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शुक्रवार, 16 अक्टूबर 2009
गर्म धरती पर गर्म बहस
धरती को मिलनेवाली कुल ऊर्जा में से 98 प्रतिशत का स्रोत सूर्य है
ग्लोबल वॉर्मिंग का शोर कुछ ऐसा है कि लगता है साल-दर-साल गर्मी बढ़ती जा रही है.
मगर तथ्य कुछ और है – हाल के समय में सबसे गर्म साल 1998 था और पिछले 11 साल में धरती के तापमान में कोई वृद्धि नहीं हुई है.
ऐसा होनेवाला है इसकी भविष्यवाणी भी नहीं हुई थी और ना ही ऐसा हुआ कि धरती को गर्म करनेवाली कार्बन डाइऑक्साइड गैसों का उत्सर्जन कम हो गया हो.
इसी सबके बीच एक सवाल उठ खड़ा हुआ है – कि हो क्या रहा है, धरती का तापमान बढ़ भी रहा है कि नहीं?
जलवायु परिवर्तन के लिए मानवीय गतिविधियों को ज़िम्मेदार बतानेवाली मान्यता पर संदेह करनेवाला पक्ष कहता है कि वे तो ऐसा पहले से ही कह रहे थे.
उनकी दलील है कि धरती के गर्म-ठंडे होने का एक चक्र बना हुआ है जो प्रकृति पर निर्भर करता है और मानवों का इसपर कोई नियंत्रण नहीं है.
लेकिन दूसरी तरफ़ दूसरा पक्ष उनके इस दावे पर सवाल उठाता है और वह सूर्य को धरती के तापमान की वृद्धि से जोड़ने की बात को सही नहीं मानता.
दोनों पक्ष आनेवाले वर्षों के बारे में बिल्कुल उल्टे दावे कर रहे हैं – एक कहता है कि धरती और गर्म होगी – दूसरा कहता है कि धरती ठंडी होगी.
संदेह
ग्लोबल वॉर्मिंग की प्रचलित मान्यता पर संदेह करनेवाला पक्ष कहता है कि 20वीं शताब्दी के आख़िरी कुछ दशकों में धरती का तापमान बढ़ा अवश्य है लेकिन ये हुआ है सूर्य के कारण जो धरती तक पहुँचनेवाली समस्त ऊर्जा की 98 प्रतिशत ऊर्जा का स्रोत है.
प्रशांत महासागर में गर्मी के चक्र के बाद अब ठंड का चक्र आ गया है, और ऐसे में कहा जा सकता है कि आनेवाले 30 वर्ष ठंडे वर्ष रहेंगे.
प्रोफ़ेसर डॉन ईस्टरबुक, वेस्टर्न वाशिंगटन विश्वविद्यालय
लेकिन दो वर्ष पहले ब्रिटेन की रॉयल सोसायटी ने एक शोध कर धरती के तापमान को सूर्य से जोड़ने के इस दावे को रद्द कर दिया.
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की अंतर्सरकारी समिति के लिए योगदान देनेवाले लीड्स विश्वविद्यालय के पियर्स फ़ोर्स्टर कहते हैं,"पिछले 20 से 40 वर्षों में धरती के तापमान में जो वृद्धि हुई है उसके लिए सूर्य को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता."
लेकिन मौसम की दीर्घकालीन भविष्यवाणियाँ करनेवाली ब्रिटेन स्थित एक संस्था वेदरऐक्शन से जुड़े सौर वैज्ञानिक पियर्स कॉर्बिन का दावा है कि सौर कण धरती पर जितना समझा जाता है उससे कहीं अधिक असर डालते हैं.
उनका तो दावा है कि सूर्य धरती के तापमान की वृद्धि के लिए लगभग पूरा-का-पूरा ज़िम्मेदार सूर्य ही है.
वे अपनी इस खोज को लेकर इतने उत्साहित हैं कि वे इस महीने के अंत में लंदन में अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के सामने एक बड़ा एलान करने जा रहे हैं और यदि उनके दावे की पुष्टि होती है तो फिर ग्लोबल वॉर्मिंग को लेकर सारी समझ और बहस की दिशा बदल सकती है.
चक्र
पिछले 20 से 40 वर्षों में धरती के तापमान में जो वृद्धि हुई है उसके लिए सूर्य को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.
पियर्स फ़ोर्स्टर, लीड्स विश्ववविद्यालय
धरती के तापमान को लेकर एक बहस समुद्र से भी जुड़ती है.
पिछले वर्ष नवंबर में वेस्टर्न वाशिंगटन विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर डॉन ईस्टरबुक ने एक शोध किया था जो कहता है कि धरती और सागर के तापमानों का संबंध एक-दूसरे से जुड़ा है.
उनका शोध कहता है कि सागरों के ठंडे-गर्म होने का एक चक्र होता है जो आमतौर पर 30-30 वर्षों का चक्र होता है.
1945 से 1977 तक धरती का तापमान बहुत ठंडा था और तब ग्लोबल कूलिंग को एक बड़ी चुनौती बताया जा रहा था. इस दौरान प्रशांत महासागर की सतह का तापमान भी ठंडा था
फिर 80 और 90 के दशक में प्रशांत महासागर की सतह का तापमान औसत से अधिक था और इस समयावधि में धरती का तापमान भी बढ़ा हुआ था.
मगर पिछले कुछ वर्षों में प्रशांत का तापमान कम हुआ है और अब तो वो ठंडा भी हो रहा है.
वैज्ञानिकों के अनुसार प्रशांत महासागर के पानी के ठंडे-गर्म होने का एक चक्र चलता है
प्रोफ़ेसर ईस्टरब्रुक कहते हैं,"प्रशांत महासागर में गर्मी के चक्र के बाद अब ठंड का चक्र आ गया है, और ऐसे में कहा जा सकता है कि आनेवाले 30 वर्ष ठंडे वर्ष रहेंगे."
जलवायु परिवर्तन को मानवीय क्रियाकलापों से जोड़े जाने पर संदेह करनेवाला पक्ष कहता है कि सागरों के साथ धरती के तापमान का ये संबंध इस बात का प्रमाण है कि उनका दावा सही है.
वे कहते हैं कि इसके अलावा भी कई और प्राकृतिक कारण हैं धरती के तापमान के बढ़ने और घटने के पीछे और यदि मानवीय गतिविधियों से कुछ होता भी होगा तो उसका प्रभाव प्रकृति के प्रभाव के सामने बहुत छोटा होता होगा.
प्रतिदावा
दूसरी तरफ़ मानवीय क्रियाकलापों को ग्लोबल वॉर्मिंग के लिए ज़िम्मेदार ठहरानेवाला पक्ष दावा करता है कि उनकी सोच बिल्कुल ठोस है.
ब्रिटेन के मौसम विभाग का कहना है कि वे अपनी भविष्यवाणियाँ करते समय सूर्य और समुद्र के प्रभाव का ध्यान रखते हैं और इसमें नया कुछ भी नहीं है.
उनका कहना है कि इसके अलावा ये भी है कि ऐसा कभी भी नहीं हुआ है कि तापमान किसी निश्चित दर से बढ़ता या घटता हो, कई बार अस्थायी तौर पर गर्मी बढ़ती है तो कई बार अस्थायी तौर पर ठंड.
ब्रितानी मौसम वैज्ञानिकों का दावा है कि 2010 से 2015 के बीच कम से कम आधे साल 1998 के साल की तुलना में अधिक गर्म रहेंगे.
लेकिन दूसरा पक्ष इससे सहमत नहीं है और उसका दावा है कि कम-से-कम 2030 तक तो ऐसी कोई सूरत नहीं आनेवाली है जब तापमान 1998 के जितना होगा.
कुल मिलाकर धरती के गर्म और ठंडे होने को लेकर बहस में कुछ भी निश्चित नहीं लगता.
निश्चित केवल एक चीज़ लगती है – कि ये बहस गर्म है.
मुकेश का वेतन अब सिर्फ़ 15 करोड़
भारत के सबसे धनी व्यावसायी और उद्योगपति मुकेश अंबानी ने अपने वेतन में दो तिहाई कटौती करने की घोषणा की है.
उन्होंने अपने वेतन में कटौती की घोषणा ऐसे समय में की है जब देश में कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के वेतन को लेकर बहस चल रही है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के प्रमुख मुकेश अंबानी ने कहा है कि वे वर्ष 2009 में सिर्फ़ 15 करोड़ रुपयों का वेतन लेंगे जबकि वर्ष 2008 में उनका वेतन 44 करोड़ रुपए था.
अपने मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी) के इस फ़ैसले की घोषणा करते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमि़टेड (आरआईएल) ने कहा है, "यह कंपनियों के कार्यकारी अधिकारियों को मिलने वाले वेतनों के लिए आत्मसंयंम का उदाहरण पेश करने की उनकी इच्छा को प्रदर्शित करता है."
उल्लेखनीय है कि भारत के कंपनी मामलों के मंत्री सलमान ख़ुर्शीद ने सलाह दी थी कि कंपनियों को 'अश्लील' तनख़्वाहों में कटौती करनी चाहिए, बाद में योजना आयोग के उप सभापति मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने भी इससे सहमत होते हुए कहा था कि वेतन 'अशोभनीय' नहीं होने चाहिए.
लेकिन कंपनियों ने इससे असहमति जताते हुए कहा था कि सबसे बेहतर है कि तनख़्वाहें कंपनियों के बोर्ड रुम में तय हों.
रिलायंस इंडस्ट्रीज़ ने कहा है, "कंपनी बोर्ड की वेतन संबंधी समिति ने फ़ैसला किया है कि आरआईएल के सीएमडी की तनख़्वाह अब 15 करोड़ होगी."
कंपनी के अनुसार यह फ़ैसला लिया गया है कि अब लाभांश देने की बजाय सभी अधिकारियों के वेतन के लिए अधिकतम सीमा तय कर दी जाएगी.
मुकेश अंबानी का वेतन अब भारत के कई कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के वेतन से कम हो गया है.
इसी साल मार्च में उनके छोटे भाई अनिल अंबानी ने भी घोषणा की थी कि वे वर्ष 2008-09 के लिए अपने समूह की पाँच कंपनियों में से किसी से भी वेतन और कमीशन नहीं लेंगे.
ओबामा ने मनाई दीवाली
अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने व्हाइट हाउस में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दीप जलाकर दीवाली मनाई और लोगों को इस पर्व की शुभकामना दी.
व्हाइट हाउस में व्यक्तिगत तौर पर दीवीली मनाने वाले ओबामा अमरीका के पहले राष्ट्रपति बन गए.
व्हाइट हाउस के ईस्ट रूम में बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम ओबामा ने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि यह उपयुक्त समय है जब हम इस कार्य की शुरूआत छुट्टियों के समय दिवाली से कर रहे हैं, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और जिसे दुनिया के महानतम धर्मों में से एक के तमाम अनुयायी मनाते हैं.’’
यह पहली बार है जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस में दीवाली मनाई. और इस तरह से अमरीका में दीपों के इस त्योहार का जिसे दुनिया भर में करोड़ों हिंदुओं, जैनियों, सिखों और कुछ बौद्ध धर्मावलंबियों द्वारा मनाया जाता है, आधिकारिक सम्मान हुआ है.
आगामी शनिवार को यहां अमेरिका और दुनिया भर के हिंदू, जैन, सिख और कुछ बौद्ध धर्मावलंबी छुट्टियों के अवसर पर दिया यानी दीपक जलाकर दीवाली मनाएंगे जो अंधकार पर प्रकाश और अज्ञानता पर ज्ञान की जीत का प्रतीक है.
अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा
ओबामा ने कहा, ‘‘आगामी शनिवार को यहां अमेरिका और दुनिया भर के हिंदू, जैन, सिख और कुछ बौद्ध धर्मावलंबी छुट्टियों के अवसर पर दिया यानी दीपक जलाकर दीवाली मनाएंगे जो अंधकार पर प्रकाश और अज्ञानता पर ज्ञान की जीत का प्रतीक है.’’
व्हाइट हाउस में आयोजित इस समारोह में भारतीय समुदाय के कई गणमान्य लोग उपस्थित थे. इस मौके पर ओबामा की कैबिनेट के क़रीब आधा दर्ज़न सदस्य और अमरीकी प्रशासन में शामिल कई भारतीय अमेरिकी सदस्य भी उपस्थित थे.
अमरीका के दौरे पर गए केंद्रीय वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा और अमरीका में भारत की राजदूत मीरा शंकर ने भी इस मौक़े की शोभा बढ़ाई.
दीप प्रज्ज्वलित करने से ठीक पहले श्री शिव विष्णु मंदिर के पंडित नारायण आचार्य दिगालाकोटे ने वैदिक मंत्रोच्चार किया.
इस मौक़े पर ओबामा ने कहा कि वैसे तो यह एक खुशी का मौक़ा है लेकिन साथ ही इस मौक़े पर हमें उन लोगों को भी याद करना चाहिए जो कम भाग्यशाली हैं. साथ ही हमें ज़रूरतमंद लोगों तक पहुंचने की अपनी प्रतिबद्धता को भी याद करना चाहिए.
इस मौक़े पर उपस्थित जन समुदाय को अपने चिर- परिचित अंदाज़ में संबोधित करते हुए ओबामा ने कहा, ‘मैं व्हाइट हाउस में दिया जलाकर बहुत ख़ुश महसूस कर रहा हूं और आप सभी को दीवाली की शुभकामना और साल मुबारक.’
ओबामा ने इस अवसर पर एशियन अमेरिकन एंड पैसिफिक आइलैंडर्स (एएपीआई) और व्हाइट हाउस के लिए सलाहकार आयोग को पुनर्गठित करने की भी घोषणा की जिसकी पहल पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने दस साल पहले की थी.
बच्चा घर पर, तलाश हवा में
पुलिस ने घर की दो बार तलाशी ली लेकिन वे बच्चो को ढूँढ़ नहीं सके
अमरीका में छह साल के एक बच्चे के बारे में यह भ्रम हो गया कि वह हीलियम भरे एक गुब्बारे में उड़ गया है और इसके बाद पूरे देश में ख़बर फैल गई और अफ़रा-तफ़री मच गई.
हीलियम का गुब्बारा दो घंटे तक उड़ता रहा और टेलीविज़न चैनल इस गुब्बारे का सीधा प्रसारण करते रहे.
सेना का एक हैलिकॉप्टर इस आशंका के साथ उस गुब्बारे का पीछा करता रहा कि कहीं बच्चा उसमें से गिर न जाए.
लेकिन बाद में पता चला कि बच्चा अपने ही घर के ऊपर वाले कमरे में ही था.
पुलिस का कहना है कि वह एक बक्से में छिपा बैठा था.
पिता की डाँट के कारण
यह घटना कोलोरैडो की है.
पिता की डाँट से मैं डर गया था इसलिए मैं अपने घर के सबसे ऊपर बने कमरे में जाकर छिप गया था
फ़ाल्कन
हीलियम का यह गुब्बारा घर पर ही बना हुआ था जिसका उपयोग बच्चे फ़ाल्कन हीने के पिता रिचर्ड हीने मौसम की जानकारी हासिल करने के लिए किया करते हैं.
अफ़रा-तफ़री की शुरुआत उस समय हुई जब फ़ाल्कन के भाई ने कहा कि जब हीलियम का यह गुब्बारा उड़ा तो फ़ाल्कन उस पर सवार था.
पुलिस ने उस बच्चे के भाई से कई बार पूछताछ की लेकिन हर बार उसने यही कहा कि उसका भाई गुब्बारे पर सवार था.
इसके बाद तो क्या था, टेलीविज़न चैनलों ने ख़बरें प्रसारित करनी शुरु कर दीं और उस गुब्बारे का सीधा प्रसारण करना शुरु कर दिया.
इस बीच पुलिस ने घर की दो बार तलाशी ली लेकिन वह पर्याप्त नहीं था.
हीलियम का गुब्बारा सात हज़ार फ़ुट की ऊँचाई तक उड़ गया और नीचे आने से पहले चालीस किलोमीटर दूर तक चला गया.
जब गुब्बारा नीचे आया तो बचाव दल की गाड़ियों ने उसे चारों ओर से घेर लिया लेकिन उससे जुड़ा बास्केट नहीं था और बच्चे के उसमें होने का सवाल ही नहीं था.
इस गुब्बारे की वजह से डेनवर हवाई अड्डे पर यातायात भी प्रभावित हुआ
मामला तब ख़त्म हुआ जब लैरिमर काउंटी के शेरिफ़ जिम ऑल्डरडेन ने घोषणा की - "बच्चा अपने घर में ही मिल गया है."
गुरुवार को गुब्बारे के अचानक ही उड़ जाने के बाद शोर-शराबा शुरु हो गया.
पुलिस को सूचना दी गई और फिर पुलिस ने आकर घर वालों और पड़ोसियों से जानकारी हासिल की कि गुब्बारा किस दिशा में उड़ा.
फ़ाल्कन के भाई ने पुलिस को बताया कि उसने अपने भाई को गुब्बारे के बास्केट में चढते हुए देखा था.
यह तो बच्चे के मिल जाने के बाद पता चला कि गुब्बारे के उड़ने से पहले वह उतर गया था.
बच्चे फ़ाल्कन ने बताया कि गुरुवार को वह गुब्बारे के बास्केट में चढ़ गया था और इससे उसके पिता नाराज़ हो गए थे और उन्हें डाँटा था.
फ़ाल्कन का कहना है, "पिता की डाँट से मैं डर गया था इसलिए मैं अपने घर के सबसे ऊपर बने कमरे में जाकर छिप गया था."
यह पूछने पर कि जब गुब्बारा नीचे आया तो फ़ाल्कन उसमें नहीं था, उसके पिता ने कहा, "मैने सोचा कि वह गुब्बारे से नीचे गिर गया होगा."
उन्होंने कहा, "अब मन को तसल्ली मिली है, अब हम फ़ाल्कन का ज़्यादा ख़याल रखेंगे."
नवजात बच्चे में रीढ़ की हड्डी नहीं जुंडला
(करनाल): दादुपुर रोड़ान की महिला ममता के नवजात बच्चे की रीढ़ में हड्डी नहीं है। परिजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाया है। वहीं चिकित्सक ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं। ममता और उसके पति सुरेंद्र सिंह ने बताया कि उनके दो बच्चे की मौत गर्भ में ही हो चुकी है। अगला बच्चा सही-सलामत जन्म ले, इसके लिए सुरेद्र अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर करनाल के एक निजी अस्पताल में पहुंचा। वहां डाक्टर ने बच्चा सही पैदा होने का आश्र्वासन देकर इलाज शुरू कर दिया। समय पर ममता जांच भी करवाती रही। ममता ने बच्चे को जन्म तो दिया, लेकिन उसकी रीढ़ की हड्डी ही नहीं है। यही नहीं उसकी कमर में ऐसा फोड़ा है जो दिन-प्रतिदिन बड़ा होता जा रहा है। उसने आक्रोश जताते हुए कहा कि यदि चिकित्सक ने प्रसव पूर्व की गई जांच में ही इस बात का खुलासा कर देता तो उसके बच्चे की जान पर नहीं बन आती। दंपति बच्चे के इलाज के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है। उन्होंने इस मामले को अदालत में ले जाने की चेतावनी दी है। वहीं, ममता का इलाज करने वाले डा. राकेश वर्मा ने सही तरीके से इलाज करने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि शायद ममता ने अन्य स्थान से दवाई ली हो, जिसके कारण यह स्थिति बन गई। उन्होंने कहा उन पर लगाया गया आरोप निराधार है। वह इस मामले में जांच के लिए भी तैयार हैं।
अब पश्मीना बकरी की क्लोनिंग की तैयारी
नई दिल्ली: भैंस का क्लोन तैयार करने के बाद नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनडीआरआई) पशुओं की विलुप्त होती प्रजातियों का क्लोन बनाने की तैयारी कर रहा है। सबसे पहले जम्मू-कश्मीर में मिलने वाली पश्मीना बकरी का क्लोन तैयार किया जाएगा। बेहतरीन गुणवत्ता वाली ऊन के लिए दुनिया भर में मशहूर यह बकरी अब विलुप्त होने के कगार पर है। एनडीआरआई के निदेशक ए.के. श्रीवास्तव ने कहा, हम उम्मीद कर रहे हैं कि पश्मीना बकरी का क्लोन तैयार करने की परियोजना पर अगले दो माह में काम शुरू हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि देश में पश्मीना ऊन की बहुत मांग है। पश्मीना या छांगथांगी बकरी जम्मू-कश्मीर के लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के लाहौल व स्पिीति इलाके में पाई जाती है। निदेशक ने कहा कि पश्मीना बकरी की क्लोनिंग से अच्छी गुणवत्ता वाले ऊन का उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह परियोजना जम्मू-कश्मीर के शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से शुरू की जा रही है।
घनी आबादी में लगाए जा रहे मोबाइल टावर पर कोर्ट सख्त
लखनऊ- इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने प्रदेश में मोबाइल फोन टावरों के मकड़जाल से उत्पन्न प्रदूषण व वातावरण पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव के मामले में कड़ी टिप्पणी की है। पीठ ने यह जानना चाहा है कि मोबाइल कम्पनियों के टावर व्यक्तिगत लोगों की छतों पर और संस्थानों पर किस नियम कायदे से बेतहाशा लगाये जा रहे हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रदीप कांत व न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी की खंडपीठ ने याची सुरेश चन्द्र सिंह की ओर से प्रस्तुत याचिका पर दिए। इस मामले में अगली सुनवाई 23 अक्टूबर को नियत की गयी है। अदालत ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण प्रश्न है कि घनी आबादी में जहां पर आम आदमी निवास करता है उन घरों की छतों पर और बस्तियों में आम आदमी की जिंदगी पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले इन मोबाइल टावरों को लोगों की मर्जी से लगाया जा रहा है अथवा उनकी गैर मर्जी से। पीठ ने कहा 24 घंटे प्रदूषण को फैलाने वाले तथा बड़े-बड़े जनरेटरों और मशीनों के चलने से आम जनजीवन के स्वास्थ्य और पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है तथा लोगों के जीवन पर इसका विपरीत असर पड़ रहा है। पीठ ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि आम जनता के विरोध के बावजूद भी घनी आबादी में यह फोन टावर किस नियम कायदे से लगाये जा रहे हैं। पीठ ने कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले में 2008 में कुछ दिशा निर्देश तय किए थे किंतु आज तक वह लागू नहीं किए गए, इसलिए यह जांच का विषय है। सरकार जांच करे कि मोबाइल कंपनियां किस विभाग व अधिकारी से अथवा स्थानीय निवासियों से सहमति प्राप्त कर यह टावर लगा रही है। बाराबंकी जिले में टावर लगाए जाने के मामले में याची ने एसडीएम को आवेदन दिया जिस पर उपजिलाधिकारी व जिलाधिकारी ने टावर निर्माण पर रोक लगा दी थी लेकिन टावर कंपनी के लोग नहीं माने।
सालासर धाम बुलाए कैसेट का विमोचन
डबवाली( डॉ सुखपाल सावंत खेडा)- राजस्थान में स्थित बालाजी के पावनधाम सालासर में गत दिवस डबवाली निवासी हरियाणा की मशहूर भजन गायिका रजनी हरियाणवी की सुरीली आवाज में गाए भजनों की कैसेट ''सालासर धाम बुलाए'' का विमोचन बड़ी धूमधाम से हुआ। जिसे सालासर धाम के पुजारी ने अपने करकमलों से किया। भजन गायिका रजनी हरियाणवी ने बताया कि भजनों की कैसेट व सीडी पूरे हरियाणा व राजस्थान में हाथों-हाथ बिक रही है। जहा इस कैसेट में उनके द्वारा गाए गीतों को लिख कर नरेश नरसी, पवन शिब्बू व तारा हिन्दोवाला ने खूब वाहवाही लूटी है। वहीं रामू एवं सुनील ने भजनों को संगीत देकर चार चान्द लगा दिए। रजनी हरियाणवी द्वारा गाए भजन ''माँ अंजनी के प्यारे, सालासर धाम बुलाऐ'' ने पूरे हरियाणा व राजस्थान में धूम मचाए हुए है। रजनी हरियाणवी ने आगे बताया कि वह अब ''खाटू जी श्याम के प्यारे'' कैसेट की रिकार्डिग करने जा रहे है। जो शीघ्र ही मार्केट में आ जाऐगी।
नेत्रहीन भी पढ़ सकेंगे श्री गुरुग्रंथ साहिब
अब नेत्रहीन भी श्री गुरुग्रंथ साहिब पढ़कर मन में आध्यात्मिकता का दीप जला पाएंगे। दृष्टिहीनों में अध्यात्म की लौ जलाने का यह सराहनीय प्रयास खुद एक नेत्रहीन कर रहे हैं। स्माल पाक्स के कारण महज आठ वर्ष में आंखें गंवाने वाले इस शख्स ने इन धार्मिक पुस्तकों की प्रूफ रीडिंग भी खुद की है। अब वह ब्रेल लिपि में श्री गुरुग्रंथ साहिब के प्रकाशन की तैयारी कर रहे हैं। 69 वर्षीय भाई गुरमेज सिंह ने अब तक श्री सुखमणि साहिब, श्री गुरू तेगबहादुर की बाणी, श्री गुरू अमरदास की बाणी, नित नेम, आसा दी वार एवं भगतों की बाणी को ब्रेल लिपि में प्रकाशित करवाकर दृष्टिहीनों को नायाब तोहफा दिया है। अब ब्रेल लिपि में श्री गुरुग्रंथ साहिब के प्रकाशन की तैयारी में जुट गए हैं। इसमें खासा वक्त लगेगा इसलिए उन्होंने ब्रेल प्रेस स्थापित करने की योजना बनाई है। अमेरिका व स्विट्जरलैंड में ही ब्रेल प्रिंटिग मशीन मिलती है। इस पर कुल एक करोड़ खर्च होगा। उन्होंने बताया कि उनका जन्म वजीतपुर (नवांशहर) में 1940 में हुआ। 8 साल की उम्र में स्माल पाक्स के कारण वह अपनी आंखें गंवा बैठे। उस वक्त लखाड़ा (जालंधर) के भाई दिल सिंह जी मशहूर गवैया थे। वह भी नेत्रहीन थे। मेरे पिताजी परसा सिंह मुझे लेकर उनसे मिले और मुझे उनसे ही प्रेरणा मिली। फिर पिताजी ने मुझे अमृतसर यतीम खाना भेज दिया। 18 वर्ष तक यहां शिक्षा के अलावा संगीत की तालीम मिली। फिर कीर्तन के लिए वेरका स्थित नानकसर गुरुद्वारा में ड्यूटी लगाई गई। चीफ खालसा दीवान के डा. संत सिंह की आज्ञा पर देहरादून स्थित गुरुद्वारे में कीर्तन के लिए चला गया। 1965 में अयोध्या की बलबीर कौर से शादी हुई। 1969 में गुरु नानक देव जी का 500 साला पर्व मनाया जा रहा था। उस दौरान पहली बार गुरबाणी छपवाने के लिए हमने प्रयास किया। उस वक्त एकमात्र सरकारी ब्रेल प्रेस था। इसके लिए हमें केंद्र सरकार से मंजूरी लेनी पड़ी। पहली बार ब्रेल लिपि में गुरबाणी प्रकाशित हुई। 1971 में श्री दरबार साहिब में सेवा का मौका मिला। कई बार रागी जत्थे लेकर विदेश भी गए। बिन भागां सत्संग ना लभै समेत 12 धार्मिक शब्दों में अपना सुर दिया। भाई वीर सिंह की 50वीं बरसी पर उनकी कविताओं के संकलन पर भी आडियो-वीडियो सीडी जारी हुई। एसजीपीसी द्वारा शिरोमणि रागी अवार्ड व उजागर सिंह सेखवां अवार्ड के अलावा पंजाब भाषा विभाग भी उन्हें सम्मानित कर चुका है।
हम दोनों ने अपने पिता खोए, उनके सपने नहीं
शहीद इंस्पेक्टर फ्रांसिस इंदवार के बच्चों से मिलकर कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी का अपना गम भी छलक पड़ा। ढाढ़स बंधाते हुए कहा-मैं तुम्हारा दर्द समझता हूं। मैंने भी यह दर्द झेला है। एक आत्मघाती हमले में अपना पिता खोया है। झारखंड दौरे के दूसरे दिन गुरुवार को राहुल गांधी रांची में फ्रासिंस इंदवार के घर जा पहुंचे। नक्सलियों ने तालिबान की तरह क्रूरता दिखाते हुए अपहरण के बाद छह अक्टूबर को फ्रांसिस इंदवार का सिर कलम कर दिया था। राहुल करीब 15 मिनट तक फ्रांसिस के घर रुके। इस दौरान उनकी पत्नी सुनीता इंदवार और तीनों बच्चों से मुलाकात की। बच्चे कक्षा पांच, छह और सात में पढ़ते हैं। अभिषेक से मु्रखातिब राहुल ने कहा-हम दोनों ने पिता खोया। लेकिन उनके सपने नहीं। अभिषेक ने भी उसी तर्ज में जवाब दिया-मैं भी पिता की तरह पुलिस में जाकर उग्रवादियों से मोर्चा लूंगा। राहुल ने बच्चों से कहा, पढ़ाई जारी रखो। पढ़ाई, पढ़ाई और पढ़ाई। अपना लक्ष्य तय करो कि समाज को दिशा दे सकने वाला इंसान बनो। राहुल ने सुनीता इंदवार से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। सुनीता ने बताया कि उनके पति को छह महीने से वेतन भी नहीं मिल रहा था। उनका अपहरण हुआ तो डीजीपी से लेकर सारे अधिकारियों से मिलीं,लेकिन कुछ नहीं हो सका। राहुल ने शासन-प्रशासन द्वारा दी गई सहायता की भी जानकारी ली। सुनीता ने बताया कि राज्यपाल ने नौकरी दी, बच्चों के नाम किसान विकास पत्र दिया है। अन्य राशि के भुगतान का आदेश दिया है। राहुल ने फिर पूछा, यहां उग्रवाद क्यों है। कैसे खत्म होगा यह। सुनीता ने कहा, समाज के अंतिम व्यक्ति तक राशन व अन्य जरूरी सुविधाएं पहुंच जाए तो यह खुद मिट जाएगा। रांची में पत्रकारों से बात करते हुए काग्रेस महासचिव ने कहा- कुछ हिस्सों को छोड़ कर, पूरे भारत की स्थिति अच्छी है। झारखंड, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में सरकारें लोगों तक नहीं पहुंच पाई हैं। इसलिए यहां नक्सल समस्या सबसे ज्यादा है। वैसे, यह समस्या सिर्फ यहीं नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में है। राहुल गांधी ने कहा कि जिन राज्यों की सरकारें जनता तक नहीं पहुंच पाई, वहां विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हुई और नक्सली समस्या बढ़ीं। इससे निपटने के लिए राज्य सरकारों को लोगों के बीच जाकर बातचीत करनी चाहिए। उन्हांने कहा, देश में दो हिंदुस्तान है। एक गांवों में रहने वाले गरीबों का, जिनके पास अवसर नहीं और दूसरा अमीरों का, जिनके पास अवसर ही अवसर हैं। हमारी कोशिश इन दोनों को जोड़ने की होनी चाहिए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है, यह भी देश के अन्य राज्यों की तरह भारतीय राज्य है। यहां पर भी युवा कांग्रेस का चुनाव उसी तरह होगा जैसे अन्य राज्यों में किया जा रहा है। नरेगा से संबंधित सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है, वहां यह नरेगा योजना काफी सफल हो रही है, किंतु गैर कांग्रेसी राज्यों की सरकार इसे ठीक ढंग से लागू नहीं कर रहीं। यूपी सरकार ने तो नरेगा को बेकार योजना कहकर लागू करने से मना कर दिया। केंद्र का काम है, योजना बनाना और पैसा देना। बाकी काम राज्य सरकारों का करना है।
भारतीय रेल जल्द ही शुरू करेगी टेलीविजन चैनल
नई दिल्ली, एजेंसी : यात्रा संबंधी सूचनाओं के प्रसारण के लिए भारतीय रेल के पास जल्द ही अपना टेलीविजन चैनल होगा। पर इसके लिए अभी आपको थोड़ा इंतजार करना होगा क्योंकि इस संबंध में रेल समिति से मंजूरी मिलनी बाकी है। रेलवे यात्री सुविधा समिति ने लोकसभा और राज्यसभा चैनल की तरह ही इसे चलाने की सिफारिश की है जो भारतीय रेल के विभिन्न पहलुओं पर कार्यक्रम बनाएगी। सिफारिश में कहा गया है कि देश में पर्यटन और संस्कृति को बढ़ावा देने में भी चैनल को एक माध्यम के तौर पर इस्तेमाल किया जाना चाहिए। समिति ने पर्यटन विभाग और टूर आपरेटर्स के साथ मिलकर कार्यक्रम बनाने की बात कही है। इस संबंध में फिलहाल रेलवे बोर्ड द्वारा अध्ययन किया जा रहा है। छह सदस्यीय समिति ने हाल ही में कोलकाता में एक बैठक कर रेलवे को पानी के अपने ब्रांड रेल नीर का दाम 12 रुपये से घटाने का भी सुझाव दिया है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इसकी पहुंच हो सके। इसमें कहा गया है कि इसे बनाने और विवरण पर खर्च किए गए पैसे पर पांच से दस फीसदी से अधिक दाम नहीं लिया जाना चाहिए। समिति ने पानी की बोतल का दाम पांच से सात रुपये के बीच करने को कहा है।
दीपावली की धूम : धनतेरस पर खूब हुई खरीदारी
धन की लक्ष्मी के स्वागत में बृहस्पतिवार को धनतेरस के शुभ अवसर पर बाजारों में खूब रौनक रही। सोने-चांदी के गहने से लेकर बर्तन और खील-बताशे तक की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ रही। देर रात तक सड़कों पर जगह-जगह जाम लगा रहा। कोलॉज जागरण
पाक में ताबड़तोड़ हमले
इस्लामाबाद, एजेंसियां : आतंकियों को पालने-पोसने वाले पाकिस्तानी हुक्मरान को वीरवार को एक बार फिर इसका नतीजा भुगतना पड़ा। तालिबान आतंकियों ने लाहौर में एक साथ तीन सरकारी इमारतों पर धावा बोला। उन्होंने संघीय जांच एजेंसी एफआईए के दफ्तर और दो पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों को एक साथ निशाना बनाया। पश्चिमोत्तर प्रांत में कोहाट में भी एक आत्मघाती हमला हुआ। बाद में एक जबरदस्त धमाका कर आतंकियों ने पेशावर को भी दहला दिया। इन हमलों में 13 सुरक्षाकर्मियों सहित 40 से भी ज्यादा लोग मारे गए, जबकि करीब चार दर्जन लोग जख्मी हो गए। ये हमले दक्षिणी वजीरिस्तान में आतंकियों के खिलाफ प्रस्तावित सैन्य अभियान से ऐन पहले हुए हैं। एक साथ तीन निशाने : तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के आतंकियों ने पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में सुबह-सुबह ही हमला बोल दिया। आतंकियों के तीन समूहों ने सवेरे करीब सवा नौ बजे लाहौर स्थित एफआईए दफ्तर और दो पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों पर एक साथ हमला बोलकर सरकार को सकते में डाल दिया। कड़ी मशक्कत के बाद इन जगहों को आतंकियों से मुक्त कराया जा सका। इस दौरान 13 सुरक्षाकर्मी और पांच नागरिकों की मौत हो गई। दस हमलावर भी या तो मार गिराए गए या फिर उन्होंने खुद को उड़ा लिया। कोहाट में आत्मघाती हमला : पश्चिमोत्तर स्थित कोहाट में भी आतंकियों ने पुलिस को निशाना बनाया। यहां सुबह करीब पौने नौ बजे आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदा अपना वाहन एक थाने में घुसा कर उड़ा दिया। इस हमले में थाने का भवन तो तबाह हो ही गया, 11 लोगों की मौत हुई। मरने वालों में तीन पुलिसवाले और कई स्कूली बच्चे भी थे। पेशावर में भी धमाका : दोपहर बाद पश्चिमोत्तर सीमांत प्रांत की राजधानी पेशावर में भी आतंकियों ने एक जबरदस्त धमाका कर एक बच्चे की जान ले ली और दर्जन भर से भी ज्यादा लोगों को घायल कर दिया। आतंकियों ने सरकारी कर्मचारियों की कालोनी में विस्फोट लदी कार में रिमोट के जरिये विस्फोट करा कर यह घटना अंजाम दिया। विस्फोट पश्चिमोत्तर प्रांत के मुख्यमंत्री अमीर हैदर खान के ड्राइवर के घर के बाहर किया गया। पेशावर में सप्ताह पहले ही एक बाजार में आत्मघाती ने खुद को उड़ा लिया था, जिसमें 52 लोग मारे गए थे। पश्चिमोत्तर सीमांत प्रांत में खराब कानून-व्यवस्था के मद्देनजर पेशावर में होने वाले राष्ट्रीय खेल भी स्थगित कर दिए गए हैं। यह आयोजन अगले महीने 15-21 तारीख तक प्रस्तावित था।
न्याय नहीं मिलने से निराश मां-बेटे ने की आत्महत्या
जींद( डॉ सुखपाल सावंत खेडा)-
बेटे की हत्या के मामले में न्याय न मिलने से निराश मा-बेटे ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। महिला के पति ने इस घटना के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। मामला हरियाणा के जींद का है।
जींद की कृष्णा कालोनी निवासी रामदिया की पत्नी दयावंती, उसके बेटे संदीप ने अपने घर में जहर खा लिया, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई। घटना के समय रामदिया पशुओं को चारा डालने गया हुआ था। जब रामदिया लौटा तो दोनों की हालत और खराब हो चुकी थी। दोनों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान दोनों की मौत हो गई।
बताया जाता है कि निजी स्कूल में पढ़ाने वाला रामदिया का बेटा मनजीत कुंडू 28 जनवरी 2009 को संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गया था। उसका शव पांच दिन बाद रजवाहे में मिला था। परिजनों ने हत्या की आशंका जाहिर की थी। रामदिया ने न्याय न मिलने पर जिला प्रशासन और पुलिस को कसूरवार ठहराया है। बेटे का अपहरण करके हत्या कर दी गई। आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर कई बार धरने, प्रदर्शन किए, लेकिन प्रशासन ने किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है।
बेटे की हत्या के मामले में न्याय न मिलने से निराश मा-बेटे ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। महिला के पति ने इस घटना के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। मामला हरियाणा के जींद का है।
जींद की कृष्णा कालोनी निवासी रामदिया की पत्नी दयावंती, उसके बेटे संदीप ने अपने घर में जहर खा लिया, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई। घटना के समय रामदिया पशुओं को चारा डालने गया हुआ था। जब रामदिया लौटा तो दोनों की हालत और खराब हो चुकी थी। दोनों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान दोनों की मौत हो गई।
बताया जाता है कि निजी स्कूल में पढ़ाने वाला रामदिया का बेटा मनजीत कुंडू 28 जनवरी 2009 को संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गया था। उसका शव पांच दिन बाद रजवाहे में मिला था। परिजनों ने हत्या की आशंका जाहिर की थी। रामदिया ने न्याय न मिलने पर जिला प्रशासन और पुलिस को कसूरवार ठहराया है। बेटे का अपहरण करके हत्या कर दी गई। आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर कई बार धरने, प्रदर्शन किए, लेकिन प्रशासन ने किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है।
रोके नहीं रुक रहीं नकली दूध-घी की नदियां
दीवाली पर पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और उत्तर प्रदेश में नकली दूध-घी और खोये का जमकर कारोबार हो रहा है। इन राज्यों में पिछले एक सप्ताह में टनों मिलावटी खोया, नकली दूध और घटिया वनस्पति घी, देसी घी के साथ-साथ बासी मिठाई जब्त की गई है। हिमाचल में नकली मिठाई के कारखाने पकड़े गए तो पंजाब में कोल्ड स्टोर में रखी गईं मिठाइयां। हरियाणा और उत्तर प्रदेश में नकली दूध, घी और खोया बनाने के ठिकानों पर मारे गए छापों से पता चला कि यह गंदा धंधा कुटीर उघोग के रूप में भी बेरोक-टोक फल-फूल रहा है और बड़े कारोबार के रूप में भी। उत्तर प्रदेश में खुद सरकारी आंकड़ों के अनुसार मिलावटखोरों के यहां अभी तक 297 छापे मारे गए, जिनमें 80900 लीटर नकली तेल एवं वनस्पति घी, 3264 किलो नकली देसी घी, 1517 किलो नकली खोया तथा 5000 लीटर से अधिक नकली दूध एवं उससे निर्मित खाद्य सामग्री पकड़ी गई। गाजियाबाद में नकली खोये में चर्बी और मोबिल आयल के इस्तेमाल का खुलासा हुआ है। खास बात यह है कि खुद दुग्ध मंत्री के जिले एटा में 1300 लीटर सिंथेटिक दूध, दो क्विंटल मावा, दो क्विंटल नकली घी बरामद हुई। छापेमारी की सबसे बड़ी कार्रवाई कासगंज में हुई। यहां दो गोदामों पर छापा मारा गया, जिनमें घी में मिलाया जाने वाला वनस्पति घी, एसेंस और नकली देसी घी से भरे पीपे रखे थे। एडीएम ने बताया कि राजीव गुप्ता व अजय गुप्ता जिन्हें केवल एक मार्का से घी की ट्रेडिंग का अधिकार है वे 25 अलग-अलग ब्रांड के घी सप्लाई कर रहे थे। एक अन्य स्थान पर छापे के वक्त रिफाइंड, यूरिया, समुद्रफेन, हाइड्रोजन, सोडाबाईकार्बाेनेट एवं डायक्रोरवास नामक कीटनाशक दवा के जरिये नकली मावा तैयार किया जा रहा था। पंजाब के नवांशहर, फतेहगढ़ साहिब, अमृतसर में तो कारोबारियों ने टनों नकली खोया, बनी हुई मिठाई, पनीर आदि को कोल्ड स्टोरेज में जमा कर रखा था। प्रशासन ने ताबड़तोड़ कार्रवाई कर माल जब्त कर लिया। हरियाणा के कुरुक्षेत्र में पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक गांव में छापा मार कर 22 क्विंटल नकली मिल्क केक जब्त कर लिया। पानीपत में भी कई स्थानों पर सैंपल भरे गए हैं। हिमाचल के ऊना और धुमारवीं आदि स्थानों पर मिठाई के कारखानों में छापे मार कर नकली और दूषित मिठाई को जब्त कर लिया।
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