सिरसा, 9 जुलाई -प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही इंडियन काउंसिल फॉर चाइल्ड वैलफेयर योजना के तहत बच्चों की बहादुरी के लिए अवॉर्ड देने हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए है जिनकी अंतिम तिथि 30 सितम्बर 2010 है।
यह जानकारी जिला उपायुक्त सी.जी रजिनीकांथन ने देते हुए बताया कि उक्त योजना के तहत उन बहादुर बच्चों को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने बहादुरी के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करते हुए अपनी जान की परवाह न करते हुए दूसरों की रक्षा की हो। ऐसे बच्चों को मैडल, प्रमाण पत्र व नकद राशि देकर सम्मानित किया जाता है।
उन्होंने बताया कि जिन बच्चों की आयु 6 से 18 वर्ष के बीच की हो और उन्होंने किसी खतरे की स्थिति के समय बहादुरी से काम किया हो, ऐसे बच्चों के लिए प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही उक्त योजना के तहत प्रत्येक वर्ष अवार्ड कार्यक्रम आयोजित कर सम्मानित किया जाता है। इस कार्यक्रम में देश के प्रतिष्ठित व्यक्ति शिरकत करते है।
श्री रजिनीकांथन ने बताया कि इस योजना के तहत बहादुर बच्चों को विभिन्न प्रकार के अवार्ड जैसे भारत अवार्ड, गीता चोपड़ा अवार्ड, संजय चोपड़ा अवार्ड, बापू गांधी अवार्ड तथा सामान्य अवार्ड इत्यादि देकर प्रधानमंत्री द्वारा गणतंत्र दिवस के एक दिन के पूर्व सम्मानित किया जाता है। इस योजना के तहत बच्चों द्वारा बहादुरी का कार्य 1 जुलाई 2009 से 30 जून 2010 के बीच के समय सीमा में किया जाना चाहिए तभी वह 2011 के अवार्ड कार्यक्रम के लिए आवेदन कर सकते है। इस आवेदन पत्र में प्रार्थियों को अपने द्वारा किए गए बहादुरी के कार्य की पूर्ण जानकारी 250 शब्दों में लिखकर दस्ती तौर पर देनी होगी। जैसे एफआईआर, सीडी या टेप या किसी समाचार पत्र में आई खबर की कटिंग आदि देनी होगी। आवेदक जिस स्कूल का विद्यार्थी हो उसे स्कूल के प्राध्यापक/प्राचार्य द्वारा आवेदन पत्र सत्यापित करवाना होगा या संंबंधित जिला परिषद के अध्यक्ष/ग्राम सरपंच से करवाया जा सकता है। इसके साथ जिला के उपायुक्त/पुलिस अधीक्षक तथा राज्य बाल कल्याण परिषद से भी सत्यापित करवाना होगा।
उन्होंने बताया कि अवार्ड के लिए बच्चों का चयन भारतीय बाल कल्याण परिषद द्वारा गठित हाई पावर कमेटी द्वारा किया जाता है। इस कमेटी में भारत के राष्ट्रपति के सचिव, उपराष्ट्रपति, मानवीय संसाधन विकास मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास, युवा एवं खेल मंत्रालय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, रेल मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, श्रम मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण विभाग, दूरदर्शन विभाग, पुलिस विभाग सहित कुछ एन.जी.ओ व परिषद के सदस्यों को शामिल किया गया है।
यह जानकारी जिला उपायुक्त सी.जी रजिनीकांथन ने देते हुए बताया कि उक्त योजना के तहत उन बहादुर बच्चों को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने बहादुरी के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करते हुए अपनी जान की परवाह न करते हुए दूसरों की रक्षा की हो। ऐसे बच्चों को मैडल, प्रमाण पत्र व नकद राशि देकर सम्मानित किया जाता है।
उन्होंने बताया कि जिन बच्चों की आयु 6 से 18 वर्ष के बीच की हो और उन्होंने किसी खतरे की स्थिति के समय बहादुरी से काम किया हो, ऐसे बच्चों के लिए प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही उक्त योजना के तहत प्रत्येक वर्ष अवार्ड कार्यक्रम आयोजित कर सम्मानित किया जाता है। इस कार्यक्रम में देश के प्रतिष्ठित व्यक्ति शिरकत करते है।
श्री रजिनीकांथन ने बताया कि इस योजना के तहत बहादुर बच्चों को विभिन्न प्रकार के अवार्ड जैसे भारत अवार्ड, गीता चोपड़ा अवार्ड, संजय चोपड़ा अवार्ड, बापू गांधी अवार्ड तथा सामान्य अवार्ड इत्यादि देकर प्रधानमंत्री द्वारा गणतंत्र दिवस के एक दिन के पूर्व सम्मानित किया जाता है। इस योजना के तहत बच्चों द्वारा बहादुरी का कार्य 1 जुलाई 2009 से 30 जून 2010 के बीच के समय सीमा में किया जाना चाहिए तभी वह 2011 के अवार्ड कार्यक्रम के लिए आवेदन कर सकते है। इस आवेदन पत्र में प्रार्थियों को अपने द्वारा किए गए बहादुरी के कार्य की पूर्ण जानकारी 250 शब्दों में लिखकर दस्ती तौर पर देनी होगी। जैसे एफआईआर, सीडी या टेप या किसी समाचार पत्र में आई खबर की कटिंग आदि देनी होगी। आवेदक जिस स्कूल का विद्यार्थी हो उसे स्कूल के प्राध्यापक/प्राचार्य द्वारा आवेदन पत्र सत्यापित करवाना होगा या संंबंधित जिला परिषद के अध्यक्ष/ग्राम सरपंच से करवाया जा सकता है। इसके साथ जिला के उपायुक्त/पुलिस अधीक्षक तथा राज्य बाल कल्याण परिषद से भी सत्यापित करवाना होगा।
उन्होंने बताया कि अवार्ड के लिए बच्चों का चयन भारतीय बाल कल्याण परिषद द्वारा गठित हाई पावर कमेटी द्वारा किया जाता है। इस कमेटी में भारत के राष्ट्रपति के सचिव, उपराष्ट्रपति, मानवीय संसाधन विकास मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास, युवा एवं खेल मंत्रालय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, रेल मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, श्रम मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण विभाग, दूरदर्शन विभाग, पुलिस विभाग सहित कुछ एन.जी.ओ व परिषद के सदस्यों को शामिल किया गया है।
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