या के बावजूद बसु एक गर्मजोशी और प्यार से मिलने वाले पड़ोसी थे। वह सेन के पारिवारिक समारोहों में हिस्सा लेते थे। उनकी बच्ची को परीक्षा में जाने के लिए देर होने पर अपना काफिला भी रोक देते थे , जिससे बच्ची को स्कूल छोड़ने में सहूलियत हो।