डबवाली-आर्ट ऑफ लिविंग की स्थानीय इकाई द्वारा बाल मन्दिर सीनियर सैकेंडरी स्कूल के प्रांगण में कल से जारी छ: दिवसीय पार्ट - वन कोर्स के आज दूसरे दिन मैडम सविता शर्मा ने उपस्थित योग साधकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जीवन में दु:ख आना पार्ट ऑफ लिविंग है तथा दु:ख में खुश रहना आर्ट ऑफ लिविंग है। उन्होंने शिविर में उपस्थित योग साधकों से प्रश्र पूछा कि आप खुश कब होते हैं या होंगे तो कुछ लोगों ने कहा कि जब वह पूर्ण स्वस्थ होंगे। कुछ लोगों का कहना था कि जब उनके बच्चे खुश होंगे तथा कुछ लोगों ने कहा कि जब हम किसी की सहायता कर रहे होंगे। मैडम सविता शर्मा ने कहा कि ऐसा नहीं है। हमें खुश रहने के लिए किसी वजह की आवश्यकता नहीं? हमें हर हाल में खुश रहना चाहिए तथा जब हम वर्तमान में खुश रहेंगे तभी हम जि़न्दगी में हमेशा खुश रह सकेंगे। इस अवसर पर गोल्ड ग्रुप की लीडर विनया ने कहा कि ''फूल बनकर मुस्कुराना है जि़न्दगी, मुस्कुराकर $गम भुलाना है जि़न्दगी, जीत कर खुश हुआ तो क्या हुआ, हार कर खुशी मनाना है जि़न्दगी।
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बुधवार, 9 जून 2010
जीवन में दु:ख आना पार्ट ऑफ लिविंग है तथा दु:ख में खुश रहना आर्ट ऑफ लिविंग है-शर्मा -
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