डबवाली -तमाम प्रयासों के बावजूद भी प्रशासन गौवंश की तस्करी रोकने में नाकाम साबित हो रहा है। डबवाली में एक वर्ष पूर्व हुए गौहत्या कांड को लोग अभी भूले नहीं थे कि डबवाली बठिंडा मार्ग पर स्थित पंजाब के गांव मशाना व गुडथड़ी के बीच नाले के पास टिब्बे की आड़ में गौ वंश का वध करके उसके मांस और चर्बी का निर्यात करने का सनसनीखेज मामला समाने आया। पिछले काफी समय से इस स्थान पर बेदर्दी से इलाके के गौधन को काट कर उनकी चमड़ी निकालने के अलावा, चर्बी और अस्थियां बेचने के धन्धे का पर्दाफाश हुआ। गौहत्या की विभिन्न धाराओं के तहत आठ पर मामला दर्ज करके 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। लेकिन अब सोचने वाली बात यह है कि ऐसे मामले दिन प्रतिदिन क्यों बढ़ रहे है क्या आज का समाज इतना अधर्मी हो गया है कि वह किसी धर्म विशेष की भावनाओं की कदर न करते हुए मोह-माया के जाल में इस प्रकार से जकड़ा गया है कि उसे पाप व पुण्य में कोई फर्क ही नजर नहीं आता। शायद इस सब के लिए कहीं न कहीं हम स्वयं भी जिम्मेदार है क्योंकि हम आज कल की भागदौंड भरी जिंदगी के कारण इतने लोभी हो गए है कि हम गौवंश के प्रति अपना फर्ज भूल चुके है जिसके कारण आज गौवंश सड़कों पर आवारा फिरता देखा जा सकता है। जिसके कारण दूसरे अधर्मी लोगों के हौंसले इतने बुलंद हो गए है कि वह हमारी भावनाओं से खिलवाड़ करने में कामयाब हो रहे है यह खिलवाड़ तब तक चलता रहेगा जब तक हम गौवंश के प्रति अपनी सोच का रैवेया नहीं बदलते। वहीं दूसरी और अपने आप को गौभक्त कहने वाले व गौशालाओं के ठेकेदार कहलाने वाले लोग भी इसके लिए जिम्मेदार है क्योंकि डबवाली मेें गौहत्या कांड होने बावजूद भी ये लोग कुछ समय के लिए तो आगे आए लेकिन न जाने क्यों अचानक पीछे हट गए व फिर से उन लोगों के हौंसले बुलंद हो गए जो इस अधर्म के कार्य में लगे हुए है। पंजाब क्षेत्र मंडी किलियांवाली में लगने वाली पशु मंडी संदेह के घेरे में है। फतेहाबाद, सिरसा व डबवाली में गौभक्तों द्वारा पकड़े गये पशुओं से भरे ट्रक इसका खुलासा कर रहे है कि इस मंडी में कितने बड़े स्तर पर गौधन की तस्करी की जा रही है। पुलिस मात्र मामला दर्ज कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर रही है। जबकि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाये तो गौधन की तस्करी में लगे एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हो सकता है जिनके तार हरियाणा पंजाब, राजस्थान और दिल्ली तथा उतर प्रदेश से जुड़े हुए है।
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बुधवार, 11 मई 2011
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