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शनिवार, 2 जनवरी 2010

..ताकि प्रदेश की सेहत रहे चकाचक!

चंडीगढ़, प्रदेश के जरूरतमंद व्यक्ति को सस्ता सर्जरी पैकेज, मुफ्त दवाइयां, आरोग्य कोष और जननी सुरक्षा योजना का लाभ भले ही बेहतर स्वास्थ्य प्रयासों के साक्षी हैं, लेकिन अब भी बहुत कुछ ऐसा किया जाना बाकी है। और नए साल में इस दिशा में कई योजनाओं के पूरा होने व नए कदम उठाने की उम्मीद है ताकि प्रदेश के लोगों की अच्छी सेहत बन सके। सभी सरकारी अस्पतालों में सीटी स्कैन की सुविधा, राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रत्येक पचास किलोमीटर की दूरी पर ट्रोमा सेंटर और अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी को दूर करना वर्ष 2010 की प्रमुख स्वास्थ्य चुनौतियों में शामिल हैं। सरकार को इस वर्ष ये सुविधाएं उपलब्ध हो जाने की न केवल उम्मीद है, बल्कि उन पर तेजी से काम भी किया जा रहा है। इसके अलावा अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी को भी दूर किए जाने की उम्मीद है। यानी स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह वर्ष प्रदेशवासियों की उम्मीदों को पूरा करने वाला हो सकता है। अस्पतालों में प्रसव से पहले की चिकित्सा, सिजेरियन आपरेशन, आंखों की सर्जरी और कटे होंठों के आपरेशन मुफ्त करने के लिए प्रदेश को देश का पहला राज्य होने का गौरव हासिल है। दवाइयां मुफ्त देने में भी यहां के अस्पतालों का कोई जवाब नहीं है, लेकिन तस्वीर का दूसरा पहलू यह है कि डाक्टरों द्वारा लिखी गई सभी दवाइयां कभी भी अस्पतालों से पूरी नहीं मिल पाई हैं। मरीजों के तीमारदारों को ये दवाइयां न केवल बाहरी मेडिकल स्टोरों से खरीदनी पड़ती हैं, बल्कि दुकानदारों से मिलीभगत के चलते चिकित्सक भी बाहरी दवाइयां लिखने में कोई गुरेज नहीं कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री गीता भुक्कल की मानें तो जल्दी ही प्रदेश के लोगों की सेहत चकाचक होने वाली है। वर्ष 2010 में जहां डाक्टरों की कमी नहीं होगी, वहीं सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की कोई कमी नहीं रहने देने के दावे हैं। प्रदेश सरकार का सबसे अधिक ध्यान लिंग अनुपात सुधारने की ओर है। स्वास्थ्य मंत्री भुक्कल के अनुसार सभी अधिकारियों को सरकार के विजन 2010 के अनुरूप काम करने के निर्देश दे दिए गए हैं। बस-कार भिड़ंत में चार.. घने कोहरे के कारण

अलग अंदाज में हुआ रात गई बात गई का प्रचार

नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेत्री नेहा धूपिया कहती है कि उन्हें फिल्म रात गई बात गई के प्रचार के लिए कॉलेज के छात्रों पर कंडोम व गर्भनिरोधक गोलियां से भरे थैले फेकने के लिए उगसाया गया था लेकिन वह महसूस करती है कि यह एक अच्छी विपणन रणनीति थी। और इसके जरिए एक सकारात्मक संदेश दिया जा सका। नेहा ने कहा, हम आईआईटी मुंबई के मूड इंडिगों समारोह में शामिल हुए थे। वहा मुझे इन चीजों से भरे हुए थैले फेंकने के लिए कहा गया। मैने कहा कि> में ऎसा नहीं कंरूगी। उन्होनें कहा कि फिल्म की निर्माता रंगीता नंदी ने उन पर ऎसा करने का दबाव बनाया था जबकि नेहा ऎसा नहीं करना चाहती थी।> नेहा ने कहा लेकिन फिर मुझे लगा कि फिल्म का प्रचार करने का तरीका उनका था और में तो सिर्फ प्रचार का जरिया थी। इसलिए मैने ऎसा करने के लिए हां कह दिया। परसेप्ट पिक्चर कंपनी ने रात गई बात का निर्माण किया है। यह फिल्म एक रात के निर्णय के बारे में है। सौरभ शुक्ला ने इस फिल्म का निर्देशन किया और इस फिल्म में रजत कपूर, विनय पाइक व रणवीर शौरी भी नजर आएंगे।

कोहरे में लिपटा उत्तर भारत जनजीवन अस्त व्यस्त

नयी दिल्ली. 02 जनवरी .वार्ता. भारी कोहरे और धुंध के कारण पिछले चौबीस घंटे में पूरे उत्तर भारत में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ सडक रेल और हवाई सेवाएं लगभग ठप्प हो गई1 उत्तरी ग्रिड में गडबडी हो जाने के कारण कई शहरों में आवश्यक सेवाएं अस्त व्यस्त हो गई1

उत्तरी ग्रड के फेल हो जाने से उत्तर भारत में रेल व्यवस्था पूरी तरह ठप्प हो गई1 दो स्थानों पर ट्रेने आपस में भिड गई जिससें पांच लोगों की मौत हो गई और चालीस से अधिक घायल हो गये1 दिल्ली में आधी रात के बाद से बडी संख्या में अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उडाने रद्द हो गई जिसके कारण यात्रियों को भारी परेशानी का समना करना पडा1

मध्य रात्रि में उत्तरी ग्रिड के फेल हो जाने से दिल्ली. मुंबई. दिल्ली. हावडा और दिल्ली से पंजाब की तरफ जाने वाली सभी विद्युत चालित रेलगाडियां बीच में ही रक गयी 1

उत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी श्री राजेश ने बताया कि मध्य रात्रि में एक बजकर 38 मिनट पर उत्तरी ग्रिड में गडबडी हो जाने से बिजली से चलने वाली सभी रेलगाडियां चलना बंद हो गयी थीं1 इसमें शताब्दी तथा राजधानी गाडियां भी शामिल थीं1 उन्होंने बताया कि रेलवे ने तुरंत कदम उठाते हुए सभी प्रमुख रेलगाडियों को डीजल इंजन से उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने की व्यवस्था की है1 लेकिन. डीजल इंजनों की उपलब्धता अधिक न होने के कारण खास कर ईएमयू रेलगाडियां नहीं चल पा रही हैं1

उन्होंने बताया कि आज सुबह पांच बजकर 50 मिनट पर दिल्ली. पलवल रेलमार्ग पर रेलगाडियों का आवागमन शुर हो गया है परन्तु अन्य मार्गो पर अभी कई गाडियां नहीं चल सकी हैं1 ग्रिड में गडबडी की वजह से दिल्ली क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक रेलगाडियां रद्द कर दी गयी हैं1 श्री राजेश ने बताया कि बाधित रेलमार्गो पर ट्रेनों को चलाने की व्यवस्था की जा रही है1

ईएमयू रेल गाडियों के नहीं चलने से दिल्ली आने वाले हजारों यात्री परेशान हैं1 राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के रेलवे स्टेशनों आनंद विहार . गाजियाबाद . साहिबाबाद पर हजारों यात्री जमा हो गये हैं1

रात दो बजे कोहरा और धुंध बढ जाने के बाद इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उडाने रद्द करनी पडी1 सत्रह अंतराष्ट्रीय उडानों का मार्ग बदलना पडा1 ये उडाने जयपुर अहमदाबाद और मुंबई भेजनी पडीं1 हवाई अड्डा के अधिकारी ने बताया कि सवेरे साढे दस बजे धुंध कम हो जाने के बाद घरेलू उडाने शुरू की जा सकी1

कोहरा और धुंध के कारण राजधानी और उसके निकटवती राज्यों में अनेक स्थानों राजमार्गों पर यातायात लगभग ठहर सा गया और भारी जाम लग जाने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पडा1

बढ़ेगा आयुर्वेदिक दवाओं पर भरोसा

नई दिल्ली, अगर आप आयुर्वेदिक दवाएं लेते हैं तो यह साल आपके लिए काफी राहत भरा हो सकता है। एक तो अप्रैल से आप आयुर्वेदिक दवाएं भी एक्सपायरी डेट देख कर खरीद सकेंगे और दूसरे, इसकी गुणवत्ता को ले कर सरकारी गारंटी भी मिलने लगेगी। स्वाइन (एच1एन1) फ्लू के टीके को ले कर भी यह साल हिंदुस्तान के लिए राहत भरा हो सकता है। चार महीने के अंदर न सिर्फ अपना टीका तैयार हो जाएगा, बल्कि बेहद सस्ता होने की वजह से दुनिया के दूसरे देशों में इसके लोकप्रिय होने की भी पूरी संभावना है। इस साल हम पहले की तरह स्वाइन फ्लू वायरस के सामने मजबूर नजर नहीं आएंगे। स्वास्थ्य शोध सचिव वी.एम. कटोच कहते हैं कि अप्रैल तक भारतीय कंपनियों के बनाए टीके बाजार में आ जाएंगे और इनसे पहले फरवरी में सीमित संख्या में स्वास्थ्यकर्मियों के लिए विदेशी कंपनियों के टीके उपलब्ध हो जाएंगे। इसी तरह तीन-चार महीने के अंदर भारतीय कंपनियों की ओर से विकसित की जा रही स्वाइन फ्लू टेस्ट किट के उपलब्ध हो जाने के बाद स्वाइन फ्लू की जांच की लागत भी आधी से कम हो जाएगी। आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी जैसी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के मामले में इस साल नजारा काफी बदलेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय की सचिव (आयुष) एस. जलजा कहती हैं कि अप्रैल महीने से पहली बार लोग आयुर्वेदिक दवा भी एक्सपायरी डेट देख कर खरीद सकेंगे। आयुर्वेदिक दवाओं पर भरोसा इसी तरह इन दवाओं की गुणवत्ता की गारंटी देने वाला आयुष का सरकारी ठप्पा भी इस साल उपलब्ध हो जाएगा। फिर आप आयुर्वेद की ही नहीं, होम्योपैथ और यूनानी पद्धतियों की दवा भी आयुष के क्वालिटी मार्क को देख कर खरीद सकेंगे। सरकार ने पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को ले कर जागरूकता फैलाने की जो मुहिम चलाई है, उसे देखते हुए उम्मीद है कि जल्दी ही लोगों में इन दवाओं की मांग और बढ़ेगी। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत केंद्र सरकार की ओर से की जा रही आर्थिक मदद को देखते हुए ग्रामीण स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी भारी सुधार की उम्मीद की जा रही है। यानी, गांव-देहात के जिन अधिकांश प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में अभी डाक्टर, नर्स, ट्रेंड दाई और जांच उपकरणों की भारी कमी नजर आ रही है, उसमें काफी सुधार की उम्मीद है। साल के पहले महीने में ही केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन में तीन सौ नए ड्रग इंस्पेक्टर और दूसरे अधिकारियों की हो रही भर्ती के बाद उम्मीद की जा सकती है।

4000 कश्मीरी पंडित घाटी लौटने को राजी

जम्मू, राज्य विधानसभा की आश्वासन समिति ने कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी की योजना पर विचार-विमर्श करते हुए कहा है कि इसे प्रभावी बनाते समय विभिन्न समुदायों को करीब लाने की कोशिश की जाए। समिति के अनुसार घाटी में वापसी के लिए 4272 पंडितों ने आवेदन किया है। इनमें से श्रीनगर जिले के लिए 1185, पुलवामा के लिए 1120, शोपियां के लिए 447, कुपवाड़ा के लिए 412, अनंतनाग के 344, बडगाम के 282, बारामूला के 238, कंगन के 146 व गांदरबल लौटने के लिए 98 विस्थापितों ने आवेदन किया है। विस्थापित कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज के तहत इस समुदाय के लोगों को तीन हजार नौकरियां देने के प्रस्ताव को हाल ही में मुख्यमंत्री उमर फारूक ने मंजूरी दी है। इस प्रस्ताव का लाभ उठाने के लिए 13,971 युवाओं ने नौकरी के लिए अपना बायोडाटा दिया है। कश्मीरी पंडितों के लिए शेष तीन हजार नौकरियों का प्रबंध केंद्र को करना है। विधायक एमवाई तारीगामी की अध्यक्षता में हुई आश्वासन समिति की बैठक में राजस्व विभाग की ओर से दिए गए कई आश्र्वासनों पर भी गौर किया गया। इस दौरान कमेटी के सदस्यों की ओर से भी कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी को लेकर सुझाव दिए गए। बैठक में मौजूद अधिकारियों ने घाटी वापसी को लेकर बनाई गई योजना और पंडितों को मिलने वाले वित्तीय लाभ के बारे में भी बताया। समिति के मुताबिक विस्थापितों के लिए शेखुपोरा में 78 फ्लैट बनाए गए हैं, जबकि 60 फ्लैटों का निमार्ण जल्द पूरा हो जाएगा। कुलगाम के वैसु व बारामूला के खानपुर में भी विस्थापितों के रहने के लिए बुनियादी ढांचा जुटाया जाएगा। समिति के अनुसार राजस्व विभाग करीब एक हजार विस्थापित परिवारों को जम्मू डिवीजन में वित्तीय सहायता और राशन दे रहा है।

रुचिका की बदौलत दुरुस्त हुआ कानून

नई दिल्ली, एजेंसी : रुचिका मामला प्रकाश में आने के बाद सरकार यौन उत्पीड़न से संबंधित मामलों में कानून को दुरुस्त करने में जुट गई है। इसके तहत गुरुवार से सीआरपीसी में नए संशोधन लागू कर दिए गए हैं। संशोधन के मुताबिक अब बलात्कार समेत तमाम यौन अपराधों की सुनवाई दो महीने के भीतर पूरी की जाएगी। यही नहीं, अब सभी पक्षों को अदालत के आदेश के खिलाफ अपील का अधिकार होगा। प्रभावी संशोधन शिकायतकर्ताओं के लिए बड़ी राहत साबित होंगे, क्योंकि ऐसे मामलों में अभी तक केवल राज्य ही आदेश के खिलाफ अपील दायर कर सकता था। गृह मंत्रालय से जारी बयान में कहा गया है कि पीडि़तों को अभियोजन में मदद के लिए अब वकील करने की अनुमति होगी। बलात्कार पीडि़त का बयान उसके घर में दर्ज किया जाएगा और जहां तक मुमकिन होगा, कोई महिला पुलिस अधिकारी ही माता-पिता या अभिभावक या सामाजिक कार्यकर्ता की मौजूदगी में पीडि़ता के बयान दर्ज करेगी और उसके आडियो-वीडियो बनेंगे। सीआरपीसी में कहा गया है कि राज्य सरकारें पीडि़त व्यक्ति या उसके आश्रितों को मुआवजा देने के लिए एक नियम बनाएं। पुलिस द्वारा किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार और स्थगन मंजूर करने या इससे इनकार करने के अदालत के अधिकार संबंधी तीन प्रावधानों धारा 5, 6 और 21-बी को फिलहाल लागू नहीं किया गया है।

ढाई सौ गांवों की मांओं ने बेटियों के जन्म पर पूजा कुआं

भिवानी, नववर्ष 2010 के शुभारंभ पर कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ शुक्रवार को 252 गांवों की 501 माताओं ने बेटियों के जन्म पर एक साथ महाकुआं पूजन किया। इन बच्चियों का जन्म पिछले एक माह के दौरान हुआ है। शुक्रवार को रेडक्रास भवन परिसर में भिवानी जिले के 251 गांवों, जींद, हिसार जिले के 10-10 गावों के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से भी कन्याओं की माताओं ने शिरकत की। इस अवसर पर महिलाओं को 50 -50 हजार रुपये का एक वर्ष के लिए दुर्घटना बीमा, स्मृति पत्र व कलेंडर प्रदान किया गया। इस मौके पर कोख में पल रही बेटी की चीत्कार को दर्शाती मार्मिक रागनी मारै मत ना मां मेरी, मारै मत ना, तेरी लाडली, तेरी कोख मै, जुल्म गुजारै मत ना प्रस्तुत की गई। समारोह में प्रदीप भारद्वाज व उनके सहयोगियों ने मंत्रोच्चारण के साथ कुआं पूजन की विधि पूरी करवाई। इसके पश्चात एक साथ सैकड़ों महिलाएं सिर पर पवित्र कलश धारण किए शिव मंदिर में कुआं पूजन करने के लिए पहुंची।

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