*कि कब खत्म होगा जन आंदोलन?
*कब मिलेगा जनलोकपाल बिल? से सभी
यह सभी सवाल जनता के मन में आते है। वैसे तो अगर हम पहले के दृष्टिकोण से देखे तो भारत में कानून लागू करना या गलत कानून खत्म करना यह सब कार्य खत्म करने में बहुत समय लगा जाता है। क्योंकि भारत में कानून व्यवस्था ढीली है। मेरी नजरों में जो समय अन्ना से सरकार ने लिया है। वह बहुत थोड़ा है। पहले की तरह अगर ढीलापन बना रहा तो अन्ना को फिर अनशन करना पड़ेगा। एक कानून के लिए क्या अन्ना अनशन करते रहेंगे। एक 74 वर्ष के बुजुर्ग ने 13 दिनों तक अनशन किया परंतु सरकार ने जन लोकपाल बिल पास नहीं किया केवल प्रस्ताव पारित किया। रामलीला मैदान में बॉलीवुड़ अभिनेता ओमपुरी के द्वारा क्रोध में आकर नेताओं पर बरसें तो नेताओं ने उन पर विशेषाधिकार हनन का नोटिस जारी कर दिया। ओमपुरी के साथ-साथ पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी के खिलाफ भी विशेषाधिकार का नोटिस दिया गया। अब तो सांसदों ने सरकार के विरूद्ध खड़े हुए प्रत्येक व्यक्ति पर आरोप लगाने की ठान ली है। हमने देखा कि आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चला। हर व्यक्ति ने अनुशासन बनाए रखा। जब कभी भी हम लोकसभा या राज्यसभा की बैठक देखते है तो सांसद आपस में लड़ते नजर आते है। जब मैंने देखा कि टीवी पर राजस्थान के विधायक हाथ में चप्पल लिए खड़े थे और पूछ रहे थे कि ये चप्पल किसने फैंकी है? जहां देश की सबसे बड़ी बैठक होती है क्यां वहां पर ये सब अच्छा लगता है। मैं तो यह सब देखकर चकित रह गया कि क्या यह सब हमे भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाएंगे। ये तो अनुशासन ही नहीं जानते। मुझे पूरा विश्वास है कि जब-जब धरती पर निरंकुशता फैली है तब-तब कोई न कोई महापुरूष जन्मा है और निरंकुश तत्वों का संहार किया है।
श्री कृष्ण ने गीता में कहा है कि
'यदा-यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवती भारत, अभ्युत्थानम् तदत्मान सृजाम्यहम, परित्राणाय साधुनां विनाशाप च दुष्कृताम, धर्म सस्या पनार्थाय सम्भवानि युगे-युगेÓ
अब राम और कृष्ण तो धरती पर नहीं आ सकते पर उनके दूत हमारी रक्षा करते रहेंगे। हमारी आधी जीत हो हुई है पर हम जरूर जीतेंगे।
अमित भोभिया
(मौजगढ़) भोभिया वाली ढाणी मो. 94669-20971
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