डबवाली4 फरवरी(सुखपाल)14 वर्ष पूर्व डीएवी पब्लिक स्कूल डबवा
ली के वार्षिक समारोह में अग्रिकांड की भेंट चढ़े व प्रभावित सेंकड़ों लोगों के परिजनों को बिना देरी से मुआवजा देने, पीडि़तों को सरकारी नौकरी देने, उच्च न्यायालय के आदेशों को ज्यों का त्यों लागू करने सहित पीडि़तों की अन्य मांगों को लेकर आज इनेलो ने गांधी चौक पर धरना दिया। धरने का नेतृत्व इनेलो के प्रधान महासचिव व स्थानीय विधायक अजय सिंह चौटाला ने किया। इस धरने में अग्निकाण्ड पीडि़त परिवारों के अलावा डबवाली कस्बे व इस क्षेत्र के लोग भी भारी संख्या में हिस्सा लिया। धरने के माध्यम से हुड्डा सरकार से इस मामले को उच्चतम न्यायालय में न ले जाने, डबवाली में बर्न यूनिट स्थापित करने व पीडि़तों का इलाज करवाने सहित राहत संबंधित अन्य मांगें की गई।धरने का नेतृत्व कर रहे पार्टी के महासचिव अजय सिंह चौटाला ने कहा कि वह अग्रिकांड की भेंट चढ़े लोगों को न्याय दिलवाने के लिए कटिबद्ध हैं और जब तक पीडि़तों को न्याय नहीं मिलता, वह जनता को साथ लेकर संघर्ष को जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि यदि हुड्डा सरकार ने पीडि़तों को राहत देने के लिए तुरंत कोई कदम नहीं उठााया तो, इस मामले को विधानसभा में भी उठाएंगे।विधायक अजय सिंह चौटाला ने कहा कि सरकार की मंशा पीडि़त परिवारों को उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले को लागू कर उन्हें तुरंत राहत करने की नहीं है बल्कि इस मामले को वह सुप्रीम कोर्ट में ले जा कर पीडि़तों को न्याय देने में देरी करने की है। उन्होंने कहा कि हुड्डा सरकार बिल्कुल ही संवेदनहीन व निष्ठुर हो गई है और मुख्यमंत्री हुड्डा सहित सरकार के लोगो में जरा भी मानवीय भावना नहीं है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो हुड्डा सरकार मीडिया के माध्यम से योजनाओं का झूठा प्रचार करने पर अरबों रूपये पानी की तरह बहा रही है वहीं, दुनिया के विभत्स अग्रिकांड में एक डबवाली अग्रिकांड के पीडि़तों को मुआवजा राशि देने में रूचि नहीं दिखा रही है। उन्होंने कहा कि डबवाली अग्रिकांड की पिछली बरसी पर स्थानीय कांग्रेसी सांसद व सरकार के अन्य लोगों ने पीडि़त परिवारों के बीच उन्हें तुरंत प्रभाव से मुआवजा दिलवाने, उनका इलाज करवाने व सरकारी नौकरी दिलवाने का वायदा किया था परन्तु इस पर पीडि़तों को राहत प्रदान करने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उल्टा अब इसे सुप्रीम कोर्ट में लेजाकर लटका रही है।उन्होंने कहा कि इस अग्रिकांड में बच्चों, महिलाओं सहित कुल 446 लोगों की दुखद मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। उन्होंने कहा कि पीडि़त परिवार 14 वर्ष बाद भी इस सदमे से नहीं उबर पाए हैं और अपने इलाज के लिए दर-दर भटक रहे हैं। विधायक ने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा पिछले साल 9 नवम्बर, 2009 को दिए गए फैसले अनुसार अग्निकाण्ड से पीडि़त लोगों को दिए जाने वाले मुआवजे का 45 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार और बाकी 55 फीसदी हिस्सा सम्बन्धित राजीव मैरिज पैलेस व डीएवी ग्रुप द्वारा अदा किया जाना है। इस मुआवजे की अदायगी अदालती आदेशों के चार महीने के भीतर की जानी है। उन्होंने कहा कि 14 साल पहले हुए इस हादसे से प्रभावित लोगों व उनके परिवारों को अदालती आदेश के बाद मुआवजा मिलने की उम्मीद बनी है लेकिन हुड्डा सरकार अदालत के फैसले का सम्मान करने और प्रभावित लोगों को तुरन्त मुआवजा राशि देकर उनके घावों पर मरहम लगाने की बजाय इस मामले को लटकाने के लिए एक बार फिर से सर्वोच्च न्यायालय जाने की तैयारी में लगी हुई है।
उन्होंने कहा कि हुड्डा सरकार को इस मामले में तकनीकी दृष्टिकोण अपनाने की बजाय मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए और पीडि़तों के जख्मों पर मरहम लगाते हुए न सिर्फ तुरन्त मुआवजा का भुगतान करना चाहिए बल्कि डबवाली में बर्न यूनिट व फिजियोथैरेपी सेंटर स्थापित करने और अग्निकाण्ड से पीडि़त बच्चों व उनके परिवारों के पुनर्वास का बन्दोबस्त करते हुए उन्हें सरकारी विभागों में पहल के आधार पर नौकरियां भी देनी चाहिए ताकि वे अपना जीवनयापन कर सकें। उन्होंने कहा कि डबवाली के विधायक होने के नाते वे पूरी तरह से अग्निकाण्ड पीडि़तों व उनके परिवारों के साथ हैं और उन्हें उच्च न्यायालय द्वारा घोषित किया गया मुआवजा दिलवाने के लिए हर सम्भव प्रयास करेंगे। इस धरने में पूर्व विधायक डा. सीताराम, जिला प्रधान पदम जैन, राधेराम गोदारा, नरेंद्र बराड़, डा. गिरधारी लाल, सरदार जगरूप सिंह, रणबीर राजा,आशा वाल्मीकि, टेकचंद छाबड़ा, सर्वजीत सिंह मसीतां, कुलदी जम्भू, महावीर सहारण, अजनीश बिश्रोई प्रहलाद सिंह, गुरजीत सिंह एमसी, लवलीकांत मेहता, सुखविंद्र सिंह एमसी, सरेंद्र छिंदा, एमसी, दर्शन मांगेा, काली मिढा, जगत सिंह बराड़, राजा पेंटर, संदीप सन्नी, मास्टर अमृतलाल, अजमेर सिंह, धेलाराम, भूपेंद्र सिंह, स्वर्णसिंह, बलराज सिंह सहित भारी संख्या में नगरवासी शामिल हुए।

उन्होंने कहा कि हुड्डा सरकार को इस मामले में तकनीकी दृष्टिकोण अपनाने की बजाय मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए और पीडि़तों के जख्मों पर मरहम लगाते हुए न सिर्फ तुरन्त मुआवजा का भुगतान करना चाहिए बल्कि डबवाली में बर्न यूनिट व फिजियोथैरेपी सेंटर स्थापित करने और अग्निकाण्ड से पीडि़त बच्चों व उनके परिवारों के पुनर्वास का बन्दोबस्त करते हुए उन्हें सरकारी विभागों में पहल के आधार पर नौकरियां भी देनी चाहिए ताकि वे अपना जीवनयापन कर सकें। उन्होंने कहा कि डबवाली के विधायक होने के नाते वे पूरी तरह से अग्निकाण्ड पीडि़तों व उनके परिवारों के साथ हैं और उन्हें उच्च न्यायालय द्वारा घोषित किया गया मुआवजा दिलवाने के लिए हर सम्भव प्रयास करेंगे। इस धरने में पूर्व विधायक डा. सीताराम, जिला प्रधान पदम जैन, राधेराम गोदारा, नरेंद्र बराड़, डा. गिरधारी लाल, सरदार जगरूप सिंह, रणबीर राजा,आशा वाल्मीकि, टेकचंद छाबड़ा, सर्वजीत सिंह मसीतां, कुलदी जम्भू, महावीर सहारण, अजनीश बिश्रोई प्रहलाद सिंह, गुरजीत सिंह एमसी, लवलीकांत मेहता, सुखविंद्र सिंह एमसी, सरेंद्र छिंदा, एमसी, दर्शन मांगेा, काली मिढा, जगत सिंह बराड़, राजा पेंटर, संदीप सन्नी, मास्टर अमृतलाल, अजमेर सिंह, धेलाराम, भूपेंद्र सिंह, स्वर्णसिंह, बलराज सिंह सहित भारी संख्या में नगरवासी शामिल हुए।
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