

14 साल पहले हुए डबवाली अग्निकांड के पीडि़तों के लिए सोमवार खुशियां लेकर आया। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की खंडपीठ ने डबवाली अग्निकांड से पीडि़त लोगों का मुआवजा तय करते हुए हरियाणा सरकार को चार माह के भीतर भुगतान का आदेश दिया। फैसले में कहा गया कि कुल मुआवजा राशि का 45 प्रतिशत हिस्सा हरियाणा सरकार देगी जबकि 55 प्रतिशत राजीव मैरिज पैलेस व डीएवी ग्रुप देगा। हरियाणा सरकार के हिस्से में 15 प्रतिशत नगर परिषद डबवाली, 15 प्रतिशत बिजली बोर्ड व 15 प्रतिशत उस समय के उपायुक्त एमपी बदलान को देना होगा। हाईकोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में हरियाणा सरकार को मुआवजे के अतिरिक्त पीडि़त लोगों को मुकदमा राशि का भुगतान करने का भी आदेश दिया। अगर चार माह के भीतर मुआवजे की राशि नहीं दी जाती है तो यह कोर्ट की अवमानना होगी और सरकार को राशि पर दस प्रतिशत ब्याज देना होगा। हाईकोर्ट ने यह मुआवजा राशि जून, 2003 की तारीख से तय की है। हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त कमीशन ने इस हादसे में मारे गए लोगों के लिए आयु व उनकी आय के हिसाब से अलग-अलग श्रेणी में मुआवजा तय किया था, जिस पर पीडि़त लोगों ने आपत्ति दर्ज की थी। पीजीआई और एम्स में होगा मुफ्त इलाज : इस हादसे में जो लोग पीडि़त हैं, अगर राज्य सरकार के अस्पताल में उनके इलाज की सुविधा नहीं है तो पीजीआई और एम्स में उनका मुफ्त इलाज करवाया जाए। क्या था डबवाली अग्निकांड : डबवाली के डीएवी पब्लिक स्कूल के वार्षिक समारोह, जो राजीव मैरिज पैलेस में 23 दिसंबर 1995 को हो रहा था, को भयंकर आग ने अपनी चपेट में ले लिया था। परिणामस्वरूप स्कूली बच्चों, टीचरों, अभिभावकों आदि में से कुल 446 लोगों की मृत्यु हो गई थी और लगभग 200 लोग झुलस गए थे या घायल हुए थे।