डबवाली-बच्चों का बचपन उदास नज़र ना आए और भारत देश के कल के नेता कहलाने वाले बच्चे आज ही बस्तों के बोझ से न दब जाऐं। इसलिए बच्चों को बैग-फ्री ऐजूकेश्न देने की जरूरत है और उसके लिए माईम-एन-एम तथा एचपीएस की ओर से माड्रर्न गुरूकुल पद्धति के आधार पर किए गए इस प्रयास से यह स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में भारत के अंदर एक नहीं अनेक नालन्दा व तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय खुलेंगे और समूचे विश्व का नेतृत्व करेंगे। उक्त शब्द कार्यक्रम की मुख्यातिथि प्रिंसीपल मैडम अंजू शर्मा ने स्थानीय एचपीएस सीनियर सैकेंडरी स्कूल में 16 दिवसीय मैमोरी इन्हांसमैंट कोर्स के समापन समारोह के अवसर पर बोलते हुए कहे। उन्होंने कहा कि नैमोनिस्ट सूरज मैहता के मात्र 16 घंटो की शिक्षण विधि से यदि ऐसे सार्थक परिणाम निकल सकते हैं तो जरूरत है कि विद्यालय का हर अध्यापक इस विधि को सीखे तथा कक्षा में इस विधि से बच्चों को सिखलाए व पढ़ाए। इस अवसर पर स्वतन्त्रता सेनानी पं. मदन मोहन मालवीय के पौत्र प्रतीक मालवीय जोकि आईआईटी रूड़की से गोल्ड मैडलिस्ट हैं, ने विशेष रूप से शिरकत की तथा अपने उद्बोधन में कहा कि एचपीएस के द्वारा माईम-एन-एम के सहयोग से जिस प्रकार की शिक्षा पद्धति का विकास किया जा रहा है और जिस प्रकार से बच्चों की मैमोरी को विकसित किया जा रहा है वह निश्चित ही आने वाले समय में देश को न केवल अच्छे आईआईटीयन अपितु उत्तर भारत से अच्छे आई.ए.एस भी उपलब्ध करवाएगा। माईम-एन-एम की ओर से प्रशिक्षण ले चुके बच्चों का क्विज़ करवाया गया। जिसमें प्रथम स्थान 10+2 की टीम ने प्राप्त किया। जिसमें नेतृत्व विष्णु दत्त, प्रियंका बिश्नोई व मास्टर जतिन ने भागीदारी की और 1100 रूपये का नगद ईनाम जीता। दूसरा स्थान 9वीं कक्षा की शिवानी, सिमरन व अलीशा ने प्राप्त किया और 500 रूपये का नगद ईनाम जीता व तीसरा स्थान 10वीं कक्षा के आरूष, प्रियंका व मनीषा ने प्राप्त किया और 250 रूपये का नगद ईनाम जीता। नैमोनिस्ट सूरज मैहता ने क्विज़ मास्टर की भूमिका बाखूबी निभाई और बच्चों ने न केवल शब्दों को सुनकर याद करके सुनाया अपितु नौवीं कक्षा के ईशान चुघ, मंदीप सचदेवा, अलीशा व शिवानी ने विज्ञान की पुस्तक के 30 पृष्ठों को याद करके सुनाया। वहीं 10+2 के अभिनव धमीजा ने बॉयलोजी की किताब के 30 पृष्ठों को याद करके सुनाया। एचपीएस मैनेजमैंट, स्टाफ व नटखट संस्था की ओर से इस अवसर पर नैमोनिस्ट सूरज मैहता को उनके द्वारा करवाए गए मैमोरी इन्हांसमैंट कोर्स के लिए तथा बच्चों में शिक्षा के प्रति रूचि पैदा करने के लिए विशेष रूप से मुख्यातिथि अंजू शर्मा, प्रतीक मालवीय अभिभावकों की ओर से प्रोफैसर अमित बहल तथा सीए एम.एल. ग्रोवर ने दुशाला पहनाकर, एक स्मृति चिन्ह सहित एक प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया। विद्यालय निदेशक एवं प्रधानाचार्य आचार्य रमेश सचेदवा ने आए हुए मेहमानों का अभिनन्दन किया तथा नैमोनिस्ट सूरज मैहता के सम्मान में विद्यालय की ओर से प्रशंसा पत्र पढ़ा। उन्होंने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि आने वाले समय में 5वीं से 7 वीं तक के बच्चों का मैगा क्विज़ करवाया जाऐगा तथा 30 दिन के अंदर-अंदर जो बच्चे अपनी-अपनी विज्ञान की पूरी-की-पूरी पुस्तक को याद कर लेंगे उनकी प्रतियोगिता करवाई जाऐगी तथा विजेताओं को 2100 रूपये का नगद ईनाम दिया जाऐगा। इससे पूर्व मुख्यातिथि मैडम अंजू शर्मा द्वारा माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। जिसमें 20 शब्दों को याद करके सुनाने वाले तीन छात्रों निशा, महकदीप सिंह व काजल ने कोर्स से हुए लाभ की शानदार प्रस्तुति की। क्विज़ प्रतियोगिता में सात टीमों के 21 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। 250 छात्र-छात्राओं ने इस कोर्स को पूरा किया। जिन्हें माई-एन-एम की ओर से प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
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सोमवार, 6 दिसंबर 2010
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