डबवाली (सुखपाल) कल सायं पंजाब क्षेत्र सीतोगुणो सड़क मार्ग पर तेल से भरे टैंकर का स्टेयङ्क्षरग लॉक होने पर सड़क किनारे लगे पेड़ से टकराने से टैंकर चालक घायल हो गया। परिचालक व उसके साथ बैठा उसका साथी बाल-बाल बच गए। प्राप्त जानकारी अनुसार कल सायं बठिण्डा से गुन्जाल (राजस्थान) के तेल से भरे टैंकर को चालक राजीव कुमार पुत्र प्रीतम चन्द निवासी करीवाला (हिमाचल प्रदेश) चला रहा था कि सीतोगुणो सड़क मार्ग पर स्थित गांव हाकूवाला के समीप अकस्मात टैंकर का स्टेयङ्क्षरग लॉक हो गया और टैंकर सड़क किनारे खड़े शीशम के पेड़ से टकरा गया। जिसके फलस्वरूप टैंकर चालक गम्भीर रूप से घायल हो गया। जबकि उसके साथ बैठे परिचालक व उसका साथी बाल - बाल बच गए। हादसे की सूचना मिलते ही गांव के आस-पास के लोग घटनास्थल पर एकत्रित हो गए तथा घायल चालक को टैंकर से बाहर निकाला तथा उपचार हेतु स्थानीय सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया।
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बुधवार, 13 जनवरी 2010
''पतंजलि योग समिति की महिला शाखा द्वारा लोहड़ी पर्व की पूर्व संध्या पर एक रंगारंग कार्यक्रम
डबवाली(सुखपाल) स्थानीय लूना फैक्टरी वाली गली में ''पतंजलि योग समिति की महिला शाखा द्वारा लोहड़ी पर्व की पूर्व संध्या पर एक रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता पतंजलि योग समिति के स्थानीय अध्यक्ष अशोक सोनी ने की। कार्यक्रम का शुभारम्भ नवविवाहित दुल्हनों द्वारा पवित्र अग्रि प्रज्ज्वलित कर किया गया। जहां योग साधक परिवारों ने प्रथम पुत्र व पुत्री होने के उपलक्ष्य में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। वहीं अन्य महिलाओं व बच्चों ने भी बड़ी संख्या में शामिल होकर कार्यक्रम की शौभा बढ़ाई। कार्यक्रम में उपस्थित हुए लोगों ने पंजाबी गिद्धा व पंजाबी गीतों पर नृत्य कर शाम को ओर भी रंगीन बना दिया। कार्यक्रम के अन्त में योग के प्रचार व प्रसार के लिए सन्तोष मैहता, कुलदीप सोनी, गुरशरण कौर व अनु द्वारा किए गए योगदान के लिए मुख्य योग शिक्षक वियोगी हरि शर्मा ने सम्मानित किया तथा अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि डबवाली के अन्य क्षेत्रों में भी योग की कक्षाऐं शीघ्र ही आरम्भ की जाऐंगी। अन्त में उन्होंने नवजात शिशुओं व नवविवाहित दुल्हनों को आशीर्वाद दिया। देर सायं तक चले इस कार्यक्रम का सभी ने खूब आनन्द लिया।
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लोहड़ी का पर्व धूमधाम से मनाया गया।
डबवाली (सुखपाल) स्थानीय एमएम पब्लिक स्कूल के प्रांगण में लोहड़ी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ ङ्क्षप्रसीपल श्रीमती डिम्पल मिढा द्वारा अग्रि प्रज्ज्वलित करके की गई। उन्होंने उपस्थित बच्चों व स्कूल स्टॉफ को सर्व प्रथम लोहड़ी पर्व की बधाई दी तथा अपने सम्बोधन में कहा कि आज के दिन गोकुल गांव में विष्णु भगवान ने हिरण का रूप धारण करके लोहता नाम की राक्षसी का वध किया था। जोकि गोकुल गांव के बच्चों को उठाकर ले जाती थी। इस प्रकार गोकुल गांव को लोहता नाम की राक्षसी से छुटकारा मिलने की खुशी में गांव के लोगों ने पवित्र अग्रि के चारों ओर नाच गाकर त्यौहार मनाया जिससे इसकी नाम लोहड़ी पड़ा। इस दिन विष्णु भगवान की पूजा का भी बड़ा महत्त्व है। यह जानकारी देते हुए स्कूल के वाईस ङ्क्षप्रसीपल राजीव मिढा ने बताया कि इस अवसर पर बच्चों व स्कूल स्टॉफ द्वारा कविताऐं, गीत व भंगड़ा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के अन्त में सभी को मूंगफली, रेवड़ी व गज्जक वितरित की गई। उधर आज आर्य विद्या मन्दिर सीनियर सैकेण्डरी स्कूल के प्रांगण में लोहड़ी का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन विद्यालय के प्रधान श्री रामकिशन गुप्ता द्वारा किया गया। विद्यालय में प्रबन्धक कमेटी द्वारा जरूरतमंद 33 बच्चों को जॢसयां व 10 बच्चों को जूते वितरित किए गए। इस अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक प्रतियोगिताऐं भी करवाई गई। जिसमें लेखन प्रतियोगिता में विद्यालय की छात्रा रिम्पी ने प्रथम, प्रीति ने द्वितीय व केशव ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर डॉ. भारत भूषण छाबड़ा, जगदीश चन्द्र शर्मा के अलावा स्वामी दयानन्द विद्यालय के बच्चे उपस्थित थे तथा मंच का संचालन श्रीमती अन्जू बांसल व श्रीमती स्नेह टक्कर ने बाखूबी निभाया। उधर चौटाला रोड स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल में भी लोहड़ी का पर्व लोहड़ी जलाकर बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया। इस अवसर पर बच्चों ने नृत्य करके समय बांधा। वहीं अध्यापकों ने भी अपनी प्रतिभा के जौहर दिखाए। स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती सरिता गोयल ने विद्यालय के बच्चों को लोहड़ी की बधाई दी और साथ ही बच्चों को भू्रण हत्या का सख्त विरोध करते हुए लड़कियों का सम्मान करने की प्रेरणा दी। उधर गोपाल शिशु वाटिका में भी लोहड़ी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। बच्चों में फैंसी ड्रैस प्रतियोगिता करवाई गई।
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बाहर खड़ा साईकिल चोरी
डबवाली(सुखपाल) स्थानीय कॉलोनी रोड पर स्थित बालाजी धामक पुस्तक भण्डार के बाहर खड़ा साईकिल चोरी होने का समाचार है। प्राप्त जानकारी अनुसार आज बाद दोपहर समाजसेवी कृष्ण सेतिया अपना घरेलु सामान लेकर अपने साईकिल पर घर जा रहे थे कि किसी कार्य हेतु कॉलोनी रोड पर स्थित श्री मोहन लाल कौशिक की दुकान बालाजी धाॢमक पुस्तक भण्डार पर अपना साईकिल दुकान के बाहर खड़ा कर दुकान के अन्दर चले गए। जब कुछ समय पश्चात दुकान से बाहर आए तो देखा तो वहां से साईकिल गायब था। उन्होंने इधर-उधर काफी तालाश किया। लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। समाजसेवी कृष्ण सेतिया ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि शहर में दिन प्रति दिन बढ़ती हुई चोरियों पर रोक लगाए ताकि आम आदमी बेखौफ होकर अपने घर-दुकान आदि के बाहर अपना व्हीकल खड़ा कर सकें।
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तिहाड़ के क्वॉर्टर में रहता था, अब जेल में रहेगा
नई दिल्ली।। वह तिहाड़ जेल कॉम्पलेक्स के क्वॉर्टर में रहता था। यहां रहते हुए
उसने राजधानी में कई संगीन वारदातों को अंजाम दिया। अब पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल के अंदर भेज दिया है। उसका नाम बचन सिंह उर्फ बहरा (20) है। भरतपुर (राजस्थान) निवासी बचन सिंह का भाई मुकेश तिहाड़ जेल में फोर्थ क्लास कर्मचारी है। उसे जेल परिसर में सरकारी क्वॉर्टर मिला हुआ है। बचन सिंह इसी क्वॉर्टर में रहता था। अडिशनल पुलिस कमिश्नर (क्राइम ब्रांच) नीरज ठाकुर के मुताबिक, बचन सिंह ने सन् 2008 में गुलाबी बाग इलाके से एक लड़की को अगवा किया था। उस केस में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। उसके बाद बचन सिंह ने अपना गिरोह कायम किया।
पिछले साल 6 जुलाई की रात समयपुर बादली में मारुति शोरूम का ड्राइवर सुखपाल गुड़गांव से नई आल्टो कार लेकर बादली शोरूम जा रहा था। द्वारका में रेड लाइट पर दो लड़कों ने उससे डाबड़ी तक लिफ्ट देने के लिए कहा। सुखपाल ने इनकार कर दिया। दोनों लड़के जबरन कार में घुसने लगे। सुखपाल ने जोरदार विरोध किया। इस कारण लड़के उसके सीने में गोली मारकर कार लूट कर ले गए। उस केस में क्राइम ब्रांच ने तीन मुलजिमों को गिरफ्तार कर कार को बरामद कर लिया था, लेकिन बचन सिंह नहीं पकड़ा जा सका था। उसकी गिरफ्तारी पर 20 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। पिछले साल 11 नवंबर की रात विनय नौटियाल नामक बिजनेसमैन अपनी शेवरले ऑप्ट्रा कार में द्वारका सेक्टर 4 से गुजर रहे थे। पेट्रोल पंप के पास पहुंचते ही बचन सिंह ने अपने साथियों लीला, गुड्डू और बिट्टू के साथ मिलकर नौटियाल से कार लूटने की कोशिश की। विनय नौटियाल ने जोरदार विरोध किया, तो उन्हें गोली मार दी गई।16 नवंबर को इस गिरोह ने द्वारका सेक्टर 10 में एक परिवार से होंडा सिटी कार लूटी थी। दो दिन बाद इस कार को उन्होंने नांगलोई इलाके में छोड़ दिया था। इससे दो दिन पहले बचन सिंह ने रोहिणी सेक्टर 22 में सैंट्रो कार लूटी थी। यह कार अब उसकी गिरफ्तारी के बाद उससे बरामद कर ली गई है। उससे पिस्तौल भी जब्त की गई है।
उसने राजधानी में कई संगीन वारदातों को अंजाम दिया। अब पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल के अंदर भेज दिया है। उसका नाम बचन सिंह उर्फ बहरा (20) है। भरतपुर (राजस्थान) निवासी बचन सिंह का भाई मुकेश तिहाड़ जेल में फोर्थ क्लास कर्मचारी है। उसे जेल परिसर में सरकारी क्वॉर्टर मिला हुआ है। बचन सिंह इसी क्वॉर्टर में रहता था। अडिशनल पुलिस कमिश्नर (क्राइम ब्रांच) नीरज ठाकुर के मुताबिक, बचन सिंह ने सन् 2008 में गुलाबी बाग इलाके से एक लड़की को अगवा किया था। उस केस में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। उसके बाद बचन सिंह ने अपना गिरोह कायम किया।
पिछले साल 6 जुलाई की रात समयपुर बादली में मारुति शोरूम का ड्राइवर सुखपाल गुड़गांव से नई आल्टो कार लेकर बादली शोरूम जा रहा था। द्वारका में रेड लाइट पर दो लड़कों ने उससे डाबड़ी तक लिफ्ट देने के लिए कहा। सुखपाल ने इनकार कर दिया। दोनों लड़के जबरन कार में घुसने लगे। सुखपाल ने जोरदार विरोध किया। इस कारण लड़के उसके सीने में गोली मारकर कार लूट कर ले गए। उस केस में क्राइम ब्रांच ने तीन मुलजिमों को गिरफ्तार कर कार को बरामद कर लिया था, लेकिन बचन सिंह नहीं पकड़ा जा सका था। उसकी गिरफ्तारी पर 20 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। पिछले साल 11 नवंबर की रात विनय नौटियाल नामक बिजनेसमैन अपनी शेवरले ऑप्ट्रा कार में द्वारका सेक्टर 4 से गुजर रहे थे। पेट्रोल पंप के पास पहुंचते ही बचन सिंह ने अपने साथियों लीला, गुड्डू और बिट्टू के साथ मिलकर नौटियाल से कार लूटने की कोशिश की। विनय नौटियाल ने जोरदार विरोध किया, तो उन्हें गोली मार दी गई।16 नवंबर को इस गिरोह ने द्वारका सेक्टर 10 में एक परिवार से होंडा सिटी कार लूटी थी। दो दिन बाद इस कार को उन्होंने नांगलोई इलाके में छोड़ दिया था। इससे दो दिन पहले बचन सिंह ने रोहिणी सेक्टर 22 में सैंट्रो कार लूटी थी। यह कार अब उसकी गिरफ्तारी के बाद उससे बरामद कर ली गई है। उससे पिस्तौल भी जब्त की गई है।
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पत्नी की लाश लेकर आते पति की दुर्घटना में मौत
अंबाला, अपनी पत्नी के शव को चंडीगढ़ से कुरुक्षेत्र लाते समय अंबाला-दिल्ली हाइवे पर हुई सड़क दुर्घटना में पति की मौत हो गई। इस हादसे में एक अन्य व्यक्ति की भी मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए। जानकारी के अनुसार कुरुक्षेत्र के रहने वाले देवी प्रसन्न की पत्नी मूर्ति देवी का रोड एक्सिडेंट हो गया था। उसे इलाज के लिए उसका पति देवी प्रसन्न व अन्य रिश्तेदार चंडीगढ़ ले गए थे, पर सोमवार देर शाम मूर्ति देवी की भी मौत हो गई। उसके शव को लेकर जब उसका पति और अन्य रिश्तेदार एक वाहन से कुरुक्षेत्र लौट रहे थे तो अंबाला-दिल्ली हाइवे पर मॉडल टाउन के पास घने कोहरे और धुंध के चलते उनका वाहन डिवाइडर से जा टकराया। टक्कर से वाहन पलट गया, जिससे देवी प्रसन्न और उसके एक रिश्तेदार अमृत कौशिक की मौत हो गई। इस हादसे में तीन अन्य लोग भी घायल हो गए।
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कीमतें कम करने की कवायद शुरू
नई दिल्ली, महंगाई की आंच से बुरी तरह झुलस रही केंद्र सरकार अब बढ़ती कीम
तों को रोकने की कवायद शुरू कर रही है। इसके लिए सरकार ने एक पैकेज तैयार किया है जिसके तहत चीनी, गेहूं और दालों की कीमतों को नीचे लाने की कोशिश की जाएगी। खाद्य मंत्रालय के इस पैकेज पर अमल के बाद न सिर्फ बंदरगाहों पर अटकी पड़ी आयातित चीनी को खुले बाजार में बेचा जाएगा बल्कि आयातित दालों की मौजूदा टेंडर प्रक्रिया को भी बदलकर उसे खुले बाजार में डालने की कोशिश की जा रही है। सरकार आसान शर्तो पर खुले बाजार में भारी मात्रा में गेहूं की आपूर्ति बढ़ाना चाहती है ताकि इसकी बढ़ती कीमतों पर भी लगाम लगाई जा सके। खाद्य मंत्रालय के इस पैकेज पर बुधवार को होने वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल की मूल्य समिति पर विचार होगा। यह बैठक पहले मंगलवार को होनी थी, लेकिन इसे बुधवार तक के लिए टाल दिया गया है। दरअसल सरकार के कदमों में तेजी महंगाई के मुद्दे पर अचानक सियासत गरमाने की वजह से आई है। कृषि व खाद्य मंत्री शरद पवार सत्तारूढ़ कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। हालांकि एनसीपी के नेता डीपी त्रिपाठी ने कहा कि महंगाई के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल को सामूहिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए। खाद्य मंत्रालय ने जो प्रस्ताव तैयार किए हैं, उनमें खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति में आड़े आ रही कानूनी अड़चनें खास हैं। इससे कांडला बंदरगाह पर महीनों से डंप आयातित कच्ची चीनी जल्द से जल्द खुले बाजार में पहुंचाने का रास्ता साफ हो जाएगा। कच्ची चीनी के इस स्टॉक को दूसरे राज्यों में ले जाने के लिए कस्टम नियमों में संशोधन करना जरूरी हो गया है। दालों की मांग व आपूर्ति में खास अंतर न होने के बावजूद कीमतों के बहुत बढ़ जाने पर सरकार की चिंताएं बढ़ गई हैं। दरअसल दाल की आयातक सरकारी एजेंसियों के नियमों से जमाखोरी को बढ़ावा मिलता है। उदाहरण के लिए एसटीसी, पीईसी, नैफेड और एमएमटीसी जैसी कंपनियां आयातित दालों को बेचने के लिए हमेशा बड़े सौदों के टेंडर करती हैं। ऐसे में दाल का सौदा बड़ी व्यापारिक कंपनियां करती हैं, जो जिंस बाजार को अपनी अंगुलियों पर नचाती हैं।

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तिब्बत सीमा के गांवों में बची आधी आबादी
चमोली, उत्तराखंड के तिब्बत की सीमा से सटे भारतीय गांवों में पलायन तेजी से बढ़ रहा है। आलम यह है कि कई सीमांत गांवों में वर्तमान में जनसंख्या वर्ष 1991 के मुकाबले महज आधी रह गई है। इन गांवों का अपेक्षित विकास न होना पलायन का मुख्य कारण माना जा रहा है। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर द्वितीय रक्षा पंक्ति माने जाने वाले ग्रामीणों की संख्या में तेजी से आ रही कमी को लेकर जिला प्रशासन चिंतित है। भारत-तिब्बत सीमा पर चमोली जनपद के माणा, नीती, गमशाली, बाम्पा, मलारी, कैलाशपुर, जेलम, जुम्मा समेत 10 गांव बसे हुए हैं। इन गांवों के लोग शीतकाल में छह महीने के लिए जिला मुख्यालय के आसपास बसे गांवों में आ जाते हैं और गर्मी के मौसम में वे फिर वहीं लौट जाते हैं, लेकिन अब वापस होने वाले लोगों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। हालात इस कदर खराब हो चुके हैं कि अधिकांश गांवों की जनसंख्या 1991 की तुलना में आधी कम हो चुकी है। अधिकांश गांवों में तो मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं। ऐसे में ग्रामीण गांव छोड़कर रोजगार और सुविधा की तलाश में बड़े पैमाने पर बाहर जाने लगे हैं। इन गांवों से लगे तिब्बती गांवों की बात करें, तो वहां चीन (1959 में कब्जे के बाद) पर्यटन विकास की दिशा में उल्लेखनीय कदम बढ़ा रहा है। वहां के गांवों में संचार सुविधाएं मुहैया कराने के बाद न सिर्फ सड़कों का चौड़ीकरण किया गया, बल्कि ल्हासा से किघाई प्रांत तक रेलवे लाइन तक बिछा दी गई, जिससे इन गांवों के लोगों को जनजीवन में आमूल-चूल परिवर्तन देखने को मिला। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसे गांवों की भूमिका सुरक्षा की दृष्टि से अहम मानी जाती है। भौगोलिक परिस्थितियों से अच्छी तरह वाकिफ होने की वजह से यहां के लोगों को द्वितीय रक्षा पंक्ति के रूप में देखा जाता है। इसके बावजूद भारत के गांवों का विकास न होना भविष्य के लिए खतरा बढ़ाता है। जोशीमठ में तैनात सेना के अफसर भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं कि सीमांत गांवों से ग्रामीणों का पलायन सुरक्षा के लिहाज से अच्छा नहीं है। हालांकि उनका कहना है कि यह देखना होगा कि ये गांव बार्डर पर फ्रंट, इंटरमीडिएट अथवा डैप्थ जोन में से किसमे बसे हैं।
नेताओं का टोल टैक्स भरेगी जनता
नई दिल्ली, नेता जी को यह बात बहुत बुरी लगती थी कि कोई हाईवे पर उन्हें रोके और उनसे पैसा मांगे। लिहाजा उन्होंने सरकार से शिकायत की और सरकार ने उनकी सुन ली। अब नेताजी चौड़े होकर हाईवे और एक्सप्रेस-वे पर फर्राटा भरेंगे। किसी की मजाल नहीं जो उनसे टोल टैक्स भरने को कहे, लेकिन इसका खामियाजा उन लोगों को भुगतना पड़ेगा जो इन्हें चुनकर संसद व विधानसभाओं में भेजती है। जी हां, नेताओं को टोल टैक्स से छूट देने के लिए सरकार ने जनता से ज्यादा टोल वसूलने का फैसला किया है। केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित नई टोल टैक्स पालिसी में विधायकों, सांसदों और सरकारी अफसरों को पहले की तरह टोल टैक्स अदायगी से मुक्त कर दिया गया है। इसके बदले में हाईवे और एक्सप्रेस वेके आसपास बसे लोगों से ज्यादा टोल टैक्स वसूला जाएगा। इसकी खातिर उनकी रियायती पास सुविधा में कटौती कर दी गई है। अभी इन सड़कों पर यात्रा करने वाले स्थानीय लोगों को सामान्य से दो तिहाई शुल्क पर 50 यात्राओं की सुविधा है, लेकिन नई नीति में इनकी संख्या घटाकर 30 कर दी गई है। यानी पूरी बीस यात्राओं की कटौती। जाहिर है अब इन लोगों को ज्यादा बार पास बनवाने पड़ेंगे और ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। कोई आश्चर्य नहीं कि उनसे यह बलिदान माननीयों के लिए ही लिया जा रहा है। वर्ष 1997 की टोल नीति के तहत नेताओं और अफसरों को टोल टैक्स से पहले भी मुक्ति थी, लेकिन 2008 में इस छूट को वापस ले लिया गया था। इससे नेता बिरादरी खासी नाराज थी। लिहाजा उन्होंने संसद में हल्ला मचाया और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री कमलनाथ को उनकी बात माननी पड़ी, लेकिन सड़कें बनाने के लिए पैसा तो चाहिए ही, लिहाजा इसका बोझ आम लोगों पर डाल दिया गया है। नई टोल पालिसी जो 1 अप्रैल 2010 से लागू होनी है, में नेताओं पर दरियादिली दिखाने के अलावा और भी कई बदलाव किए गए हैं। जैसे कि तीन एक्सल वाले दस पहिया वाहनों के लिए अलग श्रेणी बना दी गई है। इन पर दो एक्सल वाले छह पहिया सामान्य वाहनों के मुकाबले 25 प्रतिशत ज्यादा टोल वसूला जाएगा। दो लेन की सड़कों पर टोल दरों में कमी करने या उन्हें पूरी तरह टोल मुक्त रखने का निर्णय भी किया गया है। किस सड़क पर टोल लगना है और किस पर नहीं, इसका फैसला सड़क पर आने वाले खर्च और यातायात के मुताबिक किया जाएगा। जिन सड़कों के निर्माण पर प्रति किलोमीटर एक करोड़ रुपये से कम राशि खर्च होगी वे टोल से पूरी तरह मुक्त रहेंगी। जिन सड़कों पर इससे ज्यादा खर्च होगा उन पर टोल लगेगा। प्रति किलोमीटर एक करोड़ से ढाई करोड़ रुपये के खर्च वाली दो लेन सड़कों पर चार लेन के मुकाबले 30 प्रतिशत की दर से टोल की वसूली होगी। जबकि ढाई से साढ़े तीन करोड़ रुपये के खर्च की स्थिति में 50 प्रतिशत की दर से टोल वसूला जाएगा। इससे ज्यादा खर्च की स्थिति में ही पहले की तरह 60 प्रतिशत टोल लगेगा। अभी दो लेन सड़कों पर चार लेन के मुकाबले 60 प्रतिशत की समान दर से टोल वसूला जाता है।
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हाईकोर्ट में फिर हारा सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली, एजेंसियां: दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक अभूतपूर्व फैसला सुनाते हुए कहा है कि प्रधान न्यायाधीश का पद सूचना अधिकार कानून के दायरे में आता है और न्यायिक स्वतंत्रता किसी न्यायाधीश का विशेषाधिकार नहीं, बल्कि उसे सौंपी गई जिम्मेदारी है। इस निर्णय से यह स्पष्ट हो गया कि उच्च न्यायालय ने अपनी एकल पीठ की ओर से दो सितंबर 2009 को दिए गए फैसले को कायम रखा। उस फैसले में भी प्रधान न्यायाधीश के कार्यालय को सूचना अधिकार दायरे में बताया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट को वह फैसला रास नहीं आया और उसने उसके खिलाफ अपील दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से दिए गए ऐतिहासिक फैसले के खिलाफ भी अपील दायर करने की घोषणा की है। यदि ऐसा होता है तो सुप्रीम कोर्ट एक बार फिर अपने मामले की सुनवाई खुद ही करेगा। दिल्ली उच्च न्यायालय के 88 पन्नों के फैसले को प्रधान न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन के लिए एक निजी आघात के रूप में देखा जा रहा है जो लगातार कहते रहे हैं कि उनका पद पारदर्शिता कानून के तहत नहीं आता और वह इस कानून के तहत न्यायाधीशों की संपत्तियों की घोषणा जैसी सूचना प्रकट नहीं कर सकते। उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि न्यायाधीशों की संपत्ति की घोषणा के बारे में उच्चतम न्यायालय की ओर से पारित प्रस्ताव न्यायाधीशों पर बाध्यकारी है। दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एपी शाह, विक्रमजीत सेन और एस मुरलीधर की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा, इसकी बमुश्किल कल्पना की जा सकती है कि न्यायाधीशों के सम्मेलन में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव न्यायाधीशों पर बाध्यकारी न हो और उसकी अहमियत पर सवाल भी उठाए जाएं। फैसले के अनुसार प्रधान न्यायाधीश एक लोक प्राधिकार हैं और उच्चतर न्यायपालिका को अपनी संपत्ति के ब्यौरे को सार्वजनिक करना चाहिए, क्योंकि वे निचली अदालतों के न्यायिक अधिकारियों से कम जवाबदेह नहीं हैं जो सेवा नियमों के तहत संपत्ति की घोषणा के लिए बाध्य हैं। पीठ ने उच्चतम न्यायालय की यह दलील खारिज कर दी जिसमें इस आधार पर प्रधान न्यायाधीश के पद को आरटीआई कानून के दायरे में लाने का विरोध किया गया था कि इससे न्यायिक स्वतंत्रता का अतिक्रमण होगा। फैसले के मुताबिक न्यायिक पदक्रम में न्यायाधीश जितने ऊपर हों, उनके संदर्भ में उतने ही बड़े स्तर की जवाबदेही की जरूरत महसूस की जाती है। अदालत ने यह दलील भी खारिज कर दी कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश अपनी संपत्ति की घोषणा करने के लिए बाध्य नहीं हैं। फैसले में यह भी कहा गया है कि सूचना के अधिकार कानून के तहत नागरिकों के जानकारी मांगने के बजाय सार्वजनिक प्राधिकारों को अपनी ओर से सूचना मुहैया कराना जरूरी है। प्रधान न्यायाधीश के पद के आरटीआई कानून के दायरे में होने संबंधी उच्चतम न्यायालय के फैसले में उच्चतम न्यायालय को महज यही राहत मिली है कि नोटिंग, संक्षेप में लिखीं बातें तथा फैसले के मसौदे पारदर्शिता कानून के दायरे में नहीं आते। मुख्य न्यायाधीश एपी शाह ने यह भी कहा कि न्यायपालिका से जुड़ा घोटाला किसी कार्यकारी या विधायिका के किसी सदस्य की संलिप्तता वाले घोटाले के मुकाबले हमेशा से अधिक निंदनीय माना जाता रहा है। उच्चतम न्यायालय को पारदर्शिता में कोताही न बरतने को कहने के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि वह भी अपने न्यायाधीशों की संपत्ति का विवरण जल्द ही सार्वजनिक करेगा। दिल्ली हाईकोर्ट मद्रास और केरल उच्च न्यायालय के बाद देश की ऐसी तीसरी उच्च अदालत होगी जो अपने न्यायाधीशों की संपत्ति का खुलासा करेगी। विधि विशेषज्ञों ने इस फैसले को ऐतिहासिक और युगांतकारी करार देकर इसकी प्रशंसा की है। इसके चलते सुप्रीम कोर्ट को दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने के पहले नए सिरे से विचार करना पड़ सकता है। उसके सामने नैतिकता का सवाल भी खड़ा हो सकता है क्योंकि सूचना आयोग, दिल्ली उच्च न्यायालय की एकल पीठ और उसकी पूर्ण पीठ उसकी दलीलों को खारिज कर चुका है।
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सुधरने के लिए 48 घंटे
पुणे, एजेंसी : 48 घंटे, सिर्फ 48 घंटे हैं हाकी खिलाडि़यों के पास अपनी मांगें छोड़कर वापस आने के लिए। हाकी इंडिया और खिलाडि़यों के बीच चल रहा विवाद अब लड़ाई में तब्दील हो गया है। दोनों ही पक्ष झुकने को तैयार नहीं है। मंगलवार को फिर दोनों पक्षों के बीच बातचीत विफल होने के बाद हाकी इंडिया ने बागी खिलाडि़यों को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है जबकि खिलाडि़यों ने भी आर-पार की लड़ाई के लिए कमर कस ली है। अभ्यास शिविर को भी 48 घंटों के लिए बंद कर दिया गया है। हाकी इंडिया ने कहा कि उनके पास खिलाडि़यों की मांग के हिसाब से देने के लिए इस समय पैसा नहीं है जबकि बागी हाकी स्टार प्रति खिलाड़ी साढे़ चार लाख रुपये के अलावा गे्रडेड भुगतान प्रणाली की मांग कर रहे हैं। दोनों पक्षों के बीच बातचीत विफल हो जाने के बाद हाकी इंडिया के अध्यक्ष एके मट्टू ने कहा, लगता है कि उनके लिए देश के लिए खेलने से ज्यादा जरूरी पैसा है। किसी को शिविर से बाहर नहीं निकाला गया है। खिलाडि़यों को अभ्यास पर लौटने के लिए 48 घंटे का समय दिया गया है। यदि वे इसमें भी नहीं लौटते हैं तो शिविर बंद कर दिया जाएगा और विश्व कप के लिए दूसरी टीम चुनी जाएगी। मट्टू ने कहा, भारत विश्व कप में भाग लेगा चाहे ये खिलाड़ी खेलें या नहीं। हम देश भर से नए खिलाडि़यों को चुनेंगे, जो जोस ब्रासा और हरेंद्र सिंह के साथ अभ्यास करेंगे। तकनीकी लोग इस मामले को देखेंगे। उनसे कहा गया था कि 7 फरवरी को होने वाले चुनाव के बाद उनकी शिकायतों का निराकरण किया जाएगा, लेकिन वे नहीं माने। उन्होंने कहा, मैने खिलाडि़यों से कहा कि मेरे पास इतनी धनराशि है। यदि मैं उन्हें ही दे देता हूं तो महिला और जूनियर टीम को क्या दूंगा। मैंने उनसे कहा कि नई इकाई उनकी मांगे सुनेगी और उन्हें पूरा करेगी। इस जवाब में खिलाडि़यों का कहना था कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती, वे अभ्यास नहीं करेंगे। ऐसा कहीं नहीं होता।
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स्पीकर को पार्टी व जाति में बांधने से सोनिया का किनारा
नई दिल्ली, बिहार कांग्रेस कार्यकारिणी की सूची में लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के नाम और जाति के उल्लेख पर जहां प्रदेश कांग्रेस में घमासान शुरू हो गया, वहीं पार्टी हाईकमान इस चूक से हो रही सियासी फजीहत के डैमेज कंट्रोल में जुट गया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने खुद को विवादित सूची से यह कहते हुए किनारा कर लिया कि मैं इस बारे में नहीं जानती। इसके बाद बिहार की नवगठित कार्यकारिणी सवालों के घेरे में आ गई है। मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों के सवालों से असहज सोनिया ने इस विषय में अपनी अनिभज्ञता जताई। वहीं लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कांग्रेस की विवादास्पद सूची से किनारा कर लिया। कुमार ने कहा कि मैं एक राजनीतिक दल से संबद्ध हूं मगर स्पीकर के तौर पर मैं आसन की दृढ़ निष्पक्षता में विश्र्वास करती हूं। इससे उन्होंने साफ कर दिया कि बिहार कांग्रेस की जाति सूचक लिस्ट में खुद को शामिल किए जाने की जानकारी उन्हें नहीं थी। सूत्रों के अनुसार इस चूक के लिए पार्टी हाईकमान ने बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल शर्मा को जमकर फटकार लगाई है तो प्रभारी जगदीश टाइटलर के सूची जारी करने के तरीके पर नाखुशी का इजहार किया है। पार्टी के एक वरिष्ठ महासचिव ने अनिल शर्मा को फोन कर जाति सूचक सूची को सार्वजनिक करने के लिए लताड़ लगाई। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने इस मामले में अनौपचारिक सफाई देते हुए कहा कि दरअसल यह सूची सामाजिक समीकरणों का ध्यान रखने के लिए आंतरिक तौर पर बनाई गई थी। हाईकमान से मंजूरी के बाद सूची से जाति का विवरण हटाकर एआईसीसी लिस्ट जारी करता है, लेकिन इसमें जल्दबाजी करते हुए टाइटलर ने सूची अनिल शर्मा को थमा दी और उनके जरिए यह सूची ही मीडिया के पास पहुंच गई। इस बीच सूची को लेकर बिहार कांग्रेस में अंदरूनी घमासान शुरू हो गया है। अनुसूचित जाति और जनजाति के कई नेता व कार्यकर्ता नाराजगी लेकर हाईकमान के दरबार में पहुंच गए। कांग्रेस मुख्यालय 24, अकबर रोड पर मंगलवार को लोगों ने अनिल शर्मा और टाइटलर के खिलाफ शिकायतों का पुलिंदा लेकर पूरे दिन चक्कर लगाए। मगर पार्टी के बड़े नेताओं ने इनसे कन्नी काटने में ही भलाई समझी। भाजपा प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी ने कांग्रेस की सूची को कानून का उल्लंघन तथा संवैधानिक परंपरा के खिलाफ बताते हुए इसकी निंदा की।
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हॉकी इंडिया को मिला 'सहारा', एक करोड़ मिलेंगे
नई दिल्ली, पैसे के भुगतान को लेकर खिलाड़ियो की बगावत के बाद विवादों में
घिरी कंगली हॉकी इंडिया की मदद के लिए भारतीय हॉकी टीम के प्रायोजक 'सहारा इंडिया' ने अतिरिक्त बोनस के रूप में एक करोड़ रुपए देने का वादा किया है। ये खबर खेल की बदहाली के लिए निंदा झेल रही हॉकी इंडिया के लिए बड़ी राहत की तरह आई है। मीडिया को दिए बयान में सहारा ने ये बात भी साफ की है कि पिछले साल हॉकी इंडिया को 77 लाख रुपए का भुगतान करने के बावजूद ऐसी कंगाली की परिस्थिती क्यों पैदा हुई, इसकी जांच करेगा। दूसरी तरफ हॉकी इंडिया को एक और झटका देते हुए उसकी दूसरी टीम खड़ी करने की धमकी की हवा जूनियर खिलाड़ियों ने निकाल दी है। सीनियर-जूनियर का फर्क मिटाते हुए सभी खिलाड़ी एकजुट हो गए हैं।

हॉकी खिलाड़ियों के हक में बोले जडेजा
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर अजय जडेजा ने बुधवार को मंदसौर में कहा कि अगर हॉक खिलाड़ी हक के लिए लड़ रहे हैं तो गलत नहीं। उन्होंने दिल्ली पिच विवाद को सहजता से लेते हुए कहा कि इस तरह की गलतियां स्वभाविक हैं हालांकि इसको भविष्य के लिए गंभीरता से लेने की जरूरत। श्री जडेजा ने स्वीकार किया कि आसीसीआई एशियाई देशों के खिलाड़ियों के साथ भेदभाव करता है।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर अजय जडेजा ने बुधवार को मंदसौर में कहा कि अगर हॉक खिलाड़ी हक के लिए लड़ रहे हैं तो गलत नहीं। उन्होंने दिल्ली पिच विवाद को सहजता से लेते हुए कहा कि इस तरह की गलतियां स्वभाविक हैं हालांकि इसको भविष्य के लिए गंभीरता से लेने की जरूरत। श्री जडेजा ने स्वीकार किया कि आसीसीआई एशियाई देशों के खिलाड़ियों के साथ भेदभाव करता है।
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ऑस्ट्रेलिया को महाराष्ट्र में नहीं खेलने देंगेः ठाकरे
कंगारुओं को नहीं खेलने देंगे ऑस्ट्रेलिया में भारतीय युवाओं पर हमलों के
बाद शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे ने धमकी दी है कि उनकी पार्टी ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीम को महाराष्ट्र में नहीं खेलने देगी. महाराष्ट्र सहि
त पूरे भारत में आईपीएल मुक़ाबले होने हैं.
ऑस्ट्रेलिया में भारतीयों के ख़िलाफ़ हिंसा पर नाराज़गी जताते हुए ठाकरे का कहना है, "उस देश में हमारे लड़कों को चाक़ू मारे जा रहे हैं, जलाया जा रहा है और गोली मारी जा रही है लेकिन हमारे क्रिकेटरों को उनके साथ खेलने में कोई दिक्कत नहीं है. उनके अंदर कोई राष्ट्र भावना है या नहीं." ठाकरे ने यह बात शिव सेना के मुखपत्र सामना में लिखी है.
शिव सेना प्रमुख का
आईपीएल में खेलेंगे ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी यह बयान मुखपत्र के पहले पन्ने पर छपा है. ठाकरे का कहना है कि उन्होंने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भी ऐसा ही फ़ैसला किया था और पाकिस्तान की टीम अब भी महाराष्ट्र में नहीं खेल सकती है.
उन्होंने बॉलीवुड के सुपर स्टार अमिताभ बच्चन की तारीफ़ करते हुए कहा कि बच्चन ने भारतीयों पर हो रहे हमले के बाद हाल ही में ऑस्ट्रेलिया की क्वीन्सलैंड यूनिवर्सिटी का सम्मान ठुकरा दिया. उन्होंने कहा, "मुझे बड़ी ख़ुशी होती अगर हमारे क्रिकेटर भी ऐसा ही रवैया अपनाते. लेकिन क्रिकेट तो अब पैसों का खेल बन गया है. आत्म सम्मान और राष्ट्रीयता की भावना पीछे छूट गई है."
हाल के दिनों में ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल के लोगों पर हमला तेज़ हुआ है. इसकी वजह से दो भारतीय युवकों को जान भी गंवानी पड़ी है. इस साल के शुरू में मेलबर्न में 21 साल के भारतीय युवक नितिन गर्ग की हत्या के बाद भारत ने तो ऑस्ट्रेलिया को इतना तक कह दिया है कि भारतीयों पर हमले के बाद दोनों देशों के रिश्ते पर असर पड़ेगा.
भारत में शुरू हो रहे ट्वेन्टी 20 के आईपीएल 3 में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की बड़ी भागीदारी है. कप्तान रिकी पोन्टिंग के अलावा शेन वार्न, ऐंड्रयू साइमंड्स, मैथ्यू हेडन और एडम गिलक्रिस्ट जैसे सितारे आईपीएल में शामिल हैं. इसके कुछ मैच महाराष्ट्र में भी खेले जाएंगे. मुंबई और नागपुर में आईपीएल के मैच खेले जाने हैं.


ऑस्ट्रेलिया में भारतीयों के ख़िलाफ़ हिंसा पर नाराज़गी जताते हुए ठाकरे का कहना है, "उस देश में हमारे लड़कों को चाक़ू मारे जा रहे हैं, जलाया जा रहा है और गोली मारी जा रही है लेकिन हमारे क्रिकेटरों को उनके साथ खेलने में कोई दिक्कत नहीं है. उनके अंदर कोई राष्ट्र भावना है या नहीं." ठाकरे ने यह बात शिव सेना के मुखपत्र सामना में लिखी है.
शिव सेना प्रमुख का
आईपीएल में खेलेंगे ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी यह बयान मुखपत्र के पहले पन्ने पर छपा है. ठाकरे का कहना है कि उन्होंने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भी ऐसा ही फ़ैसला किया था और पाकिस्तान की टीम अब भी महाराष्ट्र में नहीं खेल सकती है.
उन्होंने बॉलीवुड के सुपर स्टार अमिताभ बच्चन की तारीफ़ करते हुए कहा कि बच्चन ने भारतीयों पर हो रहे हमले के बाद हाल ही में ऑस्ट्रेलिया की क्वीन्सलैंड यूनिवर्सिटी का सम्मान ठुकरा दिया. उन्होंने कहा, "मुझे बड़ी ख़ुशी होती अगर हमारे क्रिकेटर भी ऐसा ही रवैया अपनाते. लेकिन क्रिकेट तो अब पैसों का खेल बन गया है. आत्म सम्मान और राष्ट्रीयता की भावना पीछे छूट गई है."
हाल के दिनों में ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल के लोगों पर हमला तेज़ हुआ है. इसकी वजह से दो भारतीय युवकों को जान भी गंवानी पड़ी है. इस साल के शुरू में मेलबर्न में 21 साल के भारतीय युवक नितिन गर्ग की हत्या के बाद भारत ने तो ऑस्ट्रेलिया को इतना तक कह दिया है कि भारतीयों पर हमले के बाद दोनों देशों के रिश्ते पर असर पड़ेगा.
भारत में शुरू हो रहे ट्वेन्टी 20 के आईपीएल 3 में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की बड़ी भागीदारी है. कप्तान रिकी पोन्टिंग के अलावा शेन वार्न, ऐंड्रयू साइमंड्स, मैथ्यू हेडन और एडम गिलक्रिस्ट जैसे सितारे आईपीएल में शामिल हैं. इसके कुछ मैच महाराष्ट्र में भी खेले जाएंगे. मुंबई और नागपुर में आईपीएल के मैच खेले जाने हैं.
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