A car bomb has killed at least two policemen and a civilian in the regional capital of Indian-administered Kashmir, Srinagar, officials say.
Ten other officers were injured in the explosion, which occurred outside the city's main jail. Some of the wounded are said to be in critical condition.
Muslim separatists have been waging an insurgency in Indian-administered Kahshmir since 1989.
Both India and Pakistan claim the territory and have fought wars over it.
There has been an upsurge in violence in recent weeks, following a long period of quiet. Three police officers were killed in attacks last month.
In Saturday's incident in Srinagar, the car bomb was detonated as a police vehicle drove past.
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रविवार, 13 सितंबर 2009
हजारों किसानों के मुरझाए चेहरे पर मुस्कान
डबवाली, डॉ सुखपाल सावंत खेडा
मानसून सत्र के दौरान चरम पर पहुंची जिले के किसानों की उपजाऊ भूमि की प्यास पिछले दिनों की बारिश से काफी हद तक बुझ पाई है। रेगिस्तान की तरह तपती खेतिहर जमीन को तृप्त करने में क्षेत्र की उपजाऊ भूमि के लिए जीवन रेखा बनी घग्घर नदी भी अब अपनी उदारता दिखाएगी। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि खुद प्यासी घग्घर में रविवार को पानी आने की आशा सिंचाई विभाग द्वारा जताई जा रही है। निश्चय ही घग्घर नदी में संभावित पानी आने से जिले के सैकड़ों गांवों के हजारों किसान लाभान्वित होंगे। दरअसल, समस्त उत्तर भारत में पिछले दो दिनों के दौरान हुई झमाझम बारिश की वजह से नदी-नाले व ताल-तलैयों के कंठ तक पानी आ पहुंचा है। शायद यही वजह है कि बरसाती पानी से प्रवाहित होने वाली घग्घर नदी भी जिले के सैकड़ों गांवों के किसानों की जमीन की प्यास बुझा पाएगी। कारण यह कि इस नदी में रविवार को पूर्व से बेहतर मात्रा में पानी पहुंचेगा। सिंचाई विभाग के घग्घर मंडल के कार्यकारी अभियंता एसके राजवंशी भी कहते है कि घग्घर में लगभग चार हजार क्यूसिक पानी आने की उम्मीद बनी हुई है। उनका कहना है कि जैसे ही घग्घर नदी में पानी आएगा नदी से जुड़ी 7 नहरे चल पड़ेगी। मालूम हो कि इस नदी से भंभूर माइनर, बणी-सदेवा नहर, एनजीसी, एसजीसी, शेरांवाली पेरलल, कोसावा माइनर व मंगाला डायरेक्ट नहरे जुड़ी हुई है। समझा जाता है कि इन नहरों से और भी नहरों को पानी दिया जाएगा ताकि किसानों को भरपूर लाभ मिल सके। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से घग्घर नदी में पानी का प्रवाह रुक गया था। बताया जाता है कि इस बरसाती नदी में तीसरी बार पानी आया है। कृषि के जानकारों का कहना है कि देर से हुई काटन की बिजाई को इस पानी से फायदा पहुंचेगा। यह भी कहा जाता है कि घग्घर में आने वाला पानी नरमा के लिए भी वरदान साबित होगा। वैसे अभी किसानों की जीवन रेखा समझी जाने वाली घग्घर नदी में लगभग एक हजार क्यूसिक पानी है जिसे ऊंट के मुंह में जीरा के समान समझा जा रहा है।
मानसून सत्र के दौरान चरम पर पहुंची जिले के किसानों की उपजाऊ भूमि की प्यास पिछले दिनों की बारिश से काफी हद तक बुझ पाई है। रेगिस्तान की तरह तपती खेतिहर जमीन को तृप्त करने में क्षेत्र की उपजाऊ भूमि के लिए जीवन रेखा बनी घग्घर नदी भी अब अपनी उदारता दिखाएगी। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि खुद प्यासी घग्घर में रविवार को पानी आने की आशा सिंचाई विभाग द्वारा जताई जा रही है। निश्चय ही घग्घर नदी में संभावित पानी आने से जिले के सैकड़ों गांवों के हजारों किसान लाभान्वित होंगे। दरअसल, समस्त उत्तर भारत में पिछले दो दिनों के दौरान हुई झमाझम बारिश की वजह से नदी-नाले व ताल-तलैयों के कंठ तक पानी आ पहुंचा है। शायद यही वजह है कि बरसाती पानी से प्रवाहित होने वाली घग्घर नदी भी जिले के सैकड़ों गांवों के किसानों की जमीन की प्यास बुझा पाएगी। कारण यह कि इस नदी में रविवार को पूर्व से बेहतर मात्रा में पानी पहुंचेगा। सिंचाई विभाग के घग्घर मंडल के कार्यकारी अभियंता एसके राजवंशी भी कहते है कि घग्घर में लगभग चार हजार क्यूसिक पानी आने की उम्मीद बनी हुई है। उनका कहना है कि जैसे ही घग्घर नदी में पानी आएगा नदी से जुड़ी 7 नहरे चल पड़ेगी। मालूम हो कि इस नदी से भंभूर माइनर, बणी-सदेवा नहर, एनजीसी, एसजीसी, शेरांवाली पेरलल, कोसावा माइनर व मंगाला डायरेक्ट नहरे जुड़ी हुई है। समझा जाता है कि इन नहरों से और भी नहरों को पानी दिया जाएगा ताकि किसानों को भरपूर लाभ मिल सके। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से घग्घर नदी में पानी का प्रवाह रुक गया था। बताया जाता है कि इस बरसाती नदी में तीसरी बार पानी आया है। कृषि के जानकारों का कहना है कि देर से हुई काटन की बिजाई को इस पानी से फायदा पहुंचेगा। यह भी कहा जाता है कि घग्घर में आने वाला पानी नरमा के लिए भी वरदान साबित होगा। वैसे अभी किसानों की जीवन रेखा समझी जाने वाली घग्घर नदी में लगभग एक हजार क्यूसिक पानी है जिसे ऊंट के मुंह में जीरा के समान समझा जा रहा है।
कलियुगी मा ने किया बेटे का कत्ल
डबवाली, डॉ सुखपाल सावंत खेडा कलियुगी मा ने किया बेटे का कत्ल
ओढा थाना क्षेत्र के गाव चोरमार से एक कलियुगी मा द्वारा एक साथी के साथ मिलकर अपने सगे बेटे को मौत के घाट उतारने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मृतक की दादी के बयान पर पुलिस ने मृतक की मा व उसके साथी चरणजीत सिंह पर हत्या का मामला दर्ज किया है। पुलिस दाह संस्कार के बाद बचे अवशेषों को अपने कब्जे में ले लिया है। जानकारी अनुसार नजदीकी गाव चोरमार में मलकीत कौर विधवा दर्शन सिंह अपने बेटे सुखा सिंह के साथ रहती है। मृतक सुखा सिंह नारग निवासी चरणजीत सिंह के साथ दिहाड़ी मजदूरी करता था इसलिए चरणजीत सिंह का अक्सर उनके घर आना जाना था। मृतक की दादी सुजान कौर ने पुलिस को बताया कि चरणजीत सिंह के मलकीत कौर के साथ नाजायज सम्बंध स्थापित हो गए थे जिसका सुखा सिंह ने कड़ा विरोध किया करता था। शराब का सेवन करने वाले सुखा सिंह से पीछा छुड़वाने के लिए उसकी मा व चरणजीत सिंह ने उसे खत्म करने की योजना बनाई। योजना के तहत उन्होंने सुखा सिंह की शराब में नींद की गोलिया मिला दी जिसके नशे में सुखा सिंह गहरी नींद में सो गया। इसके बाद कलियुगी मा व चरणजीत ने गला दबाकर हत्या कर दी और शव के ऊपर कंबल डाल दिया। घटना को अंजाम देकर चरणजीत मौके से फरार हो गया। हत्यारी मा ने सुबह सबको यह कह दिया कि रात सुखा सिंह को बहुत तेज बुखार हो गया था जिसके कारण उसकी मौत हो गई। जब दादी सुजान कौर ने शव के गले पर निशान देखे तो उसे शक हुआ लेकिन वह सदमे से बेहोश होकर गिर गई। इस बीच हत्यारी मा ने शव का दाह संस्कार कर दिया। जब चार घटे बाद दादी को होश आया तो उसे संस्कार की जानकारी मिली। दादी सुजान कौर ने तुरत ओढा थाना प्रभारी हीरा सिंह को पूरे मामले से अवगत करवाया। सूचना पाकर थाना प्रभारी पुलिस बल सहित चोरमार पहुचे। लेकिन उससे पूर्व शव का संस्कार हो चुका था। पुलिस ने मौके पर ही चिता से शव के अवशेष को कब्जे में लेकर जाच के लिए भेज दिए। पुलिस ने दादी सुजान कौर के बयान पर मृतक की मा मलकीत कौर व साथी चरणजीत सिंह उर्फ सोहन पुत्र दयाल सिंह के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
ओढा थाना क्षेत्र के गाव चोरमार से एक कलियुगी मा द्वारा एक साथी के साथ मिलकर अपने सगे बेटे को मौत के घाट उतारने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मृतक की दादी के बयान पर पुलिस ने मृतक की मा व उसके साथी चरणजीत सिंह पर हत्या का मामला दर्ज किया है। पुलिस दाह संस्कार के बाद बचे अवशेषों को अपने कब्जे में ले लिया है। जानकारी अनुसार नजदीकी गाव चोरमार में मलकीत कौर विधवा दर्शन सिंह अपने बेटे सुखा सिंह के साथ रहती है। मृतक सुखा सिंह नारग निवासी चरणजीत सिंह के साथ दिहाड़ी मजदूरी करता था इसलिए चरणजीत सिंह का अक्सर उनके घर आना जाना था। मृतक की दादी सुजान कौर ने पुलिस को बताया कि चरणजीत सिंह के मलकीत कौर के साथ नाजायज सम्बंध स्थापित हो गए थे जिसका सुखा सिंह ने कड़ा विरोध किया करता था। शराब का सेवन करने वाले सुखा सिंह से पीछा छुड़वाने के लिए उसकी मा व चरणजीत सिंह ने उसे खत्म करने की योजना बनाई। योजना के तहत उन्होंने सुखा सिंह की शराब में नींद की गोलिया मिला दी जिसके नशे में सुखा सिंह गहरी नींद में सो गया। इसके बाद कलियुगी मा व चरणजीत ने गला दबाकर हत्या कर दी और शव के ऊपर कंबल डाल दिया। घटना को अंजाम देकर चरणजीत मौके से फरार हो गया। हत्यारी मा ने सुबह सबको यह कह दिया कि रात सुखा सिंह को बहुत तेज बुखार हो गया था जिसके कारण उसकी मौत हो गई। जब दादी सुजान कौर ने शव के गले पर निशान देखे तो उसे शक हुआ लेकिन वह सदमे से बेहोश होकर गिर गई। इस बीच हत्यारी मा ने शव का दाह संस्कार कर दिया। जब चार घटे बाद दादी को होश आया तो उसे संस्कार की जानकारी मिली। दादी सुजान कौर ने तुरत ओढा थाना प्रभारी हीरा सिंह को पूरे मामले से अवगत करवाया। सूचना पाकर थाना प्रभारी पुलिस बल सहित चोरमार पहुचे। लेकिन उससे पूर्व शव का संस्कार हो चुका था। पुलिस ने मौके पर ही चिता से शव के अवशेष को कब्जे में लेकर जाच के लिए भेज दिए। पुलिस ने दादी सुजान कौर के बयान पर मृतक की मा मलकीत कौर व साथी चरणजीत सिंह उर्फ सोहन पुत्र दयाल सिंह के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
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