डबवाली-उपमण्डल के गांव मसीतां के एक खेत में मानसिक परेशानी के चलते एक व्यक्ति ने गले में फन्दा डालकर पेड़ से लटक कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मृतक की पहचान प्रकाश सिंह पुत्र जगराज सिंह मसीतां निवासी के रूप में हुई है। प्राप्त जानकारी अनुसार मृतक के पुत्र जगसीहर सिंह ने बताया कि मेरे पिता काफी समय से बीमार चल रहे थे और दिमागी तौर पर परेशान रहते थे। जिसके चलते वह घर से दो दिनों से लापता थे। हमने उन्हें इधर-उधर काफी तालाश किया लेकिन हमें उनका कोई सुराग नहीं मिला। बीती सायं 6 बजे के करीब गांव के ही जमींदार हरमन्द्र सिंह पुत्र जरनैल सिंह के खेत में कार्य करने वाले मजदूर जग्गा सिंह ने सूचना दी की खेत में पेड़ पर किसी का शव लटक रहा है तो हरमन्द्र सिंह ने इसकी सूचना थाना शहर डबवाली में दी तो उप निरीक्षक कैलाश चन्द्र पुलिस दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और शव को अपने कब्जे में लेकर आगामी कार्रवाई आरम्भ कर दी सूचना मिलते ही मृतक के परिजन भी घटनास्थल पर पहुंच गए एसआई कैलाश चन्द्र ने आवश्यक कार्रवाई उपरान्त शव को पोस्टमार्टम हेतु डबवाली के राजकीय अस्पताल में लाया गया। थाना शहर पुलिस के उप निरीक्षक कैलाश चन्द्र ने बताया की आईपीसी की धारा 174 के तहत कार्रवाई के उपरान्त शव का पोस्टमार्टम करवाकर वारिसों को सौंप दिया।
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बुधवार, 9 जून 2010
जीवन में दु:ख आना पार्ट ऑफ लिविंग है तथा दु:ख में खुश रहना आर्ट ऑफ लिविंग है-शर्मा -
डबवाली-आर्ट ऑफ लिविंग की स्थानीय इकाई द्वारा बाल मन्दिर सीनियर सैकेंडरी स्कूल के प्रांगण में कल से जारी छ: दिवसीय पार्ट - वन कोर्स के आज दूसरे दिन मैडम सविता शर्मा ने उपस्थित योग साधकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जीवन में दु:ख आना पार्ट ऑफ लिविंग है तथा दु:ख में खुश रहना आर्ट ऑफ लिविंग है। उन्होंने शिविर में उपस्थित योग साधकों से प्रश्र पूछा कि आप खुश कब होते हैं या होंगे तो कुछ लोगों ने कहा कि जब वह पूर्ण स्वस्थ होंगे। कुछ लोगों का कहना था कि जब उनके बच्चे खुश होंगे तथा कुछ लोगों ने कहा कि जब हम किसी की सहायता कर रहे होंगे। मैडम सविता शर्मा ने कहा कि ऐसा नहीं है। हमें खुश रहने के लिए किसी वजह की आवश्यकता नहीं? हमें हर हाल में खुश रहना चाहिए तथा जब हम वर्तमान में खुश रहेंगे तभी हम जि़न्दगी में हमेशा खुश रह सकेंगे। इस अवसर पर गोल्ड ग्रुप की लीडर विनया ने कहा कि ''फूल बनकर मुस्कुराना है जि़न्दगी, मुस्कुराकर $गम भुलाना है जि़न्दगी, जीत कर खुश हुआ तो क्या हुआ, हार कर खुशी मनाना है जि़न्दगी।
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