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रविवार, 15 नवंबर 2009

हैलो-हाय छोड़ो, सत श्री अकाल बोलो


अमृतसर : हैलो-हाय छोड़ो, सत श्री अकाल बोलो। यह प्रण शनिवार को अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों से जुड़े नेताओं, समाज सेवी संस्थाओं व साहित्यकारों ने लिया। फोकलर रिसर्च अकादमी के तत्वाधान में मातृभाषा पंजाबी के प्रचार-प्रसार को लेकर शनिवार को विचार गोष्ठी का आयोजन विरसा विहार में किया गया था। फोकलर रिसर्च अकादमी के प्रधान रमेश यादव ने कहा कि राज्य में मातृभाषा पंजाबी से स्कूलों में पढ़ रहे बच्चे दूर हो रहे हैं, जो चिंता का विषय है। प्रसिद्ध नाटककार केवल धारीवाल व न्यूज एंकर अरविंदर भट्टी ने कहा कि हमें पंजाबी भाषा को बढ़ावा देने के लिए एक मंच पर आना होगा। हमें फोन आते ही हैलो-हाय कहने की आदत पड़ गई है, इसे छोड़ना होगा।

प्लास्टिक मनी है नकली करंसी का तोड़


आरबीआई के अनुसार एक मिलियन नोट के पीछे 8 नोट नकली हैं। देखने में आंकड़ा बहुत छोटा है लेकिन नकली नोट का खौफ बहुत बड़ा है। आरबीआई की डिप्टी गवर्नर श्यामला गोपीनाथ ने शनिवार को यहां कहा कि प्लास्टिक मनी (एटीएम व स्मार्ट कार्ड) का प्रयोग नकली करंसी का प्रसार रोकेगा। डिप्टी गर्वनर ने कहा कि भारत में नकली करंसी के प्रसार का मुख्य कारण यह है कि लोग भुगतान के लिए आनलाइन ट्रांजेक्शन नहीं बल्कि मुद्रा के आदान प्रदान पर ही जोर देते हैं। आज बैंक आनलाइन हो रहे हैं, एटीएम मशीनों का नेटवर्क बढ़ रहा है जिससे कैश ट्रांजेक्शन आनलाइन हो रहे हैं। इससे मुद्रा हाथ में नहीं बल्कि सीधे खाते में चली जाती है, जिससे नकली करंसी इसमें मिक्स नहीं हो पाती। नई कार्यप्रणाली से नकली करंसी का प्रसार बंद होगा।श्रीमति गोपीनाथ ने कहा कि बैंकों की सेवाओं को लेकर ग्राहकों को आने वाले परेशानी के हल के लिए शिकायत निवारण सैल बनाने की योजना पर काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि बैंक अपनी प्लेटीनम जुबली मना रहा है। बैंक ने अपनी डिवीजनों में देश भर के 100 गांव चुने हैं जिनमें हरेक की जनसंख्या 2000 से ऊपर है। इन गांवों में बैंकिंग सेवाएं तो उपलब्ध करवाई ही जाएंगी साथ ही रोजगार व विकास के कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे। पंजाब में जल्ला, हरबंसपुर, काहनपुर, कोटला, बालड़ीवाला व मानकपुर (जिला फतेहगढ़ साहिब) गांव शामिल हैं। इन गांवों में आनलाइन बैकिंग, बीमा व वित्त सेवाएं होंगी। बैंक आने वाले दिनों में बिजनेस कारेसपांडेंट भर्ती करेगा जो हर तरह की वित्त व बैंक सेवा लोगों तक पहुंचाएंगे। उनके पास हैंडी कंप्यूटर होगा जो पैसा जमा करने व पेंशन इत्यादि की रकम सीधे घर पहुंचाएंगे। आरबीआई ने बैंकों को प्रति जिला कम से कम एक सिक्का वितरण मशीन स्थापित करने के आदेश दिए हैं।

कानून तो है, विकल्प नहीं


पंजाबभर में हर वर्ष 23 मिलियन टन पराली का उत्पादन होता है। इसमें अधिकतर किसान अन्य कोई विकल्प न होने के कारण आग के हवाले कर देते हैं। इसके कारण जहां भूमि का सत्यानाश होता है, वहीं वातावरण भी जमकर दूषित हो रहा है। ऐसा नहीं है कि सरकार के पास हवा में प्रदूषण फैलाने को लेकर कोई कानून नहीं है, बल्कि सरकार इसे तब तक लागू करने में हिचकिचा रही है जब तक वह किसानों को पराली जलाने के बदले सही विकल्प नहीं दे दिया जाता। पंजाब लगभग 144 लाख टन धान हर वर्ष में पैदा होता है और देश में सबसे अधिक धान केंद्रीय पूल में देता है। इसी कारण पंजाब में धान काटने के बाद खेतों में खड़ी रह जाने वाली पराली की भी मात्रा 230 लाख टन तक पहुंच जाती है। कृषि माहिरों के अनुसार हाल ही में किसानों को अपनी पराली के लिए प्रति एकड़ 3 से 3.5 हजार रुपये की आमदनी हुई। पर्यावरण माहिर व पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के सदस्य संत बलबीर सिंह सींचेवाल का कहना है कि किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए सख्ती बरतने के बजाये उन्हें इसके विकल्प बताए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि पराली से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है, लेकिन वह अपने तत्काल लाभ के लिए पराली को आग में जला देते हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार को चाहिए कि वह रोटा वेटर व हैपी सीडर सहकारी सभाओं के जरिए उपलब्ध करवाए। उन्होंने कहा कि प्रदूषण रोकने के तहत पराली जलाने वाले के खिलाफ कानून तो है, लेकिन उसका उपयोग नहीं हो पा रहा। कृषि अर्थशास्त्री व पंजाब किसान आयोग में सलाहकार के तौर पर कार्यरत डा. पीएस रंगी ने कहा कि जब तक सरकार द्वारा किसानों को पराली जलाने के बदले कोई अन्य विकल्प नहीं दिया जाता तब तक उन्हें रोकना आसान नहीं है। उनका कहना है कि पंजाब में लगभग 22 से 23 मिलियन टन पराली हर वर्ष पैदा हो रही है और इसका उपयोग बायो फ्यूल के जरिये बिजली पैदा करने के लिए उपयोग के अलावा अन्य उपयोग हो सकता है। उनका कहना है कि बिजली पैदा करने के लिए कुल पराली का 15 प्रतिशत हिस्सा उपयोग में लाया जा सकता है। पंजाब सरकार ने राज्य में बायो फ्यूल से चलने वाले 29 पावर प्लांट बनाने की योजना बनाई है, जिसमें से सात प्लांटों ने कार्य शुरू कर दिया है। पंजाब में लगभग 600 एग्रो सर्विस सेंटर हैं, जिन्हें सहकारी व अन्य संस्थाओं द्वारा चलाया जा रहा है। इसके द्वारा मशीनों को सस्ती दरों पर उपलब्ध करवाया जा सकता है। पंजाब कृषि विभाग के निदेशक बलविंदर सिंह सिद्धू ने बताया कि उनका विभाग राज्यभर के किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित कर रहा है। इस समय राज्य में पराली 60 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही है, जिसे बिजली पैदा करने वालों के अलावा अन्य लोग ले रहे हैं। वह किसानों को बता रहे हैं कि पराली को जलाने के बजाय उससे पैसा कमाया जा सकता है और इसके लिए किसानों को जहां रोटा वेटर और हैपी सीडर का उपयोग करने को कहा जा रहा है। वहीं, उन्हें यह सस्ते दामों पर उपलब्ध भी करवाया जा रहा है। उनका कहना है कि राज्य में लगभग सभी जिलों में किसानों के खिलाफ पराली जलाने के आठ से दस केस दर्ज हुए हैं। पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के एक उच्चाधिकारी का कहना था कि अभी तक पंजाब सरकार द्वारा पराली को जलाने वाले के खिलाफ कार्रवाई करने का कोई कानून नहीं है। केवल धारा-144 के तहत पंजाब के जिलों में डीसी द्वारा किसानों पर मामले दर्ज किए गए हैं। उनका कहना है कि बोर्ड के पास केवल औद्योगिक प्रदूषण पर ही कार्रवाई करने के अधिकार हैं।

खो गई पीहू-पीहू, नहीं दिखते तीतर-बटेर





फिजा में राष्ट्रीय पक्षी मोर की पीहू-पीहू घुटती जा रही है और हरियाली में उड़ारी भरने वाले तीतर गायब से हो गए हैं। बटेर बाट जोहने के बावजूद अब दिखाई नहीं देते। शिकार सहित विभिन्न कारणों से ये तीनों पक्षी महफूज नहीं हैं। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय परिसर में ही इनकी संख्या तेजी से घटी है। कुवि के प्राणी शास्त्र विभाग के पूर्व अध्यक्ष डा. जेएस यादव के अनुसार कुछ साल पहले तक परिसर में मोरों की संख्या सैंकड़ों में थी और तीतर व बटेर भी खूब उड़ारी भरते दिखाई देते थे। लेकिन अब संख्या उतनी नहीं रही। अनुमान के अनुसार मोरों की संख्या एक तिहाई तक सिमट गई है। सुबह-शाम अक्सर रंग-बिरंगे पंखों के साथ नृत्य करते मोर अब परिसर में काफी कम दिखाई देते हैं। परिसर में ही रहने वाले कुवि कर्मचारी प्रताप सिंह बताते हैं कि पहले मोर उनके आंगन तक आ जाते थे, लेकिन अब कभी-कभार ही दिखाई देते हैं। गौरतलब है कि पिछले एक दशक में विश्वविद्यालय में तेजी से निर्माण हुआ है और हरियाली के स्थान पर भवन खड़े हो गए हैं। कुलपति निवास के निकट स्थित बाग में सबसे ज्यादा मोर दिखाई देते थे, लेकिन अब वहां अकादमिक स्टाफ कालेज का अतिथि गृह बन रहा है। काफी जमीन आवासीय जरूरतों के चलते प्रयुक्त हो गई है। हालांकि परीक्षा शाखा के पीछे और महिला छात्रावासों के पास पेड़ों की संख्या बढ़ी है, लेकिन मोर, तीतर व बटेर की तादाद घटी है। कई साल पहले विश्वविद्यालय में रजबाहे के निकट मोर के पंख भी मिले थे। लिहाजा परिसर में मोर के शिकार की आशंकाओं को भी खारिज नहीं किया जा सकता। 1975 में लाए गए थे तीन मोर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में 1975 में तीन मोर लाए गए थे। डा. जेएस यादव बताते हैं कि यह उन्हीं मोरों का वंश है। वर्ष 1997-98 तक मोरों की संख्या अच्छी-खासी रही, लेकिन अब तेजी से इनकी संख्या में कम होती जा रही है। डा. यादव का मानना है कि अधिक निर्माण के कारण कुछ मोर ब्रह्मसरोवर व निट परिसर के अलावा खेतों की तरफ निकल गए होंगे। उन्होंने बताया कि जब 1968 में वह विश्वविद्यालय में आए तो, उस वक्त यहां चोटी वाले लार्क समेत बहुत सी प्रजातियों के पक्षी थे। इनमें तीतर व बटेर की काफी संख्या थी। उस समय झाडि़यां व पेड़ भी अधिक बीड़ में भी नहीं परिस्थितियां अनुकूल : जिले में स्थित बीड़ व जंगल में भी इन तीनों वन्य प्राणियों के अनुकूल माहौल नहीं है। स्योंसर स्थित सरस्वती वन विहार में भी मोरों की संख्या कम होती जा रही है। सौंटी बीड़ में भी वन्य प्राणियों के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं। सौंटी निवासी पवन पूनिया बताते हैं कि करीब 500 एकड़ के इस आरक्षित वन में वन्य प्राणियों के लिए पीने के पानी के पुख्ता प्रबंध नहीं हैं। वन्य प्राणी निरीक्षक रामकरण का कहना है कि ये व्यवस्थाएं विभाग द्वारा उच्च स्तर पर की जाती है। हालांकि मोरों की संख्या कम होने के लिए वह बढ़ती आबादी के दबाव और बड़े पेड़ों की घटती संख्या को मानते हैं। लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता : कुवि के प्राणी शास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. रजनीश शर्मा भी वन्य प्राणियों की घटती संख्या पर चिंतित हैं। उनका कहना है कि मोर, तीतर व बटेर दिखाई तो देते हैं, परंतु संख्या अब उतनी नहीं है। इनके संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। इसी मकसद से प्राणी शास्त्र विभाग द्वारा वन्य प्राणी संरक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। लोगों को विस्तृत जानकारी देने के लिए विभाग में प्रदर्शनी लगाई गई है। उन्होंने बताया कि विभाग के विद्यार्थी मोरों पर शोध भी कर रहे हैं। वन्य प्राणियों पर संकट के कारण ठोस : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्राणी शास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. रजनीश शर्मा का कहना है कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में कुत्तों की संख्या बढ़ गई है। वह मोर, तीतर व बटेर की उड़ने की कम क्षमता का फायदा उठा कर उनका शिकार करते हैं। इसके अलावा लोग खेतों में कीटनाशकों व रासायनिक खादों का अंधाधुंध प्रयोग कर रहे हैं। इसके चलते वन्य प्राणी बेमौत मर रहे हैं। कुछ लोग फसलों की सुरक्षा के लिए बाड़ की तारों में करंट भी छोड़ते हैं। कुछ तांत्रिक व ओझा भी मयूर पंखों का झाड़-फूंक के लिए इस्तेमाल करते हैं। लिहाजा यह भी मोरों के लिए बड़ा खतरा है। पेचीदा है वन्य प्राणियों की गणना : वन्य प्राणियों की गणना का काम बेहद पेचीदा है और इसके लिए पूरा नियोजन करना पड़ता है। डा. जेएस यादव बताते हैं कि जिस क्षेत्र में मोर जैसे प्राणियों की संख्या पता लगानी हो, पहले उसे सेक्टरों में बांटा जाता है। एक निश्चित समय पर निर्धारित सेक्टरों में आदमियों को गिनती पर लगाया जाता है। नियत समय में गणना पूरी की जाती है। डा. यादव बताते हैं कि वन्य प्राणी स्थान बदलते रहते हैं, इसलिए यह बेहद चौकसी का काम है।

20 years in cricket


दिल्ली के भिखारियों ने आगरा में ठिकाना बनाया


राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारी के चलते दिल्ली से हटाये जा रहे भिखारियों ने ताज नगरी को ठिकाना बनाया है। दिल्ली से नजदीक और पर्यटन नगरी होने की वजह से आगरा उनके लिये मुफीद है। अब तक सैकड़ों भिखारी शहर में प्रवेश कर चुके हैं। दिल्ली सरकार ने 2010 के कामनवेल्थ गेम्स से पहले राजधानी को साफ सुथरा बनाने का अभियान छेड़ रखा है, इनमें राजधानी में मौजूद भिखारियों की बड़ी फौज को हटाना भी शामिल है जिन्होंने सड़कों और चौराहों (लालबत्तियों) के इर्द-गिर्द कब्जा जमा रखा था। सरकारी मुहिम ने इन्हें पलायन के लिए मजबूर कर दिया है। दिल्ली से चार दिन पूर्व कुनबे समेत यहां आने वाली सावित्री (65) ने एमजी रोड के फुटपाथ पर डेरा डाल रखा है। मूलत: राजस्थान की निवासी सावित्री ने बताया कि 15 साल से भी ज्यादा समय वह दिल्ली में फुटपाथ पर रही। वहीं पर भीख मांग कर बच्चों को पाल पोस कर बड़ा किया। यहां आने वाली वह अकेली नहीं है। बबीता, भूरी, माया, रजनी, मालती जैसी दर्जनों महिलाएं परिवार सहित यहां आ गई हैं। मध्य प्रदेश के मोहम्मद, फर्रुखाबाद के रामदीन, सूरज, किशोरी, हरी आदि ने भी एमजी रोड के फुटपाथ पर डेरा डाल रखा है। बहुत से भिखारियों ने कैंट, फोर्ट रेलवे स्टेशन, बिजलीघर, लाल किले के आसपास ठिकाना बनाया है। कैंट स्टेशन पर उतरने वाले सैलानियों को घेरना शुरू कर दिया है। तरीका वही दिल्ली वाला है लाल बत्ती पर किसी गाड़ी के रुकते ही उसे कमीज से साफ करना फिर एवज में पैसे मांगना। कम उम्र बच्चे सामान बेचते नजर आते हैं।

करीना ने शिवसैनिकों से मांगी ढंग की साड़ी





मुम्बई।। कुर्बान फिल्म के पोस्टरों में अपनी खुली पीठ की वजह से शिवसेना का निशाना बनीं करीना कपूर ने जव
ाबी हमला किया है। गौरतलब है कि मुम्बई में शिवसैनिकों ने इन पोस्टरों पर अपना गुस्सा निकाला था और कुछ को साड़ी भी पहनाई थी। पार्टी के जितेंद्र जनावले ने कहा कि हम जल्द करीना के घर जाकर उन्हें साड़ी भेंट करेंगे। हालांकि करीना को अभी तक साड़ी नहीं मिली है और उन्होंने जोर देकर कहा है कि अगर वे साड़ी भेजना चाहते हैं तो थोड़ा कायदे की और अच्छी भेजें। यहां कुर्बान फिल्म के प्रमोशन के एक कार्यक्रम में करीना ने यह बात कही।

अपने रियल लाइफ बॉयफ्रेंड सैफ के साथ खुली पीठ दिखाने वाले पोस्टरों को अभद्र बताए जाने पर करीना ने कहा कि मुझे उसमें कुछ भी गलत नहीं लगता। मेरे ख्याल से उसमें से सुंदरता झलकती है। सैफ के अलावा विवेक ओबेरॉय के स्टार कास्ट वाली कुर्बान फिल्म 20 नवंबर से पर्दे पर दिखेगी। आतंकवाद के बैकग्राउंड पर इसमें लव स्टोरी को दिखाया गया है।

..ताकि कोई उन्हें किन्नर कहकर न चिढ़ाए





सिरसा( डॉ सुखपाल)- अब डेरा सच्चा सौदा सिरसा ने किन्नर बच्चों की देखभाल और वेश्याओं को वेश्यावृत्ति की दलदल से निकालने का बीड़ा उठाया है।

किन्नरों की दशा सुधारने और उन्हे मुख्यधारा से जोड़ने की ऐतिहासिक मुहिम के तहत संत गुरमीत राम रहीम सिंह ने विशेष योजना का एलान किया है। इसके तहत डेरा सच्चा सौदा की ओर से किन्नर बच्चों के उत्थान के लिए अलग से स्कूल व हास्टल का निर्माण किया जाएगा। इसके बाद ही इस मौके पर उन्होंने आर्थिक तंगी के कारण मजबूरीवश वेश्वावृत्ति मे पड़ी लड़कियों के साथ विवाह करवाने के लिए सहमत हुए बहादुर लड़कों को भी विवाह के बाद पूरा सहयोग देने का वचन दिया। तीन-चार दिनों में ही सिरसा में 50 से ज्यादा युवाओं ने वेश्याओं से शादी करने की इच्छा जताई है।

उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों में साध-संगत के 25 सदस्य, जिले के 15 सदस्य, ब्लाकों के सात प्रेमी व अन्य जिम्मेदार अपने आसपास देखें कि जहां भी कोई जन्म से बच्चा किन्नर पैदा हुआ है तो उसकी सूचना डेरा सच्चा सौदा में दी जाए ताकि इन बच्चों को मांगने की बजाय बढि़या परवरिश देकर और पढ़ा-लिखाकर इज्जत भरी जिंदगी जीने के काबिल बनाया जा सके।

उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों के लिए डेरा सच्चा सौदा, सत ब्रह्मचारी सेवादार व साध-संगत के सहयोग से ही अलग स्कूल व हास्टल बनाए जाएंगे ताकि कोई भी उन बच्चों का मजाक न उड़ा सके।

उन्होंने कहा कि वेश्याओं के उत्थान के लिए डेरा सच्चा सौदा द्वारा महायज्ञ शुरू हो चुका है। कई युवा इस अभियान से जुड़ रहे है। डेरा ने बरनावा में वेश्वावृत्ति को रोकने के लिए मुहिम चलाने के लिए कहा था, यहां सिरसा में तीन-चार दिनों में ही 50 से अधिक युवा भक्त-योद्धा इस मुहिम में शामिल हो गए है।

बच्चों में दिखा चाचा नेहरू के प्रति विशेष लगाव


बठिंडा-पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिवस शनिवार को महानगर में बाल दिवस के रूप में धूमधाम से मनाया गया। विभिन्न स्कूलों में इस दिन को लेकर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

एक नई बस्ती स्थित गैलेक्सी प्रीपरेटरी प्ले वे स्कूल में बाल दिवस के उपलक्ष्य में रंगबिरंगी पोशाकों में सजे बच्चों ने शांति का संदेश दिया। प्रिंसिपल किरण शर्मा के मार्गदर्शन में बच्चों ने मदर टेरेसा की वेशभूषा में गरीबों की सेवा का मार्मिक चित्रण भी पेश किया, वहीं प्रदूषण के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान भी करते प्रतीत हुए।

परसराम नगर स्थित एकेडमिक प्ले वे स्कूल में बाल दिवस के उपलक्ष्य में आायोजित फैंसी ड्रेस में विभिन्न वेशभूषा में सजे नन्हे-मुन्ने अनेक रूपों में नजर आए। सफेद अचकन पर लाल गुलाब लगे वस्त्रों से सजे हंसमुख चेहरे ने चाचा नेहरू की स्मृति दिलाई।

डीएवी सीसे स्कूल में भी बाल दिवस उल्लास मनाया गया। प्रिंसिपल सतवंत कौर भुल्लर ने चाचा नेहरू द्वारा समाज को दिए उल्लेखनीय के प्रति आभार जताया। वहीं बच्चों ने भी अपने प्रिय चाचा के प्रति स्नेह दर्शाते हुए रंगारंग कार्यक्रम पेश किया।

दशमेश पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आयोजित समागम को संबोधित करते हुए प्रिंसिपल डा. रविंद्र सिंह मान ने अच्छे समाज सृजन का आह्वान करते हुए कहा कि भविष्य की चुनौतियों का सामना उच्च शिक्षा के साथ-साथ आत्मविश्वास एवं सर्वपक्षीय गुण विकसित करने पर ही संभव हैं। शबद गान साथ बच्चों ने भाषण मुकाबले, गिद्दा, भंगड़ा, गीत, स्किट, कविताएं एवं फैंसी ड्रेस मुकाबलों में प्रतिभा के जौहर दिखाए। इनमें अर्शदीप एंड पार्टी ने गिद्दा में वाहवाही लूटी जबकि कवितोच्चारण में रमनदीप कौर, सुपिंद्र सिंह एवं रूपिंद्र कौर, फैंसी ड्रैस में अमनदीप कौर, करीना एवं वंदना, ड्राइंग में हर्शप्रीत कौर, हरमनदीप सिंह व करुणा एवं लेखन मुकाबले में सुखमन सिंह, गुरलीन, मानसी कंचन व आकाशदीप ने क्रमश: पहला, दूसरा व तीसरा स्थान हासिल किया।

सतलुज पब्लिक स्कूल में बाल दिवस पर आयोजित समारोह में दसवीं के अंशु व अंजुम ने पं. नेहरू जी के जीवन एवं आदर्शो पर प्रकाश डाला, जबकि अन्य विद्यार्थियों ने रंगारंग कार्यक्रम पेश किए। नर्सरी के बच्चों ने कविताएं व नृत्य किया जबकि फन गेम्स रूमाल दौड़, केला खाकर भागना, दूध पीकर भागना का भी आयोजन किया गया जिसमें प्रथम, द्वितीय व तृतीय रहने वाले विद्यार्थियों को मुख्याध्यापक सुरिंदर पाल सिंह बराड़ ने पुरस्कृत किया, वहीं इनमें टाफी, चाकलेट, लालीपॉप, बिस्कुट, फल आदि वितरित किए गए। स्कूल की वाइस प्रिंसिपल वरिंद्र कौर ने पं. जवाहर लाल नेहरू के जीवन के प्रेरक प्रसंग सुनाए।

सेतिया इंग्लिश अकादमी में बाल दिवस समारोह में बच्चों ने खूब आनंद उठाया। समारोह के दौरान केक काटकर बच्चों को टाफियां, पेस्ट्रीज व अन्य खाद्य सामग्री बांटी गई। इस मौके परीक्षा में प्रथम रहने वाले विद्यार्थियों को भी इनाम बांटे गए। एकेडमी के प्रबंधक संदीप कुमार सेतिया ने बाल दिवस की महत्ता पर प्रकाश डाला। कोई बच्चा शिक्षा से महरूम न रहे, इसी मकसद से उनके द्वारा गरीब बच्चों को पिछले कई सालों से नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है।

सनावर स्कूल में नर्सरी से द्वितीय कक्षाओं के बच्चों ने फैंसी ड्रेस मुकाबलों में भाग लिया। विभिन्न राच्यों की वेशभूषा में सजे बच्चे अनेकता में एकता की मिसाल पेश कर रहे थे, छात्रों का उत्साह देखते ही बनता था। मुख्यातिथि ओबीसी के एजीएम एएस चीमा एवं ओबीसी के चीफ मैनेजर एसके गर्ग ने विद्यार्थियों का उत्साहव‌र्द्धन करते हुए विजेताओं को पुरस्कृत किया। हरिहर पांडे व श्रीपाल ने छात्रों का मूल्यांकन किया। प्रधानाचार्या रविंद्र कौर ने अध्यापकों एवं बच्चों को बाल दिवस की बधाई दी। फैंसी ड्रेस में नर्सरी का पूजन कुमार, एलकेजी की नवरीत कौर, यूकेजी का रजत, प्रथम का लक्ष्य कालिया, द्वितीय की लिजा गोयल ने पहला स्थान हासिल किया।

पतंजलि योग समिति ने मनाया मधुमेह दिवस

स्वामी रामदेव जी के निर्देशानुसार पतंजलि योग समिति द्वारा चाचा नेहरू का जन्मदिन मधुमेह दिवस के रूप में मनाया। मुख्यातिथि के तौर पर अशोक कांसल पधारे जबकि पतंजलि योग समिति के महिला विंग की सह राज्य प्रभारी रीटा गुप्ता विशिष्ट अतिथि थीं। समिति अध्यक्ष रविंद्र हैप्पी के नेतृत्व में स्थानीय वृद्धाश्रम में लगाए शिविर के दौरान मधुमेह रोगियों के लिए बलवंत सिंह गिल व रामजीदास गर्ग ने योग एवं प्राणायाम से शुगर मुक्त जीवन व्यतीत करने के कुछ आसन मंडुक आसन, वकर आसन, योग मुद्रा आसन का अभ्यास कराया। वैद्य आचार्य हरिमोहन ने ऐलोपैथी के नुकसान एवं आयुर्वेद से होने वाले लाभ गिनाए। महिला विंग जिला प्रधान तपिंद्र कौर बराड़ ने ऐसे शिविर गांवों में लगाने की सलाह दी। भारत स्वाभिमान के सह संयोजक सोहन लाल गर्ग ने बताया कि जिले के लोगों को रोगमुक्त करने के लिए 15 नवंबर से विशेष टीमें बनाकर मुहिम चलाई जा रही है जिसमें पतंजलि योग समिति के योग टीचर गांव-गांव जाकर स्वस्थ एवं स्वच्छ जीवन जीने की कला सिखाएंगे।

सरकारी सेकेंडरी स्कूल झुम्बा में शहीद भगत सिंह स्पो‌र्ट्स क्लब द्वारा बाल दिवस मनाया गया। सरपंच सुखचरण सिंह एवं स्टेट बैंक आफ पटियाला के मैनेजर पवन कुमार विशेष तौर पर पधारे। मनदीप सिंह व कुलदीप के शबद गायन के अलावा बच्चों ने गीत, कविताएं, चुटकुले, डांस, चंद्रमा तक का सफर ड्रामा पेश किया जबकि लड़कियों ने गिद्दा डाला। क्लब द्वारा साइंस मेले में ड्रामा, माडल व क्विज मुकाबले में उत्तीर्ण रहे विद्यार्थियों एवं राच्य स्तरीय खेलों में विजयी खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पवन कुमार ने बाल दिवस की बधाई देते हुए 50 विद्यार्थियों को जर्सियां व जूते बांटे।

समीपवर्ती गांव भुच्चो में बाल दिवस के अवसर पर सेहत विभाग की ओर से नथाना एसएमओ डा. आरपी सिंह के निर्देशानुसार झुग्गी-झोपड़ी के बच्चों का टीकाकरण कैंप लगाया गया। राजविंदर सिंह, मंजीत कौर व जसपाल कौर ने हेपेटाइटिस बी के 29, डीपीटी के 15, खसरा के 9 तथा टिटनेस के 4 टीके लगाए। गांव तुंगवाली के सरकारी प्राइमरी स्कूल में हेड मास्टर अमरदीप सिंह व बलविंद्र कौर ने चाचा नेहरू की जीवनी पर प्रकाश डाला जबकि बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम पेश किया। डीएस पब्लिक स्कूल में बाल दिवस पर रंगारंग प्रोग्राम के तहत बच्चों ने गीत, एक्शन गीत, कामेडी गीत, स्पिच, पेपर डांस, गुब्बारे फुलाने, म्यूजिकल चेअर्स आदि मुकाबलों में भाग लिया। इनमें विजयी रहने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। स्कूल चेयरमैन शशिकांत मित्तल ने बाल दिवस की बधाई देते हुए चाचा नेहरू के आदर्शो पर चलने की प्रेरणा दी। मंच संचालन गुरविंद्र कौर व मैडम राजिंद्र ने किया।

डेरा में अज्ञात लुटेरों हजारों रूपये की नकदी और लाखों रूपये का सोना लूटा

डबवाली( डॉ सुखपाल)-जिला सिरसा के थाना रोड़ी क्षेत्र के एक डेरा में अज्ञात लुटेरों ने डेरे के महन्त और सेवक को एक कमरे में बांध कर हजारों रूपये की नकदी और लाखों रूपये का सोना लूट लिया।
प्राप्त जानकारी अनुसार गांव लहंगेवाला में स्थित डेरा भगवान दास टहलांवाला में शुक्रवार की रात को करीब 11-12 बजे 4-5 अज्ञात व्यक्ति आये। जिनके पास चोटें मारने वाले हथियार थे। इन लुटेरों ने डेरा में प्रवेश करते ही डेरा के महन्त रविदास और सेवक रामदास के चोटें मारीं और उन्हें काबू करके डेरा के एक कमरे में बन्द कर दिया और उनके हाथ-पैर बांध दिये।
शनिवार सुबह गांव का सुनील मान नामक युवक डेरा में आया तो उसने देखा कि डेरा का सामान बिखरा हुआ है और एक कमरे के भीतर महन्त और सेवक बंधे हुए हैं। उसने पहले उनको बंधनमुक्त किया और इसकी जानकारी थाना रोड़ी पुलिस को दी। मौका पर एएसपी सज्जन सिंह, थाना रोड़ी प्रभारी, डॉग स्कवैड और फिं गर प्रिंट एक्सपर्ट भी पहुंचे।
महन्त रविदास ने पुलिस को बताया कि लुटेरे डेरा से छह लाख रूपये की कीमत का 36 तोले सोना, 20 हजार रूपये की नकदी, एक बन्दूक और कुछ जीवित कारतूस लूट ले गये। पुलिस ने अज्ञात लुटेरों के खिलाफ केस दर्ज करके मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है। पता चला है कि पुलिस ने कुछ संदिग्ध स्थानों पर छापामारी भी की है।

किड्स किंगड्म ने उतारे तारे जमीं पे



डबवाली( डॉ सुखपाल)- किड्स किंगड्म कॉन्वेंट स्कूल एवं होली नर्सिंग स्कूल सिंघेवाला में शनिवार को तारे जमीं पे कार्यक्रम के तहत इंटर स्कूल फैन्सी ड्रेस प्रतियोगिता आयोजित करके बाल दिवस मनाया।
यह जानकारी देते हुए स्कूल संचालन समिति लर्निंग ट्री ऐजुकेशनल सोसायटी के प्रशासक सोहन लाल गुम्बर ने बताया कि फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता के सीनियर वर्ग में वंश अरोड़ा गोपाल शिशु वाटिका ने प्रथम स्थान पाकर 2100 रूपये, बेबी गुनगुन कुक्कड़ धमीजा शिशु वाटिका ने द्वितीय स्थान पाकर 1100 रूपये, अनन्या मिढ़ा गोपाल शिशु वाटिका ने तृतीय स्थान पाकर 500 रूपये का नकद पुरस्कार और ट्रॉफी जीती। इसी वर्ग में बेबी केयर प्ले वे स्कूल के ओरम तथा गोपाल शिशु वाटिका के रूपम को सांत्वना पुस्कार मिला।
फैन्सी डे्रस प्रतियोगिता के जूनियर वर्ग में बाल वाटिका स्कूल किलियांवाली के अनिरूद्ध गर्ग ने प्रथम, गोपाल शिशु वाटिका के उदित वधावन ने द्वितीय, श्वेता ने तृतीय स्थान पाया। जबकि सांत्वना पुरस्कार बाल वाटिका स्कूल के आर्तिक को मिला। इस प्रतियोगिता के सीनियर और जूनियर वर्ग में डबवाली तथा किलियांवाली के 15 विद्यालयों के लगभग 100 विद्यार्थियों ने भाग लिया।
इस मौके पर मुख्य अतिथि शिरोमणि अकालीदल नेता सुखपाल सिंह किलियांवाली ने भ्रूण हत्या रोकने के लिए महिलाओं को जागरूक होने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान समय में वृक्षारोपण करके पर्यावरण को सुधारा जा सकता है। उन्होंने पंजाब के स्वास्थ्य विभाग पर भू्रण हत्या रोकने के लिए किये जाने वाले प्रयासों को सिर्फ कागजी कार्यवाही बताया। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे समाज का कितना बड़ा दुर्भाग्य है कि महिलाएं डेरों में जाकर तो सेवा करती हैं लेकिन घर पर सास की सेवा नहीं करतीं।

इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष एक्सीयन पब्लिक हैल्थ केके वर्मा ने कहा कि किंड्स किंगड्म स्कूल की प्रबंधक समिति ने गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने का जो फैसला लिया है वह सराहनीय है और उन्हें उम्मीद है कि इस स्कूल का पढ़ा हुआ बच्चा सीबीएसई का टॉप का विद्यार्थी साबित होगा। इस मौके पर उद्योगपति प्रदीप गर्ग, गुरू नानक कॉलेज की प्रिंसीपल डॉ. इन्दिरा अरोड़ा, पेट्रो डीलर संदीप चौधरी की पत्नी सुनीता चौधरी, डॉ. मुकेश गोयल, डॉ. रीतू गोयल, डॉ. रमेश कुमार, रेखा रानी, देव कुमार शर्मा, पूर्व सरपंच जसकरण सिंह भाटी, सतपाल सत्ता, स्कूल प्रबंधक समिति के सचिव अमी लाल, प्रधान अरूणा वर्मा, सोहन लाल गुम्बर, पब्लिक हैल्थ डबवाली के जेई सतपाल, इंजीनियर गिरधारी लाल अग्रवाल, सुधा कामरा, मुकेश कामरा, ओपी सचदेवा, प्रमोद झांब उपस्थित थे।

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