IMPORTANT-------ATTENTION -- PLEASE

-----------------------------------"यंग फ्लेम" परिवार में आपका हार्दिक स्वागत है। "यंग फ्लेम" परिवार आपका अपना परिवार है इसमें आप अपनी गजलें, कविताएं, लेख, समाचार नि:शुल्क प्रकाशित करवा सकते है तथा विज्ञापन का प्रचार कम से कम शुल्क में संपूर्ण विश्व में करवा सकते है। हर प्रकार के लेख, गजलें, कविताएं, समाचार, विज्ञापन प्रकाशित करवाने हेतु आप 093154-82080 पर संपर्क करे सकते है।-----------------------------------------------------------------------------------------IF YOU WANT TO SHOW ANY KIND OF VIDEO/ADVT PROMOTION ON THIS WEBSITE THEN CONTACT US SOON.09315482080------

Young Flame Headline Animator

रविवार, 13 सितंबर 2009

हजारों किसानों के मुरझाए चेहरे पर मुस्कान

डबवाली, डॉ सुखपाल सावंत खेडा


मानसून सत्र के दौरान चरम पर पहुंची जिले के किसानों की उपजाऊ भूमि की प्यास पिछले दिनों की बारिश से काफी हद तक बुझ पाई है। रेगिस्तान की तरह तपती खेतिहर जमीन को तृप्त करने में क्षेत्र की उपजाऊ भूमि के लिए जीवन रेखा बनी घग्घर नदी भी अब अपनी उदारता दिखाएगी। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि खुद प्यासी घग्घर में रविवार को पानी आने की आशा सिंचाई विभाग द्वारा जताई जा रही है। निश्चय ही घग्घर नदी में संभावित पानी आने से जिले के सैकड़ों गांवों के हजारों किसान लाभान्वित होंगे। दरअसल, समस्त उत्तर भारत में पिछले दो दिनों के दौरान हुई झमाझम बारिश की वजह से नदी-नाले व ताल-तलैयों के कंठ तक पानी आ पहुंचा है। शायद यही वजह है कि बरसाती पानी से प्रवाहित होने वाली घग्घर नदी भी जिले के सैकड़ों गांवों के किसानों की जमीन की प्यास बुझा पाएगी। कारण यह कि इस नदी में रविवार को पूर्व से बेहतर मात्रा में पानी पहुंचेगा। सिंचाई विभाग के घग्घर मंडल के कार्यकारी अभियंता एसके राजवंशी भी कहते है कि घग्घर में लगभग चार हजार क्यूसिक पानी आने की उम्मीद बनी हुई है। उनका कहना है कि जैसे ही घग्घर नदी में पानी आएगा नदी से जुड़ी 7 नहरे चल पड़ेगी। मालूम हो कि इस नदी से भंभूर माइनर, बणी-सदेवा नहर, एनजीसी, एसजीसी, शेरांवाली पेरलल, कोसावा माइनर व मंगाला डायरेक्ट नहरे जुड़ी हुई है। समझा जाता है कि इन नहरों से और भी नहरों को पानी दिया जाएगा ताकि किसानों को भरपूर लाभ मिल सके। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से घग्घर नदी में पानी का प्रवाह रुक गया था। बताया जाता है कि इस बरसाती नदी में तीसरी बार पानी आया है। कृषि के जानकारों का कहना है कि देर से हुई काटन की बिजाई को इस पानी से फायदा पहुंचेगा। यह भी कहा जाता है कि घग्घर में आने वाला पानी नरमा के लिए भी वरदान साबित होगा। वैसे अभी किसानों की जीवन रेखा समझी जाने वाली घग्घर नदी में लगभग एक हजार क्यूसिक पानी है जिसे ऊंट के मुंह में जीरा के समान समझा जा रहा है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

SHARE ME

IMPORTANT -------- ATTENTION ---- PLEASE

-----------------------------------"यंग फ्लेम" परिवार में आपका हार्दिक स्वागत है। "यंग फ्लेम" परिवार आपका अपना परिवार है इसमें आप अपनी गजलें, कविताएं, लेख, समाचार नि:शुल्क प्रकाशित करवा सकते है तथा विज्ञापन का प्रचार कम से कम शुल्क में संपूर्ण विश्व में करवा सकते है। हर प्रकार के लेख, गजलें, कविताएं, समाचार, विज्ञापन प्रकाशित करवाने हेतु आप 093154-82080 पर संपर्क करे सकते है।-----------------------------------------------------------------------------------------IF YOU WANT TO SHOW ANY KIND OF VIDEO/ADVT PROMOTION ON THIS WEBSITE THEN CONTACT US SOON.09315482080------

SITE---TRACKER


web site statistics

ब्लॉग आर्काइव

  © template Web by thepressreporter.com 2009

Back to TOP