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बुधवार, 29 जून 2011
बैंक में हुआ हंगामा

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UCO bank
इंसानियत खो गई है.....
डबवाली (यंग फ्लेम) लगता है इंसानों के बीच इंसानियत खो गई है। एक साथ जीने-मरने की कसमें खाने वाले खुद ही जीवनसाथी की जिंदगी छीन रहे हैं। पोता-पोती की एक किलकारी सुनने को बेताब रहने वाली दादी अपने हाथों से नन्हीं सी जान को तंदूर में डाल रही है। पिछले कुछ दिनों से सिरसा जिले सहित प्रदेश में हो रही ऐसी घटनाओं ने सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। बीते दिनों गांव डबवाली में अपने ससुराल आए युवक को उसकी जीवन संगिनी ने अग्नि के सामने सात फेरे लेकर खाई कसमों की कोई लाज नहीं रखी वहीं दूसरी और डबवाली शहर के प्रेम नगर में भी ऐ युवक का शव बरामद होने पर युवक के परिजनों ने उसकी पत्नी व ससुरालपक्ष के लोगों पर कुछ गंभीर आरोप लगाए। ऐसे ही वाक्य 20 जून को रानियां हलके के बाजीगर थेहड़ में दादी ने ही अपनी सात माह की पोती पूजा के साथ ऐसा किया कि इंसानियत भी शर्मसार हो गई। पहले उसके गले में प्याज ठूंसकर उसकी सांसें बंद की और बाद में घर के तंदूर में डाल दिया। यह घटना किसी का भी दिल दहला सकती है। अपने सुहाग के लिए यमराज से भी पति को जिंदा लाने की कहानियां हम सब ने सुनी हैं मगर जिला सिरसा के गांव मीरपुर कॉलोनी में एक महिला ने अपने ही हाथों से खुद का सुहाग उजाड़ दिया। उसने एक पल के लिए भी नहीं सोचा की पति के बिना वह अपनी जिंदगी कैसे गुजारेगी। 25 जून की रात भी सिरसा शहर के रानियां रोड क्षेत्र में एक व्यक्ति ने अपनी उस पत्नी की गला घोंटकर हत्या कर दी जो उसकी लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत रखती थी। ऐलनाबाद में दादी-पोती हत्याकांड भी समाज के माथे पर किसी कलंक से कम नहीं है। महज कुछ लाख रुपयों के लालच में अंधे व्यक्ति ने वृद्धा व उसकी मासूम पोती को बेरहमी से काट डाला। रोहतक में वहशी दरिंदों ने तीन छात्राओं पर तेजाब डालकर साबित कर दिया है कि अब इंसान के अंदर नफरत के सिवाय कुछ नहीं बचा है। गुडग़ांव में बीच बाजार एक हमलावर को जिंदा जला दिया और वहां मौजूद भीड़ उसकी जान बचाने की बजाय तमाशबीन बनी रही। हो सकता है कि उसका अपराध क्षमा योग्य न हो, मगर जो कुछ उसके साथ हुआ, वह भी किसी सूरत में जायज नहीं ठहराया जा सकता। कानून को अपने हाथ में लेना कानून का मजाक है। नाबालिग छात्राओं के साथ बलात्कार की घटनाएं भी आम हो गई हैं। घर से बाहर निकलने से पहले छात्राएं व महिलाएं दो बार सोचती हैं कि वे सुरक्षित घर लौटेंगी या नहीं। यह सब उस समाज में हो रहा है जहां महिला को 'ममताÓ व लड़की को 'दुर्गाÓ का रूप समझा जाता है। अब ऐसा क्या हो गया है कि ऐसी घटनाओं को अंजाम देने से पहले व्यक्ति कुछ सोचता नहीं। इस समय इस तरह की जो घटनाएं हो रही हैं वे एक सभ्य समाज के लिए अच्छा संकेत नहीं है। इस पर समाज के सभी लोगों को बैठकर मंथन करना होगा वरना वह दिन दूर नहीं जब हम फिर से उस आदम युग में चले जाएंगे जहां इंसान के जीवन की कोई कीमत नहीं होती थी।
कन्या भू्रणहत्या के खिलाफ होगा जन जागरण अभियान
डबवाली (यंग फ्लेम) अंर्तराष्ट्रीय लायंस संगठन 321-ए 3 ने बीते दिवस हिसार के मिड-टाऊन ग्रैंड पैलेस में सम्पन्न प्रांंतीय प्रशिक्षण शिविर में 2011 की जनगणना के आंकड़ो पर चिंता जताते हुये लायनिस्टिक वर्ष 2011-12 में हरियाणा और दिल्ली में कन्या भ्रूण-हत्या के खिलाफ जागरूक्ता अभियान चलाने का निर्णय लिया है। यह जानकारी देते हुए पीआरओ भारत वधवा ने बताया कि प्रान्तपाल के. एल. खट्टर ने इस अभियान को प्रभावशाली ढंग से चलाने की जिम्मेवारी लायंस संगठन के प्रांतीय सचिव सतीश जग्गा को सौंपी है। श्री जग्गा वर्ष 2005-06 में भी सिरसा जिले में इस अभियान का नेतृत्व कर चुके हैं तथा लम्बे समय से इस क्षेत्र में कार्य कर रहें हैं। इस अभियान को सुनियोजित ढंग से चलाने के प्रान्त 321-ए 3 में 20 से भी ज्यादा क्षेत्रीय प्रभारी, संभाग संयोजक एंव प्रक्लप अधिकारी नियुक्त किये जा रहे हैं। श्री जग्गा ने कहा कि सामाजिक एंव प्रशासनिक संस्थाओं द्वारा इस क्षेत्र में काफी कार्य किये जाने के बावजूद भी नयी जनगणना साफ इशारा करती है कि अभी और जागरूक्ता की जरूरत है, जमीनी स्तर पर गांव-गांव जाकर अलख जगाने के साथ-साथ, उन कारणों का पता लगााकर निवारण करना जरूरी है जिनके चलते लोग जन्म लेने पहले ही अपनी बेटी को मार देने का फैसला लेते हैं। श्री जग्गा ने कहा कि 2011 की जनगणना के मुताबिक हरियाणा में 0 से 6 वर्ष की आयु में 1000 लड़कों के मुकाबले 830 लड़कियां ह,ै वंही सिरसा जिला में 852, तथा झझर, सोनीपत और महेन्द्रगढ़ में 800 से भी कम हैं वहीं अम्बाला, यमुनानगर, कुरूक्षेत्र, करनाल, कैथल तथा रोहतक में 800 से 825 के बीच है तो फरदीबाद, गुडग़ांव, पंचकुला, पानीपत, जीन्द, फतेहाबाद, हिसार और भिवानी में लिंग अनुपात 825 से 850 के बीच हैै, पलवल में 862 और मेवात में सबसे ज्यादा में 903 तथा झझर में सबसे कम 774 है। श्री जग्गा ने कहा कि जहां 2001 के आंकड़ों के अनुसार हरियाणा में 6 वर्ष से कम आयु में लिंग अनुपात 819 था वो सामुहिक सामाजिक और प्रशासनिक प्रयासों के चलते 2011 में 830 पहुंच गया है, परन्तु अभी भी स्थीती विस्फोटक है और सभी संस्थाऔं और बुद्धिजिवीयों को आगे बढ़कर इस सघन अभियान में अपना योगदान देना चाहिये।
पशु मेला ग्राऊंड पर लटका ताला, व्यापारी असमंजस में
डबवाली (यंग फ्लेम)उत्तर भारत मे अपनी अलग पहचान बना चुका किलियांवाली का पशू मेला किसी न किसी कारण अक्सर ही र्सुिखयो बना रहता है यहां की प्रसिद्ध पशू मण्डी उस समय सुर्खियों मे आई जब कुछ वर्ष पूर्व डबवाली मे गौ हत्या
काण्ड का प्रदा फाश हुआ जिसके तार सीधे ही इस पशु मण्डी से जुड़े पाए गए क्यू कि इसी मेले से गौ तस्कर अपने दरिंदगी भरे कार्य को बे खोफ अंजाम देते रहे। गांव डबवाली के गौ हत्या काण्ड सामने आने से लोगों मे खलबली मच गई व चारो और विरोध प्रदर्शन होने से सोई हुई सरकारों की नींद खुल गई लोंगे के भारी रोष को देखते हुए पंजाब सरकार ने भी इस पशु मेले को कुछ समय के लिय बंद करवा दिया था। उस समय गौ हत्या की गंभीरता को समझते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने गौ हत्या काण्ड की कड़े शब्दों मे निन्दा
की थी व एैलान किया था इस पशु मेले को आधुनिक पशु मेला मैदान का रूप देकर एसी घटनायों पर अंकुश लगाने का प्रयास किया जाऐगा श्री बादल ने अपने इस वायदे को पूरा करते हुए किलियांवाली मंडी मे एक विशाल पशु मेला ग्रांउण्ड का निर्माण कर 21 जून मंगलवार को उद्धघाटन कर पशु व्यापरियों के लिय खोल दिया था । लेकिन हर रविवार को लगने वाले इस पशु मेले में दूर दराज आए पशु व्यापारियों का उत्साह उस वक्त ठण्डा पड़ गया जब उन्होने नवनिर्मित पशु मेला ग्राउण्ड के मुख्य द्वार पर ताला लटका देखा जब इस बारे मे पशु मण्डी के ठेकेदारों गुरचरण सिंह, अवतार सिंह,सुखपाल सिंह भाटी,मनजिंद्र सिंह बिट्टू व बब्बू दानेवालिया से बातचीत की तो उन्होने कहा कि लाल फीता शाही के चलते अभी तक पशु मेला ग्रंाउण्उ की चाबियां नही सोंपी गई और न इस बारे मे उनसे कोई भी विचार विर्मश किया गया है ठेकेदारों ने अपने संयुक्त बयान मे कहा किइसमे कोई संदेह नही कि यह पशु मेला ग्राउण्उ उतर भारत मे अपनी तरह का पहला पशु मेला ग्राउण्ड है जिसमे पशु व व्यापारियों के हर सुविधा प्रदान की गई है लेकिन विशाल ग्रांउण्ड के र
खरखाव व स्कोयटी के विशेष प्रंबध नही किया गया है। वही दुसरी और उन्हाने कहा कि इस मेला ग्राउण्ड मे बिजली पानी व अन्य खर्चों को लेकर सरकार ने अभी तक साफ नही किया है। जिसके चलते पशु व्यपारी व ठेकेदार असंमजस की स्थिति मे है । उधर, जब इस बारे मे मुक्तसर के डी. डी. पी.औ अमरिद्रं सिंह सरां से दूरभाष पर बात की गई तो उन्होने बताया कि प्रशासन इस मेला ग्राउण्ड के रखरखाव के लिय माली, सफााई कर्मचारी व अन्य स्टाफ की नियुक्ति करने उपरांत इस पशु मेला ग्राउण्ड को व्यापारियों को सोंप दिया जाऐगा तथा आने वाले रविवार को पशु मण्डी नवनिर्मित पशु मेला ग्राउण्उ मे लगााई जाएगी।
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