
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि बाबरी मस्जिद गिराए जाने पर अफ़सोस करने का सवाल ही नहीं है.
उन्होंने यह भी कहा कि राम मंदिर आंदोलन का संघ का पूरा समर्थन जारी रहेगा.
चंडीगढ़ में प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में पत्रकारों को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि बाबरी ढाँचा गिराया जाना कोई साज़िश नहीं थी.
उन्होंने कहा, "बाबरी मस्जिद गिराया जाना कोई साज़िश नहीं बल्कि कारसेवकों की सहज प्रतिक्रिया थी, जिनकी भावनाओं पर चोट पहुँचाई गई थी."
मोहन भागवत ने कहा कि जो भी हुआ वह राम मंदिर निर्माण आंदोलन से जुड़ा हुआ था.
संघ प्रमुख ने कहा कि अफ़सोस जिनको करना चाहिए, वे करें. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को इस पर कोई अफ़सोस नहीं.
छह दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिरा दी गई थी. हाल ही में संसद में पेश की गई लिबरहान आयोग की रिपोर्ट में भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस के कई शीर्ष नेताओं की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं.
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