IMPORTANT-------ATTENTION -- PLEASE

-----------------------------------"यंग फ्लेम" परिवार में आपका हार्दिक स्वागत है। "यंग फ्लेम" परिवार आपका अपना परिवार है इसमें आप अपनी गजलें, कविताएं, लेख, समाचार नि:शुल्क प्रकाशित करवा सकते है तथा विज्ञापन का प्रचार कम से कम शुल्क में संपूर्ण विश्व में करवा सकते है। हर प्रकार के लेख, गजलें, कविताएं, समाचार, विज्ञापन प्रकाशित करवाने हेतु आप 093154-82080 पर संपर्क करे सकते है।-----------------------------------------------------------------------------------------IF YOU WANT TO SHOW ANY KIND OF VIDEO/ADVT PROMOTION ON THIS WEBSITE THEN CONTACT US SOON.09315482080------

Young Flame Headline Animator

मंगलवार, 24 नवंबर 2009

दूसरे टेस्ट का स्कोर



अहमदाबाद में अपनी हार टालने में सफल रही भारतीय टीम कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में श्रीलंका के साथ दूसरा टेस्ट मैच खेल रही है.

अहमदाबाद में पहले टेस्ट में पहली पारी में 300 से ज्यादा रन से पिछड़ने के बाद भारतीय टीम ने किसी तरह अपने विकेट बचाए थे और हारने से बची थी.

ग्रीन पार्क की पिच से स्पिनरों को मदद मिलने की उम्मीद नज़र आ रही है.

हालांकि गेंदबाज़ी के मुक़ाबले दोनों टीमें बल्लेबाज़ी में कहीं ज्यादा फिट नजर आ रही हैं.

अहमदाबाद में दोनों टीमों के सात बल्लेबाज़ों ने शतक बनाए थे.

क्लिक करें ताज़ा स्कोर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

अगर ग्रीन पार्क में खेले गए सभी मैचों पर नज़र डाली जाए तो भारत ने अब तक 20 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें से पांच में उसे जीत मिली और तीन में उसे हार का सामना करना पड़ा जबकि 12 मैच ड्रॉ रहे हैं.

दूसरी ओर श्रीलंका ने यहां जो एकमात्र मैच खेला वह ड्रॉ रहा था.

टीमें इस प्रकार हैं:

भारत: वीरेंदर सहवाग, गौतम गंभीर, राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर, युवराज सिंह, वीवीएस लक्ष्मण, महेंद्र सिंह धोनी, हरभजन सिंह, ज़हीर ख़ान और प्रज्ञान ओझा.

श्रीलंका: तिलकरत्ने दिलशान, एनटी परनविताना, कुमार संगकारा, माहेला जयवर्धने, तिलकरत्ने समरवीरा, एडी मैथ्यूज, एच जयवर्धने, एच हेराथ, मुथैया मुरलीधरन, अजंता मेंडिस और यू वेलेगेदरा.

नेपाल में लाखों जानवरों की बलि



नेपाल के प्रसिद्ध गढ़ीमाई मंदिर में लाखों श्रद्धालु एक समारोह के दौरान हज़ारों जानवरों की बलि चढ़ाएंगे.

दक्षिणी नेपाल के बरियार में स्थित गढ़ीमाई देवी की मंदिर में हर पाँच साल बाद धार्मिक समारोह होता है.

कहा जाता है कि दुनिया में सबसे ज़्यादा जानवरों की बलि इसी समारोह में दी जाती है.

गढ़ीमाई शक्ति की देवी मानी जाती है. समारोह के दौरान देवी को खुश रखने और मनोकामना पूरा करने के लिए ढाई लाख से भी ज़्यादा पशुओं की बलि दी जाएगी.

मंदिर के एक पुजारी चंदन देव चौधरी कहते हैं, "देवी को ख़ून चाहिए. यदि किसी को कोई परेशानी होती है तब मैं मंदिर में किसी जानवर की बलि देता हूँ जिससे उस व्यक्ति की परेशानी दूर हो जाएगी."

दो दिनों तक चलने वाले इस समारोह में भारत से भी अनेक श्रद्धालु हिस्सा लेने पहुँचे हैं. परिवार के साथ बिहार से समारोह में हिस्सा लेने आए पहुँचे 60 वर्षीय सुरेश पाठक बलि देने के लिए अपने साथ एक बकरा भी ले गए हैं.

श्रद्धा और विश्वास की देवी

वे कहते हैं, "मैं गढ़ीमाई की पूजा करने आया हूँ. आदि काल से हमारा विश्वास और हमारी श्रद्धा देवी पर है."

समारोह के व्यवस्थापकों का मानना है कि क़रीब पाँच लाख लोग समारोह स्थल पर पहुँच चुके हैं. सुरेश पाठक की तरह ज़्यादातर लोग अपने साथ बलि देने के लिए जानवरों को लेकर पहुँचे हैं.

एक ऊँची दीवार के घेरे में हज़ारों भैसों को रखा गया है. हालांकि समारोह में ज़्यादातर बलि भैंस की दी जाती है लेकिन बकरे, मुर्गी, कबूतर और चूहों की भी बलि दी जाएगी.

भैसों को जिस घेरे में रखा गया है उसकी देखभाल करने वाले एक पुलिस अधिकारी बिकेश अधिकारी कहते हैं, "सबसे पहले पाँच भैसों की बलि मंदिर में दी जाती है."

जानवरों की बलि देने के काम को अंजाम देने के लिए 250 स्थानीय लोगों को पारंपरिक खुखरी चाकू का लाइसेंस दिया गया है.

बलि देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी है, जिसके लिए लोगों को 20 नेपाली रुपए देने पड़े हैं.

नाराज़गी भी

लाखों जानवरों की बलि देने को लेकर कुछ नेपाली लोगों में रोष है.

मंदिर के बाहर जानवरों के अधिकार के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं ने नारियल फोड़कर सांकेतिक रूप से बलि का विरोध किया. बलि प्रथा का विरोध करने वाले प्रमादा शाह का कहना है, "हम एक संदेश देना चाहते हैं. इस स्तर पर हम बस यही कर सकते हैं."

कार्यकर्ताओं ने समारोह के व्यवस्थापकों से बलि प्रथा को रोक देने की अपील की है. उनका कहना है कि यह बर्बरतापूर्ण है और हिंदू देवताओं को फूल और फल देकर भी ख़ुश किया जा सकता है.

जबकि नेपाली अधिकारियों का कहना है कि बड़ी संख्या में जानवरों की बलि एक धार्मिक परंपरा है.

अटल, आडवाणी सब हैं दोषी: लिबरहान




लिबरहान आयोग ने अटल बिहारी वाजपेयी समेत 68 लोगों को व्यक्तिगत रूप से बाबरी मस्जिद विध्वंस में हाथ होने का दोषी पाया है.

रिपोर्ट में जस्टिस लिबरहान ने जहां भारतीय जनता पार्टी, विश्व हिंदू परिषद, शिवसेना और बजरंग दल के शीर्ष नेताओं को ज़िम्मेदारी के कटघरे में खड़ा किया है वहीं बल दे कर कहा है कि बाबरी मस्जिद गिरा कर वहां राम मंदिर बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ ने बरसों तक अभियान चलाया.

रिपोर्ट में कहा गया है कि आयोग यह नहीं मान सकता कि अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी जैसे शीर्ष नेता राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ की इस योजना से अवगत नहीं थे.

साथ ही न्यायाधीश लिबरहान ने कहा है कि 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद गिराने के लिए विनय कटियार, उमा भारती और साध्वी रितंभरा जैसे लोगों की अगुवाई को भारतीय जनता पार्टी के इन शीर्ष नेताओं का पूरा समर्थन प्राप्त था.


इस रिपोर्ट की कार्रवाई रिपोर्ट में सांप्रदायिक दंगों के ख़िलाफ़ विशेष क़ानून बनाने का प्रस्ताव है.

लगभग 1000 पन्नों की इस रिपोर्ट में एम एस लिबरहान ने कई उच्च अधिकारियों का भी नाम लिया है जिसमें पुलिस महानिरीक्षक ए के सरन और मुख्य सचिव वी के सक्सेना को भी ज़िम्मेदार पाया गया है.

जस्टिस लिबरहान का कहना है मुख्यमंत्री कल्याण सिंह समेत, पुलिस बल और राज्य प्रशासन सभी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, बीजेपी और शिवसेना के हाथों की कठपुतली बने हुए थे.

ये रिपोर्ट 17 जून को सरकार के सामने पेश की गई थी लेकिन इसे संसद के सामने मंगलवार 24 नवंबर को पेश किया गया.

सरकार ने इसके साथ 13 पन्नों की कार्रवाई रिपोर्ट (ऐक्शन टेकेन रिपोर्ट) भी पेश की है.

इसमें सांप्रदायिक हिंसा से निपटने के लिए एक विशेष क़ानून लाने की बात है और साथ ही विशेष अदालतें बनाने की भी बात है.

जहां तक बाबरी विध्वंस से जुड़े मुकदमों की बात है इस कार्रवाई रिपोर्ट में आठ अभियुक्तों और 47 अन्य और बेनाम कारसेवकों के ख़िलाफ़ रायबरेली की विशेष अदालत में चल रहे मुक़दमों का ज़िक्र है. इसमें कहा गया है कि इन मुकदमों की सुनवाई तेज़ की जाएगी.

.

दो पक्षों के बीच हुए झगड़े में चार लोग घायल

डबवाली (सुखपाल)- उपमण्डल के गांव मौजगढ़ में दो पक्षों के बीच हुए झगड़े में चार लोगों के घायल होने का मामला प्रकाश में आया है। प्राप्त जानकारी अनुसार गांव मौजगढ़ निवासी दर्शन ङ्क्षसह पुत्र जैला ङ्क्षसह जोकि गांव में ही स्थित एक शराब ठेका पर कार्यरत है ने बताया कि कल देर सायं वह शराब के ठेका से अपना कार्य समाप्त कर घर वापिस जा रहा था कि रास्ते में अण्डों की रेहड़ी पर बैठा सन्दीप ङ्क्षसह शराब पी रहा था तथा मुझे देखकर उसने जातिसूचक गालियां देनी शुरू कर दी, उसके एतराज जताने पर मुझसे झगड़ा करने लगा। झगड़े का शौर सुनकर मेरा भाई परमजीत ङ्क्षसह एवं मेरे चाचा का बेटा बोहड़ ङ्क्षसह वहां पर पहुंच गए तथा मुझे समझाकर घर ले गए। परन्तु कुछ समय पश्चात सन्दीप ङ्क्षसह अपने साथियों कंवलजीत ङ्क्षसह, लालजीत ङ्क्षसह, बलजीत ङ्क्षसह व अन्य युवकों के साथ हमारे घर में जबरन घुस आए तथा गण्डासों से हमलाकर उन्हें घायल कर दिया, देखते ही देखते पूरा मौहल्ला वहां एकत्रित हो गया तथा वह वहां से भाग गए। उन्हें मौहल्लावासियों ने घायलावस्था में स्थानीय सिविल अस्पताल में उपचार हेतु दाखिल करवाया। उधर दूसरे पक्ष के घायल सन्दीप ने बताया कि दर्शन ङ्क्षसह मुझ पर अवैध रूप से शराब बेचने का आरोप लगाता था और कल मैं रेहड़ी पर बेठकर अण्डे खा रहा था कि वहां पर पहुंचे दर्शन ङ्क्षसह, बोहड़ ङ्क्षसह व परमजीत ङ्क्षसह ने मुझ पर लाठियों से हमला कर घायल कर दिया।

प्लॉट पर कब्जे को लेकर हुए झगड़े में दोनों पक्षों के बच्चों सहित तीन घायल

डबवाली (सुखपाल)- उपमण्डल के गांव पन्नीवाला में प्लॉट पर कब्जे को लेकर हुए झगड़े में दोनों पक्षों के बच्चों सहित तीन लोगों के घायल होने का समाचार प्राप्त हुआ है। घायलों को डबवाली के राजकीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मिली जानकारी मुताबिक पन्नीवाला रूल्दू निवासी मिठू ङ्क्षसह ने बताया कि गांव में उनका एक प्लॉट है तथा वह उसे बेचना चाहते हैं। परन्तु उनका साले भोला ङ्क्षसह, राम लाल, दर्शन ङ्क्षसह, मदन लाल व उसका साथी मक्खन ङ्क्षसह उपरोक्त प्लॉट पर कब्जा करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी पतनी सीतो रानी को उसका भाई राम लाल अपने घर ले गया था तथा आज तक उसे वापिस नहीं भेजा। जबकि मेरे दोनों बेटे कुलदीप व जसवीर उसके साथ रहते हैं तथा इस बारे में कई बार पंचायत हो चुकी है। पंचायत के निर्णय के पश्चात भी मेरी पत्नी को घर नहीं भेजा तथा सभी उनके साथ दिन प्रति दिन झगड़ा करते रहते हैं। मिठू ङ्क्षसह ने बताया कि का सायं हम घर में बैठे थे कि अचानक भोला ङ्क्षसह, राम लाल, मक्खन ङ्क्षसह व भजन ङ्क्षसह ने लाठियों से हम पर हमला बोल दिया तथा हमें गांव से भाग जाने के लिए कहने लगे तथा मेरे बेटे कुलदीप व मुझे लाठियों से पीटकर घायल कर दिया। उधर दूसरी तरफ से घायल मक्खन ङ्क्षसह ने बताया कि मेरा मिठू ङ्क्षसह के साथ कोई झगड़ा नहीं है लेकिन यह हमेशा मेरे साथ बिना वजह के झगड़ा करता रहता है। कल देर सायं तीनों बाप-बेटों ने मिलकर लाठियों व कापों से वार कर मुझे व मेरी बेटियों छिन्द्र कौर, काकी व अमनदीप को घायल कर दिया। झगड़े की आवाज सुनकर मौहल्लावासी जमा हो गए तथा उन्होंने हमें इनसे छुड़वाया तथा घायलावस्था में हमें स्थानीय सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया।

साहिल अब भी पहुंच से बाहर, गलत दिशा में खुदी सुरंग



24 नवंबर, 2009
जयपुर। जिले के शाहपुरा थाना क्षेत्र में पिछले 15 दिनों से 150 फीट गहरे बोरवेल में फंसे चार वर्षीय मासूम सहिल तक अभी भी नहीं पहुंचा जा सका है। बचावकर्मियों को साहिल की सही स्थिति यानी जगह के बारे में कोई जानकरी नहीं है। दो बार किए गए प्रयासों के बाद बोरवेल के पास उतनी ही गहराई का एक कुंआ खोदने तथा बोरवेल व कुंए को 19 फीट लंबी सुरंग के जरिए जो़डने के लिए खोदी गई सुरंग के बाद भी बच्चे तक नहीं पहुंचा जा सका है।
वहीं दूसरी ओर साहिल के परिजन उसके सुरक्षित निकलने की आस लगाए बैठे हैं। परिजनों को अब तो बस भगवान पर ही भरोसा है। एक अधिकारी ने बताया कि हालांकि बचावकर्मी खोदी गई इस सुरंग से बोरवेल को जो़डने में नाकाम रहे क्योंकि कम्पास ने कुए मे काम नहीं किया। 19 फीट लंबी सुरंग खोदने के बाद बचावकर्मियों के साहिल के पास पहुंचने की उम्मीद थी, लेकिन निर्धारित दूरी तक सुरंग खोदने के बाद भी उसे बोरवेल से नहीं जो़डा जा सका। बचावकर्मी अभी भी प्रयास में जुटे हुए हैं। गौरतलब है कि साहिल अपनी बहन के साथ खेलते हुए सूखे बोरवेल में गिर गया था।

नो वोट ने उलझाया

जयपुर। मतदाताओं को मिले नो वोट के अधिकार ने जयपुर नगर निगम चुनाव में मतदान कर्मचारियों को उलझा दिया। ज्यादातर मतदानकर्मियों को मतदाता के इस अधिकार का ही पता नहीं था। जब उन्हें इस बारे में बताया गया तो नो वोट को रिकार्ड पर कैस ले, यह समस्या आ गई। मानसरोवर में एक मतदान केन्द्र पर ऎसी ही स्थिति सामने आई। एक मतदाता ने अपने इस अधिकार का इस्तेमाल करने की बात कही तो मतदाता को वोट डालने का आग्राह करते रहे।
बाद में पीठासीन अधिकारी ने जोनल मजिस्ट्रेट से जानकारी ली और रजिस्टर में नो वोट का इन्द्राज किया। ऎसे ही स्थिति आदर्श नगर सहित कई जगहों पर मतदान केन्द्रों पर भी हुई। दरअसल नो वोट (नकरात्मक) देने का अधिकार लोकसभा और विधानसभा चुनाव के साथ स्थानीय निकाय चुनाव में भी है। इससे मतदाता अंगुली पर स्याही लगवाने के बाद चाहे तो पार्षद और निकाय प्रमुख दोनों को ही वोट दे या दोनों में से एक को वोट दे सकता है। इसका रजिस्टर में इन्द्राज किया जाता है।

धर्म के नाम पर वोट पर होगी चोट




नई दिल्ली. बाबरी मस्जिद ढांचे को गिराए जाने के बारे में लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट में दर्ज अनेक सिफारिशों को सरकार ने स्वीकार कर लिया है और राजनीति के लिए धर्म का इस्तेमाल करने पर तुरंत कार्रवाई किए जाने की सिफारिश को चुनाव आयोग में भेजने का निर्णय लिया है। आयोग की रिपोर्ट के साथ संसद के दोनों सदनों में पेश की गई १३ पृष्ठों की कार्रवाई रिपोर्ट में सरकार की ओर से किसी व्यक्ति या दल विशेष के खिलाफ करने की बात शामिल नहीं हैं। सत्नह साल बाद आई रिपोर्ट

सत्नह साल पुराने बाबरी विध्वंस मामले की जांच करने वाले लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दी गई। केंद्रीय गृह मंत्नी पी चिदंबरम ने प्रश्नकाल के तुरंत बाद १२ बजे सदन में लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट और कार्रवाई रिपोर्ट पेश की।

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने इस रिपोर्ट के लीक होने के मामले की जांच कराने की मांग की। पार्टी के कई सदस्यों ने उनका समर्थन करते हुये सरकार से जवाब देने की मांग की और वे अपनी सीटों पर खड़े हो गए।

लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने यह कहते हुये भाजपा सदस्यों को यह मुद्दा उठाने की अनुमति नही दी कि इस बारे में बहुत चर्चा हो चुकी है और रिपोर्ट भी पेश की जा चुकी है इसलिये सदन शून्यकाल की कार्यवाही चलने दीजिये। बाद में भाजपा सदस्य अपनी सीट पर बैठ गये और शून्यकाल की कार्यवाही शुरू हो गई।

उल्लेखनीय है कि कल एक अंग्रेजी समाचार पत्न में इस रिपोर्ट के कथित अंशों के लीक होने के बाद भारतीय जनता पार्टी, सपा और वाम दलों सहित समूचे विपक्ष ने सरकार पर चौतरफा हमला बोल दिया था और इस रिपोर्ट को तत्काल सदन में पेश किये जाने की मांग को लेकर लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही नहीं चलने दी थी।

इसके बाद आज सुबह प्रधानमंत्नी मनमोहन सिंह की गैर मौजूदगी में वित्त मंत्नी प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता में हुई मंत्निमंडल की आपात बैठक में रिपोर्ट को संसद में पेश करने का फैसला लिया गया।

मानकों पर खरी नहीं उतरी अग्नि-2




बालेश्वर [उड़ीसा]। भारत की मध्यम दूरी तक मार करने वाली परमाणु क्षमता संपन्न बैलिस्टिक मिसाइल [आईआरबीएम] का पहली बार रात में किया गया परीक्षण इस अभियान के सभी मानकों को पूरा करने में नाकाम रहा।

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने अभियान से संबंधित आंकड़ों का गहराई से अध्ययन करने के बाद बताया कि उड़ीसा तट के पास व्हीलर द्वीप पर सोमवार रात किया गया पहला रात्रि परीक्षण सभी इच्छित नतीजों और मानकों को हासिल नहीं कर सका।

देश में निर्मित दो हजार किलोमीटर तक मार करने वाली अग्नि-द्वितीय मिसाइल को बनाने का मकसद सेना की रणनीतिक बल कमान को विपरीत परिस्थितियों में जटिल प्रणाली वाले प्रक्षेपास्त्र संचालित करने का प्रशिक्षण देना है।

सूत्रों ने बताया कि समुचित ढंग से उड़ान भरने और पहले चरण में ठीक ढंग से अलग होने के बाद यह मिसाइल दूसरे चरण में विभाजित होने के दौरान बीच में नाकाम हो गई। हालांकि एकीकृत परीक्षण रेंज [आईटीआर] का सर्वोच्च स्तर इस परीक्षण के परिणामों के बारे में चुप्पी साधे हुए है, लेकिन एक सूत्र ने बताया कि ऐसा लग रहा है कि दूसरे चरण में अलग होने के दौरान मिसाइल अपनी राह से भटक गई।

सूत्रों ने बताया कि रक्षा वैज्ञानिक परीक्षण के विस्तृत विश्लेषण में जुटे हैं ताकि गड़बड़ियों के कारण पता चल सकें। डीआरडीओ के एक वैज्ञानिक ने कहा कि हालांकि पहले परीक्षण को मिसाइल को स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड में पूरी तरह कार्यक्षम होने और जरूरत पड़ने पर इसे छोड़ने की क्षमता प्रदान करने की दिशा में अहम माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि चूंकि यह एंड यूजर्स के लिए प्रशिक्षण अभ्यास था, इसलिए सभी को गहन परिस्थितियों में अभियानों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। सूत्रों ने बताया कि सोमवार रात के पूरे घटनाक्रम पर संवेदनशील राडारों, टेलीमेट्री ऑब्जर्वेशन स्टेशन, इलेक्ट्रो-ऑप्टिक उपकरणों और नौसेना के जहाजों से नजर रखी गई थी।

लगभग 1,000 किग्रा वजन को 2,000 किमी तक ले जाने की क्षमता वाली यह मिसाइल अग्नि श्रृंखला का एक भाग है। श्रृंखला में 700 किमी तक मार करने वाली अग्नि-एक और 3,500 किमी क्षमता वाली अग्नि-तीन शामिल है। अग्नि-एक को पहले ही सेवा में शामिल किया जा चुका है और अग्नि-तीन को शामिल करने की प्रक्रिया चल रही है। अग्नि-दो का पहला परीक्षण 11 अप्रैल, 1999 को और पिछला परीक्षण 19 मई, 2009 को किया गया था।

कसाब को फांसी दो : कविता करकरे




नई दिल्ली। 26/11 के आतंकी हमले में मारे गए महाराष्ट्र एंटी-टेरर स्क्वैड प्रमुख हेमंत करकरे की विधवा कविता करकरे ने सोमवार को एक मात्र जीवित पकडे़ गए आतंकी मोहम्मद अजमल कसाब को बिना किसी विलम्ब के फांसी पर लटकाए जाने की मांग की। उसने सत्तारूढ़ यूपीए की चेयपर्सन से यहां उनके निवास पर भेंट की और कसाब को फांसी के फंदे पर लटका कर पिछले साल हुए आतंकी हमले के शिकार लोगों को न्याय दिलाने का अनुरोध किया।
कविता करकरे के साथ 2/11 हमलों में मारे गए एक अन्य पुलिस ऑफिसर विजय सालासकर की विधवा स्मिता सालासकर भी थी। कांग्रेस सूत्रों ने जिन्होंने सोनिया गांधी के साथ उसकी मीटिंग की व्यवस्था की थी कहा, कि उसने साथ एवं 26/11 हमलों में मारे गए अन्य लोगों के साथ दुव्र्यवहार की भी शिकायत की।

26/11 के शहीदों की अनदेखी


शहीदों के परिवारों को हम वक्त गुजरने के साथ कितनी तवज्जो देते हैं 26/11 के शहीदों के परिजनों की व्यथा-कथा इसका ज्वलंत नमूना है। सत्ताधीशों की सियासी दमड़ी इतनी मोटी न होती तो शायद मुंबई आतंकी हमले के शहीद नायक हेमंत करकरे की पत्‍‌नी कविता करकरे को अपनी और अन्य शहीद परिवारों की पीड़ा सुनाने शीर्ष सियासी दरबार में न आना पड़ता। शहीद परिवारों के साथ हो रहे सलूक से केंद्रीय सत्ता को अवगत कराने के लिए कविता करकरे को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलना पड़ा। इस मुलाकात के बाद बढ़ी उम्मीदों की आस लिए बाहर आई कविता ने कहा कि सोनिया गांधी ने बेहद संवेदनशीलता के साथ उनकी समस्याओं को सुना और इनके निराकरण का पूरा भरोसा दिया। मुलाकात के दौरान कविता करकरे ने जिंदा पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब सहित मुंबई हमले के सभी दोषियों को फांसी पर लटकाने की मांग की। उनका कहना था कि सभी शहीदों के परिवार दोषियों को कठोर दंड की अपेक्षा कर रहे हैं। मुंबई आतंकी हमलों के बाद पहली जवाबी कार्रवाई की अगुवाई कर रहे पुलिस कमिश्नर हेमंत करकरे की पत्‍‌नी कविता के साथ इस हमले में शहीद संयुक्त पुलिस कमिश्नर विजय सालस्कर की पत्‍‌नी स्मिता सालस्कर भी कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात के लिए आई थीं। शहीदों के परिजनों की समस्याओं का ब्यौरा देने से इनकार करते हुए कविता ने कहा कि हमारी शिकायत ज्यादा नहीं है और जो है उस पर सोनिया ने काफी सकारात्मक रुख दिखाया है। महाराष्ट्र सरकार ने करकरे सहित सभी शहीद परिवारों को कई तरह की सहायता देने की घोषणा की थी। इसमें पेट्रोल पंप देने का भी वादा था। लेकिन मुंबई हमलों की पहली बरसी आने तक कई वादे अभी कागजों पर ही हैं। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने शहीद परिवारों के साथ इस तरह के व्यवहार के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यदि यह सच है तो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और महाराष्ट्र सरकार को शहीदों के परिजनों को तमाम इज्जत देना चाहिए जिसके वे हकदार हैं। हेमंत करकरे की बुलेट प्रूफ जैकेट नहीं मिलने के बारे में पूछे जाने पर कविता ने कहा सच्चाई है कि यह गायब हो गया है। एजेंसियों को इसकी गंभीरता देखनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटना न हो। महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस से नाराजगी पर उनका कहना था कि उन्हें दोनों से शिकायत नहीं है।

दो स्वर्ण पदक और इनाम सिर्फ 400 रु.


आगरा,: उत्तर प्रदेश पुलिस की सिपाही अनीता यादव जब मलेशिया के इपोह में इस महीने जीते गए दो स्वर्ण और एक कांस्य पदक लेकर अपने अधिकारियों से मिलने पहुंचीं तब उन्हें मात्र 400 रुपये का पुरस्कार थमा दिया गया। इफोह से लौटकर अनीता ने एक पत्र के माध्यम से आला अधिकारियों को सूचित किया था कि उन्होंने एक अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में दो स्वर्ण और एक कांस्य पदक जीतकर देश और राज्य का नाम रोशन किया है। पत्र के जवाब में अधिकारियों ने लखनऊ आकर मिलने को कहा। वह जब पहुंचीं, तब उन्हें 400 रुपये का पुरस्कार दिया गया। अनीता ने इस व्यवहार पर कहा, इस देश में सिर्फ क्रिकेट खिलाडि़यों का ही मान-सम्मान है, एथलीटों को पूछने वाला कोई नहीं। फिर भी मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं। अनीता ने बताया कि मलेशिया से वापस आने के बाद उन्होंने अपने विभाग से तीन दिन का अवकाश मांगा था, क्योंकि वह आराम करना चाहती थीं, लेकिन उनसे कहा गया कि वह पहले ही अवकाश पर रही हैं, लिहाज अब उन्हें काम पर लौटना होगा। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अब तक 80 से अधिक पदक जीत चुकीं अनीता सिर्फ अपने पति शांति स्वरूप से मिल रहे सहयोग और समर्थन के कारण एथलेटिक्स जारी रखे हुए हैं, क्योंकि उनकी गैरमौजूदगी में वही 11 वर्ष की पुत्री और छह वर्ष के पुत्र को संभालते हैं। अनीता को अफसोस है कि इतने पदक जीतने के बाद भी खेलों में मेरा कोई करियर नहीं है। मुझे कभी किसी से कोई सुविधा नहीं मिली।

SHARE ME

IMPORTANT -------- ATTENTION ---- PLEASE

-----------------------------------"यंग फ्लेम" परिवार में आपका हार्दिक स्वागत है। "यंग फ्लेम" परिवार आपका अपना परिवार है इसमें आप अपनी गजलें, कविताएं, लेख, समाचार नि:शुल्क प्रकाशित करवा सकते है तथा विज्ञापन का प्रचार कम से कम शुल्क में संपूर्ण विश्व में करवा सकते है। हर प्रकार के लेख, गजलें, कविताएं, समाचार, विज्ञापन प्रकाशित करवाने हेतु आप 093154-82080 पर संपर्क करे सकते है।-----------------------------------------------------------------------------------------IF YOU WANT TO SHOW ANY KIND OF VIDEO/ADVT PROMOTION ON THIS WEBSITE THEN CONTACT US SOON.09315482080------

SITE---TRACKER


web site statistics

ब्लॉग आर्काइव

  © template Web by thepressreporter.com 2009

Back to TOP