डबवाली- अंथक मेहनत के बावजूद भी संतोषजनक परिणाम ने
आने के कारण केवल विद्यार्थी, अभिभावक और अध्यापक ही नहीं अपितु विद्यालयों के प्राचार्य व प्रबंधक समितियां भी दिन प्रतिदिन चिंतित होकर हर तलाशने में लगी रहती हैं। यह कटु सत्य शिक्षाविद्द एवं परामर्श दाता सरदार सुच्चा सिंह बांसल ने स्थानीय हरियाणा पब्लिक स्कूल तथा एचपीएस डे-बोर्डिंग सीनयिर सैंकण्डरी स्कूल में अपने वक्तव्य के दौरान कहे।
उन्होंने कहा कि मन भावन परिणाम पाने के लिए आत्म मंथन बहुत जरूरी है और दैनिक क्रिया कलापों के इलावा कार्य करने वाले ही अपनी उम्मीद से भी दुगना प्राप्त कर सकते हैं। डा. प्रेम चंद सचदेवा मैमोरियल आदर्श शिक्षा समिति द्वारा अपने क्षेत्र में बच्चों को अव्वल बनाने के लिए सरदार सुच्चा सिंह एवं उनकी टीम की सेवाओं के द्वारा तथा निरंतर अभिभावकों को भी नाना प्रकार के प्रयोंगों से अवगत करवाने का निर्णय लिया है।
आज अपने दो सत्रों में उन्होंने बच्चों को किस प्रकार वे समय प्रबंधन सीखें तथा दैनिक खुद का होम वर्क कैसे करें जैसे नाना प्रयोंगों से बच्चों को अवगत करवाया तथा उन्हें विद्यालय आने से पूर्व क्या करना चाहिए तथा विद्यालय आकर क्या करना चाहिए जैसे अनेंकों पहलुओं पर बच्चों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अध्यापक से कभी भी कोई बात छिपानी नहीं चाहिए। कभी भी अध्यापक से सवाल पूछते समय डरना नहीं चाहिए।
गणित में शतप्रतिशत् अंत प्राप्त करना बहुत जरूरी है परन्तु उसके किए टेबलज़ याद करना तथा अबाक्स के द्वारा बच्चों को तीव्र गणना के लिए उन्होंने प्रबंधक समिति को विशेष कक्षांए लगवाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि वे इस विद्यालय से पूर्व 1198 विद्यालयों में अपने सेवांए दे चुके हैं परन्तु एचपीएस को वे गोद ले रहे हैं और बच्चों को, अध्यापकों को तथा अभिभावकों को शिक्षा के लिए किस प्रकार के सार्थक प्रयास करने की जरूरत है तथा किस प्रकार की सकारात्मक सोच की जरूरत है के बारे में अवगत करवाया तथा आगे भी करवाते रहने का विश्वास दिलाया।
समय प्रबंधन, सिनक्रोनाईजेशन तथा स्टैस मैनेजमैंट जेसे अनेकों पहलुओं पर बच्चों व अध्यापकों का माग्रदर्शन किया। उन्होंनें बताया
कि सुलेख कैसे सुधारा जाता है, रीडिंग स्किल कैसे विकसित की जाती है तथा स्वयं की वैक्बलैरी कैसे बनाई जाती है। दिनचर्या के आधार पर ही हम सफलता की कसौटी पर खरे उतर सकते हैं। अच्छी दिनचर्या बनाने के लिए किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए तथा माता-पिता को इसमें क्या सहयोग देना चाहिए इस विषय पर वे कल सांय 4.30 बजे एचपीएस डबवाली में अभिभावकों की भी एक लघु कार्यशाला का आयोजन करेंगे जिसमें अन्य विद्यालयों के अभिभावक भी उनसे मिल सकते हैं।
एचपीएस प्रबंधक समिति ने सत्र 2010-11 को आदर्श एवं व्यवहारिक शिक्षा ज्ञान के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इस का सम्पूर्ण संचालन सरदार सुच्चा सिंह बंासल ने करने का विश्वास दिलाया।
उन्होंने कहा कि मन भावन परिणाम पाने के लिए आत्म मंथन बहुत जरूरी है और दैनिक क्रिया कलापों के इलावा कार्य करने वाले ही अपनी उम्मीद से भी दुगना प्राप्त कर सकते हैं। डा. प्रेम चंद सचदेवा मैमोरियल आदर्श शिक्षा समिति द्वारा अपने क्षेत्र में बच्चों को अव्वल बनाने के लिए सरदार सुच्चा सिंह एवं उनकी टीम की सेवाओं के द्वारा तथा निरंतर अभिभावकों को भी नाना प्रकार के प्रयोंगों से अवगत करवाने का निर्णय लिया है।
आज अपने दो सत्रों में उन्होंने बच्चों को किस प्रकार वे समय प्रबंधन सीखें तथा दैनिक खुद का होम वर्क कैसे करें जैसे नाना प्रयोंगों से बच्चों को अवगत करवाया तथा उन्हें विद्यालय आने से पूर्व क्या करना चाहिए तथा विद्यालय आकर क्या करना चाहिए जैसे अनेंकों पहलुओं पर बच्चों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अध्यापक से कभी भी कोई बात छिपानी नहीं चाहिए। कभी भी अध्यापक से सवाल पूछते समय डरना नहीं चाहिए।
गणित में शतप्रतिशत् अंत प्राप्त करना बहुत जरूरी है परन्तु उसके किए टेबलज़ याद करना तथा अबाक्स के द्वारा बच्चों को तीव्र गणना के लिए उन्होंने प्रबंधक समिति को विशेष कक्षांए लगवाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि वे इस विद्यालय से पूर्व 1198 विद्यालयों में अपने सेवांए दे चुके हैं परन्तु एचपीएस को वे गोद ले रहे हैं और बच्चों को, अध्यापकों को तथा अभिभावकों को शिक्षा के लिए किस प्रकार के सार्थक प्रयास करने की जरूरत है तथा किस प्रकार की सकारात्मक सोच की जरूरत है के बारे में अवगत करवाया तथा आगे भी करवाते रहने का विश्वास दिलाया।
समय प्रबंधन, सिनक्रोनाईजेशन तथा स्टैस मैनेजमैंट जेसे अनेकों पहलुओं पर बच्चों व अध्यापकों का माग्रदर्शन किया। उन्होंनें बताया
एचपीएस प्रबंधक समिति ने सत्र 2010-11 को आदर्श एवं व्यवहारिक शिक्षा ज्ञान के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इस का सम्पूर्ण संचालन सरदार सुच्चा सिंह बंासल ने करने का विश्वास दिलाया।
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