डबवाली-एक और जहां शहर के कुछ क्षेत्रों के लोग पेयजल संकट से जुझ रहे हैं और शहर के विभिन्न शिक्षण संस्थान व समाज सेवी संस्थाएं जल बचाव व तिलक होली बनाने का संदेश दे रही हैं वहीं कुदरत की इस अनमोल देन को न जाने कुछ लोग
इस बेशकीमती पानी को व्यर्थ बहा रहे है और जन स्वास्थ्य विभाग भी पेयजल की हो रही बेकदरी को आंखें मूंद कर देख रहा है। जिसका ज्वलंत उदाहरण बस सटैंड के साथ लगती सड़क पर अवैध रूप से लगे पानी के हैंड पम्प जोकि इस संड़क पर स्थित दुकानदारों ने अपनी सुविधा के लिए लगवाए है मगर इन हैड़पम्पों को लगवाने वालों ने केवल अपनी सुविधा को ही मुख्य रखा है। क्योंकि उन्होंने इस अनमोल जल को बचाने के लिए कोई विशेष प्रबंध नहीं किए गए है। इस सड़क पर लगे करीब 8 से 10 हैंडपम्पों पर पेयजल सप्लाई के दौरान हजारों लीटर पानी सीवरेज में व्यर्थ बह जाता है। जिससे आने वाले गर्मीयों के मौसम में शहर में पानी की कमी तो होगी ही वहीं सरकार को रोजाना लाखों रूपए का नुकसान भी हो रहा है। हालांकि यह सड़क शहर का मुख्य मार्ग है। पर न जाने क्यों जन स्वास्थ्य विभाग का ध्यान इस और नहीं जा रहा और विभाग यहां अवैध रूप से लगे हैंडपम्पों के कनैक्शन बंद करने में भी हिचकिचा रहा है। यूं तो जन स्वास्थ्य विभाग ने अपने कार्यालय व शहर के विभिन्न स्थानों पर जल बचाव के स्लोगन लिखा रखे हैं। मगर कार्यालय के अधिकारी ही इन स्लोगनों पर अमल नहीं करेंगे तो आम जनता के लिए यह बहुत दूर की बात है। अगर जन स्वास्थ्य विभाग ने इस तरह पानी की हो रही बेकदरी को रोकने के लिए कोई ठोस कदम न उठाए तो वह दिन दूर नहीं जब आने वाले गर्मीयों के मौसम में शहर वासियों के लिए पानी की किल्लत विराट रूप धारण कर लेगी। जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को चाहिए कि शीघ्र ही वे इस सड़क पर स्थित दुकानदारों को सख्ती से हैंडपम्पों की जगह टुटियां लगाने का आदेश दें या इन हैंडपम्पों को बंद किया जाए ताकि अनमोल जल की बेकदरी न हो सके।
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