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शुक्रवार, 11 सितंबर 2009

आवारागर्दी करते एक महिला सहित चार धरे



डबवाली,
डॉ सुखपाल सावंत खेडा


ओढा पुलिस ने पन्नीवाला मोटा नहर पुल के पास आवारागर्दी करने के आरोप में पकड़े एक महिला सहित चार लोगों पर मामला दर्ज उन्हे डबवाली न्यायालय में पेश किया है।

जानकारी के मुताबिक, पुलिस को सूचना मिली कि पन्नीवाला नहर पुल के पास एक महिला व तीन युवक संदिग्ध अवस्था में घूम रहे है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए नहर पुल पर दबिश दी और अजय पाल पुत्र महेन्द्र, सतवीर पुत्र सुरेन्द्र व सतवीर पुत्र हरी सिंह निवासी रोहिड़ावाली व कृष्णा देवी निवासी राजपुरा को आवारागर्दी करने के आरोप में काबू किया है। पुलिस ने उक्त लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए डबवाली अदालत में पेश किया है।

बूथ वाइज घोषणा पत्र का प्रचार करेंगे कार्यकर्ता

डबवाली, डॉ सुखपाल सावंत खेडा
: इनेलो की शहरी इकाई ने शहर में जनसम्पर्क अभियान को गति प्रदान करते हुए कार्यकर्ताओं को बूथ वाइज लोगों के घर-घर जाकर पार्टी द्वारा घोषित किए गए चुनावी घोषणा पत्र की विस्तार पूर्वक जानकारी देने का आह्वान किया है। इनेलो पार्षद टेक चन्द छाबड़ा व गुरजीत सिंह द्वारा कार्यकर्ताओं को दिये गये निर्देशों के अनुसार कार्यकर्ता मतदाताओं को वायदों के मुताबिक 3 हजार रुपये मासिक बेरोजगारी भत्ता देने, सभी वर्गाें के लोगों को एक लाख तक के कर्जे माफ करने, गैस सिलेण्डर कनेक्शन मुफ्त देने, गरीबों को 25 किलो गेहूं प्रतिमाह देना व अन्य जनकल्याणकारी घोषणाओं के बारे में बतायें। उन्होंने कहा कि जब भी चौधरी देवीलाल व ओमप्रकाश चौटाला ने लोगों से जो भी वायदे किये है उन्हे पूरी तरह से निभाया गया है। इस अवसर पर गुरचरण सिंह, सुरेद्र छिन्दा, पूर्व पार्षद रिका सेठी, पार्षद सुखविंदर सरा, संतोष सिंह, धन्ना सिंह, काला जापानी, राम सिंह बिश्रनेई, अशोक ग्रोवर, राजेंद्र सिंह पप्पू, सतपाल लोहगढि़या, गुरलाल सिंह, कृष्ण ढालिया, सुखविंद्र प्रधान, हसराज, दुनी चंद शर्मा, सरदारी लाल ग्रोवर, इकबाल सिंह, जग्गा सिंह बराड़, बृज मोहन शर्मा, जसवन्त फौजी, राज कुमार नरूला, अमनदीप व नीरज गुप्ता सहित दर्जनों सक्रिय कार्यकर्ता उपस्थित थे।

उप-प्रबंधक पर तेज हथियार से हमला




डबवाली, डॉ सुखपाल सावंत खेडा

हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के उप-प्रबंधक राजेंद्र प्रसाद शर्मा को वीरवार सायं न्यू बस स्टेड रोड पर एक व्यक्ति ने पेट में तेजधार हथियार घोंपकर घायल कर दिया। घायल शर्मा को डबवाली के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहा से उन्हे बेहतर उपचार के लिए सिरसा रेफर कर दिया गया। शर्मा आज विभाग द्वारा दिए गए ऋण की किश्तें लेने के लिए डबवाली आए हुए थे।

मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के उप-प्रबंधक राजेंद्र प्रसाद शर्मा डबवाली में विभाग द्वारा दिए गए ऋण की किश्तें न्यू बस स्टेड रोड पर एकत्रित कर रहे थे कि जूती बनाने का कार्य करने वाले हंसराज की दुकान पर बंसीलाल नामक व्यक्ति से उनकी झड़प हो गई जिससे तैश में आकर बंसी लाल ने राजेंद्र प्रसाद शर्मा के पेट में जूती बनाने के कार्य में प्रयोग किए जाने वाली तेजधार रम्पी घोंप दी और मौके से फरार हो गया। वहा के दुकानदार पूर्ण चंद जग्गरवाल ने उन्हे उपचार के लिए बस स्टेड के नजदीक जस्सी अस्पताल ले गए जहा से प्राथमिक उपचार के उपरात उसे सिविल अस्पताल में रेफर कर दिया गया। संदीप पारीक नामक युवक ने उन्हे अपने मोटरसाइकिल द्वारा सिविल अस्पताल में पहुंचाया। चिकित्सकों के मुताबिक उनके पेट से तेजधार हथियार निकाल दिया गया है। हथियार लगने से पेट पर गहरा जख्म हो गया है जिस पर टाके लगाने के बाद उपचार के लिए सिरसा रेफर कर दिया गया है। घटना की सूचना थाना शहर पुलिस को दे दी गई है। बताया जाता है कि बंसी लाल ने राजेंद्र प्रसाद से नया ऋण दिए जाने की माग की थी जिस पर राजेंद्र प्रसाद ने उसे बीपीएल कार्ड देने को कहा था और कार्ड को लेकर दोनों में कहासुनी हो गई। तैश में आकर बंसी लाल ने राजेंद्र प्रसार शर्मा के पेट में रम्पी घोंप दी।

अमित सिहाग ने शुरू किया जनसंपर्क


डबवाली, डॉ सुखपाल सावंत खेडा

युवा काग्रेसी नेता अमित सिहाग ने वीरवार को युवाओं के साथ मिलकर जनसंपर्क अभियान की शुरूआत वार्ड न. 16 से की। उन्होंने इस वार्ड न. 16 में काग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता अमन भारद्वाज के घर गए और वहा से उन्होंने वार्ड के युवाओं के साथ मिले और उन्हे कांग्रेस की जनहित नीतियों के बारे में बताया और चुनाव के कायरें में जुट जाने को कहा। इसके बाद उन्होंने इस अभियान के तहत इस वार्ड की समाध वाली गली व चक्क वालों की गली में हर घर-घर जाकर बडे़-बूढों का आशीर्वाद लिया और अपना साथ देने की अपील की।

इस अभियान में उनके साथ अरुण बासल, जगवीर सिंह, नवदीप बासल, अजय बासल, जगजीत सिंह, बलविंद्र, जिम्मी, धर्मेद्र, कपिल, विपन, राजेश जैन, कुलभुषण, सतीश, नवी, विनय, रुपिंद्र, दीपक, हरदीप, रोहित, दीपू जैन, राहुल, दीपक, कर्णजीत, सुखराज, गुरप्रीत इसा, इद्रजीत, बलविंद्र सहित अनेक युवा कार्यकर्ता उपस्थित थे।

खरबूजे के छिलके पर भारत ने जताया अपना हक

हिंदुस्तानी पारंपरिक ज्ञान को चोरी छिपे अपने नाम से बाजार में बेच लेने की स्पेन की एक कंपनी की कोशिश आखिरकार नाकाम साबित हुई। भारत ने खरबूजे के छिलके के औषधीय गुण पर अपना हक जताया है। नीम और हल्दी के बाद इस बार खरबूजे के छिलके को स्पेन की एक कंपनी अपने नाम कराने जा रही थी। लेकिन पहले से सजग भारतीय वैज्ञानिकों ने इस बार ऐसी कोशिश कामयाब नहीं होने दी। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और स्वास्थ्य मंत्रालय के आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्धा और होम्योपैथ (आयुष) विभाग की साझा कोशिश ने इस बार कामयाबी हासिल की। इनकी तकरीर को समझने के बाद यूरोपीय पेटेंट कार्यालय ने सफेद दाग (ल्यूकोडर्मा) के इलाज के लिए खरबूजे के छिलके के इस्तेमाल को पेटेंट देने से इनकार कर दिया है। यहां स्पेन की एक फार्मा कंपनी को खरबूजे के छिलके के औषधीय उपयोग पर पेटेंट आखिरी दौर में पहुंच चुका था। स्वास्थ्य मंत्रालय की सचिव (आयुष) एस. जलजा ने बताया, पिछली बार यूरोपीय पेटेंट दफ्तर ने ही नीम से उपचार का पेटेंट दे दिया था। तब हमें अपने हक की लड़ाई लड़ने में दस साल लग गए थे। लेकिन इस बार हमारी तैयारी काफी मजबूत थी और पेटेंट दिए जाने से ठीक पहले हम अपनी बात मनवाने में कामयाब रहे। इस साल की नौ फरवरी को स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऐलान किया था कि यूरोपीय पेटेंट दफ्तर के साथ हमारा करार हो गया है। इस करार के मुताबिक वे हर पेटेंट से पहले सीएसआईआर के ट्रेडीशनल नॉलेज डिजिटल लाइब्रेरी (टीकेडीएल) का हवाला जरूर लेंगे। इसके बावजूद स्पेन की कंपनी इस पेटेंट को हासिल करने के कगार पर कैसे पहुंच गई, इस बारे में पूछे जाने पर सीएसआईआर के महानिदेशक प्रो. समीर के ब्रह्मचारी ने कहा कि आम तौर पर वे इसे जरूर जांच लेते हैं। उन्होंने कहा कि हमें खुद भी सजग रहना होता है। हम सिर्फ उन्हें ही दोषी नहीं ठहरा सकते। टीकेडीएल के तहत योग, आयुर्वेद, यूनानी और सिद्धा सहित पारंपरिक ज्ञान पर आधारित लगभग दो लाख फार्मूले दर्ज किए गए हैं। इसमें खरबूजे के छिलके का इस्तेमाल भी शामिल है। यूरोपीय पेटेंट दफ्तर के 34 देश सदस्य हैं। अगर एक बार यहां से किसी फार्मूले को पेटेंट मिल जाए, तो उसके खिलाफ लड़ाई लड़ना बेहद श्रमसाध्य और खर्चीला होगा।

विजेंद्र ने पक्का किया देश का पहला पदक

भारतीय मुक्केबाजी के गोल्डेन ब्वाय विजेंद्र कुमार ने एक बार फिर तहलका मचाते हुए विश्व चैंपियनशिप में देश का पहला पदक पक्का कर दिया। वह इटली के मिलान में चल रही विश्व चैंपियनशिप के मिडिलवेट वर्ग के सेमीफाइनल में पहुंच गए। दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी और शीर्ष वरीयता प्राप्त विजेंद्र ने यूक्रेन के सर्जेइ देरेवियांचेंको को 12-4 से हराया। वह इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के अंतिम चार में पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए। विजेंद्र ने जीत के बाद कहा कि मैं सातवें आसमान पर हूं। मैं इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता। मैंने भारत के लिए एक और मिथक तोड़ा है और मैं बहुत खुश हूं। ओलंपिक कांस्य पदक विजेता विजेंद्र का सामना अब पूर्व लाइट हैवीवेट विश्व चैंपियन अब्बोस अतोएव से होगा जो इसी साल मिडिलवेट वर्ग में लौटे हैं। विजेंद्र ने उजबेकिस्तान के इस मुक्केबाज को जून में चीन में हुई एशियाई चैंपियनशिप में हराया है। विजेंद्र ने कहा कि मेरा हमेशा से मानना रहा है कि हमें विरोधी से डरना नहीं चाहिए। इससे प्रदर्शन पर असर पड़ता है। मैं पिछले रिकार्ड के बारे में नहीं सोच रहा। आखिरकार 11 मिनट में मेरा प्रदर्शन ही तो मायने रखेगा। खेल रत्न पुरस्कार प्राप्त इस मुक्केबाज ने कहा कि पहले ही दौर में उसने अपने विरोधी को आंक लिया था। पहला दौर 1-1 से बराबरी पर रहा। छह फुट लंबे विजेंद्र को कद का भी फायदा मिला। उन्होंने दूसरे दौर में 5-3 की बढ़त बना ली। आखिरी दौर में उन्होंने काफी आक्रामकता दिखाई और अपने विरोधी को हावी नहीं होने दिया। उन्होंने यह दौर 6-0 से जीता। राष्ट्रीय कोच गुरबख्श सिंह संधू ने हरियाणा के इस मुक्केबाज की तारीफ करते हुए कहा कि वह कभी अपना आपा नहीं खोता और निर्णायक लम्हों में भी नियंत्रित रहता है। विश्व के दूसरे नंबर के मुक्केबाज विजेंद्र ने सेमीफाइनल बाउट से पहले कहा कि उन्हें इस चैंपियनशिप में बीजिंग ओलंपिक में जीते गए पदक का रंग बदलने का पूरा भरोसा है। इस शीर्ष वरीय का सामना उजबेकिस्तान के अब्बोस अतोएव से होगा। उन्होंने कहा कि अभी काम आधा हुआ है क्योंकि मैं इस बार कांस्य से ही संतोष नहीं करूंगा। इस 23 वर्षीय भारतीय को पिछले महीने खेल रत्न पुरस्कार दिया गया। उन्होंने कहा कि उन्हें जीत दर्ज करने का पूरा भरोसा है क्योंकि उन्होंने एशियाई चैंपियनशिप में अतोएव को दो महीने पहले शिकस्त दी थी।

हैज़ा मरीज़ लाने के लिए ईनाम


डॉ सुखपाल सावंत खेडा
बाढ़ का पानी इकट्ठा हो जाने से हैज़ा जैसी बीमारियाँ फैलने का डर रहता है
भारत के उड़ीसा राज्य में सरकार ने ऐसे किसी भी व्यक्ति को ईनाम देने की घोषणा की है जो हैज़ा के किसी भी मरीज़ को अस्पताल तक पहुँचाएगा.

राज्य में हाल ही में हैज़ा के तीन मरीज़ पाए गए थे जिसके बाद सरकार ने यह 200 रुपए का ईनाम देने की घोषणा की है.

सरकार को उम्मीद है कि इस ईनाम की घोषणा करने के बाद आम लोग ऐसे लोगों की सूचना अस्पताल को देंगे या ऐसे मरीज़ों को अस्पताल में दाख़िल कराएंगे जो हैज़े जैसी महामारी से पीड़ित हैं.

उड़ीसा में हाल के समय में दस्त और पेचिस लगने से 26 लोगों की मौत हो गई थी.

ये मौतें कालाहांडी ज़िले के अनेक गाँवों में हुई थीं. हैज़े के तीन मरीज़ों के ये मामले भी कालाहांडी ज़िले में सामने आए हैं जो भारत के सबसे ग़रीब ज़िलों में से एक माना जाता है.

जानलेवा

हैज़ा आमतौर पर बाढ़ आने के बाद जमा हो चुके पानी की वजह से होता है. यह पानी प्रदूषित हो जाता है और उस का इस्तेमाल करने से आदमी को हैज़ा हो जाता है.

हैज़ा के मरीज़ अस्पताल में ईलाज कराने के बजाय सिर्फ़ प्रार्थना का सहारा लेते हैं क्योंकि उनका विश्वास है कि ईश्वर के प्रकोप की वजह से ही हैज़ा जैसी बीमारी फैलती है
उड़ीसा के सरकारी अधिकारी
अगर हैज़ा की बीमारी का तुरंत इलाज ना किया जाए तो यह बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है.

उड़ीसा के स्वास्थ्य मंत्री प्रसन्ना आचार्य ने कहा है कि हैज़ा के जिन मरीज़ों का सरकारी अस्पतालों में इलाज किया जाएगा और ठीक समझकर अस्पताल से छुट्टी दी जाएगी, उन्हें भी 200 रुपए की ईनाम राशि दी जाएगी. इसके अलावा कुछ कपड़े वग़ैरा भी दिए जाएंगे.

अधिकारियों ने कहा है कि सरकार इस ईनाम की घोषणा करने के लिए इसलिए बाध्य हुई है क्योंकि बहुत से गाँवों में लोग हैज़ा फैलने की सूचना सरकार को नहीं देते हैं और यहाँ तक कि हैज़ा के मरीज़ अस्पतालों में इलाज के लिए भी जाना पसंद नहीं करते.

अधिकारियों के अनुसार, "हैज़ा के मरीज़ अस्पताल में इलाज कराने के बजाय सिर्फ़ प्रार्थना का सहारा लेते हैं क्योंकि उनका विश्वास है कि ईश्वर के प्रकोप की वजह से ही हैज़ा जैसी बीमारी फैलती है."

वर्ष 2007 में कालाहांडी, बोलांगीर और कोरापुट ज़िलों में वर्ष 2007 में भी हैज़ा फैला था जिसमें 100 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई थी.

सूखा देखने गया दल बाढ़ में घिरा

डॉ सुखपाल सावंत खेडा,
डबवाली,
पिछले दो दिनों से जारी भीषण बारिश ने मध्य प्रदेश के पूर्वी इलाके में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए। समूचे महाकौशल अंचल में पड़ रही मूसलाधार बरसात से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। होशंगाबाद में नर्मदा नदी के खतरे के निशान से ऊपर बहने के कारण बुधवार की रात से ही हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को बाढ़ प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण कर कलेक्टरों को निर्देशित किया कि नुकसान का आकलन कर प्रतिवेदन जल्द तैयार कर ले। उधर, बुंदेलखंड अंचल में सूखे का जायजा लेने आए केंद्रीय अध्ययन दल को भी भारी बरसात से रूबरू होना पड़ा। किसानों ने इस दल को बताया था कि समय पर पानी न बरसने के कारण खरीफ फसल चौपट हो गई है। दिलचस्प बात यह है कि भीषण सूखे की शिकायत पर केंद्रीय दल इसका आकलन करने मध्य प्रदेश पहुंचा था, लेकिन राज्य में पहुंचते ही उसे ऐसी मूसलाधार बारिश का सामना करना पड़ा जिसकी किसी ने शायद ही कल्पना की हो। पूर्वी मप्र में सोमवार से जारी बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। जबलपुर, नरसिंहपुर, पचमढ़ी, टीकमगढ़, सागर आदि में भारी बरसात के चलते हालात गंभीर हो गए हैं। महाकौशल क्षेत्र में मूसलाधार बारिश के कारण नर्मदा और सहायक नदियां में उफान आ गया है। होशंगाबाद के सेठानी घाट पर बुधवार की रात नर्मदा खतरे के निशान से तीन फीट ऊपर बह रही थी। हवाई सर्वेक्षण पर निकले मुख्यमंत्री चौहान ने पाया कि होशंगाबाद की कई बस्तियों और खेतों में नर्मदा का पानी भरा हुआ है। यही हाल नरसिंहपुर जिले का भी है। यहां बरमान घाट पर नर्मदा पूरे वेग के साथ बह रही है। पचमढ़ी का सड़क संपर्क दो दिन के बाद गुरुवार को जुड़ पाया है। रायसेन जिले में बारना बांध के ओवर फ्लो होने के कारण एक दर्जन गांवों को खाली कराने का निर्णय लिया गया। होशंगाबाद के निकट सोहागपुर कस्बे में पलमती नदी में बाढ़ आने के कारण उसका पानी घरों में प्रवेश कर गया। मानसून के अंतिम दिनों में हुई इस बरसात ने प्रदेश की अधिकांश नदियों और बांधों को लबालब कर दिया है। तवा बांध के सभी तेरह और संजय सरोवर बांध के तीन फाटकों को खोल कर पानी बाहर करना पड़ा। इसके अलावा हलाली, केरवा, बारना, बरगी आदि में भी पानी खतरे के निशान के आसपास है। वहीं गांधीसागर, इंदिरासागर, बाणसागर आदि के जल स्तर में भी अच्छी खासी बढ़ोत्तरी हुई है। हालांकि बांधों के लबालब होने से विद्युत उत्पादन भी बढ़ा है। 2 सितंबर को जहां जल विद्युत उत्पादन केवल 83 मेगावाट रह गया था वहीं वह 8 सितंबर को बढ़कर 403 मेगावाट हो गया। थर्मल पावर के उत्पादन में भी वृद्धि हुई है। उधर, सूखे का आकलन करने आए केंद्रीय अध्ययन दल ने पिछले दो दिनों में सागर, दमोह, पन्ना, टीकमगढ़ आदि जिलों का दौरा किया। जिस समय केंद्रीय दल का दौरा चल रहा था उस समय इनमें से अधिकांश जिलों में भीषण बरसात हो रही थी। जिस दल ने चारों तरफ सूखे से फटी धरती की उम्मीद की थी मूसलाधार वर्षा के कारण उसे चारों तरफ पानी और हरियाली नजर आई। हालांकि यह भी सच है कि इन इलाकों में मानसून के आखिरी दौर में इतनी बारिश हुई है।

स्कूल में सरेआम छेड़छाड़ व नोंच खसोट

डॉ सुखपाल सावंत खेडा,
डबवाली,
स्कूल के माहौल और पढ़ाई को सुधारने का दावा दिल्ली सरकार भले ही बढ़-चढ़ कर करें, लेकिन सरकार के इस दावे को खजूरी खास स्थित सरकारी स्कूल में हुई इस घटना ने झूठा साबित कर दिया है। स्कूल में सरेआम छेड़छाड़ व नोंच खसोट की घटना हुई पर शिक्षक व प्रधानाचार्य कमरों में बैठे रहे। यह कोई इस स्कूल में पहली घटना नहीं हैं। लड़कों द्वारा छेड़छाड़ की घटना यहां आम है। पर स्कूल प्रशासन ने इसे कभी गंभीरता से नहीं लिया। स्कूल के छात्रों की हरकतों की बारे में स्कूल प्रशासन को पता था। बावजूद इसके एहतियात के तौर पर कोई कदम नहीं उठाया गया। दहशतजदा छात्राओं बताया कि बृहस्पतिवार की सुबह छात्र भूखे भेडि़यों की तरह उन पर टूट पडे़ थे। विद्यालय में छात्र-छात्राओं की कक्षाएं तो अलग-अलग पाली में चलाई जाती हैं। लेकिन परीक्षाएं साथ-साथ ली जा रही थीं। दसवीं की छात्रा नुजहत फातमा भी परीक्षा देने के लिए क्लास रूम में बैठी थी। नुजहत ने बताया कि पेपर 9 बजे शुरू होना था, लेकिन 9.30 बजे तक क्लास रूम में कोई भी शिक्षक नहीं पहुंचा। उसी समय अचानक कुछ छात्र कक्षा के बाहर आ गए। छात्राओं को यह समझ ही नहीं आया कि छात्र यहां कैसे आ गए, क्योंकि जहां पर छात्राओं की परीक्षा होती है। यहां किसी भी छात्र की जाने की मनाही होती है। जब छात्रों के बीच यह घोषणा की गई कि वह बारिश की वजह से परीक्षा नहीं ले पा रहे हैं, इसलिए ऊपर के कमरों में जाएं तो उस समय कोई भी शिक्षक नहीं था जो छात्रों को कतारबद्ध होकर ऊपर भेजे या छात्रों को ऊपर भेजने से पहले छात्राओं को एक ओर की कक्षाओं में कर दें। दसवीं की छात्रा रफत फातमा की के अनुसार अचानक छात्र ऊपर आ गए और छेड़छाड़ शुरू कर दी। उन्हें रोकने टोकने वाला कोई नहीं था। इसके बाद तो उन्होंने ऐसा किया, जिसे बयां नहीं किया जा सकता है। उनका एक ही उद्देश्य था, छात्राओं की अस्मत से खिलवाड़। वह भूखे भेडि़यों की तरह छात्राओं पर टूट पड़े। इतना कुछ हो रहा था, लेकिन स्कूल में मौजूद दर्जनों शिक्षक कमरों में बैठे रहे। उपद्रवी छात्रों से बचकर जो छात्राएं इधर-उधर छुप रहीं थीं, उन्हें वे पकड़ कर बाहर ला रहे थे। चारों ओर चीख-पुकार मच गई। छात्राएं कुचली जाने लगीं तब शिक्षक बाहर निकल कर आए। लेकिन स्थिति बेकाबू हो चुकी थी। शिक्षकों के शोर मचाने और बचाव करने का कोई असर नहीं पड़ा। सातवीं कक्षा की छात्रा सदफ बताती हंै कि यहां अक्सर इस तरह की घटना होती रहती हंै। जब छात्राओं की दिन में 12. 30 बजे छुट्टी होती है, तब छात्र दूसरी पाली में पढ़ने के लिए प्रवेश करते हैं। इस दौरान वे अक्सर छेड़खानी करते हैं। लेकिन स्कूल के प्रधानाचार्य व शिक्षक कोई कदम नहीं उठाते हैं। अगर किसी ने ऊपर शिकायत कर दी तो शिक्षक उस छात्रा के पीछे ही पड़ जाते हैं। ज्योति और पिंकी भी कहती हैं कि स्कूल प्रशासन का रवैया छात्राओं के प्रति बेरुखा है

हरियाणा में अकेले रह गई भाजपा

डॉ सुखपाल सावंत खेडा,
डबवाली,
एक को तलाक देने और दूसरे से मंगनी टूटने के बाद भाजपा अब हरियाणा के विधानसभा चुनाव में अकेले ही उतरेगी। इस फैसले के पीछे भाजपा के बड़े राष्ट्रीय नेताओं का अहं नेपथ्य में ही सही, लेकिन प्रभावी भूमिका में रहा। ऐसे में पार्टी के राज्य के नेताओं व केंद्रीय प्रभारी की भूमिकाएं सीमित रह गई थीं। रही बात राजनीतिक नफा नुकसान की, तो भाजपा को नया सहयोगी तो मिला नहीं, उल्टे उसे राजग से एक सहयोगी को खोना भी पड़ सकता है। हरियाणा में भाजपा व हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) का तालमेल मंजिल के करीब पहुंच कर टूट गया। अब पार्टी न तो पुराने सहयोगी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के पास जाएगी और न ही वह हजकां से टूटी बात फिर शुरू करेगी। राज्य की सभी सीटों पर उसके उम्मीदवार होंगे। पिछली बार भी पार्टी विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ी थी और उसकी मात्र दो सीटें आई थीं। इस बार भी हालात वैसे ही हैं। हालांकि प्रभारी महासचिव विजय गोयल का कुछ ज्यादा ही आशाएं हैं। उन्होंने कहा कि पांच कोणीय संघर्ष में भाजपा के लिए आसार बेहतर हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार हरियाणा के मामले में पार्टी के दो प्रमुख केंद्रीय नेताओं के आपसी अहं लगातार आड़े आते रहे हैं। इनमें एक इनेलो के साथ गठबंधन को बेहतर मानता है, जबकि दूसरा हजकां के पक्ष में रहा है।

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