चण्डीगढ़,26 जुलाई- हरियाणा के वन विभाग ने राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ लगती किसानों की भूमि पर पौध लगाने की एक योजना शुरू करने का निर्णय लिया है, क्योंकि सड़कों को चौड़ा करने के कारण राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ लगे वृक्षों को पहले ही काट दिया गया है और नये पौधे लगाने के लिए कोई भी भूमि खाली नहीं है। वन मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान इस योजना के लिए आठ करोड़ रुपये निर्धारित किए गये हैं।
मंत्री ने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ किसानों की सहमति से उनकी भूमि पर दो पंक्तियों में उत्तम प्रजातियों के वृक्षों के पौधे लगाए जाएंगे। पौधारोपण का कोई भी खर्च किसानों से नहीं लिया जाएगा। वन विभाग तीन वर्षों के लिए पौधों की देखभाल करेगा और उसके बाद ये किसानों को सौंप दिये जाएंगे। इस वृक्षों से प्राप्त समस्त आय किसानों को दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में अनुसूचित वन क्षेत्र राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 3.5 प्रतिशत है। वन विभाग ने इस वर्ष के दौरान पांच करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है ताकि राज्य में वन आवृत क्षेत्र में वृद्धि की जा सके।
कैप्टन यादव ने कहा कि राज्य में वन आवृत क्षेत्र बढाने के मद्देनजर कृषि वानिकी को बड़े पैमाने पर बढावा दिया जा रहा है। किसानों को विभिन्न वृक्षों की पौध रियायती मूल्यों पर उपलब्ध करवाई जा रही है ताकि वे कृषि वानिकी अपनाकर अपनी आय में वृद्धि कर सकें। जिला कुरूक्षेत्र के गांव सियोंठी में एक क्लोनल युकलिप्टुस ऑगमैंटेशन सैंटर स्थापित किया गया है।
उन्होंने कहा कि किसानों को क्लोनल युकलिप्टुस की पौध 6.50 रुपये प्रति पौध की दर से उपलब्ध करवाई जा रही है, जबकि प्राईवेट नर्सरियों में 10 से 12 रुपये प्रति पौध लिए जा रहे हैं। इसी प्रकार, किसानों को चिनार की पौध भी 5 रुपये प्रति पौध के रियायती मूल्य पर उपलब्ध करवाई जा रही है।
मंत्री ने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ किसानों की सहमति से उनकी भूमि पर दो पंक्तियों में उत्तम प्रजातियों के वृक्षों के पौधे लगाए जाएंगे। पौधारोपण का कोई भी खर्च किसानों से नहीं लिया जाएगा। वन विभाग तीन वर्षों के लिए पौधों की देखभाल करेगा और उसके बाद ये किसानों को सौंप दिये जाएंगे। इस वृक्षों से प्राप्त समस्त आय किसानों को दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में अनुसूचित वन क्षेत्र राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 3.5 प्रतिशत है। वन विभाग ने इस वर्ष के दौरान पांच करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है ताकि राज्य में वन आवृत क्षेत्र में वृद्धि की जा सके।
कैप्टन यादव ने कहा कि राज्य में वन आवृत क्षेत्र बढाने के मद्देनजर कृषि वानिकी को बड़े पैमाने पर बढावा दिया जा रहा है। किसानों को विभिन्न वृक्षों की पौध रियायती मूल्यों पर उपलब्ध करवाई जा रही है ताकि वे कृषि वानिकी अपनाकर अपनी आय में वृद्धि कर सकें। जिला कुरूक्षेत्र के गांव सियोंठी में एक क्लोनल युकलिप्टुस ऑगमैंटेशन सैंटर स्थापित किया गया है।
उन्होंने कहा कि किसानों को क्लोनल युकलिप्टुस की पौध 6.50 रुपये प्रति पौध की दर से उपलब्ध करवाई जा रही है, जबकि प्राईवेट नर्सरियों में 10 से 12 रुपये प्रति पौध लिए जा रहे हैं। इसी प्रकार, किसानों को चिनार की पौध भी 5 रुपये प्रति पौध के रियायती मूल्य पर उपलब्ध करवाई जा रही है।
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