

मैं आजाद हूं। यही परिचय देते हैं सीमा शुल्क विभाग से छह साल पहले बतौर सुपरिटेंडेंट रिटायर हुए सुरिंदर सिंह आजाद। उनका जन्म 9 अगस्त 1942 को हुआ था। इसी दिन महात्मा गांधी जी ने नमक आंदोलन शुरू किया था। उनके पिता पिशौरा सिंह उस समय गांधी जी के आंदोलन को लेकर जम्मू गए थे। जब लौटे तो उन्हें बेटे के जन्म की खबर मिली। उन्होंने कहा हमारे यहां आजाद पैदा हुआ है। इसलिए उन्होंने यह नाम रखा। अमृतसर के भारत नगर निवासी सुरिंदर सिंह आजाद दुनियां के शायद पहले शख्स होंगे जिनके नाम एक विश्व रिकार्ड यह भी है कि उन्होंने सबसे अधिक 14 विश्व रिकार्ड अब तक बना चुके हैं, और 10 विश्व रिकार्ड के लिए उनकी फाइलों पर सर्च का काम चल रहा है। उनके नाम 1997 से अब तक लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में 14 रिकार्ड दर्ज हैं। हाल में ही उनके नाम एक विश्व रिकार्ड यह भी है कि चार पीढि़यों ने एक साथ परिवार समेत आंखें दान करने का है। 97 वर्षीय पिता पिशौरा सिंह, 67 वर्षीय सुरिंदर सिंह आजाद, पत्नी तरसेम कौर, बेटा हरमिंदर सिंह, गुरजीत सिंह, बहू हरविंदर कौर, सुखविन्द्र कौर, पोता तजिंदर सिंह, सरबजीत सिंह, हरप्रीत सिंह, हर्षप्रीत सिंह, पोती सिमरनजीत कौर, रुपिंदर कौर ने एक साथ आंखें दान की हैं। इस आंखें दान करने में एक ही परिवार के सबसे बुजुर्ग व सबसे छोटी छह वर्षीय पोती का नाम दर्ज है। आजाद ने अब तक 14 विश्व रिकार्ड बनाए। इनमें अधिकांश रिकार्ड ताली बजाकर या चुटकियां बजाते हुए बनाए हैं। पहला विश्व रिकार्ड उन्होंने विदेशी धरती पर नौ इंच छाती फुलाकर बनाया। 1977 वह पत्नी के साथ स्कूटर पर जा रहे थे। तभी एक्सीडेंट होने से उनके हाथ में चोट लग गई। स्कूटर का गियर बदलने में तकलीफ हो रही थी। उन्होंने चौथे गियर में ही स्कूटर चलाना पड़ा। चौथे गियर में स्कूटर चलाना इतना उन्हें भाया कि पिछले 32 साल से चौथे गियर में ही स्कूटर चला रहे हैं। यह भी आजाद का विश्व रिकार्ड है। 31 दिसंबर 1999 के रात की बारह बजे उन्होंने पहले दोनों हाथों से अलग-अलग भाषा में 1999 को बाय-बाय लिखा और ठीक 12 बजकर एक मिनट पर उन्होंने एक 2000 के आगमन पर एक साथ दोनों हाथों व मंुह से 2000 वेलकम लिखा।
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